भारत में उगाई जाने वाली चाईना एस्टर की उन्नत प्रजातियॉ
चाइना एस्टर के किस्मों को लम्बाई के आधार पर तीन वर्गो में बाँटा गया है।
(1) लम्बेे पौधे वाली: इस वर्ग के पौधे की ऊँचाई 70 से 90 सें. मी. होती हैं तथा फूल बड़े खिलते हैं।
इसके किस्म हैं: अमेरिकन ब्रान्चिंग, वकेट पाउडरपफ, चिकुमा स्टोन, कम्पीमेंट सिरीज, मैट सुमोटो, जाइन्ट मासागनो, जाइन्ट ऑफ़ कैलिफोर्निया, पाइओनी, टोटेम पोल।
(2) मध्यम लंबाई वाली : इस वर्ग के पौधे की ऊँचाई 50-60 सें.मी. होती है तथा फूल मध्यम आकार के नीले, गुलाबी, सफेद, लाल इत्यादि रंगों के होते हैं।
इसके किस्म हैं: जाइन्ट कोमेट, जाइन्ट ग्रीगो, क्योटो पोमपोम, ओस्ट्रीच प्लम, युनिकम।
(3) कम लंबाई वाली: इस वर्ग के पौधे की ऊँचाई 20 सें. मी. होती है तथा फूल मध्यम से छोटे आकार के विभिन्न रंगों में खिलते हैं।
इसके किस्म हैं: कलर कार्पेट, कोमेट, ड्वार्फ क्राइसेन्थिमम, मिलेडी, पिनोचीओ, एस्टेरिस। भारत में भी कुछ किस्में विकसित की गई हैं जैसे पूर्णिमा, वायलेट कुसन, कामिनी, फूलगणेश वाइट, फूलगणेश वायलेट, फूलगणेश पिंक, फूलगणेश पर्पल।
कुछ अन्य किसमों की विशेषताऐं इस प्रकार है।
किस्में |
विशेषताऐं |
अर्का कामिनी |
यह किस्म एक पौधे पर 50 फूल का उत्पादन करती है और 8 दिन तक फूलो को रखा जा सकता है |
फुले गणेश बैंगनी |
यह किस्म प्रति हेक्टेयर 46 लाख फूलों का उत्पादन करती है। |
फुले गणेश सफेद |
इस किस्म से प्रति हेक्टेयर 47 लाख फूलों का उत्पादन होता है। |
फुले गणेश गुलाबी |
यह एक अगेती किस्म है और यह प्रति हेक्टेयर 43 लाख फूलों का उत्पादन करती है। |
फुले गणेश वायलेट |
यह किस्म प्रति हेक्टेयर 60 लाख फूलों का उत्पादन करती है। |
अर्का पूर्णिमा |
इस किस्म में फूलो फूलो का आकार बढ़ा होता है इसके एक फूल का वजन लगभग 3 से 5 ग्राम होता है | यह किस्म प्रति पौधा 25 से 30 फूल का उत्पादन करती है | |
अर्का शशांक |
यह किस्म उच्च उपज और गुणवत्ता वाले फूलों के लिए उपयुक्त है। |
Authors
हीरा लाल अटल
बिधान चंद्र कृषि विशवविधालय, मोहनपुर (पश्चिम बंगाल) 741252
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