Digital technology is the best platform to double farmers' income

डिजिटल एग्रीकल्चर यानि फसलों की पैदावार बढ़ाने और खेती को सक्षम व लाभदायक बनाने के लिए आधुनिक तकनीकों और सेवाओं का इस्तेमाल करना। किसान अब खेती से जुड़ी अपनी समस्याओं से निपटने, नई कृषि विधियां सीखने और दुनिया भर में हो रहे कृषि प्रयोगों के बारे में जानने के लिए फेसबुक, व्हॉट्सऐप, यूट्यूब, सीडी जैसे साधनों से जुड़ रहे हैं। खेती को बेहतर बनाने में सूचना प्रोद्योगिकी से जुड़े ये प्लेटफॉर्म काफी काम आ रहे हैं।

कृषि संबंधी पोर्टल या वेबसाइट, स्मार्टफोन एप्लिकेशन, डिजिटल उपकरण, टेलीविज़न आदि सभी डिजिटल प्रौद्योगिकी का कृषि में अनुप्रयोग बढ़ता जा रहा है। विभिन्न सूचना प्रणाालियों का डिजाइन तैयार करने, उन्हे विकसित करने तथा उनके संचालन या प्रबंध का काम डिजिटल प्रौद्योगिकी के सहयोग से सम्पन्न किया जाता है।

भारत जैसे कृषि प्रधान देश में कृषि में अनुप्रयोगों की नई संभावना,ं डिजिटल प्रौद्योगिकी द्वारा तलाश की जा रही है। कृषि प्रसार, मत्स्य पालन, बागवानी, पशु पालन, भूमि रिकाॅर्ड आदि प्रमुख क्षेत्र में डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग करके कृषि विकास को नवीन आयाम दिया है।

भूमि से संबन्धित अभिलेखों का कंप्यूटरीकरण् करना डिजिटल प्रौद्योगिकी का सर्वाधिक महत्वपूर्ण अनुप्रयोग है।

खेती में डिजिटल प्रौद्योगिकी के क्या हैं फायदे

फसलों को रोपने और बीजाई करने के बारे में नयी तकनीकों के बारे में जानकारी मुहैया कराना। एग्रो-क्लाइमेटिक यानी खेती के लिए अनुकूल मौसम आधारित अध्ययन के जरिए जरूरी सूचना देना। सभी फसलों के बारे में अलग-अलग तौर पर उनकी मांग और आपूर्ति की जानकारी देना, ताकि ज्यादा मांग और कम आपूर्ति वाली फसलों के उत्पादन पर वे ज्यादा जोर दे सकें।

फसल से जुड़े, रोपण, बीज शोधन, कटाई आदि के बारे में जानकारी देना। किस मूल्य पर किस बाजार में फसलों को बेचा जाए, इस बारे में समुचित सूचना मिलती है। जिन किसानों को ठीक से पढ़ना नहीं आता वे भी वीडियो को देखकर और सुनकर खेती के बारे में जानकारी ले लेते हैं।

किसानों के लिए कई ऐप्स हैं जिनसे खेती से जुड़ी हर जानकारी चुटकियों में मिल जाती है। समय व पैसों की बचत होती है। डिजिटल प्रौद्योगिकी का कृषि में अनुप्रयोग विभिन्न कृषि पोर्टल, डिजिटल उपकरण स्मार्टपफोन ,एप्लिकेशनों व टीवी चैनलों द्वारा किया जा रहा है जिसमें कुछ का वर्णन इस प्रकार है

1. फसल बीमा एप 

इस एप्लिकेशन से किसानों को अधिसूचित फसलों के लिए बीमा प्रीमियम की गणना करने में मदद मिलती है और उनकी फसल और स्थान के लिए कट-ऑफ की तारीखों और कंपनी के संपर्कों की जानकारी मिलती है।

इसका उपयोग सामान्य बीमा राशि, विस्तारित बीमा राशि, प्रीमियम विवरण और किसी भी अधिसूचित क्षेत्र में किसी भी अधिसूचित फसल की सब्सिडी की जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है।

2. किसान सुविधा एप

यह, एक एसी स्मार्टपफोन एप्लिकेशन है जा किसानों के सशक्तिकरण और गांवों के विकास की दिशा में काम करने के लिए लॉन्च किया गया है यह वर्तमान मौसम और अगले पांच दिनों के पूर्वानुमान के बारे में जानकारी प्रदान करता है, निकटतम शहर में वस्तुओं / फसलों के बाजार मूल्य, उर्वरक, बीज, मशीनरी आदि की जानकारी प्रदान करता है।                           

