Author: rjwhiteclubs@gmail.com

कीवी फल की वैज्ञानिक तरीके से खेती कीवी का वैज्ञानिक नाम एक्टिनीड़िया चाईनैंसिस है। इसे चाइनीस गूसबेरी भी कहते हैं। यह एक बहु-वर्षीय बेल वाला पौधा है जिसमें नर व मादा अलग-अलग होते हैं। इसके फल सहिष्णु, गोलाकार या बेलनाकार होते हैं तथा हल्के भूरे रेशों द्वारा ढके रहते हैं। फल का गूदा हरे रंग का तथा काले छोटे बीजों से भरा रहता है। कीवी फल मे पोषक तत्व इस फल में 81.2% पानी, 0.79% प्रोटीन, 0.071% वसा, 16 मि.ग्रा. कैल्शियम, 340 मि.ग्रा. पोटेशियम, विटामिन-ए 175 आई यू/100 ग्रा. और 150 मि.ग्रा. विटामिन-सी, कार्बोहाइड्रेट एवं अन्य विटामिन प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। कीवी फल उत्‍पादन के लि‍ए जलवायु इसके लिए विशेष जलवायु की आवश्यकता होती है।...

Farmers benefit from the use of organic agents in crops किसान की आय दोगुना करने के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु किसान भाईयों को अपनी फसलों पर होने वाले रासायनों एवं कीट नाशकों पर अत्यधिक खर्च को कम कर के लाभ प्राप्त किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश में फसलों को कीटों, रोगों एवं खरपतवारों आदि से प्रति वर्ष 7 से 25 प्रतिशत की क्षति होती है। प्रदेश में 33 प्रतिशत क्षति खरपतवारों द्वारा, 26 प्रतिशत रोगों द्वारा, 20 प्रतिशत कीटों द्वारा, 7 प्रतिशत भण्डारण के कीटों द्वारा, 6 प्रतिशत चूहों द्वारा तथा 8 प्रतिशत अन्य कारकों से होती है। इस क्षति को रोकने के लिए कृषि रक्षा रसायनों का प्रयोग किया जा...

इमली, शुष्क भूमि में खेती के लिए एक बहुउद्देशीय वृक्ष Tamarind (Tamarindus indica L.) is a leguminous tree grown as waste land crop and is found throughout the tropic and sub-tropic terrain of country. It is almost found throughout the world and has become naturalized at many places particularly in India, South East Asia, tropical America, the Pacific Islands and also in the Caribbean. Tamarind is a perfect crop for cultivation under dry land arid condition because of its hardy nature which requires very less of grower attention after the establishment. Therefore suitable cultivars need to be explored for the betterment of farmer of such region and also for maintaining the ecosystem...

Adverse effects of flood and measures to prevent it आसाम और बिहार मे हर साल बाढ़ की वजह से करीब अनेक लोग मारे जाते है। पि‍छले साल 45 लाख से ज्यादा लोग इससे सीधे प्रभावित हुए थे। इस साल 2020 मे भी वही परिस्‍थि‍ति‍ है, हालत बत से बत्तर हो गई है। लाखों लोगों की जिंदगी पर इससे फर्क पड़ा है। उत्तरी बिहार की 76% आबादी बाढ़ की तबाही के आवर्ती खतरे मे है और बिहार के भोगोलिक क्षेत्रफल का लगभग 73.06% भाग बाढ़ से प्रभावित हुआ है।  आसाम हमेशा से भारत मे सबसे ज्यादा बाढ़ से ग्रस्त रहने वाला राज्य रहा है, इसके पीछे का मुख्य कारण आसाम से गुजरती नदी ब्रह्मपुत्र...

जलीय फसल मखाना की निर्यात क्षमता, पोषण महत्‍व और वाणिज्यिक खेती Makhana (Euryale ferox Salisb.), Family Nymphaeaceae, is an important non-cereal aquatic crop cultivated in stagnant perennial water bodies like ponds, land depressions, oxbow lakes, swamps and ditches. Makhana is also commonly known as Fox nut and Gorgon nut, the propped seeds of makhana is eaten and also used in preparation of various kind of sweets and recipes. Makhana plant is distributed to almost every parts of the world and considered as a native of South-East Asia and China. In general, its distribution is mainly limited to tropical and sub-tropical regions of South-East Asia and also known to exist in Japan, Korea, Russia,...

