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तेल ताड़ के बगीचों में लीफ वेबवर्म, एक्रिया मायरिकी (लेपिडोप्टेरा: डिप्रेसारिडे) के लिए जैव नियंत्रण एजेंट Oil palm, Elaeis guineensis Jacq.(Family: Arecaceae) is the richest source of vegetable oil with high yield levels of more than 5 tonnes of oil per ha per annum compared to other oil seeds crops that give less than 1 ton.  The productivity of the crop is often challenged by water stress, drought, biotic stresses like pests and diseases and constraints related with nutrient management. Since irrigation is given at regular intervals, the micro climate with high humidity is created, which makes congenial conditions for pests and diseases development. It is reported that the oil palms in...

Pollution reduction and wealth creation from agricultural crop wastes with the help of briquetting plant ब्रिकेटिंग प्लांट वानिकी, औद्योगिक और कृषि अपशिष्ट जैसे विविध अवशेषों को जैव-ईंधन के ठोस ब्लॉकों में परिवर्तित करने के लिए एक पर्यावरण के अनुकूल तकनीक है। बेलनाकार आकार के ब्रिकेट्स (white coal) उच्च यांत्रिक दबाव के साथ बाइंडर रहित तकनीक का उपयोग करके बनाए जाते हैं। इसके लिए किसी बाइंडर या केमिकल की जरूरत नहीं है। जैव-ब्रिकेट गैर-नवीकरणीय जीवाश्म ईंधन (Non- renewable fossil fuels) के विकल्प हैं और इसका उपयोग कई विनिर्माण उद्योगों जैसे भट्टों, भट्टियों और बॉयलरों में किया जा सकता है। ब्रिकेटिंग का अर्थ थोक घनत्व वाले कच्चे माल के आकार को कॉम्पैक्ट रूप में...

Increase in sugarcane production in Bihar with improved techniques ईख की खेती बिहार के किसानों की अर्थव्‍यवस्‍था का आधारभूत स्‍तम्‍भ है। इस आधुनकि युग में गन्‍ना किसान, गन्‍ना शोध संस्‍थान, चीनी उद्योग व्‍यवस्‍था एवं गन्‍ना विकास विभाग के सामुहिक सक्रिय प्रयास से ही लक्ष्‍य को प्राप्‍त करना संभव है। किसानों के साथ चीनी मिलों की आर्थिक स्थिति में वृद्धि की काफी प्रबल संभावनाऐं हैं। गन्‍ने का उत्‍पादन प्रति एकड़ कम हो रहा है, आय घट रही है तथा उत्‍पादन लागत बढ़ रहा है। इसका मुख्‍य कारण आधुनकि तकनीक से खेती करने की विस्‍तृत जानकारी का अभाव है। अभी भी गन्‍ने की खेती पुरानी पद्धति से बड़े पैमाने पर किसान बँधुओं द्वारा किया...

बिहार में कृषि आधारित उद्योगों की संभावनायें कृषि उत्पाद की अधिक मात्रा गाँवों में उपलब्ध होती है। अतः कृषि उत्पाद पर आधारित उद्यम का विकास गाँवों में सुनिश्चित होना चाहिए। कृषि उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ गाँवों के बेरोजगार ग्रामीण युवकों को नये-नये उद्यम लगाने के लिए प्रेरित करना भी आवश्यक है। इस प्रकार के प्रयास बेरोजगार ग्रामीणों को गाँवों से पलायन रोकने तथा अलगाव एवं अन्य सामाजिक बुराईयों में भी कमी आयेगी। कृषि उत्पादों में अनेक ऐसे उद्योग है जिन्हें ग्रामीण एवं बेरोजगार बन्धु अपनाकर अपना सामाजिक-आर्थिक स्थिति बेहतर बना सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में कई तरह के उद्योग लगाये जा सकते हैं जैसे मशरुम उद्योग, मधुमक्खी पालन, मछली पालन, पौलटरी...

उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्र के लिये गेहूँ की उन्नतशील प्रजातियाँ एवं उत्पादन तकनीकियाँ विश्व स्तर पर भारत गेहूँ उत्पादन में दूसरे स्थान पर है एवं कुल खाद्य पदार्थों के उत्पादन में 34 प्रतिशत योगदान करता है। वर्ष 1964-65 के दौरान देश में गेहूँ का उत्पादन महज 12.3 मिलियन टन था जो कि 2020-21 के दौरान 108.75 मिलियन टन (तृतीय आग्रिम अनुमान) तक पहुँच गया है। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हमें मजबूत शोध कार्यों और संगठित प्रसार कार्यक्रमों के द्रारा ही संभव हुई है। कृषि जलवायु स्थिति के व्यापक विविधता के आधार पर भारत को 5 विभिन्न क्षेत्रों मे बाँटा गया है जोकि उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्रों (12.62 मिलियन हैक्टर), उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्रों...

