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Nematodes problems, symptoms and management in rice crop चावल दुनिया के एक बड़े हिस्से में  अनाज के रूप मे खाया जाता है। यह मानव पोषण और कैलोरी सेवन के लिए महत्वपूर्ण अनाज है, दुनियाभर में मनुष्यों द्वारा खपत की गई कैलोरी का 1/5 से अधिक हिस्सा है। चावल भारत की प्रसिद्ध फसल है जो देश के पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों के लोगों का मुख्य भोजन है। कई निमेटोड प्रजातियां चावल की फसल को सक्रंमित करती है जैसे उफरा (डिटाइलेकस डिप्सेकी), व्हाइट टिप बिमारी (एफेलेनकोआइड बसेई) और जड़ गांठ रोग (मेलोडेगायनी ग्रमिनिकोल) है। दुनिया के सभी कम वर्षा वाले क्षेत्रों में कुछ निमेटोड प्रजातियां जैसे कि प्रटिलेकंस स्पी. सबसे खतरनाक है। चावल रूट...

Improved technology for cultivation of Mungbean मूंग भारत में उगायी जाने वाली, कम समय मे पकने वाली, महत्वपूर्ण दलहनी फसल है। इन फसल में वातावर्णीय नाइट्रोजन को पौधों द्वारा ग्रहण करने योग्य बनाने की अदभुत क्षमता होती हैं। जिससे पौधों को कम उर्वरक की आवश्यकता पड़ती है, और उत्पादन लागत कम हो जाती है। इनकी खेती लगभग सभी राज्यों मे की जाती है। परन्तु महाराष्ट, आन्ध्र प्रदेश,  उत्तर प्रदेश , राजस्थान, मध्य प्रदेश तमिलनाडु तथा उड़ीसा, मूंग तथा उड़द उत्पादन के प्रमुख राज्य हैं। मूंग की खेती के लि‍ए भूमि की तैयारी मूंग की खेती के लिए दोमट एवं बलुई दोमट भूमि सर्वोत्तम होती है। भूमि में उचित जल निकासी की उचित व्यवस्था होनी...

Multi harvesting sorghum fodder crop cultivation techniques  भारत में  मात्र 4 प्रतिशत भूमि पर चारे की खेती की जाती है तथा एक गणना के अनुसार भारत में 36 प्रतिशत हरे चारे एवं 40 प्रतिशत सूखे चारे की कमी है | अत: बढती हुई आबादी एवं घटते हुए कृषि क्षेत्रफल को ध्यान में रखते हुए हमें उन चारा फसलों की खेती करनी होगी जो लम्बे समय तक पशुओं को पोष्टिक चारा उपलब्ध कराने के साथ साथ हमारी जलवायु में आसानी से लगाई जा सके | शरद ऋतू में बरसीम, जई, रिजका, कुसुम आदि की उपलब्धता मार्च के पहले पखवाड़े तक बनी रहती है किन्तु बहु कट चारा ज्वार से पशुओं को लम्बे समय...

Mustard cultivation with scientific technique सरसों राजस्थान की प्रमुख तिलहनी फसल हैं। सरसों की फसल सिंचित क्षेत्रों एवं संरक्षित नमी के बारानी क्षेत्रों में ली जा सकती हैं। यह फसल कम सिंचाई सुविधा और कम लागत में भी अन्य फसलों की तुलना में अधिक लाभ प्रदान करती है। इसकी पत्तियॉ हरी सब्जि के रूप में प्रयोग की जाती है तथा सूखे तनो को ईधन के रूप में प्रयोग किया जाता हैं। सरसों के तेल में तीव्र गंध सिनिग्रिन नामक एल्केलॉइड के कारण होती हैं। मृदा :- सरसों की खेती रेतिली से लेकर भारी मटियार मृदाओ में की जा सकती हैं। बुलई दोमट मृदा सर्वाधिक उपयुक्त होती हैं। खेत की तैयारी :- खरीफ फसल की कटाई्र...

प्याज और लहसुन के 6 प्रमुख बैक्टीरियल और वायरल रोगों का प्रबंधन Onion (Allium cepa L.)  and Garlic (Allium sativum L.) are the most important Allium species cultivated in India and used as vegetable, salad and spice in the daily diet by large population. The crop is attacked by many diseases like fungi, bacteria, viruses and nematodes.  The diseases affects at production, harvesting, processing and marketing stages, which lower the quality, reduce the yield. Onion and garlic diseases are currently managed by routine application of several fungicides, which not only posses a serious threat to the environment and mankind but also slowly buildup resistance in the pathogen.  Several studies were conducted at National Horticultural Research...

