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Problem, symptoms and management of Nematodes in potato       आलू की सबसे पहले आधुनिक खेती दक्षिणी पेरू और उतरी पश्चिमी बोलीविया के क्षेत्र मे 8000 से 5000 ईसा पुर्व की गई थी। इसके बाद यह दुनिया मे यह मुख्य फसल के रूप मे फैल गई। विश्व उत्पादन में मक्का, चावल और गेहुॅ के बाद आलू चैथी सबसे महत्वपुर्ण फसल है। तथा यह फसल दुनिया भर में उगाई जाती है। वर्तमान मे ताजे कंद का उत्पादन 19.5 करोड़ हैक्टेयर से 321 मिलियन टन है। उच्च कंद उपज को बनाए रखने के तरीके खोजने, पानी और पोषक तत्व उपयोग दक्षता में सुधार आलू उत्पादको के लिए बढ़ी चुनौती है। विकसित और विकासशील देशो में...

Main pulse crop of dry land - Moth bean मोठबीन  [विग्ना एकोनिटीफोलिया]  फैबेसी परिवार का एक प्रमुख संभावित दलहन है जिसकी क्रोमोजोम संख्या २एन =२२ है। अरोड़ा और नायर (१९८४) के अनुसार  दक्षिण एशियाइ क्षेत्र  मोठबीन  का उद्गमस्थल है। दुनिया के विभिन्न स्थानों में  मोठबीन  को मटकी एवं  तुर्की ग्राम के रूप में भी जाना जाता है। यह पश्चिमी भारतीय उपमहाद्वीप के सूखा और गर्म क्षेत्रों में बोया जाता है ।  मोठबीन  १५ विग्ना प्रजातियों के बीच उच्चतम गर्मी सहिष्णुता दर्शाती है, यह १२ दिनों के लिए ३६ डिग्री सेल्सियस और ४० डिग्री सेल्सियस तापमान ११ दिन तक सहन कर सकने में कामयाब है, इसके विपरीत अन्य सभी विग्ना प्रजातियां ४० डिग्री...

Improved cultivation method of Papaya पपीता बहुत ही पौष्टिक एवं गुणकारी फल है। पपीता स्वास्थ्यवर्द्धक तथा विटामिन ए व कई औषधियों गुणों से भरपूर होता है, साथ ही सेहत के लिए भी बहुत लाभदायक होता है. पपीते की सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये बहुत कम समय फल दे देता है I पपीते का फल थोड़ा लम्बा व गोलाकार होता है तथा गूदा पीले रंग का होता है। गूदे के बीच में काले रंग के बीज होते हैं। कच्चा पपीता हरे रंग का और पकने के बाद हरे पीले रंग का होता है। एक पपीते का वजन 300, 400 ग्राम से लेकर 1 किलो ग्राम तक हो सकता है। पपीता न...

Integrated weed management in Rabi crops देश खाद्यानों के लिए एवं कई औद्योगिक इकाईयाँ कच्चे माल के लिए कृषि पर निर्भर हैं। इसलिए खाधान्न उत्पादन में वृद्धि करना अतिआवश्यक हैं। खरपतवार, कीट एवं व्याधियों से हमारी फसलों को लगभग 1 लाख करोड़ रूपये की हानि प्रति वर्ष होती है परन्तु सर्वाधिक हानि खरपतवारों की उपस्थिति के कारण होती है। खरपतवार फसलों के साथ पोषक तत्व, जल, प्रकाश एवं स्थान आदि के लिए प्रतिस्पर्धा करते है, साथ ही साथ ये फसलों के लिए हानिकारक रोग व कीटों को शरण देकर भी क्षति पहुंचाते हैं जिससे फसलों की उपज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। खरपतवारों के कारण उत्पादकता में कमी के साथ-साथ फसल उत्पादों की...

Quality Seed Production Methods in Pulses Crop भारतीय उपमहाद्वीप में दलहन फसलें प्रोटीन का प्रमुख स्त्रोत  है।  संतुलित भोजन का आधार होते हुए, वातावरणीय जैविक नाइट्रोजन को फिक्स करके मिट्टि की ऊर्वरता को बढ़ाने  की इसकी विशेषता  इसे बाकी  फसलों से अलग करती है। इसके अलावा इनकी गहरी जड़ व्यवस्था मिट्टी  के भौतिक गुणों  को बनाएं  रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। ज्यादातर दलहन फसलें झाड़ी नुमा होने की विशेषता के कारण मिट्टी की उरर्वरता बढ़ाने में मदद करती है।  खाद्य एवं कृषि संस्था (2016) के अनुसार भारत में प्रति व्यक्ति प्रोटीन की आवश्यकता  80 ग्राम प्रति दिन है परन्तु दुर्भाग्यपूर्ण केवल 40 ग्राम प्रति व्यक्ति ही उपलभ्ध है।  भारत दलहन फसलों का सबसे...

