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5 Major diseases of mango and their management आम भारत का प्रमुख फल है जिसे फलों के राजा की उपाधि भी दी गई है। इसके स्वाद, उम्दा सुगंधि के साथ यह फल वि‍टामि‍न ए तथा सी का एक प्रचुर स्रोत है। आम का पाैैैधा प्रकृति‍ि‍ में दढृ होता है अतः कम कीमत व कम मेहनत में इसका रखरखाव कि‍या जा सकता है। भारत में कुल फल उत्पादन क्षेत्र 1.2 मि‍लयन हेक्टेयर में आम का उत्पादन क्षेत्र लगभग 22% है तथा उत्पादन 11 मि‍लयन टन है। उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश सवााधिक आम उत्पादक क्षेत्र हैं इसका उपयोग अपरि‍ि‍पक्व तथा परि‍पक्व दोनों अवस्थाओं में कि‍या जाता है। कच्चे अपरि‍पक्व फलों का उपयोग चटनी, अचार व जूस...

Orobanche, an unsolved problem of Indian mustard and ways of its management भारत में खेती की जाने वाली सात खाद्य तिलहनी फसलों में, रेपसीड-सरसों का तेल उत्पादन में 2.9% का योगदान होता है जो कि मूंगफली के बाद दूसरे स्थान पर आता है और ये भारत के तिलहन अर्थव्यवस्था का कुल 28% साझा करता है। भारत में सरसों को उगाने वाले प्रमुख राज्यों के अधिकांशतः क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के जैविक और अजैविक तनावों का असर पड्ता रहता है। इन तनावों में, ओरोबेंकी (Orobanche) प्रमुख चिंता का विषय बन गया है। ओरोबेंकी या ओरोबेंकी (फेलिपेन्च और ओरोबैन्के) ओरोबेंकिएसी परिवार के समूह से जुड़ीीी, एक बाध्यकारी जड़ निहित - परजीवी घास हैं और दुनिया भर...

Advanced Farming Technique of Beetroot. चुकंदर का शुमार मीठी सब्जियों में किया जाता है । चुकंदर में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट लाल तत्व में कैंसर रोधी क्षमता होती है । इतना ही नहीं यह हृदय की बीमारियों में भी कारगर माना जाता है । चुकंदर की कई प्रजातियाँ भारत में उगाई जाती हैं । अलग-अलग राज्यों में इसको अलग-अलग नाम से भी जाना जाता है । बांग्ला में बीटा गांछा, हिंदी पट्टी में चुकंदर, गुजरात में सलादा, कन्नड़ भाषा में गजारुगद्दी, मलयालम में बीट, मराठी में बीटा, पंजाबी में बीट और तेलुगु में डंपामोक्का के नाम से मशहूर प्रजातियां भारत में सामान्यतः उगाई जाती है। भारत में उगायी जाने वाली चुकंदर की प्रजातियां डेट्रॉइट डार्क...

Methods and precautions for making perfect quality compost, an alternative of toxic chemicals आज के युग में कृषि की पैदावार बढ़ाने में अच्छी भूमि, स्वस्थ बीज, आधुनिक कृषि यंत्र, उन्नत खाद, उपुक्त कीट व रोग नाशक दवाएं तथा समुचित पानी की आवश्कयता होती है। पिछले कई वर्षो से गोबर की खाद की जगह रासायनिक खादों ने ले ली है जिसके परिणाम स्वरूप भूमि की उर्वरा शक्ति तथा उसमे पाय जाने वाले अनेको जीव-जंतु व सूक्ष्म जीवो में भरी कमी पाए जाने लगी है तथा भूमि से पैदावार पर असर पड़ने लगा है जो कृषि वैज्ञानिको व किसानो के लिए एक समस्या बनने लगी है। अतः भूमि की गुणवत्ता को पुनः प्राप्त करने के...

Bael (Wood apple) production technique. बेल भारत के प्राचीन फलों में से औषधीय गुणों से भरपूर एक महत्वपूर्ण फल है। स्थानीय स्तर पर इसे बेलगिरी, बेलपत्र, बेलकाठ या कैथा के नाम से जाना जाता है। अंग्रेजी भाषा में इसे वुड एप्पल (Wood Apple) कहतें हैं। यह एक पतझड़ वाला वृक्ष हैं, जिसकी ऊंचाई 6-8  मीटर होती है और इसके फूल हरे-सफ़ेद और मीठी सुगंध वाले होते हैं| इसके फल लम्बाकार  होते है, जो ऊपर से पतले और नीचे से मोटे होते हैं| बेल को पोषक तत्वों और औषधीय गुणों के कारण बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है| इसके फल में विभिन्न प्रकार के एल्कलाॅइड, सेपोनिन्स, फ्लेवोनाॅइड्स, फिनोल्स कई तरह के फाइटोकेमिकल्स विटामिन-ए, बी.सी., खनिज तत्व...

