कृषि कार्य में फसलों की कटाई एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। इस कार्य में मजदूरों कि बहुत अधिक आवश्यकता होती है। आजकल फसल कटाई के दौरान मजदूरों कि उपलब्धता एवं बहुत अधिक मजदूरी दर किसानो के लिए एक गंभीर समस्या बन गयी है। भारत में आज भी कई क्षेत्रों में कटाई के लिए हंसिये का प्रयोग करते हैं। हँसिये से कटाई करने में प्रति हैक्टर 18-25 मजदूर कार्य दिवस लगते है। जिससे कटाई में बहुत अधिक समय एवं मजदूरी खर्च होती है।
इन समस्याओं को दूर करने के लिए यांत्रिक विधि का प्रयोग किया जा सकता है। कुछ यांत्रिक विधि से कटाई के पश्चात फसल अवशेष रह जाते हैं जिनके प्रबंधन के लिए भी मशीनों का निर्माण किया गया है। परन्तु किसान इन मशीनों में बारे में जानकारी न होने के कारण अफसल अवशेष में आग लगा देते हैं। जिससे वातावरण प्रदूषित होता है साथ ही मृदा में उपस्थित मित्र कीट भी जल जाते है।
फसल की कटाई एवं फसल अवशेष प्रबंधन के लिए विभिन्न ट्रेक्टर एवं स्वचालित मशीनों जैसे स्वचालित वरटिकल कनवेयर रीपर, बैठकर चलाने वाला स्वचालित रीपर, ट्रैक्टर चलित वरटिकल कनवेयर रीपर, स्वचालित कम्बाइन हार्वेस्टर, स्वचालित कटाई सह बंधाई यंत्र, भूसा कम्बाईन, ट्रैक्टर चलित स्लेशर तथा स्ट्रॉ बेलर आदि का विकास किया गया है।
इन यंत्रों द्वारा कम समय में अधिक कार्य संपन्न किया जा सकता है तथा इनसे कार्य करने का व्यय हंसिये से कटाई की तुलना में कम आता है। किसानों के लिए उपयोगी कुछ यंत्रों का संक्षिप्त विवरण निम्नवत है-
1. स्वचालित वरटिकल कनवेयर रीपर
यह फसल कटाई के लिए प्रयोग में लायी जाने वाली एक इंजन चालित मशीन है। इस मशीन को चलाने के लिए चालक को पीछे पैदल चलना पड़ता है। इस मशीन द्वारा अनाज एवं तिलहनी फसलों को काटकर एक कतार मे व्यवस्थित रखा जा सकता है। इस मशीन मे इंजन, शक्ति संचरण बॉक्स, कटाई पट्टी, फसल पंक्ति विभाजक, लग सहित कनवेयर पट्टी, स्टार पहिया और संचालन प्रणाली एक मजबूत फ्रेम पर लगे होते है।
इसमे पट्टा व घिरनी के द्वारा इंजन की शक्ति; कटाई पट्टी और कनवेयर पट्टी को प्रेषित की जाती है। रीपर को आगे चलाने की स्थिति मे फ़सल पंक्ति विभाजक फ़सल को विभाजित करते है और फ़सल के तने कटाई पट्टी के संपर्क मे आने पर कट जाती है। फ़सल को हाथो द्वारा गट्ठर बनाकर गहाई स्थान पर ले जाया जाता है। मशीन द्वारा काटी फ़सल का वहन खड़ी दिशा मे होने के कारण फ़सल के बिखेरने से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है।
इस मशीन की लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई लगभग 2450, 1200 और 1000 मिमी, क्रमशः होती है। इस मशीन का भार लगभग 145 किग्रा तथा कटाई पट्टी की लम्बाई एवं पिच 1000 एवं 75 मिमी क्रमशः होती है। इस मशीन का प्रयोग मुख्यतः गेहूं, धान, सोयाबीन तथा अन्य अनाज एवं तिलहन फसलों की कटाई के लिए उपयुक्त है।
