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 गाजर की उन्‍नत किस्‍मे।  किस्‍मे द्वारा विकसित औसत उपज (कुन्‍तल/हेक्‍टेयर) विशेषताऐं।  नैन्‍टिस IARI 120 हरे पत्‍तों के साथ लघु शीर्ष, उत्‍तम आर्कति की मूसली, नारंगी रगं की छोटी पतली पुच्‍छ के साथ बेलनाकार जड तथा नरंगी रगं का ही मधुर गुदा। यह किस्‍म सम्‍पुर्ण भारत के लिए उपयुक्‍त है। 1995 मे अनुमोदित   पूसा मेघाली   IARI 250 कोर सहित नारगी रगं की मुसली, लघु शीर्ष, उत्‍तम आकृति, मैदानी इलाकों मे बीज उत्‍पादन, मध्‍यप्रदेश व महाराष्‍ट्र में अगेती बुआई के लिए उपयुक्‍त किस्‍म जो 100 से 120 दिनों मे तैयार हो जाती है। 1994 मे अनुमोदित   पूसा रूधिरा   IARI 300 लम्‍बी स्‍वरंगी कोर सहित लाल मूसली, थोडी त्रिकोण आकृति लिए, मध्‍य सितम्‍बर से अक्‍तूबर तक बुआई योग्‍य किस्‍म जिसकी मूसली मध्‍य दिसंम्‍बर मे तैयार हो जाती...

बंद गोभी की उन्‍नत प्रजातियॉं किस्‍म  द्वारा विकसित उपज (कुं / हैक्‍टेयर) विशेषताएं Sel-8  IARI Katrain   Developed in 198d for northern hills and gangetic plains. Plant with short stalk, medium sized light green leaves having wavy margins and slightly puckered leaf blade. Heads slightly flat, resistant to black rot. BSS-50 (Bajrang) Beejo Sheetal Seeds, Jalnal   Heads are dark green, smooth, highly compact av. head weight 1 kg, outer leaves are upright, matures in 65 days but can stand on the field for 45 days after maturity, tolerate high temperature upto 360C, resistnace to Fusarium wilt.  BSS-32 (Survarna)  Beejo Sheetal Seeds, Jalnal    Heads are round, av head weight 3 kg, strong smooth outer leaves, matures in 110 days  BSS-44  Beejo Sheetal Seeds, Jalnal    Heads are roundish, av...

बैंगन की उन्‍नत किस्‍म   Varieties प्रजाति Developed By विकसित की Yield Characters गुण  Long Type Brinjal अनामिका Anamika सनग्रो सीडस   इस संकर किस्‍म के फल लम्‍बवत गोल, गुलाबी रंग के होते हैं जो गुच्‍छों में लगते हैं। फल का औसत वजन 40-50 ग्राम होता है व पुष्‍पकोष का रंग हल्‍का बैंगनीपन लिए हरा होता हैं। ग्रीनलोंग Green Long सनग्रो सीडस   इस संकर किस्‍म के फल बेलनाकार लम्‍बे व हरे रंग के होते हैं जो गुच्‍छों में लगते हैं। पुष्‍पकोष कांटे रहीत हरे रंग के होते हैं। रोपण के 60 दिनो बाद पहली तुडाई के लिए तैयार हो जाता हैं। Pusa Purple Long पूसा पर्पल लोगं IARI   It is an early maturing variety. Fruits are glossy, light purple in colour, 25-30 cm long, smooth and...

लोकी (घीया) की उन्‍नत किस्‍में Varieties प्रजाति Developed By विकसित की  yield उपज (कु./है.) Characters पूसा मेघदूत (Pusa Meghdoot) भारतीय कृषि अनुसंधान संसथान - यह प्रजाति गर्मी एवं वर्षा दोनों ऋतुओं में उगाई जाती हैं। यह संकर किस्‍म पीएसपीएल त‍था सलेक्‍शन-2 के संकरण से विक्‍सित की गयी है। इसके फल हरे लम्‍बे एवं कोमल होते हैं तथा इसकी उपज पीएसपीएल की तुलना में 50% अधिक होती है। पूसा मंजरी (Pusa Naveen) भारतीय कृषि अनुसंधान संसथान   इस किस्‍म का विकास पीएसपीआर एचं सलेक्‍सन-11 के संकरण से किया गया है। इसके फल हरे गोल एवं कोमल होते हैं। यह संकर किस्‍म पीएसपीआर की अपेक्षा 48% अधिक उपज देती है। उत्‍तर भारत में यह प्रजाति गर्मी एवं वर्षा दोनों ऋतुओं के लिए उपयुक्‍त है। पूसा नवीन...

करेले की नई उन्‍नत किस्‍में  करेला बेल पर लगने वाली सब्जी है। यह आम तौर पर मार्च के अंत में और अप्रैल के शुरू में उत्तर भारत के सब्जी मंडियों में दिखने लगता है। फिर भी प्राकृतिक रूप से करेला जायद की फसल का हिस्सा है। इसका रंग हरा होता है। इसकी सतह पर उभरे हुए दाने होते हैं। इसके अंदर बीज होते हैं।    किस्‍में Varieties द्वारा विकसित Developed By उपज Yield (q/ha) विशेषताऐं   Characters पूसा संकर-2 Pusa Hyb.-2 भा.कृ.अ.संस्‍थान, नई दिल्‍ली 180 इसके फल मध्‍यम लम्‍बाई एवं मोटाई वाले गहरे हरे रंग के होते हैं। फलों की औसत लम्‍बाई 12.5 से.मी. और वजन 85-90ग्रा. होता है। फलों के ऊपर अनियमित, चिकनी व उभरी हुई धारीयॉं (Ridge)होती हैं। फलों की तुडाई बुआई के 52 दिन बाद...

