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Goat rearing: a profitable business बकरी पालन प्राचीन समय से ही किसानों के लिए एक प्रचलित ब्यबसाय है। बकरी को मांस के साथ साथ दूध उत्पादन के लिए भी पाला जाता है। बकरियों के बहुआयामी उपयोग के कारण ही इसका महत्व गरीबी एवं बेरोजगारी उन्मूलन के लिए बढ़ जाता है। बकरी को गरीब आदमी की गाय की संज्ञा भी दी जाती है।  बकरीपालन के लाभकारी ब्यबसाय होने के निम्नलिखित कारण है बकरी को किसी भी जलवायु मे पाला जा सकता है। बकरी पालने मे कम खर्च की आवश्यकता होती है। बकरी पालने मे कम श्रम की आवश्यकता होती है। बूढ़े एवं बच्चे जो और कोई श्रम नहीं कर सकते उनका भी उपयोग बकरी पालन...

जीर्ण और अनुत्पादक बागों का कायाकल्प The senile and unproductive orchards attributed a declining trend of production because of unsuitable site and climate, cultivation of inter crops, inadequate nutrition’s, improper planting, undesirable planting materials, incidence of insect pest and disease and other biotic and a biotic stresses. To overcome the problem of unproductive orchards research efforts were initiated to standardize a technology for restoring the production potential of existing plantations by a technique called Rejuvenation. The present paper helps to understand the basics of rejuvenation techniques for senile and unproductive orchards to fetch quality fruit production with increased yield to meet the present and future requirement of a farmer.   The term ‘Rejuvenation’ means...

Opuntia an alternate green fodder for arid and semiarid areas पशुपालन व्यवसाय में पशुओं के श्रण पोषण में हरे चारे का महत्वपूर्ण स्थान है। परन्तु घटते जोत आकार के कारण पशु पालकों को अपने पशुओं को वर्ष पर्यन्त हरा चारा उपलब्ध कराना एक बड़ी चुनौती है।  ऐसी परीस्थिति में कांटा रहित नागफनी ‘अपुन्सिया’ (Opuntia) का उपयोंग पशुओं केे खाने में हरे चारे के रूप मेंं कि‍या  जा सकता है। खासकर देश के शुष्क व अर्धशुष्क क्षेत्रों में, नागफनी का उत्पादन एवं पशु चारे उपयोग करके, हरे चारे की कमी एवं अभाव के दिनों में, पशुओं को समुचित पौष्टिक हरा चारा उपलब्ध कराया जा सकता है। नागफनी के लिऐ खेत का चयन नागफनी को उस स्थान,...

Diseases of the jute and its management पटसन का वानस्पतिक नाम कोरकोरस केपसुलेरिस तथा को. आलीटोरियस है जो कि स्परेमेनियोसी परिवार का सदस्य है। विश्‍व में कपास के बाद पटसन दूसरी महत्वपूर्ण वानस्पतिक रेशा उत्पादक वाणिज्यिक फसल है। पटसन की खेती मुख्यतया बंगलादेश, भारत, चीन, नेपाल तथा थाईलैंड में की जाती है। भारत में पश्‍ि‍चम बंगाल, बिहार, असम इत्यादि राज्यों में पटसन कि खेती की जाती है। देश में पटसन का क्षेत्रफल 8.27 लाख हैक्टेयर है। वही इसका उत्पादन 114 लाख गांठ है। पटसन की फसल में कई प्रकार के जैविक व अजैविक कारकों से रेशे के उत्पादन में कमी आती है। जैविक कारकों के अन्तर्गत तना सड़न रोग इसके उत्पादन में सबसे...

Improve environment with the help of micro-organisms. पर्यावरण शब्द संस्कृत भाषा के “परि” उपसर्ग (चारो ओर) और “आवरण” से मिलकर बना है जिसका अर्थ है ऐसी चीजो का समुच्चय जो किसी वयक्ति या जीव धारी को चारो ओर से आव्रत किये हुए है । पर्यावरण का सीधा सम्बन्ध प्रक्रति से है । अपने परिवेश में हम तरह तरह के जीव जंतु, पेड़- पौधे तथा अन्ये सजीव- निर्जीव वस्तुएँ पाते है । ये सुब मिलकर पर्यावरण की रचना करते है । मानव हस्तक्षेप के आधार पर पर्यावरण को दो भागो में विभाजित किया जाता है ,  प्राक्रतिक पर्यावरण और मानव निर्मित पर्यावरण । हालांकि पूर्ण रूप से प्राक्रतिक पर्यावरण (जिसमे मानव है हस्तक्षेप बिलकुल न...

Earthworms manure (Vermicompost) - one step towards organic farming  वर्तमान समय मे बढती हुई आबादी की पोषण जरूरतों को पूरा करने के लिए सघन खेती तथा मृदा स्‍वास्‍थ्‍य बनाऐ रखने पर जोर दिया जा रहा है। रासायनिक खादों, कीटनाशको का बहुतायत में प्रयोग करने से हमारी मृदा का स्वास्थ्य दिन प्रतिदिन गिरता जा रहा है । रासायनि‍क खाद व कीटनाशकों के अधि‍क प्रयोग से मृदा गुणवत्‍ता को बनाऐ दखना आने एक चुनौति‍पुर्ण कार्य बन गया है| मिट्टी की उर्वरा शक्ति बनाये रखने के लिए प्राकृतिक अथवा कार्बनिक खादों का प्रयोग करना चाहिए। इन कार्बनिक खादों में केंचुए की खाद, गोबर की खाद, कम्पोस्ट, हरी खाद प्रमुख है| पिछले कुछ वर्षो से प्राकृतिक खाद...

Importance of Hosted Plant Resistance (HPR) in Integrated Pest Management (IPM) of Wheat मेजबान पौध प्रतिरोध (Host Plant Resistance, HPR) को रेगिनाल्ड एच. पेईंटर (1951) ने परिभाषित किया है l परिभाषा के अनुसार यह “पौधों के ऐसें गुण हैं, जो उनको कीटों से बचने, या सहन करने की या कीट क्षति के उपरांत आरोग्य होने शक्ति देते हैं, जिन परिस्थितियों में उसी जाति के पौधों को अधिक से अधिक नकुसान हो सकता है” l कीड़ों के प्रति पौध प्रतिरोध एक आनुवंशिक (heritable) गुण है जो पौधों में कीटों द्वारा होने वाली क्षति की परम सीमा को निरधारित करता है l प्रकृति में पोधे तीन प्रकार से अपना प्रतिरोध कीड़ों के प्रति प्रकट...

बहुपयोगी सहजन (मोरिंगा) - एक चमत्कारी वृक्ष  सहजन को ड्रमस्टिक (Drumstick) या मोरिंगा (Moringa) के नाम से जाना जाता है। मोरिंगा तमिल शब्द मुरुंगई से बना है जिसका अर्थ त्रिकोणीय मुड़ी हुआ फल है। मोरिंगा ओलीफेरा उल्लेखनीय तेजी से बढ़ने वाले वृृृृक्ष हैै। ये असाधारण पोषण सामग्री के कारण अत्यधिक मूल्यवान पेेेड है। यह वृक्ष उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में तेजी से बढ़ता है। सहजन के फायदे गुण लाभ अनेक है। सहजन के पेड़ पर सामान्‍यत: वर्ष में एक बार फूल और फिर फल लगते हैं। इसका फल पतला लंबा और हरे रंग का होता है जो पेड़ के तने से नीचे लटका होता है। इसका पौधा 4 - 6 मीटर उंचा होता...