3. इफको किसान एप

कृषि अर्थव्यवस्था के सशक्तिकरण के लिए, यह, एक एसी स्मार्टपफोन ,एप्लिकेशन है जो मौसम के पूर्वानुमान, बाजार स्थिति, नवीनतम कृषि सलाह, मंडी भाव सूचना, कृषि विशेषज्ञों के समाधान तथा फसल उत्पादन की्र जानकारी का ज्ञान भंडार के माध्यम से पहुँच प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त फोन से बातचीत, कृषि समाचार के साथ किसानों को आपस में विचार-विमर्श के लि, प्रेरित करता है। इस सुविधा का लाभ  किसान ही नहीं बल्कि कृषि से जुड़े प्रमुख कार्यकर्ता, अधिकारी, विद्यार्थी, ,गैर सरकारी संगठन भी उठा सकते है।                                        

4. एग्री-मार्केट एप

किसान को उसकी फसल का उचित दाम मिल पाये ऐसा उद्देश्य लेकर केन्द्र सरकार ने  यह स्मार्टपफोन एप शुरू किया है जो बाजार भाव के विषय में किसान को  जानकारी देगा। एग्री-मार्केट नामक स्मार्ट फोन  एप 50 किलोमीटर के दायरे में चल रहे अनाज के बाजार भाव की जानकारी प्रदान करता है।

5. आइलसीड  एट ए ग्लेन्स एप

यह स्मार्ट फोन एप भारतीय तिलहन अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित की गई है नाम से ही विदित होता है कि यह एप सभी तिलहनी फसलों के बारे में जानकारी व उनकी उनन्त किस्मों के बारे में बताता है

6. स्प्रे गाइड एप

 यह स्मार्ट फोन एप  कीटनाशक की सही संरचना, चिपचिपाहट या कीटनाशक या अन्य कृषि समाधानों की स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। एप्लिकेशन सब कुछ, अर्थात, विलेय की मात्रा, विलायक की मात्रा, मिश्रण समय और छिड़काव क्षेत्रों की गणना करता है ताकि आपको अपने निवेश से सर्वोत्तम मूल्य मिल सके।                    

7. राइस एक्सपर्ट एप

यह स्मार्ट फोन एप्लिकेशन राष्ट्रिय चावल अनुसन्धान संस्थान द्वारा  विकसित की गई है। चावल की लगभग सभी किस्में, कीट, रोग, खरपतवार, पोषक तत्व की कमी, खेत की तैयारी से लेकर कटाई के बाद तक की सभी गतिविधियों के बारे में सविस्तार बताता है तथा अधिक उपज के उपाय सुझाये गए, हैं। नवीनतम प्रौद्योगिकी, सूचना तथा विशेषज्ञ परामर्श सेवा भी इस एप्लिकेशन में मुख्य विकल्प हैं।                                                      

8. किसान कॉल सेंटर

किसान कॉल सेंटर के माध्यम से मुफ्त फोन सेवा (18001801551) व मैसेज से जानकारी उपलब्ध कराई जाती है। जैसे किसानों की समस्याएं, मौसम से संबधित जानकारी स्थानीय भाषा में नियमित रूप से दी जाती है।

9. ग्रामीण ज्ञान केन्द्र

ग्रामीण ज्ञान केन्द्र, कृषि क्षेत्र में उपलब्ध जानकारी को किसान तक पहुंचाने, फसल उत्पादन से विपणन के लिए शुरू कर सूचना के प्रसार केन्द्र के रूप में कार्य करता है। जिसके माध्यम से कृषि, बागवानी, मत्स्य, पशुधन, जल संसाधन, टेली स्वास्थ, जागरूकता कार्यक्रम, महिला सशक्तिकरण, कंप्यूटर शिक्षा तथा आजीविका सहायता के लिए कौशल विकास एव व्यवसायिक प्रशिक्षण दिया जाता है।

10. पूसा कृषि एप

यह भारतीय कृषि अनुसन्धान संस्थान द्वारा संचालित स्मार्ट फोन एप्लिकेशन है।यह संस्थान द्वारा विकसित किस्में व उनके उत्पादन तकनीकों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराती है ।

