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आम में अत्यधिक ऊतक गलन, इसके कारण और प्रबंधन Mango the king of fruit occupies approximately 50% of all tropical fruits produced worldwide. Mango is growing in many countries like India, Indonesia, Brazil, China, Egypt, Mexico, Phillipines, Pakistan, Vietnam and Thialand. Mango is nutritionally rich and its pulp contains good dietary fiber, pro-vitamin A, Vitamin C and diverse polyphenols Further, India share approx. 49.62 per cent of area and nearly 42.06 per cent of world’s mango production. Moreover, mango production in Uttar Pradesh was the highest i.e. 23.85 per cent in country. Various varieties of mango are cultivated in India but Dashehari stood first in terms of choice particularly in U.P. Dashehari fruit...

राजस्थान में मूँग की उन्नत खेती  मूँग एक फलीदार फसल है जिसे मुख्य रूप से दाल के लिए प्रयोग किया जाता है। दाने के साथ-साथ फसल की पत्तियों और तने से पर्याप्त मात्रा में भूसा प्राप्त होता है, जो जानवरों के चारे के रूप में प्रयोग किया जाता है। भारत में लगभग 308 मिलियन हेक्टेयर में मूंग की खेती की जाती है तथा इसका उत्पादन 1.31 मिलियन टन प्रति वर्ष है। मूंग की औसत उत्पादकता 4.25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। मूंग को हरी खाद के लिए भी प्रयोग किया जाता है। मूंग की जड़ों में सूक्ष्म जीवाणु पाए जाते हैं जो वायुमंडल की नाइट्रोजन को एकत्रित करते हैं जो अगली फसल के द्वारा प्रयोग की जाती है। इसे मृदा अपरदन अवरोधी तथा कैच क्रॉप के रूप में प्रयोग करते हैं। राजस्थान में मूंग खरीफ एवं...

India's self-reliance in edible oils: need and measures भारतीय रसोई में खाद्य तेल अपरिहार्य है जिसके महत्व को नकारा नहीं जा सकता। परंतु आश्चर्य की बात ये है की अन्य कृषि उत्पादों की तुलना में जो की स्थानीय स्तर पर उत्पादित होते हैं, भारत अपने द्वारा खपत किए जाने वाले अधिकांश तेलों का आयात अन्य देशों से करता है। विविध कृषि-जलवायु परिस्थितियों, प्रचुर भूमि और कृषि पर निर्भर आबादी के बड़े हिस्से के होने के बावजूद भी , भारत को खाद्य तेलों का आयात क्यों करना पड़ता है? सरकार के खजाने पर खाद्य तेलों के आयात का कितना बोझ है? खाद्य तेलों के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए हम क्या कर सकते हैं? इन सभी...

जैविक खेती की तकनीक आज जब हम अपनी खेती में हुई प्रगति को देखते है तो वह बहुत ही उत्साहित करती है। इस प्रगति का श्रेय हरित क्रांति को जाता है। हरित क्रांति की प्रगति के साथ अन्य क्रान्तियों का भी देश की प्रगति में बड़ा योगदान है जैसे श्वेत क्रांति(दुग्ध उत्पादन), पीली क्रान्ति (तिलहन उत्पादन), नीली क्रान्ति (मतस्य उत्पादन), लाल क्रान्ति (मांस) एवं गोल्डेन क्रान्ति (हार्टीकल्चर सहयोग)। रसायनिक उर्वरकों के अन्धाधुंध एवं असन्तुलित प्रयोग से कृषि जगत का पर्यावरणीय सन्तुलन बिगड़ गया है इसलिये पर्यावरण की सुरक्षा लिये तथा मृदा की उर्वरता बनाये रखने के लिये भविष्य में जैविक खेती एक उत्तम विकल्प है । जैविक खेती जैविक खेती, खेती की वह प्रक्रिया...

Family Nutrition through Kitchen garden रसोई उद्यान या घर उद्यान या पोषण उद्यान मुख्य रूप से परिवार के उपयोग के लिए ताजा सब्जियों को प्रदान करने का इक माध्यम है। विभिन्न सब्जियों को पाने के लिए उपलब्ध जमीन में विभिन्न सब्जियां अलग अलग समय में उगाई जाती हैं। बगीचे का क्षेत्र, लेआउट, फसल चयन भूमि की उपलब्धता और प्रकृति पर निर्भर करते हैं। ग्रामीण शेत्र में भूमि कि उपलब्धता सीमित नहीं है किन्तु शहरी इलाकों में, भूमि कि कमी के कारण रसोई उद्यान को सीमित उपलब्ध क्षेत्र, इमारतों के छतों में बर्तन या सीमेंट बैग में फसलों को उगा कर किआ जाता है । यह परिवार के पोशन को सुनिसचित करता है...

कुसुम की खेती किसानों के लिए लाभदायक उपक्रम  कुसुम एक औषधीय गुणों वाली तिलहनी फसल है। कुसुम को करडी, कुसुबे, कुसुम्बा आदि नामों से भी पुकारा जाता है। इसके दानों में 29 से 33 प्रतिशत तेल, 15 प्रतिशत प्रोटीन, 15 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेड, 33 प्रतिशत रेशा पाया जाता है। इसके तेल में पाये जाने वाले असंतृप्त वसीय अम्ल में 77 प्रतिशत लिनोलिक अम्ल तथा 14 प्रतिशत ओलिक अम्ल पाया जाता है। यह तेल उच्च रक्तचाप तथा हृदय रोगियों के लिए लाभदायक है। अन्य खाद्य तेलों की अपेक्षा कुसुम तेल में असंतृप्त वसीय अम्ल की मात्रा अधिक होती है। यह खून में कोलेस्ट्राल की मात्रा को कम करता है। इससे तैयार खल को पशुओं के...

डेयरी एनालॉग्स डेयरी उत्पादों का विकल्प Products obtained by processing milk of any milch animal are termed dairy products.  However dairy analogues (Soy milk, Tofu, Cheese analogues etc.) are alternate of dairy products. Dairy analogues are cost effective and offer good nutritional value.  Nowadays, people are demanding plant based milk instead of animal milk due to many illness reasons like lactose intolerance, high level of cholesterol in animal milk and hypersensitivity towards milk protein. Plant based analogues of milk are produced from legumes, cereals, seeds etc.  There are many orthodox varieties of milk analogues are present in market like sikhye (cooked rice), Boza (fermented drink from wheat, rye, maize etc.), soy milk. Soy milk is very...

काला जीरा के औषधीय गुण एवं कृषि संबंधित पद्धतियाँ  काला जीरा जो बुनियम परसियम वनस्पतिक नाम से विख्यात है ऐपीएसी कुल से सम्बन्ध्ति है। यह जीरा काला जीरा या काले बीज, काला केरावे, हिमाली जीरा, काशमीरी जीरा, शाही जीरा, के नाम से भी जाना जाता है तथा इसका धूँऐ जैैैसा व मिट्टी की तरह स्वाद होता है। वस्तुत यह टयूबरस जड़ों वाला शाकीय पौध है जो अधिकतर शीत तथा उपअल्पलाईन जलवायु में उगाया जाता है। इसका उद्गम स्थान एशिया यानि मध्य एशिया, ईरान, पाकिस्तान, अफगानीस्थान बलूचिस्तान है एवं भारत में पश्चिमी हिमालय के समुद्र तल से 2000-3000 मीटर वाले क्षेत्रों में यह पौध पाया जाता है। सुगंधीनुमा एवं औषधीीय गुणों वाला यह...