वर्षा जल संचयन प्रणाली बनाने की विधि

वर्षा जल संचयन प्रणाली बनाने की विधि

Making of rainwater harvesting system

भूजल के जबर्दस्त दोहन से लगातार पानी का स्तर नीचे जा रहा है। शहरीकरण के कारण प्राकृतिक रिचार्ज क्षेत्रों मे भारी गिरावट हो रही है जिसके कारण भूजल का स्तर बहुत नीचे हो गया है अथवा कई जगहो पर तो उसे निकालना ही असंभव हो गया है।  इससे पेयजल की किल्लत हो रही है। वर्षा के अनियमित पैट्रन, कभी अति वर्षा और कभी सूखा जैैैसी घटनाओं के कारण बारिश का पानी यूँ ही बहकर बर्बाद हो जाता है।

वर्षा जल को बचाकर संचय करने से साल भर उसका इस्तेमाल किया जा सकता है। वर्तमान परिस्थिति मे वर्षा जल संचयन अत्यंत उपयोगी हो सकता है। इससे पेड़-पौधों की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी। बड़े शहरों में पानी की समस्या में बहुत हद तक कमी आ सकती है। इससे सप्लाई वॉटर या अंडरग्राउंड वॉटर का इस्तेमाल कम होगा और उसकी बचत होगी।

कैसे करें रेनवॉटर हार्वेस्टिंग

सबसे पहले इसे सही तरीके से समझने की जरूरत है। बारिश के पानी को हम जहाँ से भी ज्यादा-से-ज्यादा इकट्ठा कर सकते है, रेनवॉटर हार्वेस्टिंग वहीं होनी चाहिए। छत इसके लिए सबसे मुफीद जगह होती है। सोसायटीज और खुद की जमीन पर अपने हिसाब से घर बनाने वालों के लिए वॉटर हार्वेस्टिंग आसान है और इसे अनिवार्य भी बनाया जा रहा है। 

थोड़ी-सी जानकारी लेकर आप खुद भी रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम बनवा सकते हैं। यहाँ हम इसकी मोटी-मोटी जानकारी दे रहे हैं।

रेन वाटर हार्वेस्टिगं सिस्टम  

वॉटर हार्वेस्टिंग के लिए गड्डे का साइज कितना होगा, इसके लिए एक सामान्य फार्म्युला है : छत का एरिया X 0.8 X 0.025

मान लें कि आपकी छत का एरिया 100 मीटर है तो 100 X 0.8 X 0.025 = 2 क्यूबिक मीटर आयतन वाला गड्ढा बनेगा। इस पिट की गहराई 2 मीटर होगी। लम्बाई और चौड़ाई 1-1 मीटर होगी तथा इस गड्डे की क्षमता लगभग 2000 लीटर पानी स्टोर करने की होती है।

पिट यानी गड्ढे खुदवाने के बाद उसमें नीचे की ओर फिल्टर मीडिया लगवाया जाता है। यह ईंट, चारकोल या एक्टिवेटिड कार्बन, बालू आदि से मिलकर बनता है।

  • ऊपर बताए हुए छत के क्षेत्रफल के हिसाब से गड्ढा करवाएँ।
  • सबसे नीचे का हिस्सा कच्ची मिट्टी का होगा।
  • कुछ जगहों पर कच्ची मिट्टी से एक पाइप 50 फिट तक डाला जाता है ताकि पानी धरती के नीचे आसानी से पहुँच सके।
  • उसके ऊपर लगभग 50 सेंटीमीटर तक पकी हुई ईंट (40/50/63 मिमी साइज) लगेगी।
  • ईंट के ऊपर लगभग 1.5-2 मिमी. ऊँचाई तक चारकोल डाला जाता है।
  • चारकोल के ऊपर 20 सेमी ऊँचाई तक रेत भरते हैं।
  • रेत के ऊपर जियो टेक्सटाइल मेंब्रेन (एक तरह का वॉटर फिल्टर करने वाला कपड़ा जो हार्डवेयर शॉप्स में मिल जाता है।) लगाते हैं। इसकी कीमत 60-वर्ग मीटर है।
  • पिट के चारों तरफ आरसीसी पैनल के साथ ईंट से बाउंड्री बनवा लेना बेहतर रहता है।
  • पिट को ढकने के लिए लोहे की ग्रिल या प्रीकास्ट स्लैब का उपयोग कर सकते हैं।

 क्या रखें ध्यान

  • ऐसे रिचार्ज पिट इमारत की फाउंडेशन या बेसमेंट से कम से कम 5 मीटर पर हो।
  • ऊपर लिखे फिल्टर मीडिया की जगह पर मल्टिपल लेयर में ‘‘जूट मैट’’ का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • किसी भी तरह का वेस्ट वॉटर रिचार्ज स्ट्रक्चर के अन्दर नहीं पहुँचे।
  • रिचार्ज स्ट्रक्चर की गहराई 1 से 4 मीटर तक हो।
  • छत को किसी भी तरह के केमिकल से पेंट नहीं होना चाहिए।
  • छत पर किसी भी तरह का केमिकल, जंग लगा हुआ लोहा, खाद या सर्प आदि नहीं होना चाहिए।
  • ऐसे किसी भी एरिया में रेनवॉटर हार्वेस्टिंग करने की जरूरत नहीं, जहाँ मानसून के बाद अंडरग्राउंड वॉटर का स्तर 5 मीटर या इससे कम हो। इससे ज्यादा गहराई पर पानी हो, तभी इसकी जरूरत है।  

Authors

रेखा चौधरी, मंजू नेटवाल और सोनू गेट

श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविधालय, जोबनेर

 Email: rekhachoudharyd95@gmail.com

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