11. ई चौपाल

ई चौपाल को किसानों को दलालों और विचैलियों से बचाने के लिए शुरू किया गया। इसमें कृषि संयत्र, मौसम, फसल, कृषि उत्पादों की खरीद ब्रिकी, इंटरनेंट के जरिए किसानों को सीधे जोड़ा जाता है और उससे संबंधित सूचना दी जाती है।

ई चौपाल से किसान अपनी उपज ऑनलाइन मंडी के द्वारा उच्च लागत से बेचते है जिससे उनको शुद्ध मुनाफा मिलता  है और उनके उत्पादों की गुणवता में भी सुधार होता है

12. किसान चौपाल

 किसान चैपाल में किसानों के खेती, फसल उत्पादन, पशुपालन एवं इससे संबधित समस्याओं को सुना जाता है और वीडियो, पावर प्वाइंट प्रजंटेशन, ऑडियो के जरिए उन्हें सुलझाया जाता है।

13. एग्री ऐप

एग्री ऐप एक क्रांतिकारी एंड्रॉयड आधारित मोबाइल एप्लीकेशन है। यह आपके स्मार्टफोन पर फसल उत्पादन, फसल संरक्षण और सभी संबंधित कृषि संबद्ध सेवाओं के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करता है। एक सूचना पोर्टल होने के अलावा, एग्री एप किसानों, कृषि आदानों, खुदरा और पूर्ति सेवाओं को एक आम डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने के लिए एक ऑनलाइन मार्केट प्लेस भी है। एग्री ऐप कन्नड़, अंग्रेजी, हिंदी, तेलुगु, तमिल और मराठी में उपलब्ध है।

सूचना प्रौद्योगिकी द्वारा कृषि में अनुप्रयोग सुनिश्चित करने के कई प्रयास किये जा रहे है जिसकी बदौलत देश के कृषि परिदृश्य में तेजी से बदलाव आ रहा है। कृषि में नवाचारों को प्रोत्साहन देकर डिजिटल प्रौद्योगिकी के माध्यम से कृषि में अनुप्रयोग का विकास किया जा रहा है। कृषि को डिजिटल प्रोद्यौगिकी से जोड़ कर उन्नत फसल की पैदावार के लिए सरकार ने इससे जुड़ी कई योजनाओं का क्रियान्वयन शुरू किया।

सरकार नेशनल ई- गवर्नेंस प्लान इन एग्रीकल्चर पूरे देश में लागू कर रही है। इस योजना का उद्देश्य पूरे भारत में सूचना संचार के माध्यम से कृषि विकास को गति देना है। वर्तमान में विभिन्न प्रकार की सब्सिडी के भुगतान बैंक खातों के माध्यम से किये जा रहे है जिसमें रुपये सीधे किसान के खाते में आ रहे है।

इस तरह के अनुप्रयोग से पारदर्शिता बढ़ रही है। कृषि संबंधी शोधों को बढ़ावा देने के लिए, सभी कृषि शोध संस्थानों को नेशनल नालेज नेटवर्क से जोड़ने का कार्य किया है। जिससे कृषि शोध के विषय में सूचनाओं का प्रसार तेज गति से व आसान हुआ है।

वीडियो कोन्प्रफेंसिंग जैसी डिजिटल मीडिया की एप्लिकेशन  विश्व स्तर पर कृषि पैदावार को बढ़ाने संबंधी योजनायें व प्रोद्यौगिकी का प्रचार-प्रसार तेज गति से हो रहा है। इस तरह से तमाम उदाहरणों से यह बात स्पष्ट होती है कि वर्तमान कृषि में डिजिटल मीडिया उत्प्रेरक का काम कर रहा है। 

इस प्रकार डिजिटल प्रौद्योगिकी किसानों को फसलों की पैदावार बढ़ाने और खेती को सक्षम व लाभदायक बनाने के लिए आधुनिक तकनीकों और सेवाओं के इस्तेमाल करने  में  मदद करती है इनके प्रयोग से किसानो को अपनी आय दोगुनी करने में सहायता मिल सकती है।


Authors:

पुष्पेंद्र कुमार  एवं  डॉ संगीता गुप्ता

प्रसार शिक्षा एवं संचार प्रबंध विभाग

चंद्र शेखर आज़ाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्व विद्यालय कानपुर  उत्तर प्रदेश

Email: This email address is being protected from spambots. You need JavaScript enabled to view it.

 

New articles

Now online

We have 87 guests and no members online