Family Nutrition through Kitchen garden
रसोई उद्यान या घर उद्यान या पोषण उद्यान मुख्य रूप से परिवार के उपयोग के लिए ताजा सब्जियों को प्रदान करने का इक माध्यम है। विभिन्न सब्जियों को पाने के लिए उपलब्ध जमीन में विभिन्न सब्जियां अलग अलग समय में उगाई जाती हैं। बगीचे का क्षेत्र, लेआउट, फसल चयन भूमि की उपलब्धता और प्रकृति पर निर्भर करते हैं।
ग्रामीण शेत्र में भूमि कि उपलब्धता सीमित नहीं है किन्तु शहरी इलाकों में, भूमि कि कमी के कारण रसोई उद्यान को सीमित उपलब्ध क्षेत्र, इमारतों के छतों में बर्तन या सीमेंट बैग में फसलों को उगा कर किआ जाता है । यह परिवार के पोशन को सुनिसचित करता है ।
एक रसोई उद्यान या घर उद्यान के अनूठे फायदे हैं जैसे विटामिन और मिनिरल से बहुमूल्य पौष्टिक ताजा फल और सब्जियां कि निकटतम उपलब्धता, जहरीले रसायनों से मुक्त फलों और सब्जियों की आपूर्ति, सब्जियों को खरीदने के लिए व्यय को बचाने में सहायता, श्रम की गरिमा के बारे में बच्चों के भीतर जागरूकता, बाजार से खरीदे जाने वाले सब्जी की तुलना में घर के बगीचों के सब्जी का सेवन बेहतर होता है।
साइटें चयन
घर में जमीन की कमी के कारण एक रसोई उद्यान को स्तापित करने के लिए साइट के चयन के लिए विकल्प सीमित है। आम तौर पर एक रसोई उद्यान घर के पिछवाड़े में स्थापित किआ जाता है, पोषण उद्यान जल स्रोत के पास होना चाहिए ।
जमीन कि उरर्वता अच्चछी होनी चाहिए और अधिक सूर्य का प्रकाश उपलब्ध होना चाहिए। पोषण उद्यान का आकार भूमि की उपलब्धता के साथ साथ, परिवार में व्यक्तियों की संख्या और इसकी देखभाल के लिए उपलब्ध अतिरिक्त समय पर निर्भर करता है। लगभग 200 वर्ग मीटर जगह साल भर में पांच सदस्य परिवार के लिए सब्जियां प्रदान करने के लिए पर्याप्त है |
लेआउट
उद्यान का लेआउट तथा फसलों का चयन, क्षेत्र में प्रचलित कृषि-जलवायु परिस्थितियों पर निर्भर करता है । जलवायु और मौसमी बदलावों के आधार पर, लेआउट और फसल आवंटन को सुनिश्चित किया जाता है। लेआउट में अनुसरण किए जाने वाले सामान्य विशेषताएं/ सिद्धांत निम्नानुसार हैं:
- ड्रमस्टिक, करी पता और बिल्मी जैसे बारहमासी सब्जियां बगीचे के एक तरफ आवंटित की जानी चाहिए ताकि वे बाकि पौधों को न छंटा सकें और न ही वे इंटरकल्चरल ऑपरेशंस में हस्तक्षेप करें। रसोई उद्यान के एक कोने पर एक या दो खाद गड्ढियां प्रदान की जा सकती हैं जिस से खेत / रसोई कचरे को सही से उपयोग कि जा सकती है।
- पोषण उद्यान की सभी पक्षों पर बाड़ को कांटेदार तार या जीवित हिस्से के साथ बनाया जाना चाहिए। बाड़ के उपर चेकुर्मानिस, आइवी लौह, डोलिकोस बीन और तुरई लगाया जा सकता है। बाड़ को और मजबुत करने के लिए अगाथी (सेसबानिया ग्रैंडिफ्लोरा) को बाड़ के साथ साथ 1.0 मीटर दूरता में रोपण किया जा सकता है |
