Author: rjwhiteclubs@gmail.com

 इशबगोल के औषधीय गुण तथा उसका उत्पादन  इशबगोल एक प्रकार का औषधीय पौधा होता है,यह अधिकतर मरुस्थलीय क्षेत्रों में पाया जाता है| यह भारत में मालवा एवं सिंध, अरब की खाड़ी और पर्शिया में पाया जाता है| इशबगोल को आयुर्वेद में अश्व्गोल या अश्वकर्ण  के रूप में जाना जता है, जिसका शाब्दिक अर्थ “घोड़े की तरह कान है| इशबगोल का वैज्ञानिक नाम प्लैन्तेगो ओवाटा  (Plantago ovata) तथा कुल प्लैंतिजिनेसी है| इशबगोल एक प्रकार की झाड़ी होती है जिसके पत्तें धान के पत्तों जैसे और डालियाँ पतली होती है| इसबगोल के बीज छोटे-छोटे नुकीले और बादामी रंग के होते हैं| प्रतेक बीज के ऊपर एक पतला सफ़ेद रंग का आवरण होता है जिसे औषधीय प्रयोग...

Camel milk contribution to milk production and its beneficial properties ऊंट रेगिस्तान का एक महत्वपूर्ण पशुधन है और उसके दूध में मानव के लि‍ए लाभकारी पोषक तत्त्व पाए जाते है। साल 2012  के सर्वेक्षण के अनुसार भारत में ऊंट की जनसँख्या 4 लाख पाई गई थी जो कि औसतन 22.63 प्रतिशत गिरावट दर्शाता है। अच्‍छी नस्‍ल के ऊंट की दुग्ध उत्पादन क्षमता 7  - 8 लीटर दूध प्रति दिन होती है। लेकिन जैसलमेरी या बिकानेरी नस्लों की औसतन उत्पादन  प्रति दिन केवल 5 - 6 लीटर है जो कि काफी कम है। ऊंट के पास किसी अन्य पशुधन की तुलना में रेगिस्तान की कठोर परिस्थितियों में लम्बे समय की अवधि तक अधिक से...

सरसों की उन्‍नत किस्में और उसकी वैज्ञानिक खेती  सरसों रबी में उगाई जाने वाली प्रमुख तिलहन फसल है। इसकी खेती सिचिंत एवं संरक्षित नमी द्वारा बारानी क्षेत्रों में की जाती हैl राजस्थान का देश के सरसों के उत्पादन में प्रमुख स्थान है। सरसों की खेती मुख्‍यत: तेल के लि‍ए की जाती हैै जि‍से लहटा सरसों कहते है । सरसों का उत्‍पादन साग सब्‍जी व सलाद के लि‍ए भी कि‍या जाता है पत्‍ति‍यों के लि‍ए उगाई जाने वाली सरसों को गोभी सरसों या मीठी सरसों या जापानीज सरसों भी कहते है।  इसकी पत्तियां बड़ी-बड़ी मुलायम तथा स्वदिष्ट होती हैं जो कि बोने के 20 दिन के बाद मिलने लगती हैं । सरसों की उन्‍नत किस्मेें किस्म पकने...

हर्बल कि‍सान मोबाईल एप्‍प     It is a mobile app, for the farmers, students and entrepreneurs to acquaint them about the latest production technologies of Medicinal and Aromatic Crops.   Farmers can easily learn about the cultivation techniques and other information of Medicinal plants like Aloe barbadensis, Andrographis paniculata, Artimisia annua, Cassia angustifolia, Chlorophytum borivilianum, Commiphora wightii, Cymbopogon flexuosus, Cymbopogon martini, Ocimum sanctum, Papavera somniferum, Piper longum, Plantago ovata, Terminalia arjuna, Tinospora cordifolia, Withania somnifera, Mucuna pruriens, Catharanthus rosseus, Stevia rebaudiana, Glycyrrhiza glabra and Gloriosa superba.   This app is available in google play store on the given link.    https://play.google.com/store/apps/details?id=com.hpandro.demo​   Please download as well as endorse it to the farmers who are growing the above said crops. Author Dr. P. Manivel Directorate of Medicinal and Aromatic Plants...

Ways of hygienic milk production दूध यदि गंदगी, दुर्गंध तथा हानिकारक जीवाणु रहित है तो ऐसे दूध को हम स्वच्छ दूध कहते हैं। दूध जब थन से निकलता है तो स्वच्छ रहता है, पर थन से निकलने के बाद यदि साफ सफाई का ध्यान सही से न रखा जाए तो बाहरी आवोहवा के संपर्क मे आकर दूषित हो जाता है। दूषित दूध का सेवन करने से कई बीमारियाँ हो जाती हैं। अतः स्वच्छ दूध का उत्पादन अति आवश्यक है। स्वच्छ दूध के उत्पादन के लिए निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना आवश्यक है जिस पशु से दूध निकाला जा रहा है वो स्वस्थ होना चाहिए। पशु मे टी. बी. तथा ब्रूसेलोसिस का परीक्षण साल...

मृदा क्षरण और कृषि पर इसका असर Soil erosion is a major problem in Agriculture. Tonnes of soil are lost from fields every year. This is not only reduces crop production, but also the eroded soil acts as a pollutant to rivers, lakes and other water systems. Soil is the top layer of the earth’s surface that is capable of sustaining life. Therefore, soil is very important to farmers, who depend on soil to provide abundant, healthy crops each year. One major problem in agriculture is soil erosion. Soil erosion is the deterioration or detachment of soil particles from one place to another place by the action of different medium in a given...

शीतकालीन गेंदे की व्यावसायिक खेती कैसे करें भारतवर्ष में गेंदा हर घर में हर मौके पर इस्तेमाल होने के कारण अब यह एक व्यावसायिक नकदी फसल बन गया है। यह फूल सजावटी गमलों में भी प्रयोग किया जाता है साथ ही यह गमलों की दहलीज पार कर बड़े बड़े खेतों में पहुंच गया है। गेंदा की सबसे बड़ी विशेषता है कि यह वर्ष के बारहों महीनों फूल देता है। जिन महीनों मे कोई अन्य फूल नहीं मिलते हैं उन दिनों में भी गेंदा का फूल सहज ही उपलब्ध होता है। गेंदा हर मौसम में प्राप्त होने के साथ साथ इसकी दूसरी विशेषता है कि यह कई दिनों तक ताजा बना रहता है।...

चीकू की खेती करने की आधुनिक तकनीक चीकू ( Chiku ) या सपोटा (Sapota), सैपोटेसी कुल का पौधा है। भारत में चीकू अमेरिका के उष्ण कटिबन्धीय भाग से लाया गया था। चीकू का पक्का हुआ फल स्वादिष्ट होता है। चीकू के फलों की त्वचा मोटी व भूरे रंग का होती है। इसका फल छोटे आकार का होता है जिसमें 3 - 5 काले चमकदार बीज होते हैं। चीकू की खेेती फल उत्‍पादन तथा लेटेक्स उत्पादन के लिए की जाती है। चीकू के लेटेक्‍स का उपयोग चूइंगम तैयार करने के लिए किया जाता है। भारत में चीकू की खेती मुख्यत: फलों के लि‍‍‍ए की जाती है। चीकू फल का प्रयोग खाने के साथ-साथ...