Importance of biochar in agricultural production बायोचार उच्च कार्बन उक्त ठोस पदार्थ हैं। वह उच्च तापमान पर तैयार किया जाता है, जिसमे ऑक्सीजन अनुपस्थित रहती या कम मात्रा में होती है। यह कहा जा सकता हैं कि यह एक आंशिक  अवायवीय प्रकिया है। जिसमे किसी भी कार्बनिक ठोस पदार्थ  को भिन्न भिन्न तापमान पर रख कर बायोचार को तैयार किया जाता है। बायोचार एक बहुत ही प्रभावशाली उर्वरक है जो कि अवशिषट कार्बनिक पदार्थो कि पायरोलिसिस की प्रकिया द्वारा तैयार जाता है। यह एक उभरती हुई तकनीक है।, जो कि आधुनिक कृषि उत्पादन के लिए अतिआवश्यक है। बायोचार मृदा उर्वरक शक्ति बढाने के साथ साथ फसल कि उत्पादकता को भी बढाता है।...

Why farmers should adopt drip irrigation  ड्रिप सिंचाई क्या है ? यह सिंचाई का एक तरीका है जो पानी की बचत करता है और यह पौधे या पेड़ की जड़ में पानी के धीरे-धीरे सोखने में (चाहे वो पौधे के ऊपर वाली मिट्टी हो या फिर जड़ हो) मदद कर खाद और उर्वरक के अधिकतम उपयोगी इस्तेमाल में मदद करता है। ड्रिप सिंचाई वॉल्व्स, पाइप, ट्यूब्स और एमीटर्स से जुड़े एक नेटवर्क की मदद से कार्य करता है। यह काम संकरे ट्यूब से जोड़कर किया जाता है जो पौधे या पेड़ की जड़ तक पानी को सीधे पहुंचाता है। ड्रिप सिंचाई व्यवस्था में माइक्रो-स्प्रे हेड्स तकनीक का भी इस्तेमाल किया जा सकता...

Improved cultivation of Blackgram (Urad) हमारे देश में उड़द का उपयोग मुख्य रूप से दाल के लिये किया जाता है। इसकी दाल अत्याधिक पोषक होती है। विशेष तौर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इसे लोग अधिक पसन्द करते है। उड़द को दाल के साथ-साथ भारत में भारतीय व्यंजनों को बनाने में भी प्रयुक्त किया जाता है तथा इसकी हरी फलियाँ से सब्जी भी बनायी जाती है। उड़द का दैनिक आहार में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। जिसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर कैल्शियम व विटामिन बी काम्पलेक्स तथा खनिज लवण भी बहुतायत पाये जाते है। इसके साथ - साथ अन्य दालो की तुलना में 8 गुणा ज्यादा फास्फोरस अम्ल के अलावा आरजिनीन, ल्यूसीन, लाइसीन, आइसोल्यूसीन...

Vegetables are Effective and Healthy Option to Deal With Malnutrition शाकाहारी जीवन में सब्ज़ियों एवं फलों का विशेष महत्त्व है । हमारे भोजन को पौष्टिक तथा संतुलित बनाने में सब्ज़ियों का विशेष योगदान है । अगर भोजन पौष्टिक और संतुलित नहीं है तो यह कुपोषण को जन्म दे सकता है। सब्ज़ियों से हमें पौष्टिक तत्व जैसे रेशा, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, खनिज लवण और विटामिन्स मिलते है। साथ ही इनमें ज्यादा मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट तथा ऐसे  रसायन तत्व भी  पाए जाते है जो हमें रोगो से बचाते है । इसलिए सब्ज़ियों को रक्षात्मक आहार भी कहा जाता है । असुंतलित भोजन, वह स्थिति है जिसमें पोषक तत्वों की अधिकता, कमी अथवा  गलत अनुपात में  उपस्थिति  कुपोषण...

The symptoms and treatment of important micro nutrients deficiency in soil अन्य पोषक तत्वों की भांति सूक्ष्म पोषक तत्व फसल एवं उससे प्राप्त होने वाली उपज पर प्रभाव डालते हैं। सूक्ष्म पोषक तत्वों की आवश्यकता फसल को बहुत कम मात्रा में होती है परंतु इसका अर्थ यह नहीं है कि इसकी आवश्यकता पौधों को नहीं है। सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी होने पर फसल की उपज, उत्पादन और उसकी गुणवत्ता पर प्रतिकूल असर पड़ता है। इसके अतिरिक्त इनकी कमी होने पर भरपूर मात्रा में नत्रजन फास्फोरस और पोटाश उर्वरकों के प्रयोग करने पर भी अच्छी उपज प्राप्त नहीं की जा सकती है। मृदा परीक्षण के आधार पर देश की मृदाओं में सूक्ष्म...