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Increase dietary quality with nutritious Samai or barnyard millet वर्तमान समय में जहाँ एक तरफ कोविड-19 महामारी अपने पैर पसारती जा रही है वहीं दूसरी तरफ लोग जीवन शैली संबंधी बीमारीयों जैसे - मधुमेह, मोटापा, हृद्यघात, ब्लडप्रेशर आदि से जूझ रहे हैं. अत: इनसे बचने हेतु उत्तम गुणवत्ता युक्त आहार का सेवन बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है. आहार की गुणवत्ता विभिन्न प्रकार के पोष्टिक खाद्य पदार्थो का समावेश द्वारा बढ़ाई जा सकती है. सांवा या सामा या सांवक के चावल (sanwa rice) जिसे अंग्रेजी में बार्नयार्ड मिलेट (barnyard millet) नाम से जाना जाता है, पोष्टिकता से भरपूर एक छोटा मिलेट (उपेक्षित अनाज) है. इसमें पर्याप्त प्रोटीन, उच्च फाइबर, बी-विटामिन एवं उपयोगी मिनरल्स पाए है....

गौंवंश ब्रुसेलोसिस: भारत में संक्रामक गर्भपात की व्‍यापकता Brucellosis is one of the most common but often neglected zoonotic diseases in the India. The disease occurs worldwide, but in some countries, the disease is often underreported and there is little or no control, which leads to major health, economic and livelihood burdens. Despite its brutal impact on economic loss, it is also associated with high morbidity, both for humans and animals in developing countries like India. Brucellosis is a contagious, costly disease of ruminant (E.g. cattle, bison and cervids) animals that also affects humans. Although brucellosis can attack other animals, its main threat is to cattle, bison, cervids (E.g. elk and deer),...

कीवी फल की मुख्य प्रजातियां 1. एबट - यह एक अगेती किस्म है। इसके फल मध्यम आकार के तथा इनका औसत वजन 40-50 ग्राम होता है। 2. एलिसन - इसके फल पतले और लंबे होते हैं जिनमें खट्टापन जरा ज्यादा होता है। 3. ब्रूनो - इसके फलों का आकार मध्यम एवं रंग भूरा होता है। फलों में अम्लता कम होती है तथा इस प्रजाति को अपेक्षाकृत कम तापमान की आवश्यकता होती है। 4. हेवर्ड - इसके फल ज्यादा आकर्षक दिखते हैं तथा इन्हें ज्यादा समय तक रखा जा सकता है। इसमें घुलनशील शर्करा 14% तक होती है जो अन्य प्रजातियों से काफी अधिक है। कम ताप वाले ऊंचे पर्वतीय क्षेत्र इसके लिए अधिक उपयुक्त होते हैं। इस प्रजाति...

परवल या पॉईटि‍ड गोड की उन्‍नत कि‍स्‍में। परवल की कि‍स्‍में :  परवल की प्रमुख उन्नतशील किस्मे निम्नवत है  किस्मे          विशेषता एफ. पी- 1 इसके फल गोल एवं हरे रंग के होते है, तथा यह मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश एवं बिहार में उगाई जाती है | एफ. पी- 3 इस प्रजाति के फल पर्वल्याकार होते है तथा इनपर हरे रंग की धारियां होती है | तथा ये पूर्वी एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए उपयुक्त प्रजाती है | एफ. पी- 4 इस प्रजाती के फल हलके हरे रंग के एवं पर्वल्याकार होते है, तथा उसर भूमी के लिए उपयुक्त किस्म है, प्रति हेक्टेयर 100-110 कुंतल उपज प्रदान करती है | राजेन्द्र परवल-1 यह किस्म मुख्या रूप से बिहार के दियारा क्षेत्र...

Soil Health Management through Waste Management भारत में बड़ी संख्या में फसलें उगाई जाती हैं जिसके चलते प्रतिवर्ष लगभग 100 मिलियन टन फसल अवशेष रीसाइक्लिंग के लिए उपलब्ध होते हैं। इन फसलों के आर्थिक भागों का उपयोग करने के बाद, कुछ फसलों को छोड़कर, अक्सर अवशेषों को जलाकर निपटाया जाता है जिससे इनका ज्यादातर भाग बर्बाद हो जाता है एवं वातावरण प्रदूषित होता है। यह फसल अवशेष पौधों के पोषक तत्वों (क्रमशः 0.5, 0.6 और 1.5 मिलियन टन के लगभग नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश) का एक बड़ा भंडार हैं। घरों तथा खेतों में जो कूड़ा करकट पैदा होता है उसे अगर ऐसे ही इधर-उधर पड़ा रहने दें तो वह एक गंदगी का...

Importance of soil testing and method of collecting soil samples भारत में मिट्टी परीक्षण सेवा 1956 मे 24 प्रयोगशालाओं के साथ शुरू हुई थी।  मृदा की जाँच एक रसायनिक प्रक्रिया है जिससे मिट्टी मे उपस्थित पौधों के पोषक तत्वों का निर्धारण व प्रबंधन किया जाता है।मृदा जांच से फसल बोने से पूर्व ही पोषक तत्वों की आवश्यक मात्रा ज्ञात की जाती है। जिससे आवश्यक उर्वरकों की पूर्ति फसल की आवश्यक्ता के अनुसार किया जा सके। मृदा जाँच के उददेश्य:– मृदा में पोषक तत्वों की सही मात्रा ज्ञात करना तथा उसके आधार पर संतुलित उर्वरकों का उपयोग करना। मृदा की विशिष्ठ दशाओं का निर्धारण करना जिससे मृदा को कृषि विधियों और मृदा सुधारक पदार्थों की...

गेहूँ उत्पादन की टिकाऊ एवं प्रभावी प्रौद्योगिकियाँ भारत में गेहूँ लगभग 31.17 मिलियन हैक्टर क्षेत्रफल पर उगाया जाता है जो कुल फसल क्षेत्रफल का 24.94 प्रतिशत है। जिसमें पाँच कृषि जलवायु क्षेत्र उत्तरी पहाड़ी क्षेत्र, उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्र, उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्र, मध्य क्षेत्र एवं प्रायद्वीपीय क्षेत्र शामिल हैं। वर्ष 2019-20 के दौरान इन क्षेत्रों का कुल खाद्यान्न उत्पादन में 36.79 प्रतिशत का योगदान है। गेहूँ दुनिया भर के सबसे महत्वपूर्ण खाद्य पदार्थों में से एक है। यह लगभग 250 करोड़ से अधिक लोगों का मुख्य भोजन है, इससे दुनिया भर में खपत होने वाले प्रोटीन के 20 प्रतिशत हिस्से की पूर्ति होती है। गेहूँ भारत वर्ष की एक प्रमुख खाद्यान्न...

कृषि में इलेक्ट्रोसपिनिंग नैनोफिब्रिज के अनुप्रयोग  Nanofibres are able to form a highly porous mesh and their large surface-to-volume ratio improves performance for many applications. Electrospinning has the unique ability to produce nanofibres of different materials in various fibrous assemblies. Electrospinning was first patented in the US in 1902. However, the process was largely forgotten until the 1990s. With interest in the field of nanoscience and nanotechnology, researchers began new investigations of nanofiber production using electrospinning (Seeram et al. 2006). The number of patents and applications for processes and applications based on electrospinning has also grown in recent years. Types of Electrospinning Although fibers produced by different electrospinning methods have attracted increasing attention in...