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Capsicum (Shimla mirch) seed production technique  उत्तम बीज उत्‍पादन, सब्जी उधाोग का प्रमुख आधाार है।  सब्जी बीज उत्पादन एक विशिष्ट एवं तकनीकी कार्य है और बहुत कम किसान बीज उत्पादन क्षेत्र में कुशल और प्रशिक्षित होते है। इसी लि‍ए देश मे उच्च कोटि के बीज की प्रयाप्‍त उपलब्‍ध्‍ता नही रहती। फलदार सब्जियों में शिमला मिर्च का एक विशिष्ट स्थान है। हमारे देश में इसे विभिन्न नामों से जाना जाता है जैसे शिमला मिर्च, कैप्सिकम (capsicum), स्वीट पेपर, सागिया मिर्च, वैजिटेबिल पैपरिका आदि। शिमला मिर्च का बीजोत्पादन कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड एवं जम्मू कश्मीर में अधिाक होता है । शि‍मला र्मि‍च के आनुवंशिक शुध्दता, उचित अंकुरण क्षमता, रोगाणुओं से मुक्त स्वस्थ बीज को पैदा करने के लिये...

Method of preparation of onion nursery हमारे देश में प्याज की खेती मुख्य रुप से रबी की फसल के रुप में की जाती है। अनेक राज्यों प्याज की खेती खरीफ में भी की जाती है। प्याज एक महत्वपूर्ण व्यापारिक फसल है जिसमें विटामिन सी, फास्फोरस आदि पौष्टिक तत्व प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं। प्याज का उपयोग प्रतिदिन सब्जी व मसाले के रुप में किया जाता है। इसके अतिरिक्त यह सलाद, चटनी एवं अचार आदि के रुप में भी प्रयोग किया जाता है। गर्मी में लू लग जाने तथा गुर्दे की बीमारी में भी प्याज लाभदायक रहता है। प्‍याज की खेती के लि‍ए जलवायु एवं भूमि प्याज की फसल के लिए समशीतोष्ण जलवायु की अवश्यकता...

The significance of molybdenum in plants  मोलिब्डेनम पौधों द्वारा लिया जाने वाले आठ आवश्यक सुक्ष्म रासायनिक तत्वों में से एक है। अन्य सात लोहा, तांबा, जस्ता, मैंगनीज, क्लोरीन, निकल और बोरान हैं। इन तत्वों को सुक्ष्म तत्व कहा जाता हे, क्योंकि पौधों को इनकी बहुत कम मात्रा में आवश्यकता होती है। प्रमुख  आवश्यक पोषक तत्व नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम, सल्फर, कैल्शियम और मैग्नीशियम हैं। लेकिन पोधो के सामान्य विकास के लिए इन सुक्ष्म रासायनिक तत्वों की बहुत आवश्यकता होती हैं। इन आठ सुक्ष्म रासायनिक तत्वों की तुलना में मोलिब्डेनम की बहुत कम मात्रा में जरूरत होती है। सभी प्रकार की फसलों में प्रति हेक्टेयर 50 ग्राम मोलिब्डेनम की जरूरतों होती हे। मोलिब्डेनम बीज या...

Modern farming of Groundnut भारत में दलहन, तिलहन, खाध्य व नकदी सभी प्रकार की फसलें उगायी जाती हैं | तिलहनी फसलों की खेती में सरसों, तिल, सोयाबीन व मूँगफली आदि प्रमुख हैं | मूँगफली गुजरात के साथ साथ राजस्थान की भी प्रमुख तिलहनी फसल हैं | राजस्थान में बीकानेर जिले के लूणकरनसर में अच्छी किस्म की मूँगफली का अच्छा उत्पादन होने के कारण इसे राजस्थान का राजकोट कहा जाता हैं।  मूंगफली एक ऐसी फसल है जिसका कुल लेग्युमिनेसी होते हुये भी यह तिलहनी के रूप मे अपनी विशेष पहचान रखती है। मूँगफली के दाने मे 48-50 % वसा और 22-28 % प्रोटीन तथा 26% तेल पाया जाता हैं | मूँगफली की खेती 100 सेमी...

