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The significance of molybdenum in plants  मोलिब्डेनम पौधों द्वारा लिया जाने वाले आठ आवश्यक सुक्ष्म रासायनिक तत्वों में से एक है। अन्य सात लोहा, तांबा, जस्ता, मैंगनीज, क्लोरीन, निकल और बोरान हैं। इन तत्वों को सुक्ष्म तत्व कहा जाता हे, क्योंकि पौधों को इनकी बहुत कम मात्रा में आवश्यकता होती है। प्रमुख  आवश्यक पोषक तत्व नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम, सल्फर, कैल्शियम और मैग्नीशियम हैं। लेकिन पोधो के सामान्य विकास के लिए इन सुक्ष्म रासायनिक तत्वों की बहुत आवश्यकता होती हैं। इन आठ सुक्ष्म रासायनिक तत्वों की तुलना में मोलिब्डेनम की बहुत कम मात्रा में जरूरत होती है। सभी प्रकार की फसलों में प्रति हेक्टेयर 50 ग्राम मोलिब्डेनम की जरूरतों होती हे। मोलिब्डेनम बीज या...

Modern farming of Groundnut भारत में दलहन, तिलहन, खाध्य व नकदी सभी प्रकार की फसलें उगायी जाती हैं | तिलहनी फसलों की खेती में सरसों, तिल, सोयाबीन व मूँगफली आदि प्रमुख हैं | मूँगफली गुजरात के साथ साथ राजस्थान की भी प्रमुख तिलहनी फसल हैं | राजस्थान में बीकानेर जिले के लूणकरनसर में अच्छी किस्म की मूँगफली का अच्छा उत्पादन होने के कारण इसे राजस्थान का राजकोट कहा जाता हैं।  मूंगफली एक ऐसी फसल है जिसका कुल लेग्युमिनेसी होते हुये भी यह तिलहनी के रूप मे अपनी विशेष पहचान रखती है। मूँगफली के दाने मे 48-50 % वसा और 22-28 % प्रोटीन तथा 26% तेल पाया जाता हैं | मूँगफली की खेती 100 सेमी...

Orobanche Weed And Their Management खरपतवार वे अवांछित पौधे हैं जो खेत व अन्य स्थानों पर उग जाते हैं एवं वांछित फसल के साथ पोषक तत्वों, पानी, हवा, प्रकाष आदि के लिए प्रतिस्पर्धा करते है। परजीवी खरपतवार अपना जीवन-चक्र की उत्तारजीविता के लिए आंशिक या पूर्ण रूप से दूसरे स्वपोशित पौधों पर निर्भर रहते हैं। ओरोबैंकी, भूँईफोड़ या आग्या (बु्रमरेप) मुख्यतया सरसों कुल की फसलों का अपर्ण हरिती व्यक्त पुष्पीय पूर्ण रूप से मूल परजीवी खरपतवार होता हैं। यह सुपर सिंक अर्थात फसल द्वारा सश्लेषि‍त प्रदार्थ को चूस कर फसल के उत्पादन को अपेक्षित रूप से कम कर देता है। आरोबेंकी आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण द्विबीजपत्रीय फसलों की जड़ों पर आक्रमण करते...

Chief measures for Safe Seed Storage भंडारण के दौरान बीज व अनाज  को क्षति पहुंचाने में कीट अपना अहम् किरदार निभाते हैं। भंडार कीटों की लगभग 50 प्रजातियां हैं जिनमें से करीब आधा दर्जन प्रजातियां ही आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। भंडार कीटों में कुछ कीट आंतरिक प्राथमिक तो कुछ बाह्य (गौड़) भक्षी होते हैं। ऐसे कीट जो स्वयं बीज को सर्वप्रथम क्षति पहुंचाने में सक्षम होते हैं वे प्राथमिक कीट कहे जाते हैं। इनमें सूंड वाली सुरसुरी, अनाज का छोटा छिद्रक प्रजातियां प्रमुख हैं। गौड़ कीट वे हैं जो बाहर रहकर भू्रण या अन्य भाग को क्षति पहुंचाते हैं। इनमें आटे का कीट, खपरा बीटल, चावल का पतंगा आदि प्रमुख हैं।  अलग-अलग प्रकार के बीजों...

