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Global warming is a growing threat to the environment पूरे विश्व में इंसानों की लापरवाही और निजी स्वार्थ से हमारी धरती की सतह दिनों-दिन गर्म होती जा रही है। पिछले 50 वर्षों में, औसत वैश्विक तापमान रिकॉर्ड इतिहास में सबसे तेज दर से बढ़ गया है और वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर ग्लोबल वार्मिंग उत्सर्जन को नहीं रोका गया, तो अगली शताब्दी तक औसत तापमान 10 डिग्री फ़ारेनहाइट तक बढ़ सकता है। ग्लोबल वार्मिंग के क्या कारण है? ग्लोबल वार्मिंग के कारण होने वाले जलवायु परिवर्तन के लिये सबसे अधिक जिम्मेदार ग्रीन हाउस गैस हैं। ग्रीन हाउस गैसें, वे गैसें होती हैं जो बाहर से मिल रही गर्मी या ऊष्मा को...

स्मार्ट फ़ूड और स्मार्ट फ़सल के रूप में बाजरा India celebrated the national year of millets in 2018. The U.N. General Assembly recently adopted a resolution, sponsored by India and supported by more than 70 countries, declaring 2023 as the International Year of Millets. The main objective of declaring this resolution is  to increase public awareness about health benefits of millets and their suitability for cultivation under harsh conditions under changing climatic senerio. Millet is a common term to categorize small-seeded and known for high nutritive value that are often termed nutri-cereals, and includes sorghum (jowar), pearl millet (Bajra), Finger millet (ragi ), small millet (Sama), foxtail millet, proso millet (Variga), barnyard...

भिंडी का नया उभरता हुआ वायरल रोग ओकरा एनेशन लीफ कर्ल वायरस (OELCuV) और उसका प्रबंधन Okra or lady’s finger (Abelmoschus esculentus L. Moench) is an important vegetable grown throughout the world. In India, okra is exported to foreign countries as a fresh vegetable, constitute 70% of the total fresh vegetable earning (APEDA 2000). Okra has adequate nutritional value, it is a good source of carbohydrates, protein, dietary fibres, vitamin C, vitamin K and unsaturated fatty acids. It can improve the nutritional status of malnourished people, (Gemede, et al 2015). It is considered as a protective supplementary food, due to its vigorous nature, dietary fibre and distinct seed protein balance of lysine...

Papaya cultivation Review and Diseases Management पपीता एक उष्णकटिबंधीय फल है। इसका वैज्ञानिक नाम कैरिका पपाया है। इसकी उत्पत्ति का स्थान कोस्टा रिका और दक्षिण मैक्सिको माना जाता है। यह एक सदाबहार फलदार वृक्ष है। पपीता बहुत ही पौष्टिक व स्वादिष्ट होने के साथ-साथ औषधीय गुणों से भी भरपूर होता है। यह विटामिन सी का अच्छा स्त्रोत है। इसके लाभदायक गुणों को देखते हुए ये हमारे दैनिक आहार का हिस्सा बन गया है। पपीता की खेती भारत के अलावा ब्राजील, अमेरिका, मैक्सिको, इंडोनेशिया, नाइजीरिया, चीन, इथोपिया और थाईलैंड में भी बड़े पैमाने पर की जाती है। भारतीय परिदृश्य पुर्तगालियों द्वारा यह फल वृक्ष 1611 में भारत में लाया गया । भारत में पपीता...

मक्का की अनाज तथा चारा फसल उत्पादन की तकनीक  मक्का की खेती भारत में एक व्यापक स्तर पर की जाती है जो विभिन्न कृषि जलवायु के लिये अनुकूलित होती है। इसलिए वैश्विक स्तर  पर इसे  अनाजों की रानी कहा जाता है क्योंकि आनुवंशिक रूप से इसकी अन्य अनाजों की तुलना में अधिक उत्पादन  क्षमता होती है।  मक्का का वानस्पतिक नाम जीया मेज है यह एक प्रमुख अनाज की फसल हैं, जो मोटे अनाजो की श्रेणी में आता है। भारत मे मक्का की खेती सभी राज्यो में की जाती है। जैसे आन्ध्र प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, राजस्थान, उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश इत्यादि।  मक्का भारत में  गेहूं और धान के बाद तीसरी सबसे महत्पूर्ण...

