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Safe storage of wheat भारत में उगाई जाने वाली खाद्यान्न फसलों में गेहूँ एक महत्वपूर्ण फसल है। उत्पादन तकनीकों में प्रगति के कारण गेहूँ उत्पादन में लगातार वृद्धि हो रही है। वर्ष 2020-21 के दौरान देश में अब तक का गेहूँ का सर्वाधिक उत्पादन लगभग 109.52 मिलियन टन रहा। आमतौर पर फसल कटाई के बाद भारत में गेहूँ अनाज व बीजों को किसानों, व्यापारियों एवं औद्योगिक स्तर पर संग्रहित किया जाता है। देश के सभी भागों में अनाज के रख-रखाव एवं संग्रह के लिए उपयुक्त तकनीक एवं भंडारण संरचनाएं विकसित की गई हैं। कटाई के बाद अनाज को उपयोग करने के लिए पारम्परिक एवं आधुनिक भंडारण पद्धतियों को अनाज संग्रह के प्रयोग...

False smut (Villosiclava virens) disease an emerging threat in rice crop धान (ओरिज़ासैटिवा) कई प्रकार के कवक, जीवाणु और वायरल रोगजनकों से ग्रसित हो जाता है। वर्तमान जलवायु परिवर्तन परिदृश्य में धान की फसल को नई बीमारियों की कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है जो अन्यथा आर्थिक रूप से नुक्सान नहीं पंहुचा रहे थे। फाल्स स्मट, एक कवक रोग, जो उस्टिलागिनोइडिया विरेन्स (कुक) ताकाहाशी [टेलोमॉर्फ: विलोसिकलावा विरेन्स (नाकाटा) तनाका और तनाका] के कारण होता है। फाल्स स्मट धान की खेती के लिए एक संभावित खतरे के रूप में उभर रहा है, जो पूरे धान के दाने को एक काले रंग की बीजाणु गेंद में बदल देता है। रोग की छिटपुट...

ग्रीष्मकालीन मौसम में लौकी की उन्नत उत्पादन तकनीक भारतीय धार्मिक ग्रंथों में, कई प्रकार की कद्दुवर्गीय (कुक्कुरबीटीय) सब्जियों के बारे में उल्लेख किया गया था। इनमें लौकी का विशिष्ट स्थान है। लौकी की सब्ज़ी अपने पौष्टिकता से भरपूर होती है। लौकी में, फॉस्फोरस, लोहा, कैल्शियम, तांबा, पोटेशियम, प्रोटीन, विटामिन ए, बी 1, बी 2 और सी) का स्रोत है और मधुमेह, बवासीर, रक्त, और श्वसन संबंधी विकार) जैसे औषधीय गुण हैं।  लौकी की उपयुक्त किस्में / संकर: लौकी की सब्जियों में, कई उच्च उपज देने वाली किस्में (खुले परागण और संकर) के अनुसार उपलब्ध हैं जो निम्नलिखित हैं: तालिका: लौकी की फसलों की उपयुक्त किस्में और संकर: क्रमांक  किस्म का नाम  संस्थान का नाम जहां इसे विकसित...

लहसुन की उत्पादन तकनीकी  लहसुन एक दक्षिण यूरोप में उगाई जाने वाली प्रसिद्ध फसल है। लहसुन एक कन्द वाली मसाला फसल है। इसमें एलसिन नामक तत्व पाया जाता है जिसके कारण इसकी एक खास गंध एवं तीखा स्वाद होता है। लहसुन की एक गांठ में कई कलियाँ पाई जाती है जिन्हे अलग करके एवं छीलकर कच्चा एवं पकाकर स्वाद एवं औषधीय तथा मसाला प्रयोजनों के लिए उपयोग किया जाता है। इसका इस्तेमाल गले तथा पेट सम्बन्धी बीमारियों में होता है। इसमें पाये जाने वाले सल्फर के यौगिक ही इसके तीखेस्वाद और गंध के लिए उत्तरदायी होते हैं। जैसे ऐलसन ए ऐजोइन इत्यादि। इस कहावत के रूप में बहुत आम है "एक सेब...

Silage: Best source of food management in dairy business साइलेज को पशु पालन व्यवसाय के लिए एक संजीवनी आहार के तौर पर देखा जा सकता है। यह पोषक तत्वों मे हरे चारे के सामान ही होता है। पशु पालन व्यवसाय पर होने वाले कुल खर्च या लागत का लगभग 65 - 70% चारा एवं दाना पर होता है। चारे की लागत को कम करने के लिए और चारे की अधिकता के समय, साइलेज तकनीक से हरे चारे को अचार के रूप में सरंक्षण करना एक लाभकारी विकल्प सिद्ध हो सकता है। इस तकनीक का मुख्य उदेश्य चारे की अधिकता के समय इसे उपयुक्त तरीके से सरंक्षित करके चारे की आवश्यकता को आशा...

