Agri-Startups: New Era of Entrepreneurship

भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां बड़ी संख्या में लोग कृषि से जुड़े हैं और इसका सीधा संबंध अर्थव्यवस्था से होता है। हालांकि, लगातार बदलते युग में, कृषि क्षैत्र में सुधार और नवाचार के लिए कई अवसर प्राप्त हो रहे हैं। इसमें कृषि स्टार्टअप्स का महत्वपूर्ण योगदान है जो आर्थिक विकास और किसानों की बढ़ती आय के साथ सुरक्षित कृषि तक पहुंचने में मदद कर रहे हैं।

भारत में कृषि स्टार्टअप्स का यह समय सरकारी उत्साह, निवेश, और नवाचार से भरा हुआ है, जिससे देश की कृषि में नई दिशा एवं ऊर्जा की प्राप्ति हो रही हैं। कृषि स्टार्टअप्स, भारतीय कृषि में एक नवाचारी दृष्टिकोण को प्रतिष्ठापित करते हुए तकनीकी उन्नति, डिजिटल समाधानों, और उत्पादन की सुरक्षा में सुधार के माध्यम से कृषि क्षेत्र में नए साधारित समाधान ला रहे हैं।

इन स्टार्टअप्स का उद्दीपन भारतीय कृषि को सुधारने, किसानों को अधिक लाभान्वित करने, और खेती की प्रबंधन क्षमता में वृद्धि करने के उद्देश्य से हो रहा है। इन स्टार्टअप्स के माध्यम से किसानों को नई तकनीकों और बाजार के संपर्क में लाने से लेकर, उन्हें संभावनाओं से भरपूर बनाने तक कई क्षेत्रों में सुधार हो रहा है।

भारत में कृषि स्टार्टअप्स का उदय उन्नतता, बौद्धिक संपत्ति, और नवाचार की प्रेरणा से सजीव हो रहा है तथा ये स्टार्टअप्स समृद्धि, वृद्धि, और पर्याप्त खाद्य संसाधन की सुनिश्चिति के माध्यम से समृद्धि बढ़ाने के लिए एक सकारात्मक पहल कर रहे हैं।

एग्री स्टार्टअप्स की वर्तमान स्थिति एवं परिदृश्य

हाल के वर्षों में, भारत में कृषि स्टार्टअप्स की संख्या में एक सार्थक वृद्धि देखने को मिल रही है, जिससे कृषि क्षेत्र में चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रौद्योगिकी और नवाचार का उपयोग करने में एक बढ़ती रुचि का प्रतिबिम्ब है। आईओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्स), आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (आई) और डेटा एनालिटिक्स जैसे कई कारक कृषि स्टार्टअप्स की संख्या वृद्धि के लिए जिम्मेदार हैं।

कई स्टार्टअप्स यहां पर्याप्त बाजार संपर्क बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जिससे किसानों को सीधे उपभोक्ताओं या कृषि व्यवसायों से जोड़ने में मदद करते हैं। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स और मोबाइल एप्लिकेशन्स का उपयोग कृषि आपूर्ति श्रृंखला को सुधारने, अकुशलताओं को कम करने और किसानों के लिए बेहतर लाभ सुनिश्चित करने में हो रहा है।

कृषि-टेक सेक्टर में स्टार्टअप्स खेती मेकेनाइजेशन और रोबोटिक्स में नए नवाचार ला रहे हैं। इसमें ऑटोनोमस ट्रैक्टर्स, किसानी के लिए ड्रोन्स, और खेत साफ करने और कटाई करने जैसे कार्यों के लिए रोबोटिक समाधान शामिल हैं। निम्नलिखित कुछ एग्रीटेक स्टार्टअप्स के उदारण है।

क्र.सं.

स्टार्टअप

स्थान

स्थापना वर्ष

1.

निन्जाकार्टः एक आईटी आधारित ऑनलाइन सब्जी मंडी प्लेटफॉर्म है जो किसानों और खुदरा व्यापारियों को जोड़ता है।  

बैंगलोर, कर्नाटक

 

2015

2.