Karnal bunt disease of wheat: condition and direction करनाल बंट टिलेशिया इंडिका नामक कवक से उत्पन्न होने वाला गेहूँ की फसल का एक मुख्य रोग है। यह रोग विशेष रूप से भारत के उत्तर-पश्चिमी मैदानी क्षेत्रों में अधिक देखने को मिलता है। यद्यपि आज तक भारत के उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्रों में करनाल बंट की कोई महामारी दर्ज नहीं की गयी है किन्तु अति संवेदनशील गेहूँ की प्रजातियों में पुष्पावथा के समय (फरवरी-मार्च) में जब उच्च आर्द्रता होती है, तब 30-40 प्रतिशत तक गेहूँ की फसल करनाल बंट से संक्रमित पायी गयी है अखिल भारतीय गेहूँ एवं जौ समन्वित अनुसन्धान परियोजना 2019 के तहत किये गये पोस्ट हार्वेस्ट सर्वे के दौरान कुल...

 आलू में बीज आकार को अधिकतम करने के लिए तकनीकी हस्तक्षेप Good quality seed is almost universally considered a requirement for high productivity in all potato production systems. Much of the yield gap currently constraining productivity is attributed to the poor quality of seed. Potato seed sector development is thus a major concern of governments, researchers, development agencies, and civil society organizations. Seed is the most important part of the production cycle of many crops, including potatoes. Seed determines important factors such as yield, quality and overall crop health. Starting with good- quality seed is the first step to a successful crop year. Selecting and planting clean, disease-free potato seed tuber is...

Methods for nutrient conservation of food भोजन बनाते समय उसकी पौष्टिकता टिकाये रखना भी एक कला है। आहार से पौष्टिक तत्वों की प्राप्ति हमें तभी होगी जब उसमे पौष्टिकता बरकरार होगी। अज्ञानता व लापरवाही के कारण हम भोजन के पौष्टिक तत्वों को नष्ट कर देते हैं। कुछ ऐसे सुझाव, जिनका पालन करके आप कम खर्च में अधिक विटामिन, खनिज तथा प्रोटीन प्राप्त कर सकती हैं, इस प्रकार है।  प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थ - सोयाबीन, फलियां व दालें प्रोटीन के अच्छे व सस्ते स्रोत हैं। अगर इन्हें पकाने और खाने से पहले अंकुरित भी कर लिया जाए तो इनमें विटामिनों की मात्रा और भी बढ़ जाती है। अंडे भी प्रोटीन का एक अच्छा...

Modern system of agricultural market कृषि बाजार के वर्तमान स्वरूप में किसानों (उत्पादकों) तथा उपभोक्ताओं के मध्य बिचौलियों (मध्यस्थों) का जरूरत से अधिक दखल होने से किसानों के हितों को भारी नुकसान हो रहा है। किसी भी प्रकार के बाजार में मध्यस्थों की सेवाओं को अत्यंत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। मगर जब उनका दखल जरूरत से अधिक होने लगता है तब यह नुकसानदायक होता है। आज की स्थिति में कुल लाभ का 50 से 60 प्रतिशत बाजार खर्च तथा मध्यस्थों के भेंट चढ़ जाता है तथा मात्र 40 से 50 प्रतिशत रकम ही किसानों तक पहुंच पाती है। कृषि उपज के संग्रह तथा उनके विक्रय के लिये जिस तरह के सहकारी...

Importance of Integrated Farming System समन्वित कृषि प्रणाली, न्यूनतम प्रतिस्पर्धा और अधिकतम पूरकता के सिद्धान्त पर आधारित है और इसमें कृषि-अर्थशास्त्रीय प्रबन्धन के परिष्कृत नियमों का उपयोग करते हुए किसानों की आमदनी, पारिवारिक पोषण के स्तर और पारिस्थितिकीय प्रणाली सम्बन्धी सेवाओं का टिकाऊ और पर्यावरण की दृष्टि से अनुकूल विकास करने का लक्ष्य रखा जाता है। समन्वित कृषि प्रणाली कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाने परिवार के लिये सन्तुलित पौष्टिक आहार जुटाने, पूरे साल आमदनी व रोजगार का इन्तजाम करने तथा मौसम और बाजार सम्बन्धी जोखिम कम करने में भी मदद मिलती है। इससे खेती में काम आने वाली वस्तुओं के लिये किसानों की बाजार पर निर्भरता भी कम होती है। भारत...