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उच्चहन (डॉड़) भूमि में सूरन की खेती  जिमी कंद को सूरन या ओल के नाम से जाना जाता है। इसकी खेती सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ में आसानी से हो सकती है। असिंचित भूूूूमि‍ में भी इसकी खेती की जा सकती है और सिंचाई सुविधा होने पर अन्य फसलों की तुलना में अत्यधिक लाभदायक है। इसकी खेती करने के लाभ निम्न हैं। यह 9-12 महीनों की फसल है। इसे सब्जी वाली फसल, कंदीय फसल या औषधीय फसल तीनों रूप में उपयोग कि‍या जा सकता है। इसकी मांग हमेशा बनी रहती है अतः दाम अच्छा मिलता है। यह एक ऐसी फसल है जिसे किसान अपनी आवश्यकतानुसार कभी भी विक्रय कर सकता है। मेड़ो में लगाने के लिये यह अत्यंत उत्तम फसल है। इसके...

Six major disease of brinjal and their management बैंगन भारत में उगाई जाने वाली एक महत्वपूर्ण सब्जी फसल है। उच्च तुंगता वाले क्षेत्रों के अलावा यह संपूर्ण भारत में उगाई जाती है। इसकी खेती वर्षभर की जा सकती है। यह एक बहुवर्षीय फसल के रूप में उगाई जा सकती है। परंतु इसे एक वर्षीय फसल के रूप में उगाया जाता है। बैंगन की किस्मों मे आकार आकृति के आधार पर व्यापक विविधता पाई जाती है। यह अंडाकार से लेकर लंबे क्लब आकार के हो सकते हैं तथा रंगों में यह सफेद पीले या बैंगनी या कालिमा लिए हुए हरे रंग के हो सकते हैं। बैंगन के पौधे पर विभिन्न जीवन प्रावस्थाओं में विभिन्न...

आलू की जैविक खेती की वि‍धि‍  आलू अपने अंदर बिभिन्न प्रकार का विटामिन्स, मिनिरल्स एवं एंटी ओक्सिडेंट को समाये हुए एक संपूर्ण आहार है| आलू की फसल हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब और बिहार आदि राज्यों की आर्थिक व्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान रखती है, क्योंकि यहां की जलवायु आलू उत्पादन के लिए अनुकूल है। आलू की अनुमोदित किस्में कुफरी-चंद्रमुखी, कुफरी-ज्योत, कुफरी-अशोका, कुफरी-पुखराज, कुफरी-लालिमा, कुफरी-अरुण, कुफरी-चिप्सोना, राजेंद्र आलू आदि प्रमुख किस्में है| आलू की फसल के लि‍ए भूमि  आलू की फसल के लिए अच्छे निकास वाली, उपजाऊ दोमट मिट्टी सबसे उत्तम है। यद्यपि अच्छे प्रबंध द्वारा इसे विभिन्न प्रकार की भूमियों में भी उगाया जा सकता है। इस फसल के लिए मिट्टी का पी एच मान 6-7.5 तक उपर्युक्त...

Integrated management of Major diseases of Okra and Chilli 1. भिण्डी में पाऊडरी मिल्डयू अथवा चूर्ण फंफूदी रोग रोग के लक्षण - यह भिण्डी का एक प्रमुख रोग है जो देरी से बोई गई फसल पर अत्यधिक संक्रमण करता है। रोग के लक्षण की शुरूआत पुरानी पत्तियों पर सफेद चकते के रूप में दिखाई देते है। ये चकते कुछ ही दिनो में ऊपर की और अन्य पत्तियों पर फैल जाते है। संक्रमित पौधों की पत्तियों पर सफेद पाऊडर जैसा रोगजनक देखा जा सकता है जो पत्तियों के दानो तरफ तथा पौधे के सभी भाग पर (जड़ के अतिरिक्त) पर देखा जा सकता है बाद में पौधे का ऊपरी भाग पीला पड़कर सूखने लगता है। पौधे...

दुधारू पशुओं के लिए आहार प्रबंधन  डेयरी व्यवसाय के लिए उत्तम नस्ल के साथ-साथ आहार प्रबंध अति आवश्यक है। उचित आहार प्रबंध से न केवल पशु अधिक दूध देते हैं बल्कि उसकी शारीरिक बढ़वार, प्रजनन क्षमता एवं स्वास्थ्य पर भी अनुकूल प्रभाव पड़ता है। लाभप्रद डेयरी व्यवसाय हेेतुु पशु को बचपन से लेकर वृद्धि की विभिन्न अवस्थओ, प्रजनन काल एवं उत्पादन काल के दौरान समुचित पोषण उपलब्ध होना चाहिए। बछड़े-बछड़ियों की उनकी आरंभिक अवस्था में वृद्धि एवं मृत्यूू, गर्भकाल में माँ केे आहार प्रबंधन से प्रभावित होता है । बछड़ियों को जन्म के 2 घंटे के अंदर माँ का खीस पिलाना आवश्यक है। खीस की मात्रा निर्धारण बछड़ियों के शारीरिक भार पर...