5 important diseases of groundnut. मूंगफली तिलहनी फसलों के रुप में ली जाने वाली प्रमुख फसल है। मूंगफली की खेती मुख्य रुप से रेतीली एवं कछारी भूमियों में सफलता पूर्वक की जाती है। मूंगफली के दानों से 40-45% तेल प्राप्त होता है जो कि प्रोटिन का मुख्य स्त्रोत है। मूंगफली की फल्लियों का प्रयोग वनस्पति तेल एवं खलियों आदि के रुप में भी किया जाता है। मूंगफली का प्रचुर उत्पादन प्राप्त हो इसके लिये पौध रोग प्रबंधन की उचित आवश्यकता महसूस होती है। पौध रोग की पहचान एवं प्रबंधन इस दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास है। मूंगफली के प्रमुख रोग एवं रोग जनक: क्र. रोग रोग जनक 1 टिक्का या पर्ण चित्ती रोग सर्कोस्पोरा अराचिडीकोला/ सर्कोस्पोरा परसोनाटा 2 रस्ट अथवा गेरूआ रोग पक्सिनिया अरॉचिडिस 3 स्टेम रॉट एस्क्लेरोसियम रोल्फ्साइ 4 बड नेक्रोसिस बड़...

भारत मे बोई जाने वाली अरंडी की उन्‍नत किस्‍में  Varieties कि‍स्‍में Production पैदावार कुन्‍तल/ हैक्‍टेयर उपयुक्‍त क्षेत्र ज्‍योती DDS-9 10-12 राजस्‍थान, आन्‍ध्रप्रदेश कोलकाता व तमि‍लनाडू के लि‍ए उपयुक्‍त। 90 से 150 दि‍न मे पकती है   क्रान्‍ति‍ PAK-4 17-40 राजस्‍थान आंध्र प्रदेश क क्षेत्र के लि‍ए उपयुक्‍त। 180 से 240 दि‍न मे पकती है जी सी एच 5 15-17 गुजरात व राजस्‍थान के सभी क्षेत्रों के लि‍ए उपयुक्‍त। जीसीएच - 4   सिचित एवं उच्‍च आदन प्रबन्‍धन वाले क्षेत्रों के लिए उपयुक्‍त जीसीएच - 7   सिचित एवं उच्‍च आदन प्रबन्‍धन वाले क्षेत्रों के लिए उपयुक्‍त डीसीएच - 519   सिचित एवं उच्‍च आदन प्रबन्‍धन वाले क्षेत्रों के लिए उपयुक्‍त डीसीएच - 177   सिचित एवं उच्‍च आदन प्रबन्‍धन वाले क्षेत्रों के लिए उपयुक्‍त आर एच सी - 1   सिचित एवं उच्‍च आदन प्रबन्‍धन वाले क्षेत्रों के...

अरंड की खेती कैसे करें  Castor (Ricinus communis L.) is generally grown for seeds. Castor seed oil is being used widely for various purposes. It is used as a lubricant in high-speed engines and aeroplanes, in the manufacture of soaps, transparent paper, printing-inks, varnishes, linoleum and plasticizers. It is also used for medicinal and lighting purposes. The cake is used as a manure and plant stalks as fuel or as thatching material or for preparing paper-pulp. In the silk-producing areas, leaves are fed to the silkworms. How to grow Castor Land prepration for castor cultivation:  The land is repeatedly ploughed in summer, as and when the rains are received, and with the onset of...

अंगूर में मुल्‍य सवर्धन कैसे करें तथा अगूंर के वि‍भि‍न्‍न उत्‍पाद क्‍या है। India ranks 11th in grape production with production of 1.8 million t grapes from an area of 80,000 ha. The major consumption of grapes in India is as fresh followed by raisins, wine and juice. While at global level 78-80% grapes processed in to wine followed by raisin, fresh grapes and juice. The value addition in grapes and diversification of grape products also provide good returns to growers. The raisin industry is also gaining good results. A quantity of 105000 t raisins was produced during 2009. But, it is not possible without active involvement of food industry in...

Soybean processing as a Domestic industry सोयाबीन पोषक तत्वों से परिपूर्ण एवं पोषण की खान के रूप में जाना जाता है इसलिये इसे सुनहरे बीन की उपाधि दी गई है इसमें प्रोटीन के अन्य सभी उपलब्ध स्रोतों की तुलना में सबसे अधिक लगभग 40 प्रतिशत अच्छी गुणवत्ता की प्रोटीन एवं 20 प्रतिशत तेल की मात्रा होती है। यदि हम सोयाबीन में पाये जाने वाले पोषक तत्वों व खनिज लवण व विटामिन्स का विश्लेषण करें तो प्रति 100 ग्राम सोयाबीन में निम्नानुसार मात्रा पाई जाती है- Nutritive Value of Soyabean (per 100 gram) Water 8.5 g Potassium, K 1797 mg Energy 416 kcal Sodium, Na 2 mg Energy 1741 kJ Zinc, Zn 4.9 mg Protein 36.5 g Copper, Cu 1.7 mg Fat (total lipid) 19.9 g Maganese, Mn 2.52 mg Fatty acids, saturated 2.9 g Selenium, Se 17.8...