दूधारू पशुओं में बाँझपन की समस्या के कारण एवं उनका निवारण  पिछले कई दशकों से यह पाया गया है कि जैसे-जैसे दूधारू पशुओं के दुग्ध उद्पादन में वृद्धि हुई है वैसे-वैसे प्रजनन क्षमता में गिरावट हुई है । दूधारू पशुओं की दूध उत्पादन की क्षमता प्रत्यक्ष रूप से उनकी प्रजनन क्षमता पर निर्भर करती है । दूधारू पशुओं में बाँझपन की स्थिति पशुपालकों के लिए बहुत बड़े आर्थिक नुकसान का कारण  है । पशुओं में अस्थायी रूप से प्रजनन क्षमता के घटने की स्थिति को बाँझपन कहते है । बाँझपन की स्थिति में दुधारू गाय अपने सामान्य ब्यांत अंतराल  (12 माह) को क़ायम नहीं रख पाती । सामान्य ब्यांत अंतराल को क़ायम...

गर्म मौसम की स्थिति के दौरान तेल ताड का प्रबंधन कैसे करें?  Oil palm is a humid tropical crop which requires a very high annual rainfall of more than 2000 mm well distributed @150 mm per month. In India, very few locations receive rainfall throughout the year and it is not sure that the amount will exceed 150 mm per month or not. That is why oil palm is grown and promoted as irrigated crop in India except in few pockets of high rainfall areas. This crop requires around 150 to 200 litres of water per day per palm during juvenile phase and around 200 to 250 litres per day per palm...

Baby Corn Production Technology मक्के के अनिषेचित भुट्टे को बेबी काॅर्न कहते हैं। इसकी लम्बाई 6-12 सेमी. एवं ब्यास 1-1.5 सेमी. होता है। अच्छा बेबी काॅर्न हल्के पीले रंग का होता है। सिल्क आने के 1-3 दिन के अन्दर इसकी तुड़ाई करनी चाहिए। एक वर्ष में बेबी काॅर्न की 3-4 फसलें ली जा सकती हैं। इसकी कम लागत में उत्पादन, देश के भीतर उच्च मांग, आशाजनक बाजार, मूल्य संवर्धन की गुंजाइश,  स्थानीय अर्थव्यवस्था को सहायता और बढ़ी हुई आय के कारण यह किसानों का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है। ताजी भुट्टों की कटाई के बाद बेबी काॅर्न के बचे हुए डंठल और पत्तियां पशुधन के खाद्य पदार्थाें और साइलेज के रूप...

Reaper binder: suitable machine for wheat harvesting रबी की सबसे महत्‍वपूर्ण फसलों में से गेंहॅू  एक है । वर्ष 2016-17 में देश में कुल 31 मिलियन हेक्‍टेयर क्षेत्रफल में गेंहॅू बोया गया तथा 98 मिलियन टन गेंहॅू का उत्‍पादन हुआ और गेंहॅू की औसत उपज 3161 कुन्‍तल/हेक्‍टेयर रही । गेंहॅू  की फसल तैयार होते-होते मौसम बदल जाता है और तेज हवाओं एवं बारिश की शंका बनी रहती है । ऐसे में किसान की चिंता होती है कि पकी फसल को काटकर जल्‍द से जल्‍द घर में लाया जाए । गेंहॅू को काटकर काटते समय ही मढ़ाई करके लाने के लिए कम्‍बाइंड हारबेस्‍टर का उपयोग बढ़ता जा रहा है । इस समय कम्‍बाइंड...

Biopesticides: An Eco-friendly Tool for Crop Production जैव-कीटनाशक पारिभाषिक शब्द उन यौगिकों को परिभाषित करता है जो कि व्यापक रासायनिक कीटनाशकों के बजाय विशिष्ट जैविक प्रभाव के माध्यम से कृषि कीटों का प्रबंधन करने के लिए उपयोग किये जाते है। यह जैव नियंत्रण घटकों - यानी प्राकृतिक जीवों या प्राकृतिक सामग्री (जैसे कि जानवरों, पौधों, बैक्टीरिया, या कुछ खनिजों) से उत्पन्न पदार्थों को संदर्भित करता है, जिनमें उनके जीन या चयापचय पदार्थ शामिल हैं, जो कि कीटनाशकों को नियंत्रित करने के लिए उपयोग मे लिए जाते हैं। एफ.ए.ओ. की परिभाषा के अनुसार, जैव कीटनाशकों में वो जैव नियंत्रण घटक शामिल होते हैं जो निष्क्रिय घटक हैं जो कि जैव नियंत्रण घटकों जैसे कि...