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जलीय कृषि में असवेंदनता दवाइयों का उपयोग  मछलियाँ सवेदन शील जीवों में से एक होती है इन्हे पकड़ने, यातायात एवं किसी भी बीमारी से बचाव के लिए दवाई दिए जाने के वक्त यह बहुत ही जल्दी तनाव में आ जाती है जिसके कारण कई बार मछलियों को शारीरक चोट पहुच जाती है तो कई बार मछलियों के इन तनावों के कारण मृत्यु भी हो  जाती है जिससे प्रमुख हानि मछली पालकों को होता है इन सभी हानियों को चेतना शून्य करने वाली औषधियों का उपयोग करके कम किया जा सकता है।  इस औषधि के उपयोग से मछलियों में तिलमिलाहट कम हो जाती है जिससे आसानी से मछलियों को पकड़ा एवं एक जगह...

उष्णकटिबंधीय गाजर की गुणवत्ता बीज उत्पादन तकनीक Carrot has high yield per given area with less input and labour requirement. It has different colours such as red, orange and yellow colour for food plate and rich in antioxidants (carotene, lycopene, anthocyanin). Carrot seeds demand Globally, it is the 10th top vegetable crops in the world with annual world production. In India, carrot is cultivated in almost 22 states in India in 62,412 ha area with production of 10,73,711 MT and average productivity of 17.2 MT/ha. The increasing trend in carrot production in country requires support to strengthen indigenous seed production of carrot which will generate employment in rural areas as well as save a...

Role of goat farming in doubling farmer’s income बकरी पालन ग्रामीण भारत में किसानों के लिए गरीबी कम करने की तकनीकों में से एक है। 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य के साथ, संयुक्त राष्ट्र (यू.एन.) की एक विशेष एजेंसी, इंटरनेशनल फंड फॉर एग्रीकल्चरल डेवलपमेंट (आईएफएडी) के सहयोग से भारत सरकार किसानों को गरीबी से बाहर निकालकर भारत में बकरी पालन का विकास कर रही है। बकरियां पालना एक आमदनी पैदा करने वाली गतिविधि है, जिसमें विशेषकर दूरदराज के, आदिवासी और पारिस्थितिक रूप से कमजोर क्षेत्रों के लिए आय बढ़ाने और पोषण में सुधार करने की काफी संभावना है। ऐसी खेती में न्यूनतम निवेश और इनपुट लागत की...

गेंहू की पछेती बुबाई में पैदावार बढ़ाने के लिए मिश्रित शाकनाशियों का उपयोग  खरपतवार कृषि-पारिस्थितिक तंत्र में अवांछित पौंधें हैं जो सीमित संसाधनों के लिए फसलों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं जिसके परिणामस्वरूप फसल पैदावार और किसानों की आय में कमी आती है। देर से बोए गए गेहूं में, मिश्रित प्रकार के खरपतवार के कारण गेंहू की उपज में 34.3 प्रतिशत तक की कमी पाई गई, जिससे नत्रजन, पासफोरस और पोटाश की क्रमश: 2.57, 0.43 और 1.27 प्रतिशत की हानि पाई गई है। एक आंकलन के अनुसार खरपतवार नियंत्रण की औसतन लगत रु 6000 प्रति हेक्टेयर खरीफ ऋतु में और रु 4000 प्रति हेक्टेयर रबी ऋतु में आंकी गयी है जो कुल फसल...

जैविक खेती के लिए अपशिष्ट अपधटक एक वरदान  सूक्ष्मजीव सेल्लुलोज खाकर बढ़ते हैं और फिर पोषक तत्व छोड़ते हैं जो जमीन के लिए उपयोगी हैं। ज्यादा रासायनिक उर्वरक डालने से पीएच बढ़ता जाता है और कार्बन तत्व कम होते जाते हैं, बाद में ऐसी जमीन उर्वरक डालने पर भी उत्पादन नहीं दे पाती है। खेती के लि‍ए जमीन मे जीवाश्‍म होना आवश्‍यक है यदि जमीन में जीवाश्वम नहीं होंगे तो लम्बे समय तक वहा फसल उत्पादन नहीं हो सकता। इसलिए खेत में गोबर, फसल अवशेष आदि डालने चाहि‍ए।जिनके अपगठन के द्वारा वेस्ट डीकम्पोजर जमीन में पड़े उर्वरकों के पोषक तत्व को घोलकर पौधे को उपलब्‍ध करवाते हैं। कचरा अपघटक या वेस्ट डीकम्पोजर यह उत्पाद देशी...

