Nutrients in different fertilizers and their application time

 जैविक खाद प्रयोग करने का समय:

हरी खाद हमेशा बुआई के डेढ माह पूर्व खेत में डालनी चाहिए । कम्‍पोस्‍ट या गोबर की खाद बुआई से एक माह पूर्व खेत में डाल देनी चाहिए ताकि बुआई तक विछेदन हो जाए और पोषक तत्‍व पौधों के लिए उपलब्‍ध अवस्‍था में आ जाऐं ।

नत्रजनी उर्वरक का प्रयोग:

पौधों को नत्रजन की आवश्‍यकता वृद्धि काल में सर्वाधिक तथा अंकुरण के समय और परिपक्‍कता के समय में कम होती है। अत: नत्रजनी उर्वरकों की कुछ मात्रा बुआई के समय तथा शेष मात्रा पौधों के वृद्धि काल में दी जाती है। नत्रजन एक घुमने वाला तत्‍व है।

फॉसफोरस युक्‍त खाद का प्रयोग :

पौधों को जडों के विकास के लिए अधिक फॉस्‍फोरस की आवश्‍यकता होती है। फॉस्‍फोरस एक न घूमने वाला या इम्‍मोबाइल तत्‍व है। 

पोटास युक्‍त खाद का प्रयोग :

पोटाश से पौधों के तने में मजबूती आती है। और रोग कीट कम लगते हैं। इसकी सारी मात्रा बुआई के समय ही देना लाभप्रद है। यह एक अर्धघूमने वाला तत्‍व है। 

पोषक तत्‍व:

पौधों के लिए आवश्‍यक वृहत तत्‍व जैसे कैल्सियम, मैग्‍नीशियम, गंधक आदि की मृदा में कमी होने पर, बुआई के समय ही खेत में डालना चाहिए तथा अन्‍य सूक्ष्‍म तत्‍वों जैसे लोहा, तांबा, जस्‍ता आदि को फसल में इनकी कमी के लक्षण दिखते ही घोल बनाकर छिडकाव करना अच्‍छा होता है।

उर्वरकों में पोषक तत्‍वों की सारणी:

उर्वरक

पोषकतत्‍व की मात्रा

अपोनियम सल्‍फेट

20.5 % नत्रजन

अपोनियम कलोराईड

26.6 % नत्रजन

एनहाईड्रस अमोनिया

82 % नत्रजन

अपोनिया घोल

20-25 % नत्रजन

सोडियम नाइट्रेट

16.0 % नत्रजन

कॅल्सियम नाईट्रेट

15.5 % नत्रजन

अपोनियम सल्‍फेट नाईट्रेट

26 % नत्रजन

अपोनियम नाईट्रेट

33-34 % नत्रजन

कॅल्सियम अमोनियम नाईट्रेट

20 % नत्रजन

यूरिया

46 % नत्रजन

कॅल्सियम साइनेमाईड

21 % नत्रजन

सिंगल सुपरफास्‍फेट

15 % फासफोरस