इस मशीन की कार्य क्षमता लगभग 0.15 हेक्ट./घंटा होती है। इस मशीन की ईधन खपत लगभग 1 लीटर प्रति घंटा होती है। इस मशीन का अनुमानित मूल्य लगभग रुपये 85,000/- है।
2. बैठकर चलाने वाला स्वचालित रीपर
बैठकर चलाने वाला स्वचालित रीपर एक स्वचालित मशीन है जिस पर चालक के लिए सीट लगी होती है। इस मशीन में दो बड़े हवायुक्त पहिये लगे होते हैं। इसका संचालन पिछले धुरे द्वारा नियंत्रित किया जाता है। इस मशीन को संचालित करने के लिए लगभग 6 अश्व शक्ति का डीज़ल इंजन लगा होता है।
इस मशीन मे सुविधानुसार क्लच, ब्रेक, स्टेयरिंग द्रव्यचलित प्रणाली और शक्ति संप्रेषण प्रणाली लगी हुयी है जो मशीन को आसानी से चलाने मे मदद करते है। इसमे फसल पंक्ति विभाजक, स्टार पहिया, कटाई पट्टी, कनवेयर पट्टी और वायर स्प्रिंग आदि लगे हुए होते है। इस रीपर मे दो आगे और एक पीछे चाल का प्रावधान है।
इस मशीन द्वारा फ़सल काटने के बाद कनवेयर पट्टी द्वारा खींचकर मशीन के एक तरफ कतार मे डाल दी जाती है। इस मशीन की लम्बाई, चौड़ाई और उंचाई लगभग 3185, 1900 और 1450 मिमी क्रमशः होती है। मशीन का भार लगभग 1530 किग्रा होता है तथा प्रचालन गति लगभग 3.0 से 3.5 किमी/घंटा होती है।
इस मशीन की क्षेत्र क्षमता 0.25 से 0.30 हेक्ट/घंटा तथा क्षेत्र कार्य कुशलता 60-70% तक होती है। इसमें इंधन की खपत 0.90 – 1.15 लीटर/घण्टा तथा फ़सल हानि 5.0 – 5.9 प्रतिशत होती है। इस मशीन का प्रयोग धान, गेहूं, सोयाबीन तथा अन्य अनाज एवं तिलहन फसलों की कटाई के लिए उपयुक्त है। इस मशीन की अनुमानित लागत लगभग रुपये 1,50,000/- है।
3. ट्रैक्टर चलित वरटिकल कनवेयर रीपर
यह एक ट्रेक्टर चलित कटाई यंत्र है। इस मशीन को ट्रैक्टर के सामने लगाया जाता है और इसे ट्रैक्टर के पी.टी.ओ. द्वारा कपलिंग शाफ्ट एवं मध्यवर्ती शाफ्ट जो ट्रैक्टर के चेसिस के नीचे चलता है, के माध्यम से चलाया जाता है। जमीन के ऊपर मशीन की ऊंचाई घिरनी एवं स्टील रस्सी की सहायता से ट्रैक्टर के हाइड्रोलिक द्वारा नियंत्रित की जाती है।
कत्तई पट्टी द्वारा फ़सल कि कटाई के बाद फ़सल को लग्ड़ कनवेयर पट्टी कि सहायता से ऊर्ध्वाधर स्थिति मे मशीन के एक तरफ ले जाया जाता है और कटी फ़सल मशीन की चलने की दिशा से अधोलंब दिशा मे एक कतार मे ज़मीन पर गिर जाती है। इस यंत्र मे 75 मि.मी. पिच का कटाई पट्टी असेम्बली, 7 फ़सल पंक्ति विभाजक, लग सहित 2 कनवेयर पट्टी, दबाव स्प्रिंग, घिरनी और पावर संचरण गियर बक्सा लगे होते है।
फ़सल पंक्ति विभाजक कटाई पट्टी असेम्बली के सामने फिट किए जाते है तथा स्टार पहिया फ़सल पंक्ति विभाजक के ऊपर लगे होते है। इस मशीन में 7 स्टार पहिया, जिनका व्यास 270 – 282 मि. मी. तथा 2000 – 2210 मि. मी. प्रभावी चौड़ाई की कटाई पट्टी होती है।
इसमें 55 - 60 मि. मी. चौड़ाई की कनवेयर पट्टी, 118 -140 मि. मी. व्यास की घिरनी तथा 1600 – 2010 मि. मी. लंबाई का कटर बार लगा होता है। ट्रैक्टर चलित वरटिकल कनवेयर रीपर का प्रयोग गेहूं और धान कि फ़सल को काटकर एक कतार मे ज़मीन पर रखने हेतु किया जाता है। इस मशीन की अनुमानित मूल्य रुपये 55,000/- है।