चौडा धनिया: उष्णकटिबंधीय द्वीपों की एक सफल फसल Broad dhaniya (Eryngium foetidum  L. / Umbelliferae-Apiaceae) is a shade loving aromatic and medicinal plant also grown as a leafy vegetable in tropical regions.  Broad dhaniya plant               Broad dhaniya in flowering It is native to Central and Latin America. It is also known as Mexican coriander, cilantro, spiny coriander, fit weed, burma dhaniya, Vilayati dhaniya. CARI, Port Blair has developed its first variety through mass selection using local collections from Andaman & Nicobar Islands and named as ‘CARI Broad Dhaniya’. It has broad, long, serrated leaves with uniform growth and flowering pattern. It is rich in carotenoids, pohyphenols, chlorophyll and ascorbic...

मध्यप्रदेश में मौसम आधारि‍त खरीफ प्याज की खेती  प्याज लगभग सभी भूभागोंकी एक महत्वपूर्ण फसल है और कई देशों में इसकी व्यावसायिक रूप से खेती की जाती है। यह भारत वर्ष के प्रत्येक पाकगृह में सब्जी और मसालों में इस्तेमाल होनेवाली एक आवश्यक वस्तु है। वर्तमान में भारत दुनिया में प्याज का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है (बागवानी सांख्यिकी, 2017)। देश में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, राजस्थान, बिहार, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल प्रमुख प्याज उत्पादक राज्य हैं। देश के कुल प्याज उत्पादन का लगभग 90% पैदावार इन राज्योंसे आता हैI देश में मध्यप्रदेश दूसरा सबसे बड़ा प्याज उत्पादक राज्य है। मध्यप्रदेश सालाना 1,02.9 हज़ार हेक्टर क्षेत्र से लगभग 3721.61...

अमरूद के पुराने वृक्षों तथा बागो का जीर्णोद्धार अमरूद पोषक तत्त्वों से भरपूर एवं स्वादिष्ट फल है। देश के प्राय: सभी उष्ण तथा उपोष्ण क्षेत्रों में अमरूद की खेती की जाती है। अमरूद के पौधे लगाने के 3-4 वर्षों के बाद फल देने लगते हैं और 25-30 वर्षों तक फल देते रहते हैं। अमरूद के बाग , पुराने होने पर उत्पादन कम होने के साथ ही घने भी हो जाते हैं। ऐसे में ये वृक्ष किसानों के लिए लाभदायक नहीं रह जाते हैं। पुराने एवं अनुत्पाद्क वृक्षों को दो वर्ष में जीर्णोद्धार द्वारा ठीक किया जा सकता है। जीर्णोद्धार के माध्यम से पुन: आगामी 10-15 वर्षों तक उत्पादन ले सकते हैं। अमरूद के...

Medicinal Uses of Seed Spices: A view बीजीय मसालें एक वर्षीय शाकीय पौधे होते हैं जिनके बीजों का प्रयोग मसालों के रूप में किया जाता है। इनके बीजों का प्रयोग साबुत एवं पिसा हुआ दोनों रूपों में करते हैं। इनके बीजों से प्राप्त वाष्पशील तेल का प्रयोग खाद्य पदार्थों को स्वादिष्ट, सुवासित एवं मनमोहक बनाने में किया जाता है। बीजीय मसालें स्वाद एवं खुशबू बिखेरने के अलावा कई औषधीय गुण भी रखते हैं। इनमें विभिन्न औषधीय गुण जैसे पाचन, अग्निवर्धक, वातानुलोमक, कातहर आदि गुण पाये जाते हैं। इनका प्रयोग विभिन्न आयुर्वेदिक दवाओं को बनाने में किया जाता है जिससे इनका उपयोग काफी बढ़ रहा है।  विभिन्न बीजीय मसालों का औषधीय गुण फसलवार...

Mushroom production, product and dishes. मशरूम विशेष प्रकार की फफूंदों का फलनकाय है, जिसे फुटु, छत्तरी, भिभौरा, छाती, कुकुरमुत्ता, ढिगरी आदि नामों से जाना जाता है, जो पौष्टिक, रोगरोधक, स्वादिष्ट तथा विशेष महक के कारण आधुनिक युग का एक महत्वपूर्ण खाद्य आहार है। बिना पत्तियों के, बिना कलिका व बिना फूल के भी फल बनाने की अदभूत क्षमता रखता है।  मशरूम का प्रयोग भोजन के रूप में, टॉनिक के रूप में व औषधि के रूप में होता है। भारत जैसे देश में जहॉ की अधिकांश आबादी शाकाहारी है उस स्थिति में खुम्बी का महत्व पोषण की दृष्टि से और भी अधिक बढ़ जाता है। मौसम की अनुकूलता एवं सघन वनों के कारण भारतवर्ष में...