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Madhya Pradesh an emerging state in the production of horticulture crops especially potato  मध्यप्रदेश में कृषि वृद्धि 2005-06 से 2014-15 के लम्बे दशक के दौरान लगभग 9.7% प्रतिवर्ष रही जो कि दस वर्ष की अवधि के दौरान भारत के किसी बडे राज्य की कृषि में उच्चतम वृद्धि दर थी। विगत पांच वर्ष अत्यधिक महत्वपूर्ण रहे हैं जिसके दौरान कृषि सकल घरेलू उत्पाद में 14.2% प्रतिवर्ष की वृद्धि हुई। भारत में वर्ष 2017-18 में उद्यानिकी फसलों का कुल उत्पादन 311.71 मिलियन मैट्र्कि टन था एवं मध्यप्रदेश में 26.53 मिलियन मैट्र्कि टन रहा जो कि कुल भारतीय उत्पादन का 8.51% था। वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक भारत के कुल उद्यानिकी उत्पाद में 3.09% की...

पॉलीहाउस में चप्पन कद्दू उत्पादन की वैज्ञानिक विधि  पर्वतीय क्षेत्रों की भोगोलिक परिस्थितियां और यहां का मौसम फसलोत्पादन का समय सीमित कर देता है, जिससे किसानों को कम आर्थिक लाभ प्राप्त होता है। चप्पन कद्दू या समर स्क्वेश, कम गर्म तथा पाला रहित स्थान में षीघ्र उगने वाली एक व्यवसायिक फसल है। जिसकी खेती पॉलीहाउस तकनीकी से वर्ष भर या बेमौसम में की जा सकती है। साधारणतया यह फसल गर्मियों की है लेकिन इसकी मॉग बाजार में हमेशा होती रहती है। इसलिए यदि पाँलीहाउस में वैज्ञानिक विधि द्वारा इसे उगाया जाय तो वर्श भर फल प्राप्त होते रहेंगे। चप्पन कद्दू का छिलका अन्य कद्दू वर्गीय फसलों के विपरीत पकने पर कड़ा एवं...

Utilities of Soil Health Card सभी किसान भाई जानते है कि फसल उत्पादन के लिए मृदा यानि मिट्टी एक बहुत ही उपयोगी प्राकृतिक माध्यम है। पौधों को अपनी बढ़वार, जड़ व तने के विकास, फूल व फलों के निर्माण आदि के लिए भोजन के रूप् में 16 पोषक तत्वों की जरूरत होती है। ये पोषक तत्व हैं C,H,O,N,P,K,Ca,Mg,S,Fe,Cu,Zn,Mo,B एंव Cl इनमें से C,H,O तो पौधे हवा एवं पानी से प्राप्त लेते है तथा शेष 13 पोषक तत्व पौधों को मिट्टी से ही प्राप्त होते है। मिट्टी से ही पौधों को आवश्यकतानुसार पानी एवं सीधा खड़े रहने के लिए यांत्रिक सहारा मिलता है इसके अलावा मिट्टी में पौधों के लिए लाभदायक कई सूक्ष्मजीव भी...

Production and Contribution of Trichoderma microorganism and its use in Agriculture आज के समय में दिन प्रतिदिन हमारी मृदा प्रदूषित होती जा रही है। इसका मुख्य कारण लगातार रासायनिक कवकनाशी का प्रयोग करना है। जिसके कारण हमारी मृदा में रहने वाले सूक्ष्म लाभकारी जीवो की संख्या में लगातार कमी आती जा रहीं है। जिससे हमारा कृषि उत्पादन घटता जा रहा है। इसलिए आज के समय में कवकनाशी में कमी लाना अति आवश्यक हो गया है। इस कड़ी में मैं एक ऐसे ही सूक्ष्म जीव ट्राइकोडर्मा  कवक के बारे में विस्तार कर रहा हूँ, जो की हमारे मृदा के लिए बहुत ही लाभकारी है। ट्राइकोडर्मा मुख्यतः एक जैव कवकनाशी तथा अरोगकारी मृदापजीवी कवक...

 ग्वार, बाजरे के 8 प्रमुख रोग एवं उनका प्रबंधन Rajasthan is a major producer of Cluster beans (Cyamopsistetragonoloba L) or guar among Indian states. The State produces more than 70% of total guar seed produced in the country. Guar splits, churi and Korma. Guar split is used as a main products for different industrial uses while Churi and Korma are used as cattle feed. Guar gum, also called guaran, is a galactomannan polysaccharide extracted from guar beans that has thickening and stabilizing properties useful in the food, feed and industrial applications. The guar seeds are mechanically dehusked, hydrated, milled and screened according to application. Bajra is a hardy crop grows well, even in...

Use of organic manure in fish productivity मछली पालन आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत है मछली पालन कई मछुवारे परिवारो के जीवन व्यतीत करने का प्रमुख साधन/ व्यवसाय है  परन्तु मछली पालन से जितना मत्स्य पालकों को लाभ प्राप्त होना चाहिए वो नही हो पाता है क्योकि मछलियों का उत्पादकता दर बहुत कम ही हो पाता है, जिसका प्रमुख कारण मछलियों को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्वों का नहीं मिल पाना है मछलियों में हो रहे पोषक तत्वों के कमी को खाद पदार्थो का उपयोग करके किया जा सकता है यह खाद पदार्थ बहुत से प्रकार के होते है जैसे की गाय के गोबर, सूअर, मुर्गी, पालन से निकल रहे अपशिस्ट पदार्थ...

Value added products of Mango विश्व के कुल आम उत्पादन में भारत का योगदान लगभग 44.5 प्रतिशत है। आम उत्पादन में भारत का प्रथम स्थान है तथा कुल फल उत्पादन का दुसरा स्थान है। आम के फल अपनी वृध्दि एवं विकास की हर अवस्था में उपयोगी है। आम स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पौष्टिकता से भरपूर होता है। आम को कच्चा या पका दोनों तरह से उपयोग करते हैं। जहाँ कच्चे आम में विटामिन 'सी' प्रचुर मात्रा में होता है वही पके आम में (कैरोटिनॉयडस) का बहुत अच्छा सा्रोत है। आम कैल्शियम, फॉस्फोरस, लोहा आदि खनिज लवणों का अच्छा सा्रेत है। कच्चे और पके आम में प्रोटीन, वसा, काबोहाइड्रेट, नमी, खनिज लवण, कैल्शियम, लोहा,...

अजौला: दुधारु पशुओ के लिए एक पौष्टिक आहार  भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि‍ व्यवसाय के सहायक उद्यम के रूप में पशुपालन की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रायः मानसून के अलावा पशुओं को फसल अवशेषों, सूखे चारें आदि खिलाया जाते है। पौष्टिक चारें के अभाव में पशुओं के विकास, उत्पादन तथा प्रजनन क्षमता में कमी आती है जिससे पशुपालक की आय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस समस्या से उभरने के लिए पशुपालको द्वारा अजौला उगाकर पशुओं को पौष्टिक चारा खिलाया जा सकता है। क्या है अजौला : अजौला एक जलीय फर्न है जो छोटे-छोटे समूह के रूप में सघन हरित गुच्छे की तरह जल की सतह पर मुक्त रूप से तैरती रहती हैं। भारत...