4. स्वचालित कम्बाइन हार्वेस्टर
स्वचालित कम्बाईन हार्वेस्टर मे कटाई इकाई, गहाई इकाई और सफाई एवं अनाज संचालन इकाई लगी होती है। कटाई इकाई मे घिरनी, कटाई पट्टी, बरमा और फीडर कनवेयर शामिल होते है। गहाई इकाई मे गहाई सिलेंडर, अवतल और सिलेंडर बीटर लगे होते है।
सफाई इकाई मे मुख्यतः चलने वाला, काटने वाला छलनी और दाने इकट्ठा करने हेतु अनाज कड़ाही आदि लगे होते है। अनाज संचालन इकाई मे अनाज एलिवेटर और बहाव बरमा लगे होते है। कटने के बाद फ़सल फीडर कनवेयर के माध्यम से सिलेंडर और अवतल असेम्बली मे जाती है, जहा पर इसकी गहाई होती है और अनाज के दाने एवं भूसे भिन्न-भिन्न भागो मे एक दूसरे से अलग हो जाते है।
इसमें 4300 मि. मी. लंबाई का कटाई पट्टी होती है। इसकी काटने की ऊंचाई 550 – 1250 मि. मी. है। इसमें 605 मि. मी. व्यास तथा 1240 मि. मी. लंबाई का गहाई ड्रम लगा होता है जो 540 – 1050 चक्कर प्रति मिनट की गति से चलता है।
इसमें अनाज टंकी की क्षमता 3.28 मी3 तथा इसकी चाल 2.0 – 11.4 कि.मी./घण्टा है। स्वचालित कम्बाइन हार्वेस्टर का प्रयोग अनाज एवं अन्य फ़सल की कटाई एवं साथ ही उसकी गहाई और सफाई हेतु किया जाता है। इस मशीन की अनुमानित मूल्य रुपये 12 – 18 लाख है।
5. भूसा कम्बाईन
भूसा कम्बाईन को ट्रैक्टर के पी.टी.ओ. द्वारा चलाया जाता है जिसमे कटाई पट्टी, घिरनी, फिडिंग बरमा और पारंपारिक गहाई जैसा ब्रशिंग सिलेन्डर लगा होता है। इस मशीन द्वारा अनाज कम्बाइन के परिचालन उपरांत फ़सल की बची हुई खूंटी एवं फेके गए पुआल को एकत्रित कर मशीन के अवतल सिलेन्डर इकाई मे भेजा जाता है, जहा पर इसे छोटे-छोटे टुकड़ो मे काटकर अवतल से पारित किया जाता है।
फ़सल कि बची हुई खूंटी एवं कम्बाइन द्वारा न काटे गए भूसे को काटने हेतु रेसिप्रोकेटिंग कटाई पट्टी का प्रयोग किया जाता है। कनकेव से पारित भूसा को चूसने वाली धमनी की मदद से तार की जाल से कवर कि हुई ट्रॉली मे एकत्रित किया जाता है।
भूसे मे से दाना प्राप्त करने हेतु अवतल के नीचे एक छलनी लगाई जाती है। इस मशीन की लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई 3370 – 5350, 2145 – 2400 और 2210 मिमी क्रमशः है। इसमें लगी कटाई पट्टी की लंबाई एवं काटने की ऊंचाई 1830, एवं 60 मिमी क्रमशः है।
इसके घिरनी का व्यास 435 – 485 मिमी एवं चौड़ाई 1920 – 1935 मिमी है। इस मशीन के गहाई ड्रम कि चौड़ाई 1025 – 1250 मिमी., व्यास 525 – 625 मिमी एवं गहाई ड्रम की गति 650 चक्कर प्रति मिनट होती है। धमनी का व्यास 660 मिमी तथा चौड़ाई 230 मिमी है।
इस मशीन की कार्यक्षमता 0.4 हेकटेयर/ घण्टा है। भूसा कम्बाईन का प्रयोग अनाज कम्बाइन के परिचालन उपरांत गेहूं एवं धान फ़सल की बची हुई खूंटी एवं फेके गए पुआल को एकत्रित करने हेतु किया जाता है। इस मशीन से लगभग 50 किग्रा प्रति हेक्टेयर अनाज के दानो को प्राप्त कर सकते हैं। इस मशीन की अनुमानित मूल्य रुपये 1.55 लाख है।
