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Pig farming an introduction हमारा देश तेजी से बढती आबादी के लिए खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ पोषण सुरक्षा से संबंधित चुनौतियों का सामना कर रहा है, इनके समाधान के लिए पशु पालन हेतु समन्वित दृष्टिकोण अपनाने की जरुरत है। विभिन्न पशुधन प्रजातियों में, सुअर पालन मांस उत्पादन के लिए सबसे अधिक संभावनापूर्ण स्त्रोत है और सुअर ब्रायलर के बाद आहार को सबसे अधिक मांस में परिवर्तित करने वाले पशु हैं मांस उपलब्ध कराने के अलावा, ये शूक (कडे बाल) और खाद के भी स्त्रोत हैं. सुअर पालन मौसमी रुप से रोजगार प्राप्त करने वाले ग्रामीण किसानों को रोजगार के अवसर प्रदान करेगा और अनुपुरक आय भी पैदा होगी जिससे उनके जीवन स्तर...

मछली पालन तालाबों में जलीय खरपतवार नि‍यंत्रण के उपाय  तालाबों में उगने वाले जलीय पौधे मछली और वन्यजीवों के लिए फायदेमंद होते हैं वे भोजन, घुलित ऑक्सीजन, और मछली और जलपक्षी के लिए निवास स्थान प्रदान करते हैं। जलीय पौधे अत्यधिक पोषक तत्वों को अवशोषित कर सकते हैं और रसायनों के विषाक्त प्रभाव को कम करते हैं शैवाल और अन्य जलीय पौधों के घने विकास (सतह क्षेत्र का 25% से अधिक) गंभीर रूप से तालाब में बाधा डाल सकते हैं और जलीय जीवन के लिए खतरा उत्पन्न कर सकते हैं। पानी के पौधे तैराकी, नौका विहार, मछली पकड़ने और अन्य जलीय क्रियाओ को प्रतिबंधित कर सकते हैं। पानी के पौधे अप्रिय स्वाद (मस्टी...

ताजे एवं पौष्टिक सब्जीयों का बेहतर विकल्प: गृह वाटिका  आधुनिक युग में लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा जागरूक हुए हैं। सभी लोग रोजाना के भोजन में पौष्टिक एवं ताजी सब्जियों को अधिक महत्व देने लगे हैं। इसके लिए गृह वाटिका एकमात्र ऐसा विकल्प है जिससे परिवार के लिए ताजी एवं पौष्टिक सब्जियाेे को वर्ष भर उगाया जा सकता है। गृह वाटिका से ना सिर्फ सब्जियां उपलब्ध होती हैं अपितु घर की शोभा भी बढ़ती है तथा लोगों में सब्जी उगाने की कला का भी सृजन होता है। नगरो एवं महानगरों में जमीन की कमी होने के कारण छत या छज्जे ऊपर गमलों में भी सब्जियां उगाई जा सकती हैं। गृह वाटिका से...

How to manage saline and sodic soils लवणीय एंव क्षारीय भूमि भारत के शुष्क एंव अर्द्धशुष्क जलवायु वाले क्षेत्रों में पाई जाती है। इन स्थानों पर प्रायः भूमि जल भी खारा पाया जाता है। और इसी खारे पानी के खेती में उपयोग से लवणयिता एंव क्षारीयता की समस्या उत्पन्न होती है। भारत में करीब 6.73 मिलियन हेक्टयर भूमि लवणीय एंव क्षारिय श्रेणी के अन्र्तगत पाई गई है। लवणीय भूमि वह है जिसमें संतृप्ति मिट्टी के अर्क की विद्यूत चालकता 4 डीस/मीटर से अधिक होती हैं। लवणीय भूमि के सोडियम, कैल्शियम, मैगनीशियम के क्लोराइड एंव सल्फेट लवणों की अधिक मात्रा पाई जाती है। जिससे मिट्टी के घोल का रसाकर्षण दबाव बढ़ जाता है,...

Integrated Insect Pest Management of Sugarcane गन्नेे में समेकित कीट प्रबंधन की विभिन्न क्रियाआ द्वारा फसल की उत्पादकता एवं गुणवता में वृद्वि करने के लिए किसानों को निम्नलिखित बिन्दुओं खेतों में सुनियोजित ढंग से अपनाने की जररुत है। गन्ना को रोपने से कटनी तक साप्ताहिक निगरानी कर छिद्रक कीट एवं उनके मित्रों के बारे में जानकारी रखना। छिद्रक कीटों को नष्ट करने के लिए उन्हीं तकनीकों को अपनायें जिनसे वातावरण प्रदूषित न हो उर्वरकों तथा रसायनों की संस्तुति मात्रा का उचित समय पर प्रयोग। उपयुक्त प्रजाति तथा कीट मुक्त गन्ना का चयन। खेत की गर्मियों में गहरी जुताई करके खुला छोड़ना तथा खरपतवार मुक्त रखना। गन्ना के कीटों की पहचान, जीवन चक्र, आपात का समय एवं लक्षण...

