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काले गेहूं की खेती  बढ़ती जनसंख्या के साथ विश्व में भोजन की कमी और आवश्यकता दोनों तेजी से बढ़ रही है। वहीँ अगर गेहूं की बात करें तो गेहूं (Wheat) एक महत्वपूर्ण फसल है जो विश्व खाद्य आवश्यकता को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। गेहूं पूरी दुनिया में उगाया जाता है। वहीं गेंहू की उपज और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सुधार आवश्यक है। पंजाब के मोहाली में नेशनल एग्री-फूड बायोटेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (NABI) की वैज्ञानिक डॉ. मोनिका गर्ग ने गेहूं की तीन नई किस्में विकसित की हैं- काली, नीली और बैंगनी। अपने खास गुणों के चलते इसकी मांग काफी अधिक रहती है। वहीं दूसरी ओर इसकी सप्लाई लिमिटेड होने के चलते इसकी...

 करी पत्ते के पौधे के स्वास्थ्य लाभ (मुरैया कोएनिगी लिन. स्प्रेंगल)  The word curry comes from the Tamil word 'kari,' which means spiced sauces. Curry leaves (Murraya koenigii), also known as sweet neem leaves, are widely utilised in Indian cuisine and medicine. They're little green leaves with a distinct aroma and flavour. They're commonly used to season South Indian meals like sambhar, rasam, and chutney. Curry leaf (Murraya koenigii Spreng.) is a perennial leaf vegetable that grows on an aromatic deciduous tree. Although it is classified as a minor spice, its flavor-enhancing abilities complement eastern cooking, and the leaves retain their flavour and perfume long after drying; as a result, it is frequently...

Changing climate requires climate smart agriculture कृषि भूमि, पशुधन, वानिकी और मत्स्य पालन के प्रबंधन का एकीकृत दृष्टिकोण जलवायु स्मार्ट कृषि - क्लाइमेट स्मार्ट एग्रीकल्चर है जो बदलती जलवायु और खाद्य सुरक्षा की आपस में जुड़ी हुई चुनौतियों का निराकरण करता हैं। हमारी जनसँख्या में दिन प्रतिदिन तेज गति से वृद्धि हो रही है, लेकिन बढ़ती हुई जनसँख्या की खाद्य पूर्ति के लिए उत्पादकता उस दर से नहीं बढ़ रही है । इंसान ने अपने फायदे के लिए प्राकृतिक संसाधनों का प्रयोग इतने अँधाधुंध तरीके से किया है कि हमारी मृदा, वायु, जल सब प्रदूषित हो चुका है और ग्लोबल वार्मिंग के चलते हमारी जलवायु में परिवर्तन आ रहा है । आज जब कृषि...

उच्च उपज देने वाले मवेशियों में गर्मी तनाव प्रबंधन Sustainability in livestock production system is largely affected by climate change. An imbalance between metabolic heat production inside the animal body and its dissipation to the surroundings, leads to heat stress under high air temperature and humid climates. The foremost reaction of high yielding cattle under thermal weather is increases in respiration rate, rectal temperature and heart rate. It directly affects feed intake thereby, reduces growth rate, milk yield, reproductive performance, and even death in extreme cases. Dairy breeds are typically more sensitive to heat stress than meat breeds, and higher producing animals are, furthermore, susceptible since they generate more metabolic heat. Heat stress...

संजीवनी पोषक तत्वों से भरपूर सहजन का चमत्कारी पेड़  भारत में यह एक लोकप्रिय सब्जी है। जिसका वैज्ञानिक नाम मोरिंगा ओलीफेरा है। सहजन को ड्रमस्टिक या मोरिंगा के नाम से जाना जाता है मोरिंगा तमिल भाषा में मुरुंगई बना है जिसका अर्थ त्रिकोणीय मुड़ा हुआ फल | इसमें पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा पाई जाते हैं जो औषधीय गुणों के पर्याप्त स्त्रोत हैं है। इसके अलग-अलग हिस्सों में 300 से अधिक रोगों के रोकथाम के गुण पाए जाते है इसमें 92 तरह के मल्टीविटामिन्स, 46 तरह के एंटी आक्सीडेंट गुण, 36 तरह के दर्द निवारक और 18 तरह के एमिनो एसिड मिलते हैं। औषधीय गुणों के कारण अत्यधिक मूल्यवान पेड़ है सहजन या...

