Agricultural work to be carried out in the month of July
धान फसल:
- धान की मध्यम व देर से पकने वाली प्रजातियों की रोपाई पहले पखवाडे में, शीघ्र पकने वाली किस्मों की रोपाई दूसरे पखवाडे में तथा सुगन्धित किस्मों की रोपाई अन्तिम पखवाडे मे कर दें।
- धान की रोपाई से पूर्व 25 किग्रा / हैक्टेअर की दर से जिंक सल्फेट खेत में मिला दें परन्ते ध्यान रखें कि फास्फोरस वाले उर्वरकों के साथ जिंक सल्फेट कभी भी ना मिलाऐं।
- धान में खैरा रोग के लक्षण दिखाई देने पर प्रति हैक्टेयर 5 किग्रा जिंक सल्फेट व 2.5 किग्रा चूना 800 लिटर पानी में घोलकर छिडकाव करें।
सब्जियॉं :
- भिण्डी, सेम, लोबिया, चौलाई तथा कद्दू वर्गीय सब्जियों की निम्न प्रजातियों की बुआई करे।
- लोब्िाया- पूसा सुकोमल
- लौकी- पूसा नवीन, पूसा संतुष्टि, पूसा हाईब्रिड 3
- करेला- पूसा दोमौसमी, पूसा औषधि, पूसा हाईब्रिड 2
- चिकनी तोरई- पूसा स्नेहा
- धारीदार तोरई- पूसा नूतन
- पेठा- पूसा उज्जवल, पूसा उर्मी, पूसा श्रेयाली
फल फसलें:
- आम की आम्रपाली, मल्लिका, दशहरी, पूसा सूर्य व पूसा अरूणिमा किस्में तोडने के लिए तैयार हो जाती हैं। फलों को इथ्रेल के घोल (1.8 मिली प्रति लीटर गुनगुने पानी मे) में 5 मिनट रखकर समान रूप से पकाऐं।
- आम, अमरूद तथा पपीते में फल मक्खी की रोकथाम के लिए इमिडाक्लोप्रिड 3 मिली दवा 10 लीटर पानी में घोलकर छिडकाव करें तथा मिथाईल युजिनोल फेरामोंन ट्रैप का प्रयोग करें।
- नींबू वर्गीय फलों के पेडों में जड गलन तथा फाइटॉपथोरा बीमारी की रोकथाम के लिए पौधों की जडों मे रिडोमिल 2.5 ग्राम 1 लिटर पानी में घोलकर तथा अलीटे 60 से 120 ग्राम 1 लीटर पानी में घोलकर छिडकाव करें।
अरहर:
- अरहर की उन्नत किस्मों की बूआई करें।
- एक हैक्टेयर क्षेत्र के लिए 10 से 15 किलो बीज की आवश्यकता होगी।
- राइजोबियम कल्चर से उपचारित बीज 60 -75 X 15-20 सेमी की दूरी पर बोऐं।
- अरहर की प्रमुख किस्मे: पूसा 991, पूसा 992, पूसा 2001 व पूसा 2002 है।
- उपरोक्त सभी किस्में 140 से 145 दिन मे पक जाती है जो दोहरे फसल चक्र के लिए उपयुक्त है।
बाजरा:
- बाजरे की बूआई 15 जुलाई के बाद पूरे माह की जा सकती है।
- एक हैक्टेयर क्षेत्र के लिए 4 से 5 किलो बीज की आवश्यकता होगी।
- बाजरे की प्रमुख किस्मे: पूसा 322, पूसा 23 है।
पूसा कृषि पंचाग, भा.क्अनू.सं.