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Role of Plant Growth Regulator in Crop Production फसलों के उत्पादन के लिये हार्मोन और अन्य नियामक रसायन अब विभिन्न प्रकार के अनुप्रयोगों में उपयोग किए जाते हैं जहां व्यावसायिक कारणों से पादप विकास के कुछ पहलू को नियंत्रित करना वांछनीय है। जिबरेलिन्स: जिबरेलिन्स (GA3) का प्रमुख उपयोग, स्प्रे या डिप के रूप में किया जाता है, फलों की फसलों का प्रबंधन, जौ से माल्ट अलग करने और गन्ने में चीनी की मात्रा बढ़ाने के लिए है। कुछ फसलों की ऊंचाई में कमी वांछनीय है, और इसे जिबरेलिन संश्लेषण अवरोधकों के उपयोग से पूरा किया जा सकता है। बाजार में लगभग सभी बीजरहित अंगूरों का उपचार GA3 के साथ किया जाता है। यह बीजों...

Importance and factors affecting of earthworms in soil मृदा मानव जाति की सबसे बड़ी विरासत है और सबसे मूल्यवान प्राकृतिक संसाधन भी है। इंसान ऐतिहासिक रूप से शिकार पर निर्भर थे और जीवनयापन के लिए भोजन का संग्रह  मृदा  से करते थे। हमारे मृदा के साथ संबंध मृदा की जुताई से जुड़े है। जिसके कारण आज मानव सभ्यता का विकास हुआ है और ये मानव और मृदा के संबंध को देख कर हम कह सकते है की मृदा कृषि के लिए एक आधारभूत हिस्सा है । आज-कल देखा जा रहा है की वन कटाई, अधिक चराई, फसल जलाना, अधिक मात्रा में कृषि रसायन एवं कम कार्बनिक खाद का प्रयोग और कृषि योगय...

Nutritious and healthy coarse grains are super food cereals भारत में 60 के दशक के पहले तक कदन्न अनाज की खेती की परम्परा थी। कहा जाता है कि हमारे पूर्वज हजारों वर्षों से कदन्न अनाज का उत्पादन कर रहे हैं। भारतीय हिंदू परंपरा में यजुर्वेद में कदन्न अनाज का जिक्र मिलता है। 50 साल पहले तक मध्य और दक्षिण भारत के साथ पहाड़ी क्षेत्रों में मोटे अनाज की खूब पैदावार होती थी। एक अनुमान के मुताबिक देश में कुल खाद्यान्न उत्पादन में कदन्न अनाज की हिस्सेदारी 40 फीसदी थी। कदन्न अनाज को मोटा अनाज भी कहा जाता है क्योंकि इनके उत्पादन में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ती। ये अनाज कम पानी और कम उपजाऊ...

भारत में नमक सहिष्णु जौ किस्म के विकास में प्रगति Barley (Hordeum vulgare) is the fourth most important crop of the world after rice, wheat and maize with respect to area and production. It is known as a hardy crop compared to  wheat, rice and maize and more suitable for areas with limited water (drought or less water availability), nutrients and soil health (salinity/alkalinity). The geographical range in which barley can be grown as a staple crop is quite wide and therefore it is grown from sub-tropical and arid plains to hills and cold desert ecologies under rainfed or limited irrigated conditions around the world except tropics. It is an ancient crop...

Safe storage of wheat भारत में उगाई जाने वाली खाद्यान्न फसलों में गेहूँ एक महत्वपूर्ण फसल है। उत्पादन तकनीकों में प्रगति के कारण गेहूँ उत्पादन में लगातार वृद्धि हो रही है। वर्ष 2020-21 के दौरान देश में अब तक का गेहूँ का सर्वाधिक उत्पादन लगभग 109.52 मिलियन टन रहा। आमतौर पर फसल कटाई के बाद भारत में गेहूँ अनाज व बीजों को किसानों, व्यापारियों एवं औद्योगिक स्तर पर संग्रहित किया जाता है। देश के सभी भागों में अनाज के रख-रखाव एवं संग्रह के लिए उपयुक्त तकनीक एवं भंडारण संरचनाएं विकसित की गई हैं। कटाई के बाद अनाज को उपयोग करने के लिए पारम्परिक एवं आधुनिक भंडारण पद्धतियों को अनाज संग्रह के प्रयोग...

False smut (Villosiclava virens) disease an emerging threat in rice crop धान (ओरिज़ासैटिवा) कई प्रकार के कवक, जीवाणु और वायरल रोगजनकों से ग्रसित हो जाता है। वर्तमान जलवायु परिवर्तन परिदृश्य में धान की फसल को नई बीमारियों की कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है जो अन्यथा आर्थिक रूप से नुक्सान नहीं पंहुचा रहे थे। फाल्स स्मट, एक कवक रोग, जो उस्टिलागिनोइडिया विरेन्स (कुक) ताकाहाशी [टेलोमॉर्फ: विलोसिकलावा विरेन्स (नाकाटा) तनाका और तनाका] के कारण होता है। फाल्स स्मट धान की खेती के लिए एक संभावित खतरे के रूप में उभर रहा है, जो पूरे धान के दाने को एक काले रंग की बीजाणु गेंद में बदल देता है। रोग की छिटपुट...

ग्रीष्मकालीन मौसम में लौकी की उन्नत उत्पादन तकनीक भारतीय धार्मिक ग्रंथों में, कई प्रकार की कद्दुवर्गीय (कुक्कुरबीटीय) सब्जियों के बारे में उल्लेख किया गया था। इनमें लौकी का विशिष्ट स्थान है। लौकी की सब्ज़ी अपने पौष्टिकता से भरपूर होती है। लौकी में, फॉस्फोरस, लोहा, कैल्शियम, तांबा, पोटेशियम, प्रोटीन, विटामिन ए, बी 1, बी 2 और सी) का स्रोत है और मधुमेह, बवासीर, रक्त, और श्वसन संबंधी विकार) जैसे औषधीय गुण हैं।  लौकी की उपयुक्त किस्में / संकर: लौकी की सब्जियों में, कई उच्च उपज देने वाली किस्में (खुले परागण और संकर) के अनुसार उपलब्ध हैं जो निम्नलिखित हैं: तालिका: लौकी की फसलों की उपयुक्त किस्में और संकर: क्रमांक  किस्म का नाम  संस्थान का नाम जहां इसे विकसित...

लहसुन की उत्पादन तकनीकी  लहसुन एक दक्षिण यूरोप में उगाई जाने वाली प्रसिद्ध फसल है। लहसुन एक कन्द वाली मसाला फसल है। इसमें एलसिन नामक तत्व पाया जाता है जिसके कारण इसकी एक खास गंध एवं तीखा स्वाद होता है। लहसुन की एक गांठ में कई कलियाँ पाई जाती है जिन्हे अलग करके एवं छीलकर कच्चा एवं पकाकर स्वाद एवं औषधीय तथा मसाला प्रयोजनों के लिए उपयोग किया जाता है। इसका इस्तेमाल गले तथा पेट सम्बन्धी बीमारियों में होता है। इसमें पाये जाने वाले सल्फर के यौगिक ही इसके तीखेस्वाद और गंध के लिए उत्तरदायी होते हैं। जैसे ऐलसन ए ऐजोइन इत्यादि। इस कहावत के रूप में बहुत आम है "एक सेब...