Author: rjwhiteclubs@gmail.com

जैव उर्वरक: टि‍काऊ खेती के लिए एक साधन After the introduction of chemical fertilizers in the last century, farmers were happy of getting increased yield in agriculture in the beginning. However, slowly chemical fertilizers started displaying their ill effects such as leaching out and polluting water basins, destroying microorganisms and friendly insects, making the crop more susceptible to diseases, reducing the soil fertility and thus causing irreparable damage to the overall system. A number of intellectuals found that biofertilizers can help in increasing the yield without causing the damage associated with chemical fertilizers. What is Bio Fertilizer?  Biofertilizers are preparations containing microorganisms, with capability of mobilizing nutritive elements from non-usable form to usable form...

Price Analysis of Onion in Indore APMC Market सूचना का अभाव कृषि बाजारों में किसानों को विशेष रूप से छोटे किसानों को अधिक प्रभावित करता हैं। आमतौर पर किसान दूरदराज के क्षेत्रों में रहते हैं और इस कारण उन्हें बाजार की स्थितियों के बारे में कम जानकारी होती है। अगर किसानों को कृषि मूल्यों के बारे में सही और विस्तृत जानकारी उपलब्ध हो जाए तो वो अपनी उपज को सही वक्त और सही जगह पर बेचने की कोशिश कर सकते हैं। वर्तमान स्थिति में किसानों को विभिन्न माध्यमों से रोजाना कृषि मूल्यों की जानकारी मिलती है। परंतु वर्तमान में कृषि मूल्यों के बारे में रोजाना मिलने वाली जानकारी किसानों को उत्पादन और...

Integrated Management of Fruit Flies in Horticultural Crops फल-सब्जियॉ हमारे भोजन का अभिन्न अंग है। इनसे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक विटामिनों एवं खनिज लवणों की आपूर्ति होती है।  बागवानी फसलेंं कृषि‍ आमदनी का प्रमुख स्त्रोत है परन्तु इन पर लगने वाले कीटों का समय पर प्रबन्धन न किया जायें तो उत्पादन घटने के साथ-साथ गुणवत्ता में भारी कमी आ जाती है। फल मक्खी बागवानी फसलों का एक हानिकारक कीट है, जो समस्त भारत में पायी जाती है। फल मक्खी लगभग सभी प्रकार के फल व सब्जियों को नष्ट करती है, जिससे किसान को काफी आर्थिक हानि उठानी पडती है। फल मक्‍खी का जीवन चक्र :- वयस्क फलमक्खी लगभग 7 मि. मी. लम्बी होती है,...

Soybean Crop and its 6 Major Insects सोयाबीन (ग्लाइसिन मैक्स), जिसे कई जगह सोजाबीन के नाम से भी जाना जाता है,एक खरीफ की वार्षिक फसल है|  इसे व्यापक रूप से खाद्य बीन के लिए उगाया जाता है तथा यह दलहन के बजाय तिलहन की फसल मानी जाती है | इसके मुख्य घटक प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, एवं वसा होते हैं | प्रोटीन की अधिक मात्रा होने के कारण इससे दूध उत्पाद बनाए जाते हैं | यह पशु आहार और भोजन के लिए प्रोटीन का एक अच्छा और सस्ता स्रोत है |  इससे बनने वाले खाद्य पदार्थो में सोया सॉस,और किण्वित बीन पेस्ट, नाटो,और टेम्पेह शामिल हैं|  सोयाबीन का वनस्पति तेल, खाद्य और औद्योगिक अनुप्रयोगों...

Composite Hydrologic Index: Groundwater recharge estimation tool भूजल , पुनर्भरण वर्षा, भू-आकृति, मिट्टी के प्रकार और भूमि उपयोग, जलवायु और क्षेत्र के भूगर्भीय कारक पर निर्भर करता है। पिछले कुछ वर्षों में, भूजल पुनर्भरण में कमी आई है तथा भूजल का उपयोग बढ़ गया है। इसके परिणाम स्वरूप भारत के कई हिस्सों में पानी की गंभीर समस्या हो गई है। सिंचाई और घरेलू उपयोग के लिए पानी प्रदान करना एक प्रमुख चुनौती बन गया है। इसे सतह और भूजल संसाधनों के प्रबंधन के एकीकृत दृष्टिकोण से हल किया जा सकता है। जैसा की हम जानते हैं, भूजल पुर्नभरण और भूजल की मात्रा में बढ़ोतरी वर्षा के जल पर  निर्भर करता है।...