देहातः एक एग्री-टेक स्टार्टअप है जो भारतीय किसानों को बेहतर बीज, उर्वरक, और तकनीकी समर्थन पहुंचाता है।      

पटना, बिहार

2012

3.

एग्रोस्टारः एक मोबाइल आधारित गेटवे है जो किसानों को विभिन्न कृषि समाधानों के लिए जोड़ता है।       

पुणे, महाराष्ट्र

2013

4.

क्रॉपइनः एक डेटा एनालिटिक्स प्लेटफॉर्म है जो किसानों को बेहतर खेती तकनीकी से समर्थित करता है।         

बैंगलोर, कर्नाटक

2010

5.

ऐबोनोः एक ।प् प्रणाली का उपयोग करता है जो शाखाएँ, फल, और सब्जीयों के लिए समर्थन प्रदान करता है और उत्पादकों को बाजार में अच्छी कीमत प्राप्त करने में मदद करता है।   

कर्नाटक

2014

6.

वे कूल फूड्सः एक सप्लाई चेन और टेक्नोलॉजी बेस्ड एग्री-स्टार्टअप है जो ताजगी से खाद्य उत्पादों को उपभोगकर्ताओं तक पहुंचाता है।     

चेन्नई

2015

7.

इंटेलो लैब्स: एक एग्री-टेक स्टार्टअप है जो कंप्यूटर विज्ञान का उपयोग करके उत्पादों की गुणवत्ता की जाँच करता है। 

गुरूग्राम

2016

8.

फ्रेशोकार्ट्सः एक ऑनलाइन फलों और सब्जियों की सप्लाई चेन प्लेटफॉर्म है जो किसानों और खुदरा व्यापारियों को जोड़ता है।          

जयपुर

2016

9.

फर्म तो फ्रेशः इसका उद्देश्य किसानों और उद्यमियों को एक सशक्त, अद्यतित और फायदेमंद आग्राइकल्चरल सोल्यूशन प्रदान करना है। यह एक ऑनलाइन मंच है जो खेती से जुड़े विभिन्न पहलुओं को समृद्धि से भरने का कारण बनाता है।           

बैंगलोर, कर्नाटक

2017

10.

बिगहाटः एक भारतीय आग्राइटेक कंपनी है जो अपने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से किसानों को समाधान प्रदान करने पर केंद्रित है। 

बैंगलोर, कर्नाटक

2015

स्त्रोतः संकलित ऑकंडे, 2023

स्टार्टअप्स से कृषि में उद्यमिता विकास

भारत को कृषि का देश कहा जाता है, विश्व के सबसे बड़े कृषि अनुभवों में से एक है। यहां के किसानों का योगदान देश की प्रगति में बेहद महत्वपूर्ण है, और अब ऐसे समय में, जब अधिकांश लोग नौकरी नहीं पा रहे हैं, कृषि व्यापार में नए अवसरों का अनुसरण करना उद्यमिता की दिशा में एक सुरक्षित कदम हो सकता है।

आर्थिक संवर्द्धन का माध्यमः कृषि व्यापार में निवेश करने का सुझाव देते हुए, सरकार ने विभिन्न योजनाओं और अनुदानों की श्रृंगारी प्रक्रिया को बनाए रखा है। यह उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए उचित माहौल बनाता है और उद्यमियों को अपने आइडिया को आगे बढ़ाने के लिए सहायक है।

कृषि स्टार्टअप्स के आगे उद्यमिता का अवसरः कृषि स्टार्टअप्स ने उद्यमिता के क्षेत्र में नए दरवाजे खोले हैं, जिससे नौजवानों को नए और अनूठे विचारों का सामना करने का अवसर मिला है। इन स्टार्टअप्स के माध्यम से लोग न केवल अपने पैसों को बचा सकते हैं, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने का भी अवसर मिलता है।

