मशरूम के पौषक तत्व तथा उसके औषधीय गुण

मशरूम की‌ खेती आदी- अनादी काल से की जाती है।  बर्षा के समय जंगलो में नमी, आदृता मिलने पर वे पेड़ों, झाड़ियों, पत्तीयों, जड़ों से निकल आते हैं।  मशरूम एक पौष्टिक, स्वास्थ्यवर्धक एवं औषधीय गुणों से युक्त रोगरोधक सुपाच्य खाद्य पदार्थ है। यह पोषक गुणों से भरपूर शाकाहारी जनसंख्या के लिए महत्वपूर्ण विकल्प है तथा पौष्टिकता की दृष्टि से शाकाहारी एवं मांसाहारी भोजन के बीच का स्थान रखता है।

मशरूम का 21वीं सदी में उत्तम स्वास्थ्य के लिए भोजन में प्रमुख स्थान है। पोषक तत्वों की प्रचुरता के दृष्टिकोण से मशरूम में पोषक तत्व अधिकांश सब्जियों की तुलना में अधिक पाए जाते हैं।  यह एक कमाईपूत फसल है जिसमें लागत कम और आय अधिक होती है। कम साधन व कम क्षेत्रफल में उगाय जाने वाली फसल है। इसमें अधिक मात्रा मे रासायनिक तत्व पाए जाते है जो दवाईयों में उपयोग होते हैं।

इसकी खेती पोषकीय एवं औषधीय लाभ के लिए की जाती है। मशरूम में विभिन्न प्रकार के पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं जो मानव शरीर के निर्माण, पुनः निर्माण एवं वृद्धि के लिए आवश्यक होते हैं, यह एक मात्र सब्जी जिसमें विटामिन- D पाईं जाती है, सूर्य की UV किरणें पड़ने पर आरजिस्टौल विटामिन- D में परिवर्तित हो जाता है।

मशरूम में लगभग 22-35 प्रतिशत उच्च कोटि की प्रोटीन पाई जाती है जिसकी पाचन शक्ति 60-70 प्रतिशत तक होती है।इसमें कालवासिन, क्यूनाइड, लेंटीनिन, क्षारीय एवं अम्लीय प्रोटीन अथवा एंटी ट्यूमर और इम्युन स्टिमुलेटिंग पोलिसेकराइड जो मानव शरीर में टयूमर बनने से रोकती है

मशरूम कब्ज, अपचन, अति अम्लयता सहित पेट के विभिन्न विकारों को दूर करता है साथ ही शरीर में सभी अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा कर हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकते हैं एवं मधुमेह रोगीयो के लिए यह उत्तम आहार माना जाता है।

मशरूम में शर्करा (0.5 पतिशत) और स्टार्च की मात्रा बहुत कम होने के कारण मधुमेह रोगियों के लिए एक आदर्श आहार माना गया है। यह शरीर में इंसुलिन के निमार्ण में मदद करता है।

मशरूम में वसा न्यूनतम मात्रा में 0.3-0.4 प्रतिशत पाया जाता है तथा आवश्यक वसा अम्ल प्लिनोलिक एसिड प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होता है। मशरूम में विटामिन B होती है। जो भोजन को ग्लूकोज में परिवर्तित कर ऊर्जा पैदा करती है। प्रति 100 ग्राम मशरूम से लगभग 35 कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है।

मशरूम में लौह तत्व यद्यपि कम मात्रा में पाया जाता है लेकिन उपलब्ध अवस्था में होने के कारण रक्त में हीमोग्लोबिन के स्तर को बनाए रखता है। साथ ही इसमें बहुमूल्य फोलिक एसिड की उपलब्धता होती है शर्करा व कोलेस्ट्रॉल की कम मात्रा, सुपाच्य रेशों की बहुलता, पौष्टिक होने के कारण वृद्धावस्था के लिए एक आदर्श आहार है। साथ ही पाचन तन्त्र को स्वस्थ रखने में उपयोगी  है।

हृदय की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाए रखने के लिए मशरूम के लाभ फायदेमंद होते हैं। दरअसल, मशरूम में उच्च फाइबर, अनसैचुरेटेड फैटी एसिड व सोडियम के साथ-साथ इरिटेडेनिन (Eritadenine), फेनोलिक यौगिक (Phenolic Compounds) और स्टेरोल्स (Sterols) जैसे घटक पाए जाते हैं। 

इसके अलावा ये घटक ब्लड प्रेशर, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और सूजन संबंधी क्षति पर भी सकारात्मक प्रभाव दिखते हैं। मशरूम कई प्रकार के विटामिन से भरपूर होता है। 

इसमें विटामिन-बी1, बी2, बी9, बी12, विटामिन-सी और विटामिन-डी2 शामिल हैं। ये सभी मेटाबॉलिज्म को मजबूत करते  हैं।मशरूम का सेवन पकौड़ा, सब्जी, सूप, पिज्जा, बिस्किट, पापड़, सलाद, अचार, चटनी के साथ-साथ कई दक्षिण भारतीय भोजन में किया जाता है।


Authors:

शिबानी शर्मा1, अंकित कुमार पांडेय2*, कमल पांडेय2 और संजीव कुमार2

1 सहायक प्रोफेसर, एलएनसीटी कॉलेज, भोपाल

2 सहायक प्राध्यापक, संस्कृति यूनिवर्सिटी, मथुरा

*2Email address: This email address is being protected from spambots. You need JavaScript enabled to view it.