भिण्डी की उन्नत उत्पादन तकनीक   भिण्डी को खरीफ, रबी और ग्रीष्म तीनों ही मौसम में उगाया जाता है क्योंकि भिण्डी एक दिवस निष्प्रभावी पौधा है । सब्जी के रूप में भिण्डी के हरे, मुलायम तथा पोषक तत्व युक्त फल खाये जाते है। पौष्टिकता की दृष्टि से भिण्डी में विटामिन, कै‍‍‍ल्शियम, पोटेशियम प्रचुर मात्रा में पाये जाते है। इसके फलों व डण्ठलों का उपयोग कागज उद्योग में भी किया जाता है।  भि‍ण्‍डी उगाने के लि‍ए जलवायु :- भिण्डी को बढ़वार के लिए लम्बे समय तक गर्म मौसम की आवश्कता पड़ती है। इसके बीजो के अच्छे अंकुरण के लिए तापमान 20-30 डिग्री सेंटीग्रेड के मध्य होना चाहिए। तापमान 42 डिग्री सेंटीग्रेड से ऊपर होने...

शहरी आबादी में पोषण सुरक्षा के लिए किचन गार्डन Vegetable crops can be grown in kitchen gardening in vary limited space of the residential area to meet the daily requirements of vegetables of a family all the year round. It ensures a healthy diet containing macro, micro nutrients, vitamins and bio active compounds by producing diverse kind of vegetables. The fast food in city areas has evolved with the changing lifestyles of the young population. This fast food contributes little or no nutrient value to the diet, but instead provides excess calories and fat which affects health and resulting in obesity, loss of appetite, peptic ulcer, etc. Vegetables play an important role to...

Fertigation system in micro irrigation जब ड्रिप सिंचाई प्रणाली में जल के साथ - साथ उर्वरक , कीटनाशी एवं अन्य घुलनशील रासायनिक को सीधे पौधों की जड़ों तक पहुंचाया जाता है, इस प्रणाली को फर्टिगेशन कहा जाता है । परंपरागत विधि की तुलना में इसमें जल के साथ रासायनिक उर्वरकों की भी अधिक मात्रा में बचत होती है एवं रसायन और उर्वरकों का दक्ष उपयोग होता है । फर्टिगेशन के लाभ पौधों को सही मात्रा में पानी और उर्वरक मिलता है । रासायनिक उर्वरक पानी के साथ मिलकर सीधे पौधों की जड़ों तक पहुंचते है जिससे पौधे उनको आसानी से अवशोषण करते है । जमीन के अन्य भाग में रसायन तत्व नहीं डाले जाते...

कटहल की उन्नत खेती तकनीक कटहल भारत का एक महत्वपूर्ण फल है। इसकी उत्पत्ति भारत में हुई हैं। यह विश्व के अन्य देशों में भी उगाया जाता हैं। भारत वर्ष में इसकी खेती पूर्वी एवं पश्चिमी घाट के मैदानों, उत्तर-पूर्व के पर्वतीय क्षेत्रों, संथाल परगना एवं छोटा नागपुर के पठारी क्षेत्रों, बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश एवं बंगाल के मैदानी भागों में मुख्य रूप से की जाती है। इसे दक्षिण भारत में प्रमुखता से उगाया जाता हैं। जगदलपुर व बस्तर कटहल उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हैं। कटहल का पौधा एक दीर्घजीवी, सदाबहार, 8-15 मी. ऊँचा बढ़ने वाला, फैलावदार एवं घने क्षेत्रकयुक्त बहुशाखीय वृक्ष होता है। कटहल के छोटे एवं नवजात मुलायम फल सब्जी के...

तरबूज की खेती ग्रामीण आय बढ़ाने का एक अच्‍छा साधन   तरबूज़ ग्रीष्म ऋतु की फसल है । इसका फल बाहर से हरे रंग के होते हैं और अंदर से लाल होते है। ये पानी से भरपूर व मीठे होते हैं। इसे मतीरा  और हदवाना भी कहा जाता है। तरबूज भारत मे बहुत लोकप्रि‍‍‍य फल है। बाजार मेें तरबूज की अच्‍छेे भाव आसानी से मि‍ल जाते है अत: कि‍सानो की आय बढाने मे तरबूज की खेती एक अच्‍छाा साधन हो सकता है।  तरबूज की खेती के लि‍ए भूमि : तरबूज की फसल के लिए बलुई दोमट जमीन बेहतर होती है। इसी वजह से नदियों के किनारे की दियारा जमीन इस के लिए सब से अच्छी मानी जाती...