नई तकनीकी और नवाचारः कृषि स्टार्टअप्स ने नई तकनीकी और नवाचार को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में नए आउटलुक प्रदान किए हैं। उन्होंने खेती, पोषण, और उत्पादों के निर्माण में सुधार करके न केवल उत्पादकता में वृद्धि करी है, बल्कि उन्होंने बाजार में बेहतर उत्पादों की पेशेवरी करने का भी समर्थन किया है।

वित्तीय सहायताः कृषि स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए विभिन्न सरकारी योजनाएं उपलब्ध हैं। इसके लिए विशेषज्ञ और पेशेवर सलाहकारों की मदद से उद्यमिता को सहारा मिल सकता है और उसे सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचने में मदद मिल सकती है।

भविष्य की दिशाः कृषि व्यापार भविष्य की दिशा में नए और अनुसरणीय रास्तों को प्रदान कर रहा है। नई पीढ़ी को अधिक आत्मनिर्भर बनाने के लिए इसे समर्थन और बढ़ावा मिल रहा है जो देश के उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान कर सकता है।

कृषि स्टार्टअप्स की शुरुआत कौन कर सकता है और कौनसी स्किल्स चाहिए ?

कृषि स्टार्टअप्स का नाम सुनते ही बहुत लोग यह सोचते हैं कि यह केवल उन लोगों के लिए है जो खुद कृषि का अनुभव रखते हैं या जिनके पास बड़ी जमीन है। लेकिन यह सोच गलत है। कृषि स्टार्टअप्स की शुरुआत करना किसी के लिए भी संभावनाओं से भरा हो सकता है, बस उद्यमिता, नवाचार, और सही मार्गदर्शन की आवश्यकता है।

यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें नए और उन्नत विचारों के साथ काम करने वाले व्यक्तियों को बहुत अच्छा अवसर प्राप्त हो सकता है। कृषि स्टार्टअप्स में काम करने का अवसर किसी के लिए भी हो सकता है, चाहे वह शहरी क्षेत्र में हो या गाँव में। यहां कुछ कारगर सुझाव दिए जा रहे हैं जो कृषि स्टार्टअप्स की शुरुआत करने के लिए मदद कर सकते हैंः

कृषि प्रबंधन और तकनीकी ज्ञानः कृषि में अगर आपकी रुचि है तो यह आपके लिए अवसर हो सकता है, लेकिन यदि नहीं है तो भी आप उच्च शिक्षा या विशेषज्ञता के माध्यम से कृषि प्रबंधन और तकनीकी ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।

प्रौद्योगिकी और तकनीकी अनुसंधानः कृषि स्टार्टअप्स के लिए नई तकनीकों और प्रौद्योगिकियों का अध्ययन करने वाले लोगों को बहुत महत्वपूर्ण बना सकता है, जो नए और सुरक्षित उत्पाद विकसित कर सकते हैं।

वित्तीय और व्यावासायिक ज्ञानः एक सशक्त वित्तीय योजना बनाने के लिए वित्तीय और व्यावासायिक ज्ञान रखना आवश्यक है, ताकि आप अपने उद्यम को सही दिशा में बढ़ा सकें।

बाजार अनुसंधानः बाजार में उपलब्धता और आवश्यकताओं का अच्छी तरह से अध्ययन करना आपको यहां के विकल्पों और अवसरों को समझने में मदद कर सकता है।

बैचलर्स और उद्यमिताः बैचलर्स या युवा पीढी, उद्यमिता को कृषि स्टार्टअप्स की शुरुआत के लिए अच्छा माध्यम बना सकता है। इन उद्यमिताओं को योजना बनाने और अपने उद्यम को बढ़ावा देने के लिए सहायता मिल सकती है।

सामृद्धिकरण योजनाः वित्तीय सामर्थ्य के साथ एक सामृद्धिकरण योजना बनाना और सरकारी योजनाओं का सही से उपयोग करना, आपको अपने उद्यम को समृद्धि की दिशा में बढ़ावा दे सकता है।

सहायक संगठन और नेटवर्किंगः कृषि स्टार्टअप्स की शुरुआत करने के लिए स्थानीय समुदाय, सरकार, और अन्य उद्यमियों के साथ सहयोग और संबंध बनाए रखना महत्वपूर्ण है।

शिक्षित और प्रशिक्षित करनाः कृषि स्टार्टअप्स में काम करने के लिए अपने कर्मचारियों को उच्च शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करना महत्वपूर्ण है ताकि वे नवीनतम तकनीकों के साथ समर्थ हो सकें।

कृषि स्टार्टअप्स के लिए वित्तीय सहायता कहां प्राप्त की जा सकती है?

