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प्याज और लहसुन के 6 प्रमुख बैक्टीरियल और वायरल रोगों का प्रबंधन Onion (Allium cepa L.)  and Garlic (Allium sativum L.) are the most important Allium species cultivated in India and used as vegetable, salad and spice in the daily diet by large population. The crop is attacked by many diseases like fungi, bacteria, viruses and nematodes.  The diseases affects at production, harvesting, processing and marketing stages, which lower the quality, reduce the yield. Onion and garlic diseases are currently managed by routine application of several fungicides, which not only posses a serious threat to the environment and mankind but also slowly buildup resistance in the pathogen.  Several studies were conducted at National Horticultural Research...

Importance of biochar in agricultural production बायोचार उच्च कार्बन उक्त ठोस पदार्थ हैं। वह उच्च तापमान पर तैयार किया जाता है, जिसमे ऑक्सीजन अनुपस्थित रहती या कम मात्रा में होती है। यह कहा जा सकता हैं कि यह एक आंशिक  अवायवीय प्रकिया है। जिसमे किसी भी कार्बनिक ठोस पदार्थ  को भिन्न भिन्न तापमान पर रख कर बायोचार को तैयार किया जाता है। बायोचार एक बहुत ही प्रभावशाली उर्वरक है जो कि अवशिषट कार्बनिक पदार्थो कि पायरोलिसिस की प्रकिया द्वारा तैयार जाता है। यह एक उभरती हुई तकनीक है।, जो कि आधुनिक कृषि उत्पादन के लिए अतिआवश्यक है। बायोचार मृदा उर्वरक शक्ति बढाने के साथ साथ फसल कि उत्पादकता को भी बढाता है।...

Why farmers should adopt drip irrigation  ड्रिप सिंचाई क्या है ? यह सिंचाई का एक तरीका है जो पानी की बचत करता है और यह पौधे या पेड़ की जड़ में पानी के धीरे-धीरे सोखने में (चाहे वो पौधे के ऊपर वाली मिट्टी हो या फिर जड़ हो) मदद कर खाद और उर्वरक के अधिकतम उपयोगी इस्तेमाल में मदद करता है। ड्रिप सिंचाई वॉल्व्स, पाइप, ट्यूब्स और एमीटर्स से जुड़े एक नेटवर्क की मदद से कार्य करता है। यह काम संकरे ट्यूब से जोड़कर किया जाता है जो पौधे या पेड़ की जड़ तक पानी को सीधे पहुंचाता है। ड्रिप सिंचाई व्यवस्था में माइक्रो-स्प्रे हेड्स तकनीक का भी इस्तेमाल किया जा सकता...

Improved cultivation of Blackgram (Urad) हमारे देश में उड़द का उपयोग मुख्य रूप से दाल के लिये किया जाता है। इसकी दाल अत्याधिक पोषक होती है। विशेष तौर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इसे लोग अधिक पसन्द करते है। उड़द को दाल के साथ-साथ भारत में भारतीय व्यंजनों को बनाने में भी प्रयुक्त किया जाता है तथा इसकी हरी फलियाँ से सब्जी भी बनायी जाती है। उड़द का दैनिक आहार में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। जिसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर कैल्शियम व विटामिन बी काम्पलेक्स तथा खनिज लवण भी बहुतायत पाये जाते है। इसके साथ - साथ अन्य दालो की तुलना में 8 गुणा ज्यादा फास्फोरस अम्ल के अलावा आरजिनीन, ल्यूसीन, लाइसीन, आइसोल्यूसीन...

Vegetables are Effective and Healthy Option to Deal With Malnutrition शाकाहारी जीवन में सब्ज़ियों एवं फलों का विशेष महत्त्व है । हमारे भोजन को पौष्टिक तथा संतुलित बनाने में सब्ज़ियों का विशेष योगदान है । अगर भोजन पौष्टिक और संतुलित नहीं है तो यह कुपोषण को जन्म दे सकता है। सब्ज़ियों से हमें पौष्टिक तत्व जैसे रेशा, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, खनिज लवण और विटामिन्स मिलते है। साथ ही इनमें ज्यादा मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट तथा ऐसे  रसायन तत्व भी  पाए जाते है जो हमें रोगो से बचाते है । इसलिए सब्ज़ियों को रक्षात्मक आहार भी कहा जाता है । असुंतलित भोजन, वह स्थिति है जिसमें पोषक तत्वों की अधिकता, कमी अथवा  गलत अनुपात में  उपस्थिति  कुपोषण...

The symptoms and treatment of important micro nutrients deficiency in soil अन्य पोषक तत्वों की भांति सूक्ष्म पोषक तत्व फसल एवं उससे प्राप्त होने वाली उपज पर प्रभाव डालते हैं। सूक्ष्म पोषक तत्वों की आवश्यकता फसल को बहुत कम मात्रा में होती है परंतु इसका अर्थ यह नहीं है कि इसकी आवश्यकता पौधों को नहीं है। सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी होने पर फसल की उपज, उत्पादन और उसकी गुणवत्ता पर प्रतिकूल असर पड़ता है। इसके अतिरिक्त इनकी कमी होने पर भरपूर मात्रा में नत्रजन फास्फोरस और पोटाश उर्वरकों के प्रयोग करने पर भी अच्छी उपज प्राप्त नहीं की जा सकती है। मृदा परीक्षण के आधार पर देश की मृदाओं में सूक्ष्म...

Major nematodes of Wheat crop and their management गेहूँ विश्व की सबसे ज्यादा खायी जाने वाली अनाज की फसल है तथायह भारत में बोई जाने वाली रबी की एक मुख्य फसल है l गेहूँ में न केवल कार्बोहायड्रेट प्रचुर मात्रा में होता है, अपितु प्रोटीन की मात्रा भी पाई जाती है l  इसके अतिरिक्त गेहूँ में एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन खनिज एवं रेशे भी भरपूर मात्रा में विद्यमान है l भारत में यह फसल 307.2 लाख हेक्टेयर भूमि पर उगाई जाती है l उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा एवं मध्य प्रदेश इसके मुख्य उत्पादक राज्य हैं l उत्पादकता की दृष्टि से हरियाणा राज्य दूसरे स्थान पर है, जबकि पंजाब उत्पादकता में प्रथम स्थान पर है...

Scientific method for early cultivation of Onion भारत दुनिया में प्याज का दूसरा सब से बड़ा उत्पादक है। हमारे देश में प्याज की खेती मुख्य रुप से रबी की फसल के रुप में की जाती है। अनेक राज्यों प्याज की खेती खरीफ में भी की जाती है। प्याज एक महत्वपूर्ण व्यापारिक फसल है। प्याज का उपयोग प्रतिदिन सब्जी व मसाले के रुप में किया जाता है। इसे अकेले या दूसरी सब्जियों के साथ मिला कर खाया जाता है। प्याज का कन्द व पत्तियां खाने में इस्तेमाल की जाती हैं। सब्जी बनाने में व सलाद के अलावा इस के औषधीय गुण के कारण इस का अपना अलग महत्त्व है। प्याज में कार्बोहाइड्रेट के...