Value Added Popular Products of Fish हम जानते है की प्रोटीन के लिए मछली सबसे सस्ती श्रोत है । खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में मूल्यवर्धन सबसे चर्चित शब्द है,मछलियों का मूल्यवर्धित उत्पाद को निर्यात करके हमारेअर्थव्यवस्था की वृद्धि भी होती है। इन उत्पादों को जीवित मछलियों से लेकर हमारे खाने में परोसने के लिए तैयार किया जाता है। समुद्र से पकडे हुए मछलियों से विभिन्न प्रकार के मछलियों के उत्पाद बनाये जाते है, जिनका दाम बाजारों में बहुत मंहगा रहता है । लेकिन पश्चिम बाजारों में ऐसे कई उत्पाद पहले से ही उपलब्ध है । पारंपरिक तरीके से बनाये गये अन्य उत्पादों से यह मछलियों से बना हुए उत्पाद एकदम अलग है ।...

Biofloc technology of Fish farming in water tank निरंतर बढती आबादी के कारण देश में मछली की खपत दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। जिसको ध्यानमें रखते हुए मत्स्य पालक उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नयी तकनीक को अपना रहें है। इसके लिए कम पानीऔर कम खर्च में अधिक से अधिक मछली उत्पादन करने हेतु बायोफ्लॉक तकनीक का विकास किया गया है। बायोफ्लॉक तकनीक एक आधुनिक व वैज्ञानिक तरीका है जिसका प्रदर्शन एवं प्रचार मत्स्य विज्ञान विभाग, नारायण कृषि संस्थान, गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय, जमुहार, सासाराम, रोहतास, बिहार के द्वारा प्रतिपादित किया जाता है।  मछली पालन के इस तकनीक को अपनाते हुए मत्स्य पालक न सिर्फ नीली क्रांति के अग्रदूत बनेंगे बल्कि बेरोजगारी...

Application of geospatial tools in drought management एशिया और प्रशांत के लिए आर्थिक और सामाजिक आयोग (2019) के विवरण के अनुसार एशिया और प्रशांत क्षेत्र में सुखाड़ के कारण अकेले कृषि क्षेत्र में सभी आपदा नुकसान का 68 प्रतिशत है और कृषि सुखाड़ के लिए क्षेत्रीय जोखिम परिदृश्य वार्षिक औसत नुकसान का 60 प्रतिशत है। संयुक्त राष्ट्र/ विश्व बैंक जल पर उच्च स्तरीय पैनल (2018) के विवरण के अनुसार वर्ष 2030 तक सूखे के कारण लगभग 700 मिलियन लोगों के विस्थापित होने के जोखिम के साथ, दुनिया की 40 प्रतिशत आबादी पानी की कमी से प्रभावित होगा। कृषि मंत्रालय, भारत सरकार, सूखा (2002) के एक विवरण के अनुसार भारत में लगभग 68 प्रतिशत...

Care and Management of livestock during Winter season  ठंड के मौसम में किसान अपने पशुओं की देखभाल में विशेष एहतियात बरतें, ताकि पशुओं के दुग्ध उत्पादन पर बदलते मौसम का असर न पड़े। सर्दी के मौसम में यदि पशुओं के रहन-सहन और आहार का ठीक प्रकार से प्रबंध नहीं किया गया, तो ऐसे मौसम का पशु के स्वास्थ्य व दुग्ध उत्पादन की क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। ठंढ के मौसम में पशुपालन करते समय मौसम में होने वाले परिवर्तन से पशुओं पर बुरा प्रभाव पड़ता है, परंतु ठंड के मौसम में पशुओं की दूध देने की क्षमता शिखर पर होती है तथा दूध की मांग भी बढ़ जाती है। अतः इस...

Plastic bags substitute cow dung pots in nursery प्रकृति अनादि काल से मानव की सहचरी रही है। लेकिन मानव ने अपने भौतिक सुखों एवं इच्छाओं की पूर्ति के लिये इसके साथ निरंतर खिलवाड किया और वर्तमान समय में यह अपनी सारी सीमाओं की हद को पार कर चुका है। स्वार्थी एवं उपभोक्तावादी मानव ने प्रकृति यानि पर्यावरण को पॉलीथीन के अंधाधुंध प्रयोग से जिस तरह प्रदूषित किया और करता जा रहा है उससे सम्पूर्ण वातावरण पूरी तरह आहत हो चुका है।  आज के भौतिक युग में पॉलीथीन के दूरगामी दुष्परिणाम एवं विषैलेपन से बेखबर हमारा समाज इसके उपयोग में इस कदर आगे बढ़ गया है मानो इसके बिना उनकी जिंदगी अधूरी है।...