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फसलों मे कीट नि‍यंत्रण के लि‍ए जैवि‍क कीटनाशकों का प्रयोग Pesticides having biological origin i.e., viruses, bacteria, pheromones, plant or animal compounds are known as biopesticides. They are natural in origin derived from animals, plants, bacteria, and certain non-synthetic minerals. Bio-pesticides are highly specific affecting only the targeted pest or closely related pests. They are safer for living beings. Biopesticides are one of the promising alternatives to manage environmental pollution and subsequently has gained interest in view of the growing demands for organic food. Biopesticides can successfully be used for specific crops and niche areas as a component of IPM. Biopesticide in India  In India, so far only 12 types of biopesticides have been registered under the...

Water conservation and management techniques in fruits cultivation  खेती में सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता धीरे - धीरे कम होती जा रही है, इसलिए यह अत्यावश्यक हो गया है की सिंचाई के लिए जल का उपयोग बहुत ही सोच समझकर एवं बुधिमतापुर्वक किया जाए । अभी भी किसान सिंचाई की पुरानी विधियां ही उपयोग में ला रहे है जिनकी सिंचाई जल प्रयोग की दक्षता बहुत कम होती है । इसलिए हमें सिंचाई की नयी तकनीको को अपनाना चाहिए जिसमें जल प्रयोग की दक्षता ज्यादा हो तथा हम जल संरक्षण की तारफ कदम बढा  सकें। जल संरक्षण के साथ साथ हमें उसके प्रबंधन पर भी ध्यान देना चाहिए क्योंकि जल प्रकाश- संश्लेशन...

3 Major Diseases of Cumin and their management विभिन्न बीजीय मसाला फसलों में जीरा अल्पसमय में पकने वाली प्रमुख नकदी फसल हैं। जीरे के दानों में पाये जाने वाले वाष्पषील तेल के कारण ही इनमें जायकेदार सुगध होती है। इसी सुगन्ध के कारण जीरे का मसालों के रूप में उपयोग किया जाता है। जीरे में यह विषिष्ट सुगंध क्यूमिनॉल या क्यूमिन एल्डीहाइड के कारण होती है। इसका उपयोग मसाले के अलावा औषधि के रूप में भी होता हैं, जीरे में मुत्रवर्धक, वायुनाषक, व अग्निदीपक गुण पाये जाते हैं। इन गुणों के कारण कई देषों में आयुर्वेदिक दवाओं में जीरे का उपयोग बढ़ता जा रहा है। भारत में जीरे की ख्ैंती अधिक नमी वाले...

 Scientific method of growing Chickpeas or Gram चना भारतीय उपमहाद्वीप की प्रमुख दलहनी फसल है जो अर्ध्द शुष्ख उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उगाई जाती है। चने की फसल शाकाहारी लोगो के लि‍ए प्रोटीन का उत्‍तम श्रोत है भारत में चने की खेती 7.54 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में की जाती है, जिससे 7.62 कु./हे. के औसत मान से 5.75 मिलियन टन उपज प्राप्त होती है। भारत में चने की खेती मुख्य रूप से बिहार, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र तथा राजस्थान में की जाती है। भारत में सबसे अधिक चने का क्षेत्रफल एवं उत्पादन वाला राज्य मध्यप्रदेश है। छत्तीसगढ़ राज्य के मैदानी जिलो में चने की खेती असिंचित अवस्था में की जाती है। चने की खेती...

The use of plant regulators in gardening   बागवानी में हार्मोन्स (पादप नियंत्रकों) का बहुत महत्व है ! फल वृक्षों में कई बार विकास की वृद्धि दर रुकने, फल एवं फूल झड़ने एवं वृद्धि कम होने की समस्या आ जाती है ! ऐसी स्थिति में कृत्रिम हार्मोन्स का उपयोग लाभकारी सिद्ध होता है ! पादप नियंत्रक पौषक तत्व न होकर कार्बनिक रसायन होते हैं जिनकी थोड़ी सी मात्रा ही पौधों की क्रियात्मक वृद्धि के लिए जिम्मेदार होती है ! हार्मोन्स का उपयोग जड़ों को विकसित करने, कलिकाओं की निष्क्रियता खत्म करने, वृद्धि जनकवृद्धि अवरोधक, पुष्पांकन का नियमितिकरण एवं नियंत्रण, बीजरहित फल प्राप्त करने, फूलों एवं फलों को झड़ने से रोकने, नर-मादा अनुपात नियंत्रण...