Orobanche Weed And Their Management खरपतवार वे अवांछित पौधे हैं जो खेत व अन्य स्थानों पर उग जाते हैं एवं वांछित फसल के साथ पोषक तत्वों, पानी, हवा, प्रकाष आदि के लिए प्रतिस्पर्धा करते है। परजीवी खरपतवार अपना जीवन-चक्र की उत्तारजीविता के लिए आंशिक या पूर्ण रूप से दूसरे स्वपोशित पौधों पर निर्भर रहते हैं। ओरोबैंकी, भूँईफोड़ या आग्या (बु्रमरेप) मुख्यतया सरसों कुल की फसलों का अपर्ण हरिती व्यक्त पुष्पीय पूर्ण रूप से मूल परजीवी खरपतवार होता हैं। यह सुपर सिंक अर्थात फसल द्वारा सश्लेषि‍त प्रदार्थ को चूस कर फसल के उत्पादन को अपेक्षित रूप से कम कर देता है। आरोबेंकी आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण द्विबीजपत्रीय फसलों की जड़ों पर आक्रमण करते...

Chief measures for Safe Seed Storage भंडारण के दौरान बीज व अनाज  को क्षति पहुंचाने में कीट अपना अहम् किरदार निभाते हैं। भंडार कीटों की लगभग 50 प्रजातियां हैं जिनमें से करीब आधा दर्जन प्रजातियां ही आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। भंडार कीटों में कुछ कीट आंतरिक प्राथमिक तो कुछ बाह्य (गौड़) भक्षी होते हैं। ऐसे कीट जो स्वयं बीज को सर्वप्रथम क्षति पहुंचाने में सक्षम होते हैं वे प्राथमिक कीट कहे जाते हैं। इनमें सूंड वाली सुरसुरी, अनाज का छोटा छिद्रक प्रजातियां प्रमुख हैं। गौड़ कीट वे हैं जो बाहर रहकर भू्रण या अन्य भाग को क्षति पहुंचाते हैं। इनमें आटे का कीट, खपरा बीटल, चावल का पतंगा आदि प्रमुख हैं। अलग-अलग प्रकार के बीजों...

Potato storage problems and their solution आलू उत्पादन के हिसाब से हमारे भारत देश का विश्व में चीन के बाद दूसरा स्थान है एवं हमारे कृषक अपनी अथक मेहनत से हर वर्ष लगभग 400 लाख मेट्रिक टन आलू का उत्पादन करते हैं। आजादी से लेकर अब तक हमारे देश में आलू का उत्पादन दिन प्रतिदिन बढ़ता रहा है।  इसका एक बड़ा श्रेय केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान को भी जाता है जि‍सने अब तक, विभिन्न जलवायु क्षेत्रों के अनुसार , पचास आलू की किस्मों का विकास किया है। इस बढ़ते हुए आलू उत्पादन से एक विकट समस्या भी पैदा हुई है और वो है आलू का भण्डारण। हमें यह ज्ञात है कि आलू में लगभग 80...

Parthenium histrofors: A Destructive Weed अवांछित पौधे जो बिना बोये ही उग जाते हैं और लाभ की तुलना में ज्यादा हानिकारक होते हैं, खरपतवार कहलाते हैं | खरपतवार प्राचीन काल से ही मनुष्य के लिये समस्या बने हुये हैं, खेतों में उगने पर यह फसल की पैदावार व गुणवता पर विपरीत असर डालते हैं | मनुष्य के स्वास्थ्य पर भी यह बहुत बुरा असर डालते हैं और कई खरपतवारों की वजह से (जैसे गाजर घास) मनुष्य को कई घातक बिमारियों का सामना करना पड़ता हैं | गाजर घास बहुत ही खतरनाक खरपतवार हैं | इसका वैज्ञानिक नाम पारथेनियम हिस्ट्रोफोरस है, इसको कई अन्य नामों से भी जाना जाता हैं जैसे काग्रेंस घास,...