Author: rjwhiteclubs@gmail.com

फिश एक्वेरियम निर्माण की प्रक्रिया एवं उपयोग  मछली एक्वेरियम एक जलीय प्राकृतिक सौन्दर्य का रूप है। जिसमे हम एक छोटे से आयत, वर्ग या किसी अन्य आकृति में नदी, झील, समुन्द्र या किसी जलाशय का सौन्दर्य जीवित रूप में देख सकते है एवं इस एक्वेरियम को प्रशिक्षण देने के लिए, मछली की दुर्लभ प्रजातियों को संरक्षण देने के लिए एवं एक व्यवसाय के लिये भी स्तेमाल किया जा सकता है। चुँकि जल में मछली के अतिरिक्त अन्य जीव जन्तु भी रहते है अतः उन्हे भी एक्वेरियम में संजोया जा सकता है। जैसे जलीय पादप आदि। यह एक्वेरियम एक पारदर्शी जल से भरा हुआ डिब्बा है जिसे अलग-अलग आकार एवं आकृति का बनाया...

6 major diseases of mustard and their management 1. सरसों का सफेद रोली (White rust) रोग यह सरसों का अति भयंकर रोग है। यह बीज व भूमि जनित रोग है। इस रोग के कारण बुवाई के 30-40 दिनो के बाद पतियों की निचली सतह पर सफेद रंग के ऊभरे हुए फफोले दिखाई देते है। फफोलो की ऊपरी सतह पर पतियों पर पीले रंग के धबे दिखाई देते है। उग्र अवस्था मे सफेद रंग के ऊभरे हुए फफोले पतियों की दोनो सतह पर फैल जाते है। फफोलो के फट जाने पर सफेद चूर्ण पतियों पर फैल जाता है। पीले रंग के धबे आपसमे मिलकर पतियों को पूरी तरह से ढक लेते है। पुष्पीय...

Sorting and Grading of fruits and vegetables for increasing the income of farmers. फलों एवं सब्जियों में गुणवत्ता की श्रेणी को मापने के लिए उनकी छंटाई एवं वर्गीकरण किया जाता है। यह उनकी उपयोगिता एवं मूल्यवर्धन को स्थापित करने में मदद करता है। छंटाई एवं वर्गीकरण ताजे फलों एवं सब्जियों में बाजारीकरण के लिए एक बहुमूल्य साधन है। यदि कि‍सान अपने कृषि‍ उत्पाद का पंजीकरण करवाना चाहता हो तो भी शुद्ध वर्गीकरण मापक की आवश्यकता होती है।  कृषि उत्पाद वर्गीकरण एवं विपणन एक्ट 1937 योजना के अन्तर्गत डाइरेक्टोरेट आफ मार्केटिंग एण्ड इन्सपेक्सन (डीएमआई) भारत मेंं कृषि उत्पाद के वर्गीकरण का प्रमाणीकरण करता हैं छंटाई एवं वर्गीककरण का महत्व छंटाई एवं वर्गीकरण का मुख्य उद्देश्य उत्‍पाद  को विभिन्न...

Advanced techniques for cultivating Lentils मसूर एक मूल्यवान मानव भोजन है, जो दाल के रूप में प्रयोग होती है। उच्च जैविक मूल्य के साथ इसे आसानी से पकाया जा सकता है । मसूर में प्रोटीन - 24-26%, कार्बोहाइड्रेट - 57 - 60%, फैट - 1.3%, फाइबर - 3.2%, फास्फोरस - 300 मिलीग्राम/100 ग्राम, आयरन - 7 मिलीग्राम/100 ग्राम, विटामिन सी - 10-15 मिलीग्राम/100 ग्राम, कैल्शियम - 69 मिलीग्राम/100 ग्राम एवं विटामिन ए - 450 आईयू पोषक तत्‍व पाऐ जाते है।  सूखे पत्ते, और टूटी फली को  पशु चारा के रूप में उपयोग किया जाता है।    मसूर की उत्पादकता क्रोएशिया में सबसे अधिक उत्पादकता दर्ज की गई है (2862 किलोग्राम / हेक्टेयर), इसके बाद न्यूजीलैंड...

गेहूं का झोंका (बलास्‍ट): एक विनाशकारी बीमारी Wheat is the second most important food crop in the world and a staple food crop providing 20% of protein to the human population.  The production of wheat is over 700 million tonnes in the world and is cultivated over large area under varied climatic conditions. Wheat production is affected by a number of diseases like rusts, karnal bunt, powdery mildew, loose smut, flag smut, leaf blight, head scab etc. Among these diseases affecting wheat production in the world, wheat blast is one of the devastating disease affecting wheat. Leaf blast, spike blast,collar rot node blast, or rotten neck blast are other names of this...