Importance of Plant Hormones on Citrus Species विश्व में नीबूवर्गीय फसल आर्थिक रूप से महत्तवपूर्ण है। ये फल विकसित और विकासशील देशों में उगाए जाते हैं, और विटामिन ‘सी’ का महत्वपूर्ण स्त्रोत है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा संचालित किये गए उच्चतम गुणवत्तापूर्ण ताजे नीबूवर्गीय फलों की मांग हमेशा से रही है। उच्च गुणवत्ता के ताजे और स्वस्थ फल पाने के लिए वनस्पती और प्रजनन के चरणों के दौरान, हार्मोन का उचित संतुलन होना जरूरी है। इसलिए हमें प्रथमतः पौध- हॉर्मोन्स और विकास नियामक की पारिभाषिक भिन्नता समझना जरूरी है। पौध-हॉर्मोन्स को फाइटोहोर्मोंस भी कहा जाता है, जो स्वाभाविक रूप से प्राप्त होनेवाला, जैविक और पेड़ो में संकेत उत्पादीत करने वाला घटक है, और...

Safety measures while using insecticides पारंपरिक कृषि प्रणाली में उत्पादन कम होने के कारण किसानों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता था अतः उनका आकर्षण आधुनिक कृषि प्रणाली के तरफ बढ़ा जि‍समें किसान उच्च पैदावार वाली कि‍स्‍मों , सिंचाई सुवि‍धा, रासायनि‍क उर्वरकाेें, तथा कीटनाशक का उपयोग करके फसल उत्पादन में कई गुना वृद्धी करने में सफल रहा । उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि के साथ ही कीट का प्रकोप बढ़ा जिसके परिणाम स्वरूप कीट द्वारा होने वाले आर्थिक नुकसान में काफी वृद्धि हुई | एक अनुमान के अनुसार हरित क्रांति के पहले वर्ष 1960 से पूर्व कीट द्वारा होने वाला औसतन नुकसान (सभी मुख्य फसलों को मिलाकर) 7.2 % था जबकि...

खाद्य फसलों का जैवप्रबलीकरण या जैवसंवर्धन: कुपोषण दूर करने की प्रभावी रणनीति Nutrition (protein, vitamins and minerals) deficiency is one of the most important public health issue across the globe, particularly in developing and underdeveloped countries. Nutrient deficiency can be overcome by consuming a diverse diet. The other alternatives are supplementation and fortification but these are difficult to sustain on a long-term basis and fortified food is not affordable and available to poor people. Biofortification  is a process to improve the nutritional value of crop plants through plant breeding, agronomic and transgenic approaches. Consumption of bio-fortified staple crops will help in the alleviation of malnutrition thereby it improves the human health condition. Presently, development...

Yellow stripe Rust disease of Wheat and its treatment मुख्यतः पीला रतुआ रोग पहाड़ों के  तराई क्षेत्रो में पाया जाता है  परन्तु पिछले कुछ वर्षों से उत्तर भारत के  मैदानी क्षेत्रो में इस रोग का प्रकोप पाया गया है | मैदानी क्षेत्रो में  सामान्यतः गेहूं की अगेती एवं पछेती किस्मों में यह रोग छोटे छोटे खंडो में क्षेत्रीय केन्द्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र ,लखनऊ द्वारा रिपोर्ट किया गया है | जनवरी और फरवरी में गेहूं की फसल में लगने वाले पीला रतुआ (यैलोरस्ट) रोग आने की संभावना रहती है। निम्न तापमान  एवं उच्च आर्दता येलो रस्ट के स्पोर अंकुरण के लिए अनुकूल होता है एवं  गेहूं को पीला रतुआ रोग लग जाता...

Mango Malformation disease and its treatment आम का गुच्‍छाा या गुम्‍मा , आम के वृक्षों पर होने वाला एक रोग है | प्रायः इस रोग के कारकों में फुजेरियम सबग्लुट्टीनेन्स नामक फफूंद का उल्लेख होता है | किन्तु अनेक विशेषज्ञों का मत है कि इस रोग का कारण पौधे में होने वाले हार्मोनों का असंतुलन हैं | एक अन्य मतानुसार इस रोग का कारण कुछ पोषक तत्वों की कमी भी हो सकती है | गुम्मा रोग से ग्रसित आम के पेड़ में पत्तियों एवं फूलों  में असामान्य वृद्धि एवं फल विकास अवरुद्ध हो जाता है | इस रोग के कारण आम के उत्‍पादन मे असाधारण कमी होती है।  ऐसा पाया गया है...