किसानों और कृषि उद्यमियों को अपने कृषि स्टार्टअप्स के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए कई स्रोत हैं। इन स्रोतों का उपयोग करके किसान और कृषि उद्यमियों को अपने स्टार्टअप्स के लिए आर्थिक सहायता प्राप्त करने में मदद मिल सकती हैः

सरकारी योजनाएं और सब्सिडीजः कई सरकारें कृषि पहलुओं के लिए वित्तीय समर्थन, सब्सिडीज, और अनुदान प्रदान करती हैं। उद्यमी विभिन्न स्तरों की सरकारी योजनाओं की जाँच कर सकते हैं जो उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान कर सकती हैं।

कृषि बैंक और वित्तीय संस्थाएंः विशेषज्ञ कृषि बैंक और वित्तीय संस्थाएं किसानों और कृषि उद्यमियों के लिए ऋण और क्रेडिट सुविधाएं प्रदान करती हैं। इन संस्थाओं में ब्याज दरें कम हो सकती है।

वेंचर कैपिटल और निजी इक्विटीः कुछ वेंचर कैपिटल फर्म और निजी इक्विटी निवेशक कृषि तकनीक और कृषि उद्यमों पर केंद्रित होते हैं। उद्यमी अपनी विचार और व्यावसायिक योजना को पेश करके निवेश आकर्षित कर सकते हैं।

कृषि इंक्यूबेटर और एक्सेलरेटरः कृषि इंक्यूबेटर और एक्सेलरेटर वित्तीय सहायता, मेंटरशिप, और संसाधन प्रदान करने वाले संगठन होते हैं। वे अक्सर चयनित स्टार्टअप्स के लिए वित्तीय अवसरों को शामिल करने वाले कार्यक्रम चलाते हैं।

क्राउडफंडिंग प्लेटफॉम: ऑनलाइन क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्में उद्यमियों को अपने परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त करने का अवसर प्रदान करती हैं।

निष्कर्षः

इस लेख में हमने देखा कि भारत में कृषि स्टार्टअप्स भारतीय कृषि को एक नए दौर में ले जा रहे हैं और उसे तकनीकी उन्नति, डिजिटल समाधानों, और बेहतर उत्पादन प्रक्रिया के माध्यम से समृद्धि की दिशा में प्रेरित कर रहे हैं। यहां तकनीकी उन्नति, बाजार संपर्क, सतत कृषि प्रथाएं, और वित्तीय सहायता की चरम सामर्थ्य के साथ, कृषि स्टार्टअप्स ने किसानों के लिए एक नया द्वार खोला है।

इन स्टार्टअप्स के माध्यम से किसानों को समृद्धि का अनुभव करने का अवसर मिल रहा है, जिससे वे अपनी आजीविका को सुरक्षित कर सकते हैं। इसके साथ ही, सरकारी पहलुओं, निवेश, और समृद्धि के लिए नए संभावनाओं के साथ, कृषि स्टार्टअप्स ने देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस समय में, भारतीय कृषि स्टार्टअप्स ने उच्चतम स्तर की उत्साहपूर्ण परंपरा को अपनाया है जिससे उम्मीद है कि कृषि स्टार्टअप्स सेक्टर के माध्यम से हमारे कृषकों को एक नया और सशक्त भविष्य मिलेगा।


Authors:

शोजी लाल बैरवा , मीरा कुमारी और एस. एम. रहमान

कृषि अर्थशास्त्र विभाग कृषि, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर

पत्राचार लेखक ईमेलः This email address is being protected from spambots. You need JavaScript enabled to view it.