Safe storage of seeds भारत  एक कृषि प्रधान देश हैं जिसकी अधिकांश जनसंख्यां गांवों में रहती है और कृषि पर निर्भर है। एक किसान औसत 70 प्रतिशत अनाज भोजन, बीज, एवं बिक्री के लिये भण्डारित करते है और भण्डारण के दौरान, अनाज की गुणवत्ता और मात्रा दोनों में कमी आती है । इस गुणवत्ता को फसल कटाई के बाद बीजों को कम नमी और कम तापमान पर रखने से काफी समय तक रोका जा सकता है । लेकिन बीजों के भण्डारण के स्थान पर जहाँ अधिक नमी हो तो, बीज में कई प्रकार के कीट व कवकों का बीज पर आक्रमण हो जाता है I इससे बीजों की गुणवता को बहुत ज्यादा...

Eco-friendly integrated pest management: Dire need of hour कीड़े-मकोड़े फसल की पैदावार को अत्यधिक क्षति पहुँचाते हैं जिससे किसानों का परिश्रम बर्बाद हो जाता है। इन समस्यों के निवारण हेतु किसान रासायनिक कीटनाशकों का प्रयोग करते हैं । इस बात में कोई संदेह नहीं है कि रासायनिक कीटनाशक कीट प्रबन्धन के सफल हथियार है परन्तु इनके अनेकों दुष्परिणाम भी हैं। जीवनाशी के उपयोग से किसानों के मित्र जीव भी नष्ट हो गए। अधिक जीवनाशी उपयोग करने से जीवनाशी अवशेष फसलों में अधिक दिनों तक बना रहता है जो उपभोक्ता के स्वास्थ्य के लिये हानिकारक होता है । चना फली भेदक, सेमीलूपर, काला माहूँ जैसे कीटों से बचाव करने के लिए रासायनिक कीटनाशक...

Essential elements of the vegetable production वर्तमान में हमारे देश में लगभग 92 लाख क्षेत्र में सब्जियों की खेती की जाती है, जिसका सफल उत्पादन 16.2 करोड़ टन है। इस प्रकार भारत, चीन के बाद विश्व का सर्वाधिक सब्जी उत्पादक देश हैं। सब्जी उत्पादन से अधिकाधिक लाभ प्राप्त करने हेतु कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओं का ध्यान रखना अति आवश्यक है। जैसे कि‍– सब्जियों को उनके उपयोग तथा बाज़ार से दुरी के अनुसार कम पकी अवस्था या पूर्ण पकने पर तोडना चाहिए। सब्जी यदि जल्दी खराब होने वाली है तो उसको कुछ कम पकी अवस्था में ही तोडना चाहिए। नजदीक के बाज़ार में सब्जियों को बेचना हो तो उन्हें शाम के समय ही तोड़े। कददू...

  आम के 9 प्रमुख रोग व उनका नि‍दान कैसे करें The mango (Mangifera indica) is an evergreen fruit tree. It is national fruit of India. It is a juicy stony fruit belonging to family anacardiaceae. The  mango is native to South Asia. India accounting 42 % sharing in total world mango production. Mango is a rich source of vitamin C. dried mango skin and its seeds are also used in ayurvedic medicins. Mango  leaves are used to decorate archways and doors in Indian houses. Mango also used for achar making, amchoor and for vegetable. Mango suffers from several diseases at all stages of its life. The major diseases of economic importance in...

  Quality Seed Production Technology of Wheat भारत वर्ष की खाद्यान्न फ़सलों में गेहूँ एक महत्वपूर्ण रबी फ़सल है । यह विश्व मे ऊगाये जाने वाली फ़सलों मे मक्का के बाद दूसरा स्थान रखता है। भारत, चीन के बाद विश्व में गेहूँ का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। भारत मे गेहूँ की खेती पारम्परिक रुप से उत्तरीय भाग मे की जाती है। पंजाब, उत्तरप्रदेश एवं हरियाणा गेहूँ की खेती मे अग्रणीय है। सम्पूर्ण खाद्यान उत्पादन मे गेह्ँ की 35.5 % भागीदारी है, जब कि कुल खेती योग्य क्षेत्र का 21.3 % भाग गेहूँ कि खेती मेउपयोग होता है। उन्नत एवं गुणी बीजों ने,प्राचीन काल से  ही कृषि के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका...