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Scientific cultivation of Cow pea. लोबिया की खेती के लिए गर्म व आर्द्र जलवायु उपयुक्त है। तापमान 24-27 डिग्री सें.ग्रे. के बीच ठीक रहता है। अधिक ठंडे मौसम में पौधाों की बढ़वार रूक जाती है। लगभग सभी प्रकार की भूमियों में इसकी खेती की जा सकती है। मिट्टी का पी.एच. मान 5.5 से 6.5 उचित है। भूमि में जल निकास का उचित प्रबंधा होना चाहिए तथा क्षारीय भूमि इसकी खेती के लिए उपयुक्त नहीं है। लोबिया की किस्में : पूसा कोमल : यह किस्म बैक्टीरियल ब्लाईट प्रतिरोधाी है  इसे बसंत, ग्रीष्म तथा वर्षा तीनो मौसम लगाते है। फली का रंग हल्का हरा, मोटा गुदेदार 20-22 से.मी. लम्बा होता है। इसकी उपज 100-120 क्ंविटल/हेक्टेयर होती है। अर्का...

कृषि‍ फसलों में फास्फोरस उपयोग दक्षता बढ़ाने के लिए रणनीतियां Phosphorus (P), an essential macronutrient for all living organisms, is a vital component for building blocks of genes and chromosomes. In plants, it plays a role in virtually all biochemical processes that involve energy transfer.  It is a constituent of adenosine triphosphate (ATP), which is often termed as ‘energy currency’ of the plant cell. In plant, P is essential for photosynthesis, respiration and root growth, flowering, fruiting, seed setting and seed yield. The total P content in agricultural crops ranges from 0.1 to 0.5%. Phosphorus is taken up by the plant as primary orthophosphate ion ( H2PO4- ) but it is also...

Integrated pests and disease management in Okra crop भिंडी के रोगों मे पीत शीरा मोजैक वाइरस (यलो वेन) एवं चूर्णिल आसिता तथा कीटों में मोयला, हरा तेला सफेद मक्खी, प्ररोहे एवं फल छेदक कीट, रेड स्पाइडर माइट मुख्य है। भि‍ण्‍डी के कीट 1. भिण्डी का प्ररोह एवं फल छेदक :  लक्षण: इस कीट का प्रकोप वर्षा ऋतु में अधिक होता है। प्रारंभिक अवस्था में इल्ली कोमल तने में छेद करती है जिससे पौधे का तना एवं शीर्ष भाग सूख जाता है। फूलों पर इसके आक्रमण से फूल लगने के पूर्व गिर जाते है।इसके बाद फल में छेद बनाकर अंदर घुसकर गूदा को खाती है। जिससे ग्रसित फल मुड़ जाते हैं और भिण्डी खाने योग्य नहीं...

जौ फसल के रोग और उनका प्रबंधन Barley is the fourth largest cereal in the world after maize, rice and wheat with a share of 5.5-6% of the global cereal production. Barley is grown nearly by 100 countries worldwide and during 2013, globally the area under the crop was nearly 49.14 million hectares with a production of 143.95 million metric tonnes (faostat3.fao.org ). As per third advance estimates of Department of Agriculture and Cooperation, India will produce 1.63 million metric tonnes of barley during 2014-15 (eands.dacnet.nic.in). Like other cereals, barley is also exposed to various diseases, which are ultimately responsible for significant yield reduction and poor grain quality. These diseases are wide spread from...

Techniques to grow seedlings of vegetable crops अधिकतर सब्जी फसलें जैसे की टमाटर वर्गीय, गोभी वर्गीय व प्याज वर्गीय जिनके बीज छोटे व पतले होते है, उनकी स्वस्थ व उन्नत पौध तैयार कर लेना ही आधी फसल उगाने के बराबर हिता है । स्वस्थ पौध तैयार करने के लिए पौधशाला के स्थान का चयन सबसे अधिक महत्वपूर्ण है । इससे जुडी हुई अन्य बातें निम्नलिखित हैं : पौधशाला का स्थान पानी के स्रोत के समीप , ऊँचाई पर होना चाहिए जहां से पानी का निकास उचित हो सके तथा भूमि दुमट बलुई होनी चाहिए जिसका पीएच मान लगभग 6.5 हो।  पौधशाला खुले में होना चाहिए जहां सूर्य की पहली किरण पहुचे और स्थान देखरेख की दृष्टि से...

Seed Production Technology of Okra (Bhindi) crop फलदार सब्जियों में भिण्डी का एक प्रमुख स्थान है। भिण्डी में प्रचुर मात्रा में विटामिन्स, प्रोटीन, फास्फोरस व अन्य खनिज लवण उपलब्ध रहते है। इसके बीज में 13-22 प्रतिशत तक खाने योग्य तेल तथा 20-22 प्रतिशत तक प्रोटीन पाई जाती है। भिण्डी गर्म मौसम की फसल है तथा इसके पौधे पाले को सहन करने में असमर्थ होते है। 30-320 सै. तापमान भि‍ंडी के बीज अंकुरण के लिए उत्तम होता है। बीज के पकने के समय अपेक्षाकत सुखे व गर्म मौसम की आवश्यकता होती है। भिण्डी का उत्तम गुणवत्ता वाला बीज बनाने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए। भि‍ण्‍डी की उन्नत किस्में: पूसा ए-4, पूसा सावनी, अर्का...

Seed Production Technology of Onion crop प्याज का हमारे देश में उगाई जाने वाली सब्जियों में एक महत्वपूर्ण स्थान है। यह एक महत्वपूर्ण शल्ककंद सब्जी फसल है। यह पोटाशियम, फास्फोरस, कैल्शियम तथा विटामीन सी का एक अच्छा स्त्रोत है। इसका बीजोत्पादन उष्ण्ा कटिबन्धीय, शीतोष्ण तथा सम शीतोष्ण आदि विभिन्न जलवायु वाले क्षेत्रों में संभव हैं।  पौधे की आरंभिक बढवार की अवस्था में व कंद बनना शुरु होने से पहले 13-210 सेंटिग्रेड तापमान तथा कंद बनना शुरु होने की अवस्था में 15-250 सेंटिग्रेड तापमान अनुकूल रहता है। बीज के पकने के समय अपेक्षाकत सुखे व गर्म मौसम की आवश्यकता होती है। प्‍याज की उन्नत किस्में: रबी फसल के लिए प्‍याज की प्रजातिया: लाल किस्में- पूसा लाल,...

Scientific cultivation of Okra crop and okra seed production technique भिंडी गर्मी व वर्षा के मौसम की प्रमुख फसल है। भिंडी के पौधो का गुड बनाने के उद्योग में उपयोग किया जाता है। भिंडी की फली से प्रोटीन, कैल्शियम तथा अन्य खनिज लवण मिलते हैं। भिंडी के निर्यात द्वारा भी विदेशी मुद्रा प्राप्त की जा सकती है। सम्पुर्ण छत्तीसगढ मे वर्षा एवं गर्मी मे भिण्डी की खेती की जा सकती है।  भिंडी की प्रमुख किस्में पूसा सावनी यह प्रजाति बंसत, ग्रीष्म और वर्षा ऋतु पाई गयी है। पौधो की उँचाई 100-200 से.मी. होती है। फल गहरे हरे रंग लगभग 15 से.मी. होते है। यह किस्म पिछले कई वर्षो तक पीले मोजेक विषाणु के प्रकोप से मुक्त रही...