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उत्तक संवर्धित केला - बढ़ाये कृषक की आय Bananas are the fruits which now considered as world's 4th dietary staple after rice, wheat and corn. A number of people consume them in one way or the other. Banana (Musa spp.) comes under Musaceae family which have several species cultivated all round the world ( Musa acuminata, Musa balbisiana and Musa × paradisiaca for the hybrid Musa acuminata × M. balbisiana). It is world's largest herb and it is not a tree. The fruit type of banana is berry. A typical banana plant has 8 to 30 torpedo-shaped leaves that are up to 12 feet long and 2 feet wide. It is loaded with a number of vitamins and minerals viz.,  vitamin A,...

Justified use and precautions of pesticide chemicals किटनाशको का स्वभाव जहरीला होने के कारण उनके उपयोग के दौरान किसानो, खेत में काम करने वाले मजदूरो एवं जनवरो के स्वास्थ पर बुरा असर होने का खतरा बना रहता है। किटनाशको का संतुलित एवं अनुचित मात्रा पर्यावरणीय घटकों पर प्रतिकुल प्रभाव डालता है। इसलिए किटनाशको को कृषि वैज्ञानिक के सलाह परामर्श से न्यायसंगत उपयोग व स्वास्थ की सुरक्षा को देखते हुऐ इस्तेमाल करना चाहिए। लेकिन बहुत से किसानों को किटनाशको कि उचित मात्रा व सुरक्षा के बारे में ज्ञान नही होता है। या इसे महत्व नही देते है। किटनाशको से स्वास्थ कि सुरक्षा एवं प्र्यावरण को टिकाऊ बनाये रखने के लिए कृषि प्रसार सेवको, उद्योगो...

अरबी (Taro) की करे वैज्ञानिक पद्धति से खेती Taro or Colocasia is also known by the names Ghuiya, Kochai, Colocasia esculenta, etc. It is cultivated in Kharif and Zaid seasons. Its vegetable is made like potato and bhaji and pakoras are made from its leaves. Itching ends when boiled. Tuber mainly consists of starch. Vitamin 'A' and calcium, phosphorus and iron are also found in Arabic leaves. अरबी को घुईया, कोचई, Colocasia esculenta,  आदि नामों से भी जाना जाता है। इसकी खेती  खरीफ और जायद मौसम में की जाती है। इसकी सब्जी आलू की तरह बनाई जाती है तथा पत्तियों की भाजी और पकौड़े बनाए जाते हैं उबालने पर इसकी खुजलाहट समाप्त...

2 Major nematodes of Cotton crop and their management कपास गोसीपियम जाति की एक मुख्य नकदी फसल है । यह विश्व के गर्म इलाकों में उगाई जाती है। भारत में महाराष्ट्र, पंजाब, हरियणा, गुजरात मध्य प्रदेश, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश कपास के प्रमुख उत्पादक राज्य हैं। उत्तर भारत में खरीफ के मौसम में व दक्षिण भारत में यह पूरे साल उगाई जाती है। इस फसल के क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत विश्व में पहले स्थान व उत्पादन में  दूसरे स्थान पर है । अनेक प्रकार के कीट,फफूंद एवं सूत्रकृमि कपास के सफल उत्पादन को प्रभावित करते हैं। कपास के दो मुख्य सूत्रकृमि निम्नलिखित हैं। 1) जड़ गांठ सूत्रकृमि (मेलॉइडोगाइनी): यह सूत्रकृमि भारत सहित...

Importance of water use efficiency in wheat crop कृषि, उधोग तथा घरेलू उपयोगों में पानी की लगातार बढ़ती हुई मांग के मध्यनजर भविष्य में पर्याप्त जल की उपलब्धता सुनिश्चित करना एक वैश्विक चुनौती है। वैश्विक स्तर पर कृषि सम्बंधित कार्यों के लिए लगभग 70 प्रतिशत जल का उपयोग हो रहा है जो सर्वाधिक है। हालांकि अच्छी गुणवत्ता वाले जल का सिंचाई में प्रयोग काफी सीमित है, किन्तु लगातार बढ़ते हुए शुष्क क्षेत्रों एवं पर्यावरण के बदलते रूप के कारण पानी की बढ़ती कमी एक चिंतनीय विषय है। बदलते जलवायु परिवेश के संदर्भ में न केवल उपलब्ध जल का विवेकपूर्ण उपयोग जरूरी है अपितु कम जल उपयोग द्वारा अच्छा उत्पादन देने वाली तकनीकों...

Scientific cultivation of capsicum. किसान भाई शिमला मिर्च की खेती करके लाखों कमा सकते हैं । शिमला मिर्च की उन्नतशील किस्मों की खेती की जाए तो किसानों को करीब-करीब 30 से 50 क्विंटल प्रति एकड़ फसल की प्राप्ति हो सकती है । शिमला मिर्च की खेती हरियाणा, पंजाब, झारखण्ड, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक आदि प्रदेशों में अच्छी तरह से की जा सकती है । तो जानते है कैसे शिमला मिर्च की खेती को वैज्ञानिक तरीके से किया जाता है और कैसे आप इसे लाभदायक व्यवसाय बना सकते हैं | शिमला मिर्च की खेती एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें आप दो से चार महीने में अच्छा लाभ  कमा  सकते हैं । अगर  आप सही तरीके से...

Watermelon and Muskrmelon cultivation for more income in less time     तरबूज (वैज्ञानिक नाम - सिटीलुस लैनाटस ) और खरबूजा (वैज्ञानिक नाम - कुकुमिस मेलो ), जायद मौसम की प्रमुख फसल हैं। इसकी खेती मैदानों से लेकर नदियों के पेटे में सफलतापूर्वक की जा सकती हैं। ये कम समय, कम खाद और कम पानी में उगाई जा सकने वाली फसलें हैं। उगने में सरल, बाजार तक ले जाने में आसानी और अच्छे बाजार भाव से इसकी लोकप्रियता बढती जा रही हैं इसके कच्चे फलो का उपयोग सब्जी के रूप में किया जाता हैं।  इनके पके हुऐ फल अत्यंंत लोकप्रि‍य,  मीठे, शीतल, मृदुल वि‍‍‍‍‍‍रेचक एवं प्यास को शांत करने वाले होते हैं।  तरबूज एक महत्वपूर्ण ककड़ी सब्जी...

Use of Mobile in Agriculture and Agriculture related Mobile Apps मोबाइल संचार प्रौद्योगिकी की गतिशील वृद्धि, विकासशील देशों में आर्थिक विकास, सामाजिक सशक्तीकरण और जमीनी स्तर पर नवाचार के लिए अवसर पैदा कर रही है। यह लाखों ग्रामीण निवासियों को सूचना, बाजार और सेवाओं तक पहुंच प्रदान करके कृषि और ग्रामीण विकास (ए.आर.डी.) करता हे। 2015 में, भारत में 720 मिलियन मोबाइल फोन उपयोगकर्ता थे, जिनमें से 320 मिलियन ग्रामीण मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं हे। इस अनुमान में इंटरनेट सुविधा के साथ 50 मिलियन स्मार्टफोन उपयोगकर्ता भी शामिल हे । बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप द्वारा एक अध्ययन के अनुसार, ग्रामीण भारत का यह (ग्रामीण मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं) हिस्सा 2020 तक 48 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा।  हम...

Plastic Mulch (Palwar), an Advanced Gardening process  भारत में कई वषों से नई विकसित तकनीकों, संसाधनों, उन्नत तरीकों से बागवानी की जा रही है। भारत में विभिन्न प्रकार की जलवायु एवं मृदा पायी जाती है। विषम जलवायु, प्राकृतिक आपदाओं जैसे- सूखा, ओला एवं पाला आदि से फसलों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। बागवानी में मृदा नमी संरक्षण, खरपतवार नि‍यंत्रण तथा मृदा तापमान को संतुलि‍त बनाऐ रखना एक बडी चुनौती है। किसान विभिन्न उपायों जैसे- सूखी पत्तिायाँ, नारियल का बुरादा, सूखी राख, फसल अवशेष, सूखी घास, गन्ने की सूखी पत्तिायाँ, कागज आदि को अपनाकर मृदा में नमी संरक्षण करता है। पलवार का उपयोग खरपतवार वृध्दि को रोकने एवं मृदा तापमान को संतुलित बनाये रखने में...

Techniques for producing nutritional and beneficial fruits of lemon नीबू में ए, बी और सी विटामिनों की भरपूर मात्रा होती है। इसमें -पोटेशियम, लोहा, सोडियम, मैगनेशियम, तांबा, फास्फोरस और क्लोरीन तत्त्व तो हैं ही, प्रोटीन, वसा और कार्बोज भी पर्याप्त मात्रा में हैं।विटामिन सी से भरपूर नीबू शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ एंटी आक्सीडेंट का काम भी करता है और कोलेस्ट्राल भी कम करता है।  नीबू में मौजूद विटामिन सी और पोटेशियम घुलनशील होते हैं, जिसके कारण ज्यादा मात्रा में इसका सेवन भी नुकसानदायक नहीं होता। रक्ताल्पता से पीडि़त मरीजों को भी नीबू के रस के सेवन से फायदा होता है। यही नहीं, नीबू का सेवन करने वाले लोग जुकाम से...