Organic Farming in Jammu and Kashmir - Challenges and Prospects आधुनिक फसल उत्पादन प्रणाली ने पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए कई समस्याएं पैदा की हैं। मिट्टी और पौधों पर कृषि-रासायनों के असंतुलित प्रयोग से न केवल मिट्टी के बैक्टीरिया, कवक, एक्टिनोमाइसेट्स आदि को नुकसान पहुंच रहा है, बल्कि कीट प्रतिरोध और कीट पुनरुत्थान जैसी घटनाओं को भी जन्म दिया है। पर्यावरण, आर्थिक और सामाजिक पहलुओं पर आधुनिक कृषि के दुष्प्रभावों के कारण खेती के ऐसे वैकल्पिक तरीकों की तलाश शुरू हो गई है जो कृषि को अधिक टिकाऊ और उत्पादक बना दे। जैविक खेती एक विकल्प है जो सभी पारिस्थितिकीय पहलुओं को महत्व देता है। भारत में आज जैविक खेती के तहत...

Necessity of soil health card and soil testing कृषि‍ उत्‍पादकता बढाने के लि‍ए मृदा स्‍वास्‍थ्‍य पर ध्‍यान केंदि‍‍‍त करना अत्‍यंत आवश्‍‍‍‍यक है इस बात को ध्‍यान मे रखते हुऐ वर्तमान सरकार ने पूरे देश में मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना शुरू की है। इसमे मृदा का परीक्षण करना तथा उसका ब्‍योरा रखना बहुत महत्‍वपूर्ण कार्य माना गया है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड की विशेषताएं सरकार ने इस योजना के तहत पुरे भारत के 14 करोड़ से भी ज्यादा किसानों तक इस स्कीम से जोडने की सोचा है। यह योजना भारत के हर क्षेत्र में उपलब्ध है। इस योजना से जुड़े हुए सभी किसानों को उनका मृदा स्वास्थ्य कार्ड ऑनलाइन और प्रिंट कर के दिया जाता है। मिटटी...

लहसुन की वैज्ञानिक तरीके से खेती लहसुन दक्षिणी यूरोप का मूल निवासी है और पूरे भारत में मसाले या मसालों के रूप में उगाया जाता है। उड़ीसा के बाद गुजरात सबसे बड़े उत्पादक राज्य हैं। इसका उपयोग पेट की बीमारी, गले में खराश और कान में दर्द के इलाज के रूप में किया जाता है। यह आमतौर पर विभिन्न व्यंजनों की तैयारी में उपयोग किया जाता है।  लहसुन की खेती के लि‍ए जलवायु और मिट्टी यह जलवायु परिस्थितियों की एक विस्तृत श्रृंखला के तहत उगाया जाता है। हालाँकि  बहुत गर्म या बहुत ठंडा मौसम इसके लिए अनुकूल नही होता है। यह गर्मियों के साथ.साथ सर्दियों में भी मध्यम तापमान पसंद करता है। बल्ब के...

Compilation of meteorological data and their importance in agricultural research कृषि मौसम विज्ञान वह विज्ञान है जिसमे मौसम और जलवायु विज्ञान के आंकड़ों (डेटा) व नियमों का उपयोग कृषि उत्पादन में गुणात्मक और मात्रात्मक सुधार के लिए किया जाता है । विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) के अनुसार जलवायु संबंधी सामान्य गणना के लिए ने कम से कम 30 वर्षों के मौसम के आंकड़ों की आवशयकता होती है। उदाहरण के लिए ≥ 30 वर्षो के तापमान का औसत उस स्थान के लिए सामान्य तापमान कहलाता है। कृषि संबंधी जानकारी में न केवल फसलों की वृद्धि और विकास बल्कि फूलों की खेती, कृषि और पशुधन के हर चरण के तकनीकी कारक इत्यादि शामिल...

एग्रो-इकोसिस्टम विश्लेषण पर आधारित पादप स्वास्थ्य प्रबंधन Agricultural crops are widely distributed in different agro-ecological regions and thus in different regions the pest management practices differ on various crops. Decision making in pest management requires an analysis of the agro eco system. During the late 90s, FAO started advocating Agro-Ecosystem Analysis (AESA) based IPM (Gurr et al., 2004). Agro Ecosystem Analysis (AESA) is an approach, which can be employed by extension functionaries and farmers to analyze the field situations and monitor the population of pests, defenders, soil conditions, plant health and the influence of climatic factors to make informed decisions for growing a healthy crop. In AESA, farmers observe the crop, analyze...