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Advanced cultivation of golden fibre jute: an overview जूट को भारत का सुनहरा रेशा ('गोल्डन फाइबर') माना जाता है। जूट  प्राकृतिक, नवीकरणीय, जैवनिम्ननीय और पर्यावरण-अनुकूल उत्पाद है, जिसका उपयोग ज़्यादातर पैकेजिंग सामग्री के रूप में किया जाता है, आजकल इसे पैकेजिंग क्षेत्र में सस्ते सिंथेटिक्स से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। पारंपरिक पैकेजिंग क्षेत्र के अलावा, जूट का उपयोग बड़े और छोटे उद्योगों में कपड़ा और गैर-कपड़ा दोनों क्षेत्रों में किया जाता रहा है। जूट पर्यावरण के अनुकूल है, जैवनिम्ननीय है और इसमें CO2 अवशोषण दर बहुत अधिक होने के कारण, इसको पर्यावरण के अनुकुल बनाता है और 'सुरक्षित' पैकेजिंग के सभी मानकों को पूरा करता है जो इसके व्यवसायिक विकास...

Bioponics: A Useful Technique for Eco-Friendly Food Production जलवायु परिवर्तन, गहन खेती के पर्यावरणीय प्रभाव, जनसंख्या वृद्धि और शहरीकरण जैसी वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए, हमारी खाद्य प्रणाली धीरे-धीरे अधिक पर्यावरण-अनुकूल बन रही है। मिट्टी रहित कृषि की इस नवीन तकनीक में  मिट्टी के बिना खेती की जाती है और यह एक टिकाऊ खाद्य उत्पादन पद्दति भी है। बायोपोनिक्स में रासायनिक उर्वरकों के स्थान पर जैविक या प्राकृतिक वैकल्पिक उर्वरकों का उपयोग किया जाता है। ये पर्यावरण-अनुकूल उर्वरक पौधों या जानवरों के अपशिष्ट से बनता  हैं, जिन्हें बैक्टीरिया जैसे सूक्ष्मजीवों द्वारा संसाधित किया जाता है। परिणामस्वरूप, बायोपोनिक्स फलों और सब्जियों को उगाने में रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता को कम करता...

प्याज के भंडारण में नुकसान को कम करने के लिए कटाई से पहले और बाद में अपनाए जाने वाले तरीके Onion is a vital vegetable crop with seasonal availability in India, cultivated across three distinct crop seasons: Kharif, Late-Kharif, and Rabi. The Rabi-harvested onions, available from April to May, are crucial for maintaining year-round supply and stabilizing market prices. Effective storage of these onions, which can last up to six months, is essential due to their semi-perishable nature. Onion is one of the most highly valued vegetable crops and is regularly consumed. However, it is a seasonal crop, and in India, it is cultivated in three crop seasons: Kharif, Late-Kharif, and Rabi....

आलू के बीज की गुणवत्ता - आलू उत्पादन का अभिन्न अंग High yields of potato revolve around use of high-quality seed potatoes. Access to quality seed to end users is the main requirements for bridging significant yield gaps for potatoes. Genetic purity, sound physiological age, disease free, proper seed size and free from internal/ external damage are the major parameters of quality seed potato tuber. Cultivar, soil type, weather conditions, water management, plant population, seed piece size, pests and diseases and agricultural management practices from seedbed preparation to storage, i.e., tillage, planting, pest management, haulm killing and harvesting affect the quality seed potato tuber production. Seed potato quality is ensured by seed certification...

Main components of natural farming and benefits of their use प्राकृतिक खेती एक कृषि पद्धति है जो रसायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों और जुताई के बिना खेती करने पर जोर देती है इसका मुख्य उद्देश्य पर्यावरण को सुरक्षित रखते हुए स्वस्थ और प्राकृतिक उत्पाद उगाना है। यह पद्धति मासानोबू फुकुओका का द्वारा विकसित की गई थी जिसे फुकुओका विधि भी कहा जाता है। जिसमें केवल प्राकृतिक आदानों का उपयोग किया जाता है। प्राकृतिक खेती फसलों, पेड़ों और पशुधन को एकीकृत करती है, जिससे कार्यात्मक जैव विविधता के इष्टतम उपयोग की सुविधा मिलती है। प्राकृतिक खेती मिट्टी की उर्वरता और पर्यावरणीय स्वास्थ्य की बहाली, और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का शमन या निम्नीकरण, प्रदान करते हुए...