अलसी की वैज्ञानिक खेती Flax is an oldest grown fiber crop in the world. It is a self pollinated crop and the scientific name of flax is Linum usitatissimum L. (n= 15) Usitatissimum means ‘most useful’. Synonyms of flax are Linseed, Common flax, Lint bells, Toad flax, Flax weed and Alsi (in hindi). It belongs to the family Linaceae and genus Linum. Most believed that flax originated from Mediterranean Sea near India. Flax is an annual herbaceous plant of 12 to 48 inches height, leaves are linear, ovate or lanceolate attenuated at both end , flowers are small about 2.5 cm long and bluish violet in colour. The flowers have five petals;...

स्वास्थ्य और स्वाद से भरपूर मशरूम के मूल्य संवर्धित उत्पाद Mushrooms are an edible fungus typically grown above the soil. Mushrooms grow at temperatures ranging 15 - 23 0c. There are different types of mushrooms like milky mushrooms, White button mushroom, Crimino Mushroom, Portabello Mushroom, Shiitake Mushroom, Maitake Mushroom, Oyster Mushroom, Enoki Mushroom, Beech Mushroom, Black Trumpet Mushroom, King Trumpet Mushroom, Chanterelle Mushroom, Hedgehog Mushroom, Morel Mushroom, Porcino Mushroom. The three majorly grown mushrooms in India are button mushrooms, milky mushrooms, oyster mushrooms. Mushrooms are nutritious, medicinal and functional food. It is considered as a health food as it contains low calories, high protein, dietary fiber, vitamins, and minerals (Barros et al.,...

Various value added products of Barley जौ विश्व में प्राचीन काल से उगाई जाने वाली प्रमुख फसलों में से एक है। कुल उत्पादन की दृष्टि से अनाज फसलें जैसे धान, गेहूँ एवं मक्का के बाद जौ की फसल को विश्व में चौथा स्थान प्राप्त है। भारत में इसका उपयोग धार्मिक अनुष्ठानों, खाद्य पदार्थों, पशु आहार एवं पशु चारे के रुप में सदियों से होता आ रहा है। संस्कृत में इसे ”यव” के अतिरिक्त अन्य भाषाओं में जव, जवा, वियाम, आरिसि, तोसा एवं चीनो आदि नाम से जानते हैं। लेकिन पिछले कुछ दशकों से मानव स्वास्थ्य के लिए जौ के लाभकारी गुणों का पता चला है। विकासशील देशों के बदलते परिवेश में शाकाहारी...

चारा फसल जायद बाजरा की वैज्ञानिक खेती बाजरा शुष्क एवं अर्द्ध शुष्क क्षेत्रों में उगाई जाने वाली प्रमुख अनाजवर्गीय फसल है| इसकी खेती गर्मी और वर्षा ऋतू दोनों में की जाती है| यह अन्य चारा फसलो की अपेक्षा शीघ्रता से बढने वाली रोग निरोधक तथा अधिक कल्ले फूटने वाली चारे की फसल है। हरे चारे के लिए इससे कई कटाई ली जा सकती है| यह घनी पत्तीदार व सुकोमल होती है तथा इसका चारा स्वादिष्ट व पौष्टिक होता है| इसके चारे में प्रूसिक अम्ल नहीं होता है तथा ओक्सेलिक अम्ल भी कम होता है, इस वजह से गर्मियों में पशुओ के लिए यह अधिक सुरक्षित चारा रहता है| खरीफ के अलावा जायद...

FPO A boon for farm women empowerment and livelihood security भारतीय कृषि में महिलाओं का योगदान सर्वविदित है | एक आंकलन के अनुसार आर्थिक रूप से सक्रिय महिलाओं में से  80 प्रतिशत महिलाओं की जीविका कृषि सम्बन्धी गतिविधि पर निर्भर करती है | हाल में ही, (मई, 2020) फिक्की लेडीज ऑर्गनाइज़ेशन ने देश में महिलाओं के कृषि में योगदान के समीक्षा कर उनके सशक्तिकरण के लिए महिलाओं आधारित कृषक उत्पादन संघ की वकालत की है | उनके अनुसार यह महिलाओं को  वाजिब हक तथा मान्यता प्रदान करने में मददगार होगी | देश के बहुसंख्यक कृषक (लगभग 86%) लघु एवं सीमांत श्रेणी के अंतर्गत आते हैं, जिनके पास औसतन 1.10 हैo से कम...