- बारहमासी फसलों के लिए क्षेत्रों को आवंटित करने के बाद, शेष भाग में वार्षिक सब्जी फसलों को बढ़ाने के लिए ६-१० बराबर भूखंडों में बांट देना चाहिए | फसल का चक्रिकरण कर के तीन वार्षिक फसल एक ही भूखंड से प्राप्त कि जा सकती है | साथी फसल या परिग्रहण फसल, अंतर फसल और मिश्रित फसल का पालन कर के स्तान का प्रभावी उपयोग किया जा सकता है |
- भूखंड (प्लोट) में स्तिथ चोटी (रिज) का उपयोग कर के जड़ और कंद फसल उगाया जा सकता है
- एक पोषण उद्यान में गहन और सतत फसल किया जाता है| मिटी की उर्वरता और बनावट को बरक़रार रखने के लिए जैविक खाद पर्याप्त मात्रा में उपयोग किआ जाता है। रसोई या घर के बगीचे के लिए जैबिक खेती को जोर देना चाहिए| हालांकि, अच्छी फल काटने के लिए रासायनिक खाद का अनुकूलतम उपयोग भी आवश्यक हैं।
- पोषण उद्यान से ताजा सब्जियों का उपयोग किया जाता है इसीलिए इसमें कीट और बीमारी नियंत्रण के लिए जैव-कीटनाशकों या बायो-फंगिसाइड्स का इस्तेमाल किया जाना चाहिये।
रसोई उद्यान में, लंबी अवधि और स्थिर उपज किस्मो को व्यवहार करना चाहिए और उच्च उपज जो कि जादा देखभाल निर्भर करता है उसका व्यवहार कम करना चाहिए ।
फसल की व्यवस्था:
- प्रत्येक उप-भूखंड में फसलों को आवंटित या व्यवस्थित करने के दौरान मौसम के आदर्श समय को ध्यान में रखते हुए किस्मों / फसलों को रोपण किआ जाता है । लगातार फसल में फसल रोटेशन के सिद्धांतों का पालन किया जाना चाहिए जिससे मिटटी कि उर्वरता भी बरक़रार रहती है और रोग, कीट पतंग कि व्यापकता भी कम होती है ।
- फसलों के पर्याप्त परागण को सुनिश्चित करने के लिए पोषण उद्यान में मधुमक्खी बोक्ष रखा जा सकता है|
- फसल का चुनाव परिवार के सदस्यों की पसंद और नापसंद अबं अवश्यक्ता पर निर्भर करता है।
एक पोषण उद्यान में फसल पैटर्न:
वार्षिक फसलें
मई-जून से सितंबर-अक्टूबर | सितंबर-अक्टूबर से दिसंबर-जनवरी तक | दिसंबर-जनवरी से मई-जून तक |
करेला/ तुरई | सेम, बीन | भिंडी |
बैंगन और मिर्च | पालक/सरसों/मेथी साग | ककड़ी / तरबूज |
राख लौकी (अश गौर्ड) | शिमला मिर्च | मिर्च / बैंगन |
लोबिया | टमाटर | चिचिंडा |
भिंडी | फूल गोबी/ पत्तागोभी | बैंगन और मिर्च |
कद्दू | मुली/गाजर/बीट | सेम |
बारहमासी फसलें
फल | पपीता, केला, अमृत, अनानास, मोसम्बी |
सब्जियां | ड्रमस्टिक, करी पत्ता, सब्जी वाला केला |
बारहमासी पौधा में अंतर फसल
सब्जियां | टैरो, याम, चीनी आलू, टैपिओका(जिमीकंद) |
फल | अनानास |
मसाले | बारहमासी मिर्च, अदरक, हल्दी, आम अदरक |
भूखंडों की सीमा में डोलिकोस बीन, चौलाई, लोबिया अदि लगाया जा सकता है
बाड़ में लगाने जाने वाले फसल
बारहमासी फसलें | चेकुरमानिस, आइवी लौकी, अगाथी |
बारिश के मौसम का फसल | रिज लौकी, लंबी बीन |
सर्दियों के मौसम का फसल | डोलिकोस बीन, पंख वाले सेम |
Authors
1श्री मनोरंजन पृष्टी एवं 2डॉ. लक्ष्मीप्रिया साहु
1तकनिकी अधिकारी व 2वरिष्ठ वैज्ञानिक
भा.कृ.अनु.प. - केन्द्रीय कृषिरत महिला संस्थान, भुवनेश्वर - 751003
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