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Flowering and blooming time of guava in India अमरूद के पेड़ प्राकृतिक परिस्थितियों के अंतर्गत उत्तरी भारत में साल में दो बार लेकिन पश्चिमी और दक्षिणी भारत में साल भर में तीन बार अर्थात साल भर फूलों और फलों का उत्पादन करते हैं परिणामस्वरूप यह विराम अवधि (rest period) में चला जाता है और अंततः साल के अलग-अलग समय पर छोटे फसल देने लगते हैं, फूल और फल देने की यह पद्धति व्यावसायिक खेती के लिए वांछनीय नहीं है । अच्छी तरह से परिभाषित अवधि हैं: फूलों के प्रकार फूल देने का समय कटाई का समय फलों की गुणवत्ता अम्बे बहार फरवरी-मार्च (वसंत ऋतु) जुलाई-सितम्बर (वर्षा ऋतु) फीका, पानी जैसा, स्वाद और रखने की गुणवत्ता खराब मृग बहार जून-जुलाई (मानसून ऋतु) नवम्बर-जनवरी (शरद ऋतु) उत्कृष्ट* हस्त बहार** अक्टूबर फरवरी-अप्रैल बढ़िया, लेकिन उपज कम,...

Maize cultivation: how to मक्का खरीफ ऋतु की फसल है, परन्तु जहां सिचाई के साधन हैं वहां रबी और खरीफ की अगेती फसल के रूप मे मक्‍का की खेती की जा सकती है। मक्का कार्बोहाइड्रेट का बहुत अच्छा स्रोत है। यह एक बहपयोगी फसल है व मनुष्य के साथ- साथ पशुओं के आहार का प्रमुख अवयव भी है तथा औद्योगिक दृष्टिकोण से भी मक्‍का की खेती का महत्वपूर्ण स्थान भी है। चपाती के रूप मे, भुट्टे सेंककर, मधु मक्का को उबालकर, कॉर्नफलेक्स ,पॉपकार्न, लइया के रूप मे आदि के साथ-साथ अब मक्का का उपयोग कार्ड आइल, बायोफयूल के लिए भी होने लगा है। लगभग 65 प्रतिशत मक्का का उपयोग मुर्गी एवं पशु आहार के रूप...

प्रमुख फल वृक्षों का फूलने व फलने का समय   Fruits Planting time Flowering time Fruiting time Mango आम July - August जुलाई - अगस्‍त Dec.-Jan. दिसंबर से जनवरी April-July अप्रैल से जुलाई Guava अमरूद June-July, September-October जून-जुलाई, सितंबर- अक्‍तुबर   July-August, Feb.-April जुलाई-अगस्‍त और फरवरी- अप्रैल Papaya पपीता Sept.- Oct. सितम्‍बर - अक्‍तूबर July-Aug. जुलाई -अगस्‍त   Feb.-June फरवरी से जून   Lemon नीबू Feb.-March & whole year फरवरी-मार्च व पूरे साल   July-Sept.& whole year जुलाई-सितंबर व पूरे साल   Grape अंगूर Feb.-March फरवरी-मार्च   May-June मई-जून   Ber बेर Sept.-Oct. सितम्‍बर से अक्‍तूबर   Feb.-March फरवरी- मार्च   Banana केला May-June & Sept - Oct मई से जुन व सितम्‍बर से अक्‍तूबर ...

Management of major post-harvest fungal diseases of mango fruits and plants आम (मैंगीफेरा इंडिका एल.) भारत में सबसे लोकप्रिय व्यावसायिक फल फसलों में से एक है। दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया में हजारों सालों से मैंगिफेरा इंडिका एल की खेती की जाती रही है और आम दुनिया भर में आठवां सबसे अधिक उत्पादित फल है, जिसका उत्पादन बांग्लादेश, भारत, नेपाल और अन्य उष्णकटिबंधीय देशों में 43 मिलियन टन होता है भारत ने 2016-17 के दौरान 22.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र से 19.69 मिलियन टन आम का उत्पादन किया, जिसकी औसत उत्पादकता 8.7 टन प्रति हेक्टेयर रही। भारत ने 2016-17 के दौरान 53.18 हजार टन ताजे आम का निर्यात किया और 445.55 करोड़ रुपये...

Importance of soil organic carbon in increasing crop productivity मृदा कार्बनिक पदार्थ का एक मापनीय घटक है। एसओसी (SOC) का मतलब है "मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ के रूप में संग्रहीत कार्बन, जैसे कि विघटित पौधे और पशु पदार्थ"।  कार्बनिक पदार्थ अधिकांश मृदा के द्रव्यमान का केवल 2-10% हिस्सा बनाते हैं और कृषि मृदा के भौतिक, रासायनिक और जैविक कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कार्बनिक पदार्थ पोषक तत्वों के प्रतिधारण और परिवर्तन, मृदा संरचना, नमी प्रतिधारण और उपलब्धता, प्रदूषकों के विघटन और कार्बन पृथक्करण में योगदान देते हैं। कार्बनिक पदार्थ कोई भी जीवित या मृत पशु और वनस्पति पदार्थ है। इसमें जीवित पौधों की जड़ें और जानवर, अपघटन के विभिन्न चरणों में पौधे...