Management of Root-knot Nematode in Pomegranate सूत्रकृमि (निमेटोड) एक तरह का पतला धागानुमा कीट होता है। यह जमीन के अन्दर पाया जाता है। इसे सूक्ष्मदर्शी की सहायता द्वारा आसानी से देखा जा सकता है। इनका शरीर लंबा बेलनाकार तथा बिना खंडों वाला होता है। मादा सूत्रकृमि गोलाकार एंव नर सर्पिलाकार आकृति का होता है। इनका आकार 0.2 मि.मी. से 10 मि.मी. तक हो सकता है। सूत्रकृमि कई तरह के होते हैं और इनमें से प्रमुख जड़गांठ सूत्रकृमि है। इनका प्रकोप फसलों पर ज्यादा देखा गया है। ये परजीवी सूत्रकृमि के रूप में मृदा अथवा फसलों के ऊतकों में रहते हैं। ये कई वर्षों तक मिट्टी के नीचे दबे रह सकते हैं और...

Cercospora disease of chilli मिर्च (Capsicum annum L.) उष्णकटिबंधीय और उपउष्णकटिबंधीय देशों के व्यंजनों का एक महत्वपूर्ण घटक है और यह वैश्विक स्तर पर चौथी प्रमुख खेती की जाने वाली फसल है। मिर्च दक्षिणी अमेरिका की मूल निवासी है। इसे 'वंडर स्पाइस' कहा जाता है। मिर्च हर भारतीय व्यंजन में महत्वपूर्ण सब्जी और मसाला होती है और पूरे देश में उगाई जाती है। तीखे रूप में इन्हें हरी मिर्च, सुखी मिर्च, मिर्च पाउडर, मिर्च पेस्ट, मिर्च सॉस, मिर्च ऑलियोरेसिन या मिश्रित करी पाउडर के रूप में उपयोग किया जाता है। सूखे फल मसालों में व्यापक रूप से उपयोग किए जाते हैं। यह व्यंजनों में स्वाद, रंग और तीखापन जोड़ती है। मिर्च का उपयोग...

Durum Wheat Varieties and Quality Seed Production Techniques दुनिया की एक तिहाई आबादी के लिए खाद्य अनाजों में चावल के बाद गेहूँ मुख्य भोजन है। गेहूँ की खेती लगभग 800 ई.पू. के बाद से शुरू हुई। डी कैंडोले के अनुसार गेहूँ की उत्त्पत्ति फ़रात और दजला की घाटी है तथा वाविलोव के अनुसार ब्रेड गेहूँ की उत्त्पत्ति दक्षिणी-पश्चिमी अफगानिस्तान, पश्चिमी पाकिस्तान, बबशारा पहाड़ी का दक्षिणी भाग और कठिया गेहूँ एबिसिनिया को माना जाता है। विश्व में गेहूँ उत्पादन करने वाले प्रमुख देश में चीन, भारत, रूस, अमेरिका, फ्रांस, कनाडा, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया और तुर्की आदि है I भारत में गेहूँ को विभिन्न नामो से जाना जाता है जैसे बंगाली में गोम ,...

काजू में चाय मच्छर कीड़े का प्रबंधन Cashew (Anacardium occidentale L., Family: Anacardiaceae) is one of the important commercial plantation crops in India. Insect pest infestation is a major production constraint in cashew cultivation. Tea mosquito bugs (TMB)– Helopeltis spp (Miridae: Heteroptera), are most serious insect pest of cashew in India and causes more economic loss to the crop. There are four species of TMB viz., Helopeltis antonii, H. bradyi, H. theivora and Pachypeltis maesarum (Hemiptera: Miridae) were found to infest in cashew. The mirid bug H. antonii is the dominant species and has been found infesting in all major cashew growing regions of India followed by H.bradyi and H. theivora. It...

Aquaponics revolution for fisheries एक्वापोनिक्स मछली पालन (जलीय कृषि) को हाइड्रोपोनिक्स (मिट्टी रहित पौधों की खेती) के साथ जोड़कर, भोजन उगाने का एक आकर्षक और टिकाऊ तरीका है। इस बंद-लूप प्रणाली में, मछली का कचरा पौधों के लिए पोषक तत्व प्रदान करता है, जबकि पौधे मछली के लिए पानी को फ़िल्टर और शुद्ध करते हैं। यह एक सहजीवी संबंध बनाता है, अपशिष्ट को कम करता है और संसाधन दक्षता को अधिकतम करता है। एक्वापोनिक्स प्रणाली के घटक हैं मछली, पौधे, बढ़ते मीडिया (बजरी, मिट्टी के कंकड़, या अन्य निष्क्रिय सामग्री पौधों के विकास का समर्थन करते हैं), सिस्टम प्रकार (रीसर्क्युलेटिंग सिस्टम छोटे घरेलू सेटअप से लेकर बड़े वाणिज्यिक खेतों तक आकार और...