Potato storage problems and their solution आलू उत्पादन के हिसाब से हमारे भारत देश का विश्व में चीन के बाद दूसरा स्थान है एवं हमारे कृषक अपनी अथक मेहनत से हर वर्ष लगभग 400 लाख मेट्रिक टन आलू का उत्पादन करते हैं। आजादी से लेकर अब तक हमारे देश में आलू का उत्पादन दिन प्रतिदिन बढ़ता रहा है।  इसका एक बड़ा श्रेय केन्द्रीय आलू अनुसंधान संस्थान को भी जाता है जि‍सने अब तक, विभिन्न जलवायु क्षेत्रों के अनुसार , पचास आलू की किस्मों का विकास किया है। इस बढ़ते हुए आलू उत्पादन से एक विकट समस्या भी पैदा हुई है और वो है आलू का भण्डारण। हमें यह ज्ञात है कि आलू में लगभग 80...

Parthenium histrofors: A Destructive Weed अवांछित पौधे जो बिना बोये ही उग जाते हैं और लाभ की तुलना में ज्यादा हानिकारक होते हैं, खरपतवार कहलाते हैं | खरपतवार प्राचीन काल से ही मनुष्य के लिये समस्या बने हुये हैं, खेतों में उगने पर यह फसल की पैदावार व गुणवता पर विपरीत असर डालते हैं | मनुष्य के स्वास्थ्य पर भी यह बहुत बुरा असर डालते हैं और कई खरपतवारों की वजह से (जैसे गाजर घास) मनुष्य को कई घातक बिमारियों का सामना करना पड़ता हैं | गाजर घास बहुत ही खतरनाक खरपतवार हैं | इसका वैज्ञानिक नाम पारथेनियम हिस्ट्रोफोरस है, इसको कई अन्य नामों से भी जाना जाता हैं जैसे काग्रेंस घास,...

चावल पारिस्थितिक तंत्र का वि‍ध्वंसक कीट -  ब्राउन प्लांटहोपर Rice is a primary staple food crop for billions of people worldwide. To ensure global food security for continuing population growth, it is vital to control the various insect pests that damage rice (Normile, 2008). Among the herbivorous insects, Brown Planthopper (BPH), Nilaparvata lugens (Stal) to be considered as the devastating pest of rice, causing much distress among rice growers in the tropics, thereby posing serious threat to the national food security.  Both nymphs and adults of brown planthopper are mostly found at the base of the tillers, where shade and humidity is high, providing suitable microclimate for their multiplication. It can reduce the yield upto...

कीटनाशकाेे का वि‍वेकपूर्ण उपयोग सतत कृषि के लिए समय की आवश्यकता Although, pesticides offer one of the best means of controlling insect-pests and diseases of plant, pesticides are poisonous and their indiscriminate and unlimited use may result in ecological imbalance resulting in pest resurgence, aggravation of minor pests, pesticides resistance, environmental pollution, poising serious health hazards to man and animals.  Only a small amount of the pesticides (less than 1%) applied to a crop reaches to the target pests and the remaining more than 99% contaminates soil, air, water, food, feed etc.  However, if used judiciously such problems do not  occur. Most of the problems related to pesticides use have occurred due to misuse...

Parasitic Dodder (Ruscuta Reflexa) and its control परजीवी खरपतवार कृषि के लिए एक गंभीर समस्या है जिनको नियंत्रित करने के लिए उपलब्ध साधनों की प्रभावकारिता कम होती जा रही है।  परजीवी खरपतवार अपना भोजन बनाने और अपना जीवन चक्र पूरा करने के लिए दूसरी फसलों पर निर्भर रहते हैं। जैसे अमरबैल रिजके में, रूखड़ी मक्का और ज्वार में, औरोबंकी सरसों पर निर्भर रहती है। सबसे अधिक आर्थिक रूप से हानिकारक परजीवी खरपतवार रूखड़ी,  औरोबंकी और अमरबेल हैं। अमरबेल तना परजीवी पौधा है जो फसलों या वृक्षों पर अवांछित रूप से उगकर हानि पहुँचाता है। मुख्य रूप से रिजके में इसकी गंभीर समस्या देखी गई है परन्तु अलसी, चुकन्दर, मिर्ची, प्याज, गाजर, सूरजमुखी, रामतिल,...

आम में कायि‍क विकार, भारतीय आम उत्पादकों के लिए एक बड़ी परेशानी Mango orchards in India are facing declining growth in recent time leading to decrease in yield and productivity. Although a number of factors are responsible for mango yield decline, yet physiological disorders play more devastating and vital role. As a result, mango growers are losing their faith and interest in mango orchards and trying to shift their cultivation practices from mango to other crops. Mango (Mangifera indica L.) is the choicest fruit of India in terms of production, economy and acceptability by the consumers. In India it covers around 36 per cent of total fruits growing area. Owing to delicious taste,...