Seedless lemon cultivation technique बीजरहित नींबू को फ़ारसी में नींबू या ताहिती नींबू के रूप में भी जाना जाता है। इसका वानस्पतिक नाम है साइट्रस लैटिफ़ोलिया जो कि रुटेसी परिवार से संबंध रखती है। बीजरहित नींबू संकर मूल का होता है, जो कि खट्टा नींबू (साइट्रस औरंटीफोलिया) और बड़ा नींबू (साइट्रस लिमोन) या चकोतरा (साइट्रस मेडिका) के बीच एक सलीब से होने की संभावना है। यह एक मध्यम आकृति का, लगभग कॉटे रहित वृक्ष है, जो कि विस्तृत फैल, झालरदार शाखाओं के साथ 4.5 से 6.0 मीटर (15 से 20 फीट) लंबा है। फूल हल्का बैंगनी के साथ सफेद रंग के होते है। फल अंडाकार या आयताकार है जो कि 4 से...

Indigenous Turmeric Processing Methods छत्तीसगढ़ में हल्दी की फसल कि खेती विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग समय में की जाती है। इस फसल के लगभग 50% उत्पादक किसान आदिवासी होते हैं और आम तौर पर अपने बड़ियो में स्वदेशी तरीकों के माध्यम से फसल उत्पादन करते हैं। वार्षिक रिपोर्ट, 2015-16 के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य का पुरे भारत में हल्दी उत्पादन के क्षेत्र में लगभग 11.80 प्रतिशत योगदान रहा है। राज्य में हल्दी का उत्पादन 9, 747 हेक्टेयर भूमि से लगभग 83,470 लाख टन का था तथा साल दर साल राज्य का उत्पादन क्षेत्र बढ़ रहा है,   हल्दी उत्पादन के मुख्य जिले धमतरी, कोरबा, जगदलपुर, सरगुजा, जशपुर, कोंडगाँव, बालोद, सूरजपुर और बलरामपुर है। किए...

Scientific cultivation of Turmeric हल्दी की खेती सामान्यत: सभी प्रकार की भूमियों में की जा सकती है। उचित जलनिकास वाली बलुई दोमट या चिकनी दोमट मिट्टी जिसमें जीवांश की अच्छी मात्रा हो, हल्दी के लिये उपयुक्त होती है। इसकी अच्छी पैदावार के लिये भूमि का पी एच मान 5.0-7.5 के बीच होना चाहिए। चिकनी मिट्टी, क्षारीय भूमियों तथा पानी ठहरने वाले स्थान पर विकास रुक जाता है। इसकी खेती बगीचों में अंतरवर्तीय फसल के रूप में भी की जा सकती है। हल्दी की खेती के लि‍ए भूमि हल्दी की अच्छी उपज प्राप्त करने के लिये भूमि की अच्छी तैयारी करने की आवश्यकता होती है क्योंकि यह जमीन के अंदर होती है जिससे जमीन को...

खरगोशों में प्रजनन: शुरुआती खरगोश पालकों के लिए मूल बातें  Rabbitrearing is an enterprise which has limitless scope in a developing country like India where large population is involved in subsistence farming. Being a second most populous country in the world, feeding the population with a nutritious food remains a priority for the governments. Rabbit, a small plant-eating animal, has tremendous potential to convert the inedible plant material to high protein meat. Rabbit is the highly prolific domesticated species gaining popularity in the recent decades. Rabbit meat is consumed in certain parts of world and India traditionally. But majority of the population is yet to taste the rabbit meat. Rabbit rearing is not...

Why should farmers adopt drip irrigation? ड्रिप सिंचाई व्यवस्था सिंचाई की एक उन्नत तकनीक है जो पानी की बचत करता है । इस विधि में पानी बूंद-बूंद करके पौधे या पेड़ की जड़ में सीधा पहुँचाया जाता है जिससे पौधे की जड़े पानी को धीरे-धीरे सोखते रहते है। इस विधि में पानी के साथ उर्वरको को भी सीधा पौध जड़ क्षेत्र में पहुँचाया जाता है जिसे फ्रटीगेसन कहते है । फ्रटीगेसन विधि से उर्वरक लगाने में कोई अतिरिक्त मानव श्रम का उपयोग नही होता है। अत% यह एक तकनीक है जिसकी मदद से कृषक पानी व श्रम की बचत तथा उर्वरक उपयोग दक्षता में सुधार कर सकता है।   ड्रिप सिंचाई कम पानी की...