Judicious Application of Agricultural Chemicals for Sustainable Agriculture

फसलों व सब्जियों की कीटों, बिमारियों एवं खरपतवारों से सुरक्षा हेतु विभिन्न उपाय किये जाते है, जिसमें कृषि रसायनों का प्रयोग जैंसे – कीटनाशी, जीवाणुनाशी, फफूँदनाशी एवं खरपतवारनाशी इत्यादि का प्रयोग किया जाता है। ये कृषि रसायन प्रभावी एवं जहरीले होते है, जिसकी वजह से इनके प्रयोग में अप्रत्याशित वृद्धि हो रही है।

किसान को इन कृषि रसायनो के प्रयोग सम्बन्धी उचित जानकारी न होने के कारण फायदा होने की जगह नुकसान होने की प्रबल सम्भावना रहती है। कई बार किसान स्वयं इनके प्रभाव में आ जाते है, जिससे उनकी हालत बिगड जाती है तथा समय पर उपचार के अभाव में मृत्यु तक हो जाती है।

कृषि रसायन केवल मनुष्यों के लिये ही नहीं अपितु सभी जीव-जन्तुओं, पेंड-पौंधो के लिये भी उतनें ही घातक है। अतः इनके प्रयोग से किसी भी प्रकार की हानि से बचने के लिए तथा पर्यावरण को बिना क्षति पहुचाएँ, यह आवश्यक  हो गया है कि इन कृषि रसायनों को खरीदते समय, घोल बनाते समय, छिड़काव के समय, छिड़काव के बाद तथा भण्डारण के समय उचित सावधानी बरतनी चाहिए।

कृषि रसायनों को खरीदते समय आवश्यक सावधानियां :-

  • कीट, रोग एवं खरपतवारों की पहचान व गम्भीरता के आधार पर सिफारिश किये गये कृषि रसायन ही खरीदें।
  • इन रसायनों को सदैव पंजीकृत डीलर के यहॉ से खरीदना चाहिए, जिसके पास वैद्य लाइसेंस हो।
  • किसी क्षेत्र विशेष में एक बार प्रयोग हेतु रसायन की जितनी मात्रा आवश्यक हो उतना ही खरीदना चाहिए।
  • कृषि रसायन के अच्छी प्रकार से सील बन्द पैकेट/कन्टेनर ही खरीदें।
  • कृषि रसायन खरीदते समय पैकेट/कन्टेनर पर लिखे बैंच नम्बर, पंजीकरण संख्या, निर्माण की तारीख तथा उपयोग में लेने की अंतिम तारीख अवश्य देखें।

कृषि रसायनों का छिड़काव हेतु घोल बनाते समय आवश्यक  सावधानियां :-

  • कृषि रसायन का घोल बनाने से पहले लेबल तथा निर्देश पुस्तिका अवश्य पढे़।
  • छिड़काव हेतु घोल बनाने के लिए सदैव साफ पानी प्रयोग में लिया जाना चाहिए।
  • सुरक्षात्मक कपड़े जैसे दस्तानें, चेहरे का ढ़कना, टोपी, पजामा इत्यादि से पूरे शरीर को ढ़क कर रखें।
  • कृषि रसायन की संस्तुत की गई मात्रा का ही प्रयोग करें तथा आवश्यकतानुसार घोल बनायें।
  • घोल बनाने के लिये दवा तथा पानी को हाथ से नहीं बल्कि लकड़ी से मिलाए।
  • दानेदार कृषि रसायनों को पानी के साथ मिलाकर प्रयोग नही करना चाहिए, उसी तरह प्रयोग करें।

कृषि रसायनों का छिड़काव करते समय आवश्यक सावधानियां :-

  • दवा की सही मात्रा तथा संस्तुति घोल का ही छिड़काव करना चाहिए।
  • दवा का छिड़काव सदैव सुबह-शाम शांत माहौल में एकाग्रचित होकर करना चाहिए।
  • सामान्यतः छिड़काव खुले मौसम में करना चाहिए।
  • प्रत्येक छिड़काव के लिए सिफारिश किये गए स्प्रेयर का ही प्रयोग करना चाहिए।
  • रिसाव वाले स्प्रेयर या डस्टर का प्रयोग नही करें।
  • कभी भी अकेले दवा का छिड़काव करने नही जायें।
  • कभी भी दवा का छिड़काव करते समय खाना, पीना, धूम्रपान, इत्यादि नही करना चाहिए।

कृषि रसायनों का छिड़काव करने के बाद की आवश्यक सावधानियां :-

  • छिड़काव के बाद बचे हुए रासायनिक घोल को किसी सुरक्षित जगह पर फेंक देना चाहिए।
  • दवा के प्रयोग किये गए कन्टेनर/पैकेट को जल स्त्रोत से दूर मिट्टी में दबा कर नष्ट करना चाहिए।
  • छिड़काव के बाद पहने हुये वस्त्रो को उतारकर धोकर रखना चाहिए तथा साबुन से हाथ-मुँह धोकर ही अन्य कार्य करना चाहिए।
  • छिड़काव किये गये खेत में कुछ दिन तक जीव-जन्तुओं को प्रवेश नही करने देवें तथा उपचारित खेतों से कुछ दिन तक चारा, सब्जियॉ इत्यादि नही काटें।
  • शरीर पर दवा का जहरीला असर होने पर तुरन्त प्राथमिक उपचार के बाद तत्काल चिकित्सक से सम्पर्क करना चाहिए।

कृषि रसायनों के भण्डारण के समय आवश्यक सावधानियां :-

  • कृषि रसायनों का घर के बाहर बच्चों व जानवरों की पहुँच से दूर भण्डारण करना चाहिए तथा ताला लगाकर रखना चाहिए।
  • दवा को सदैव अपने वास्तविक पैकेट या कन्टेनर में ही रहने देना चाहिए।
  • कीटनाशी, जीवाणुनाशी, फफूँदनाषी एवं खरपतवारनाशी दवा को लेबल लगाकर अलग-अलग भण्डारित करें।
  • कृषि रसायनों को कभी भी सूर्य की सीधी रोशनी में नही रखना चाहिए।

 Authors

विरेन्द्र कुमार1 और राजबाला चौधरी2  

1कृषि अधिकारी, ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स

2,,विद्या वाचस्पति, श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर, जयपुर (राजस्थान)

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