6. स्वचालित कटाई सह बंधाई यंत्र
स्वचालित कटाई सह बंधाई यंत्र फ़सल कटाई के साथ-साथ धागे की मदत से उसके गठ्ठर भी तैयार करती है। इस मशीन में दो बड़े एवं एक छोटा हवायुक्त पहिये लगे होते हैं। इसका संचालन पिछले पहिये द्वारा नियंत्रित किया जाता है। इस मशीन को संचालित करने के लिए लगभग 10 अश्व शक्ति का डीज़ल इंजन लगा होता है।
इस मशीन मे क्लच, ब्रेक, स्टेयरिंग प्रणाली और शक्ति संप्रेषण प्रणाली लगी हुयी है जो मशीन को आसानी से चलाने मे मदद करते है।यह यंत्र कम लागत मे बहुत कम दानो की क्षति के साथ-साथ 100 प्रतिशत भूसे की प्राप्ति सुनिश्चित करता है। इस मशीन का उपयोग मुख्यतः गेहूं, धान, जई, जौ और अन्य अनाज की फसलों की कटाई हेतु किया जाता है।
इस मशीन की काटने की चौड़ाई 1200 मि. मी. और काटने की ऊंचाई 30 – 50 मि. मी. है। इस मशीन मे 4 आगे तथा एक पीछे चलने वाले गियर लगे होते हैं तथा इसकी कार्य क्षमता 0.4 हेकटेयर/ घण्टा है। इसमें एक घंटे मे लगभग 1 लीटर डीज़ल की खपत होती है। इस मशीन का प्रयोग 80 से 110 से.मी. तक की ऊंची फ़सल के लिए उपयुक्त है।
बरसीम, मेंथा, धान की खूंटी एवं अन्य चारे की फ़सलों को काटने हेतु इसी मशीन के साथ अन्य प्रकार के कटर बार भी लगाए जा सकते है। इसकी अनुमानित मूल्य रुपये 2.00 लाख है।
7. स्ट्रॉ बेलर
स्ट्रॉ बेलर एक ट्रैक्टर चलित यंत्र है। इसे ट्रैक्टर के पी.टी.ओ. द्वारा चलाया जाता है जिसमे घिरनी प्रकार कि स्ट्रॉ (फसल अवशेष) उठाने वाली असेम्बली और स्ट्रॉ को संघनन कर बांधने कि इकाई होती है। यह स्वचालित रूप से घिरनी कि मदद से क्षेत्र मे से स्ट्रॉ को उठाकर फीडर की मदद से बेल कक्ष मे स्थानांतरित करता है तत्पश्चात रेसिप्रोकेटिंग रैम कि सहायता से फसल अवशेष को दबाकर संकुचित करता है। जिससे अलग-अलग लंबाई के गठ्ठर तैयार किए जाते है।
यह स्वचालित रूप से धातु के तार या नाइलॉन रस्सी का उपयोग कर गांठ भी बांधता है। इस मशीन की लंबाई 5500 मिमी, चौड़ाई 2600 मिमी, और ऊंचाई 1950 मिमी है। इसकी उठाने वाली घिरनी की चौड़ाई 1540 मिमी तथा बेल कक्ष का अनुप्रस्थ काट 400 x 460 मिमी होती है।
इसमें गांठ बांधने के लिए 2 प्रणाली और गांठ बांधने वाली रस्सी रखने हेतु 4 अटेरन बक्से होते हैं। यह मशीन प्रति मिनट 75 (2000 इंजन चक्कर प्रति मिनट पर) प्लंजर घुमाव लगाती है जिसकी लंबाई 764 मिमी होती है। स्ट्रॉ बेलर का प्रयोग भूसे के आयताकार बेल तैयार करने हेतु किया जाता है। इस मशीन की अनुमानित मूल्य रुपये 7.0 लाख है।
इन मशीनों से फसल की कटाई एवं फसल अवशेष प्रबंधन बड़ी आसानी से किया जा सकता है। इन यंत्रों द्वारा कम समय में अधिक कार्य संपन्न किया जा सकता है तथा इनसे कार्य करने उत्पादन लागत एवं श्रम में बचत होती है।
Authors:
डा. हिमांशु त्रिपाठी
असिस्टेंट प्रोफेसर, कृषि अभियंत्रण विभाग,
आर. एस. एम. कॉलेज धामपुर, बिजनौर, उत्तर प्रदेश
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