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फाईटोमैलाटोनि‍न: पौधों में जैवि‍क तथा अजैवि‍क तनाव प्रबंधन के लिए पौधा हार्मोन The science behind plants stress tolerance to biotic and abiotic stresses always remained interesting and important to enhance the crop productivity in arid and semiarid regions all over the world. Today different stresses arise due to climate change, as well as due to natural and man made activities. Melatonin, once discovered in vertebrates as a hormone of the pineal gland, is now known to be formed in bacteria and numerous taxa of eukaryotes including various algae of different phylogenetic position and plants. It is biochemically N-acetyl-5-methoxytryptamine; biogenic indoleamine, structurally related to tryptophan, tryptamine, serotonin and indole-3-acetic acid (IAA). This hormone is involved...

जूट या पटसन उत्पादन के लिए सल्फर महत्वपूर्ण है  Jute is an important commercial crop of Eastern India. It spreads over an area of around 8 million ha in the states like West Bengal, Bihar, Odisha, Assam, Meghalaya, Tripura and some part of Uttar Pradesh. The crop is very much responsive to external application of major and micro nutrients. Latest soil fertility report of country by the Indian Council of Agricultural Research has highlighted the role of Sulphur in agricultural crops. Around 42% jute growing districts of West Bengal and 43% jute growing districts of Bihar is facing the problem of Sulphur deficiency (www.targetmap.com). Moreover farmers also do not emphasize on application...

Farmer - Impecunious or sustenance for the Nation. भारत एक कृषि प्रधान देश है, यहाँ विश्व के अन्य देशों की अपेक्षा सर्वाधिक भू-भाग पर खेती की जाती है I इस देश की कुल भूमि का ४७.४८ प्रतिशत भू-भाग कृषि कार्यो के अंतर्गत आता है I भारत की लगभग ६० प्रतिशत जनसँख्या कृषि कार्यो में सलंग्न है परन्तु उनका देश की सकल घरेलू उत्पादन में कृषि योगदान १३.५ प्रतिशत है I प्रस्तुत विषय का विवेचन निम्नलिखित बिंदुओं पर करेंगें I किसान की सामाजिक व आर्थिक स्थिति : वर्तमान परिपेक्ष्य किसान बेचारा: मुख्य समस्यायें किसान: देश का सहारा कृषक सशक्त्तिकरण के प्रभावशाली उपाय कैसे सुधरेगी किसानो और खेती की दशा ? किसान की सामाजिक व आर्थिक स्थिति : वर्तमान परिपेक्ष्य स्वतंत्र...

National Agricultural Insurance Scheme for Profitable Farming राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना के उद्देश्य निम्नलिखित है- प्राकृतिक आपदा, कीट या बीमारी के कारण किसी भी अधिसूचित फसल के बर्बाद होने की स्थिति में किसानों को बीमा का लाभ और वित्तीय समर्थन देना। किसानों को खेती के प्रगतिशील तरीके, उच्च मूल्य (आगत) इनपुट और कृषि में उच्चतर तकनीक अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना। खेती से होनेवाली आय को विशेष रूप से आपदा के वर्षों में स्थायित्व देने में मदद करना। इसके अधीन फसलें निम्नलिखित वृहत समूहों की फसल, जिनके बारे में (1) फसल कटाई प्रयोग के बारे में समुचित वर्षों के आंकड़े उपलब्ध हैं और (2) प्रस्तावित मौसम में उत्पादन की मात्रा के आकलन के लिए आवश्यक फसल...

Kisan Rath Mobile App  कोरोना वायरस महामारी के कारण देश में तीन मई तक लॉकडाउन की घोषणा की गई है।इसके साथ ही इस लॉकडाउन में किसानों को फसल और सब्जी बेचने में काफी परेशानी हो रही है। वहीं किसानों की इस परेशानी को देखते हुए।  केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने 17 अप्रैल 2020  को कृषि भवन में ‘किसान रथ’ मोबाइल एप लॉन्च किया। इसकी टैग लाइन है “किसान का अपना वाहन "। लॉकडाउन जैसी स्थिति में किसानों को फसल और सब्जी बेचने में काफी परेशानी हो रही है. केंद्रीय कृषि मंत्री ने किसानों की इस परेशानी को देखते हुए यह ऐप लॉन्च किया है. किसान रथ मोबाइल ऐप का उद्देश्यरू इस समय...

Weed management in major cereals and pulses crops of Kharif season खरीफ मौसम कीे प्रमुख धान्य एवं दलहनी फसलों में बाजरा, मक्का, ज्वार, अरहर, मूंग, उडद एवं ग्वार की खेती की जाती है। किसान, उन्नत किस्म के बीज, उपयुक्त उर्वरक, नियमित सिंचाई तथा पादप सुरक्षा के विभिन्न उपाय एवं  उत्पादन की वैैज्ञानिक विधियॉ अपनाकर भ्‍ाी कृषि से भरपूर उत्‍पादन प्राप्त करने में अब भी पूर्णतया सफल नहीं हो पा रहे हैं। इसका एकमात्र कारण है कि वे उन्नतशील साधनों को अपनाने के साथ-साथ खरपतवारों के नियंत्रण पर पूर्ण ध्यान नहीं देते। यदि किसान को अपनी फसल से भरपूर उपज प्राप्त करनी है तो इन फसलों के शत्रु खरपतवारों पर नियंत्रण पाने के महत्व...

Major Cyst Nematode crop diseases and their management हमारे देश में वर्ष भर में विभिन्न प्रकार की फसलें उगाई जाती है। इन फसलों के कई प्रकार के शत्रू  है, जिसमें प्रमुख रूप से सूत्रकृमि भी है जो पौधों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रुप से हानि पहुंचाते है। यह सभी तरह की मृदा में पाये जाते हैं। सूत्रकृमि सुक्ष्म जीव होते हैं जो नग्न आखों से नहीं दिखते हैं और आसानी से पहचाने भी नहीं जा सकते हैं। मृदा में कई प्रकार के सूत्रकृमि पाये जाते हैं, जिसमें से पुट्टीकारी (Cyst) सूत्रकृमि प्रमुख हैं। यह पुट्टीकारी सूत्रकृमि कई प्रकार के होते हैं जिसमें से मुख्यतया निम्नलिखित है:- 1. गेंहूँ एवं जौ पुट्टी सूत्रकृमि (हेटेरोडेरा...

Climate Smart Agricultural Activities for Jute Production हमारी कृषि आज भी वर्षा और मानसून पर निर्भर है। जिसके कारण कृषि की उत्तपादकता मे हमेशा अस्थिरता रहती है। बारिश का समय पर ना होना, अगर होना भी कभी अत्‍याधि‍क तो कभी कम होना, आदि‍ बारिश की अनिमियताऐं  कृषि को बहुत प्रभवित करती है। बारिश की अनिमियता या असामान्‍य व्‍यवहार का कारण जलवायु मे परिवर्तन है। इसके लि‍ए पेड़ो का कम होना, औधौगीकरण, शहरीकरण, ग्रीनहाउस गैस उत्‍सर्जन, त्रुटिपूर्ण कृषि क्रियाएँ , बंजर भूमि का बढ़ना इत्यादि माना जा रहा है। ग्रीन हाऊस गैस जैसे की कार्बनडाइओक्साइड, नाइट्रोजन के ऑक्साइड, मीथेन, क्लोरोफ़्लोरोकार्बोन इत्यादि वायुमंडल मे मोटी परत बना लेते है जिससे किरणों के धरातल पे टकराने...