Coconut based cropping system for income generation and nutrition of farmwomen 60% से अधिक जनसंख्या की आजीविका का मुख्य साधन कृषि है। भारत में कृषि क्षेत्र में लगभग 85% महिलाएँ शामिल हैं। ऊंचे पहाड़ों से लेकर गहरी घाटियों तक लगभग सभी कृषि-जलवायु स्थितियों में महिलाएं खेती में सक्रिय भूमिका निभाती हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में कृषि उत्पादन और पद्धतियाँ अलग-अलग हैं इसलिए किसानों और कृषक महिलाओं की भूमिका भी अलग-अलग है। तटीय भारत में महिलाओं के लिए नारियल की खेती एक महत्वपूर्ण आजीविका विकल्प है। ओडिशा में नारियल का क्षेत्रफल 50910 हेक्टेयर है और कुल उत्पादन 32838 मिलियन नारियल है, जो क्षेत्रफल और उत्पादन में भारतीय राज्यों में पांचवें स्थान पर है। नारियल...

Okra: A comprehensive overview of cultivation, global export and post-harvest management भिंडी (Abelmoschus esculentus (L.) Moench), जिसे आमतौर पर लेडीज फिंगर के नाम से जाना जाता है, एक लोकप्रिय सब्जी फसल है जिसे उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में व्यापक रूप से उगाया जाता है। अपने नाजुक, चिपचिपे हरे फलों के लिए जानी जाने वाली भिंडी न केवल पाक उपयोगों के लिए, बल्कि पोषण संबंधी लाभों के लिए भी अत्यधिक प्रशंसित है। भिंडी फाइबर, विटामिन ए और सी, और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती है, जो एशिया, अफ्रीका और अन्य क्षेत्रों के आहारों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भारत दुनिया में सबसे बड़ा भिंडी उत्पादक और निर्यातक देश है, जो वैश्विक बाजार में महत्वपूर्ण...

बीज उपचार: भरपूर फसल की ओर पहला कदम Seed treatment is essential for high-quality seed production and healthy crop growth. It protects crops from sap-sucking pests during the early stages and prevents diseases transmitted through seeds and soil. Various fungicides, insecticides and biological agents are used for seed treatment. This process not only improves seed germination rates but also ensures crops remain healthy and resilient against pests and diseases. Farmers, particularly those cultivating various crops in the rabi season, should select high-quality, disease-resistant crop varieties and ensure they perform seed treatment. Seed treatment in different crops: Rice : For rice farmers, if using wet nursery beds, mix 3 grams of Carbendazim per kilogram of...

How can farmers cultivate green leafy vegetables in cold weather? भारतवर्ष में उगाई जाने वाली हरी पत्तेदार सब्जियों में पालक, मैथी, सरसों एवं बथुआ प्रमुख है जोकि हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हरी सब्जियों के अंदर प्रचुर मात्रा में रेसा, प्रोटीन, वसा, विटामिन्स (विटामिन बी-2 विटामिन सी एवं विटामिन के) और खनिज पदार्थ (लोहा, कैल्शियम एवं फास्फोरस) मौजूद होते है। रेशेयुक्त सब्जियां सस्ती व आसानी से उपलब्ध होने के साथ-साथ भोजन को पाचनशील, स्वादिष्ट, संतुलित व पौष्टिक बनाने में सहायता करती है। संतुलित आहार के अनुसार हमें प्रतिदिन दैनिक आहार में 100 ग्राम हरी पत्तेदार सब्जियां लेनी चाहिए। अन्य सब्जियों की तुलना में हरी सब्जियों के सेवन से एनीमिया, कैंसर और...

Management of animals in summer गर्मी के मौसम में पशुओं की देखभाल के लिए, उन्हें लू से बचाना और उनकी आहार और आवास व्यवस्था को ठीक करना ज़रूरी है। पशुओं को लू से बचाने के लिए शेड या छायादार जगह में रखना, और गर्म होने पर उन्हें पानी से नहलाना या गीले कपड़े से साफ करना चाहिए। गर्मी के मौसम में पशुओं के लिए उचित आहार और आवास प्रबंधन के लिए, उनके आवास को ठंडा रखने के लिए छायादार जगह, पर्याप्त पानी की व्यवस्था, और संतुलित आहार में पौष्टिक तत्वों को शामिल करना चाहिए. लू से बचाने के लिए पशुओं को दोपहर में छायादार वृक्षों के नीचे रखें और यदि तापमान 45 डिग्री...