कृषि क्षेत्र में जैव-आवेगों का योगदान The increase in the world's population, coupled with the limitations in the world's supply of natural resources and widespread degeneration of the environment presents a major challenge to agriculturalists. Chemical fertilizer is used to give the plant nutrient requirements within a short period to get faster results. Newly improved varieties of crops need high proportions of fertilizer. But chemical fertilizer has certain limitations and entails a lot of disadvantages. No doubt, the application of chemical fertilizer provides nutrition in high concentration in the soil and plants. When chemical fertilizer is applied, the entire contents would not be absorbed by the plants and the remaining parts would...

जैविक खेती के लिए पंचगव्य बनाने की वि‍धि‍। In India the “Green Revolution” pesticides and chemicals were introduced and pushed through all the publicity media and scientific institutions.  It increased the agricultural productivity but as the years passed on, the soil got contaminated due to chemical residues. After realising the ill impacts of overuse of chemicals, once again farmers started to go back to what they knew best – organic farming. Tiny steps were taken to replace chemical fertilizers, pesticides and fungicides, with organic manure. But nothing was available to replace growth promoting hormones and immunity boosters, and to bring sustained higher productivity. So farmers, and some scientists, started experimenting with medicines mentioned in the...

ग्रीनहाउस में खीरे की उन्नतशील खेती  साधारणत:खीरा उष्ण मौसम की फसल है। वृध्दि की अवस्था के समय पाले से इसको अत्यधिक हानि होती है। फलों की उचित वृध्दि व विकास के लिए 15-200c का तापक्रम उचित होता है। आजकल विदेशों मे उपलब्ध किस्मों को सर्दी के मौसम मे भी ग्रीन हाउस या पोली हाउस मे सफलतापूर्वक उगाया जा सकता है। इस प्रकार के ग्रीनहाउस या पॉलीहाउस को ठण्डा या गर्म करने के आवष्यकता नही होती है तथा पॉली हाउस में एक वर्ष मे खीरे की तीन फसले पैदा करके अत्यधिक लाभ लिया जा सकता है। पौध तैयार करना ग्रीन हाउस नर्सरी में खीरे की वर्ष भर पौध तैयार की जा सकती है। बीजों...

बंद गोभी की उन्नत खेती बंद गोभी या पात गोभी का वानस्पतिक नाम ब्रैसिका ओलिरेसिया वेरायटी कैपिटाटा एवं उत्पत्ति स्थान उत्तरी यूरोप एवं भूमध्य सागर का उत्तरी तट हैं | बंद गोभी का प्रयोग यूनानियों एवं रोमवासियों द्वारा प्राचीन काल (2500-2000 ई.पू.) से किया जा रहा है | यूरोप में इसका उल्लेख नवीं शताब्दी में मिलता है | यहाँ से ही यह शक भारत में आया | इसका सर्वाधिक उत्पादन पशिचम बंगाल में होता है | इसके अतिरिक्त उडीसा, बिहार, आसाम, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, हरियाणा, आदि अन्य राज्यों में इसका उत्पादन किया जाता है | किस्म का नाम विशेषताएं (अ) अगैती किस्मे 1. कोपेनहेगेन मार्केट 90 दिन में परिपक्वता 2. गोल्डन एकर 60-65 दिन में परिपक्वता 3. प्राइड ऑफ इंडिया 70-90...

Measures to increase production in rabi crops वर्तमान जलवायु परिवर्तन के दौर में विभिन्न फसलों का अपेक्षित उत्पादन एक गंभीर चुनौती है। मृदा उर्वरता घटने के कारण वर्तमान खाद्यान्न उत्पादन स्तर भी बरकरार रख पाना कठिन प्रतीत हो रहा है। कृषि उत्पादन में बढोतरी के लिए हमारे सामने दो महत्वपूर्ण विकल्प हैं - पहला यह कि हम पैदावार बढा़ने के लिए कृषि योग्य भूमि में वृद्धि करें जो कि लगभग असंभव है। अब हमारे पास सिर्फ दूसरा महत्वपूर्ण विकल्प बचता है कि कम से कम क्षेत्रफल से अधिक से अधिक पैदावार लें। एकीकृत फसल प्रबंधन एक ऐसी विधि है जिससे पर्यावरण संरक्षित रखते हुए अधिक कृषि उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। दीर्घकालीन...