सब्जियों में बीज जनित रोगों के प्रबंधन के लिए बुवाई पूर्व बीजोपचार  बीज जनित रोगों के प्रबंधन के लिए रोपण से पहले सब्जियों के बीजों का उपचार आवश्यक है। फसल की उपज में कमी को रोकने के लिए इन रोगों का प्रबंधन आवश्यक है। इस प्रकार, बुवाई से पहले बीज उपचार बीमारियों को नियंत्रित करने का एक महत्वपूर्ण साधन है, लेकिन अन्य रोग प्रबंधन प्रथाओं के साथ संयुक्त होने पर यह सबसे प्रभावी है। कुछ बीजों का उपचार आपूर्तिकर्ताओं या वाणिज्यिक नर्सरी द्वारा प्रत्यारोपित फसलों के बोने से पहले या सीधे बोई गई फसलों के लिए उत्पादकों को बेचने से पहले किया जाता है। बीज उपचार एक ऐसा शब्द है जो उत्पादों और...

Management of Powdery mildew disease of cucurbit family vegetables ककड़ी वंश सब्जियों का एक महत्वपूर्ण समूह है जो कुकुरबिटेसी परिवार से संबंधित है, जो पूरे भारत और दुनिया के अन्य उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर उगाया जाता है। भारत में मुख्य रूप से खाद्य फसलों के रूप में उगाई जाने वाली फसलों में ककड़ी वंश सब्जियों की एक समृद्ध विविधता है जो कुल सब्जी उत्पादन का लगभग 5-6% हिस्सा है। कुकुरबिटेसी परिवार के अंतर्गत लौकी, खरबूजे, स्क्वैश और ककड़ी फसलों के मुख्य समूह हैं, जो अपने पोषण और औषधीय मूल्यों के लिए और फसल विविधता के संभावित स्रोतों के रूप में जाने जाते हैं। 200 से अधिक ज्ञात रोगजनक विभिन्न ककड़ी...

Major breeds of sheep and goat in India भारतीय कृषि में पशु पालन के अन्तर्गत बकरी व भेड़ पालन की महत्वपूर्ण भूमिका है जो मुख्यतः सीमांत किसान व लघु कृषकों के आजीविका के साथ निकटता से जुड़ी हुई है। समय के साथ यह व्यवसाय अपने प्रमुख उत्पादों जैसे दूध, मांस, रेशों, खाल आदि के बढ़ते मांग को देखते हुए निरंतर विस्तार की ओर अग्रसर है, जिसके अन्तर्गत मुख्यतः बहुउपयोगी नस्लों के संवर्धन द्वारा इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के प्रयास हैं। भारत बकरी व भेड़ अनुवांशिक संसाधनों का एक समृद्ध भंडार है जो वर्तमान मे 34 बकरी की नस्लें और 44 भेड़ की नस्लों के रुप मे पहचाना जाता है। अन्य नस्लें...

सोयाबीन की सटीक खेती  सोयाबीन को बोनलेस मीट भी कहते है, जो कि लैग्यूम परिवार से है। इसका मूल उत्पति स्थान चीन माना जाता है। यह प्रोटीन के साथ साथ रेशे का भी उच्च स्त्रोत है। सोयाबीन से निकाले हुए तेल में कम मात्रा में शुद्ध वसा होती है। जलवायु :- सोयाबीन गर्म एवं नम जलवायु की फसल है। बीजों के अच्छे अंकुरण के लिए 25° से. तथा फसल की बढोत्तरी के लिएलगभग25-30°से. तापमानकी आवश्यकताहोती है। सोयाबीन की अच्छीफसल के लिए वार्षिक वर्षा 60-70 सें.मी. होनी चाहिए।   उन्नतशील किस्में:- एस एल 525, एस एल 744, एस एल 958, अलंकार,अंकुर, ली , पी के  262, पी के   308, पी के   327, पी के   416, पी के...

Five major diseases of soybean and their prevention हरियाणा की खरीफ की तिलहनी फसलों मे सोयाबीन का महत्वपूर्ण स्थान है। सोयाबीन प्रोटीन का भी उच्च स्त्रोत हैं। यह एक दलहनी फसल हैं जिसमें 20 प्रतिशत तेल था 40 प्रतिशत प्रोटीन की मात्रा होती है जो कुपोषण की समस्या का निदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। सोयाबीन में कैल्शियम तथा विटामिन ए भी भरपुर मात्रा मे पाया जाता है। इसका प्रयोग औषधि, खाद्य पदार्थ व वनस्पति घी बनाने में किया जाता है। सोयाबीन की मुख्यतः खेती अमेरिका, चीन, इंडोनेशिया, जापान, ब्राजील, थाईलैंड, कनाडा में की जाती हैं, पर अब भारत में भी सोयाबीन एक ऐसी फसल के रूप में विकसित हुई...