पशुओं में प्रजनन सम्बन्धी रोग एवं प्रवंधन  पशुपालन को लाभकारी बनाने के लिए पशुओं में होने वाली प्रजनन सम्बन्धी समस्याओं का प्रवंधन अति आवश्यक है। प्रजनन सम्बन्धी प्रमुख समस्याओं में पशु का समय पर  हीट में  न आना (एनेस्ट्रस), बार बार कित्रिम गर्भाधान के बाद भी गर्भ धारण नहीं होना (रिपीट ब्रीडिंग), बच्चेदानी में सूजन होना, उसमे मवाद का भर जाना, प्रसव के दौरान बच्चा फँस जाना, जेर का समय से न गिरना, गर्भावस्था के शुरुवात में ही भ्रूण की मृत्यु हो जाना, गर्भपात हो जाना इत्यादि शामिल है। विदेशी नस्ल की गायों (जैसे जर्सी, होल्सटीन फ़्रिसियन आदि) में प्रजनन सम्बन्धी समस्याएँ देसी नस्ल की गायों (जैसे साहीवाल, गिर, थारपारकर आदि) की...

खेती वाले खरगोशों में रोग- एक सिंहावलोकन Rabbits are highly prolific animals which have enormous reproduction potential. They have the capacity to convert 20% of their feed protein to meat protein second to broiler chicken which has 23% conversion. Rabbit rearing is expected to be a viable alternative to broiler poultry industry as virtually there is zero competition between them for feed resources. Like all other domesticated species, rabbits are also susceptible for various ailments. They are afflicted by number of infectious and non-infectious diseases. The success of rabbit industry relies upon reduction in the mortality, increase in the fryer production per maternity cage, reduction in operation / feeding cost. To run a Rabbitry...

Integrated pest management in gram चने में उखटा रोग (विल्ट) इस रोग का प्रभाव खेत मे छोटे छोटे टुकडों मे दिखाई देता है।प्रारम्भ मे पौधे की ऊपरी पतियाँमुरझा जाती हैव धीरे धीरे पूरा पौधा सुखकर मर जाता है! जड़ के पास तने को चीरकर दिखने परवाहक ऊतको मे कवक जाल धागेनुमा काले रंग की संरचनाके रूपमे दिखाई देता है। नियन्त्रण फसल चक्र अपनाये। रोगरोधी किस्म आर.एस.जी-888व आर.एस.जी-896की बुवाई करे। बीजों को कार्बेन्डाजिम 50 डब्लयू.पी. 2 ग्राम या ट्राइकोड्रर्मा पाउडर 10 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से बीजोंपचार करे। 4 किलोग्राम ट्राइकोड्रर्माको 100 किलोग्राम सड़ी हुई गोबर की खाद मे मिलाकर बुवाई से पहले प्रति हैक्टयरे की दर से खेत मे मिलाये। खड़ी फसल मे रोग के...

Jute business changing lives of hundreds of women's अंतराष्ट्रीय बाजार से लेकर भारतीय महाद्वीप में जूट से बने सामानों की भारी मांग है। जूट से फैशनेबल कपड़े, चप्पल, सजावटी सामान और पैकेजिंग के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला परंपरागत बोरा बनाया जा रहा है। लेकिन देश में जूट की खेती घटती जा रही है। ऐसे में केंद्र सरकार की सहायता से उत्तर प्रदेश कृषि विभाग ने देश-विदेश में जूट की इस बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए जूट और सनई की खेती को बढ़ावा देने के लिए काम करना शुरू कर दिया है। विश्व में कुल जूट उत्पादन का लगभग 49 प्रतिशत उत्पादन भारत में होता है। आज भी देश में...

Hydroponic fodder production: a cost effective technique  हमारे देश में सर्वाधिक पशुसंख्या  होने के बावजूद प्रति पशु उत्पादकता को बढ़ाना एक बहुत बड़ी चुनौती है। भारतवर्ष में दुधारू पशुओं का औसत दूध उत्पादन 1172 किग्रा प्रति वर्ष प्रति पशु है  जो की विश्व के औसतन उत्पादन से काफी काम है  इसका मुख्य कारण पर्याप्त मात्रा में हरे और सूखे चारे की कमी है। दुधारू पशुओं को यदि आवश्यकतानुसार  संतुलित आहार देना है तो वर्षभर उत्तम गुणवत्ता वाले हरे चारे का उत्पादन करना होगा। पशु उत्पाद जैसे दूध और मांस  की उत्पादन लगत में डेन और चारे का योगदान 60 से 70 प्रतिशत तक है जिसमे 30-35 प्रतिशत योगदान हरे चारे का होता...