Medicinal properties of lemongrass
लेमन ग्रास का नाम सुनते ही आपके दिमाग में जरूर हरी-हरी घास की तस्वीर आई होगी। लेमन ग्रास एक प्रकार की चमत्कारी घास है। लेमन ग्रास खासकर दक्षिण-पूर्वी एशिया में पाया जाता है।
यह घास जैसा ही दिखता है, बस इसकी लंबाई आम घास से ज्यादा होती है। वहीं, इसकी महक नींबू जैसी होती है और इसका ज्यादातर उपयोग चाय में अदरक की तरह किया जाता है। लेख में लेमन ग्रास ग्रास से होने वाले उपचारों के बारे में बता रहे हैं।
लेमन ग्रास के औषधीय गुण
लेमन ग्रास में कई औषधीय गुण होते हैं, जिस वजह से कई आयुर्वेदिक उपचार के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।
एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित रिसर्च की मानें, तो इसमें बैक्टीरिया से बचाव के लिए एंटी-बैक्टीरियल, सूजन को दूर करने के लिए एंटी-इन्फ्लेमेटरी व फंगस से राहत दिलाने के लिए एंटी-फंगल प्रभाव होते हैं।
इस घास की यह खासियत है कि यह एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेंटरी, एंटी-सेप्टिक और विटामिन सी से भरपूर है जो रोगों से लड़ने की क्षमता पैदा करती है।
इसमें कई सारे पोषक तत्व जैसे कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, प्रोटीन, फैट, कार्बोहाइड्रेट, मिनरल, पोटैशियम, सोडियम, जिंक, कॉपर, मैंगनीज, विटामिन बी-6, विटामिन सी, विटामिन ए आदि पाए जाते हैं।
चाय में ताजे या सूखे दोनों तरह के लेमनग्रास का प्रयोग किया जा सकता है। लेमनग्रास की जगह इसकी छाल का भी प्रयोग किया जा सकता है। लेमनग्रास में कैंसर सहित कई बीमारियों से छुटकारा दिलाने वाले गुण होते हैं।
इस घास में एक खास तत्व होता है जिसे सिट्राल कहते हैं। ये तत्व कैंसर सेल्स को शुरुआती अवस्था में रोकने में कारगर है। इस घास को ब्रेस्ट कैंसर और स्किन कैंसर में काफी फायदेमंद पाया गया है।
लेमन ग्रास के पौष्टिक तत्व
इस टेबल की मदद से जानिए कि लेमन ग्रास में कौन-कौन से पोषक तत्व कितनी मात्रा में पाए जाते हैं।
पोषक तत्व |
मात्रा प्रति 100 ग्राम |
पानी |
70.58 ग्राम |
ऊर्जा |
99 कैलोरी |
प्रोटीन |
1.82 ग्राम |
फैट |
0.49 ग्राम |
कार्बोहाइड्रेट |
25.31 ग्राम |
कैल्शियम |
65 मिलीग्राम |
मैग्नीशियम |
60 मिलीग्राम |
फास्फोरस |
101 मिलीग्राम |
पोटैशियम |
723 मिलीग्राम |
आयरन |
8.17 मिलीग्राम |
कॉपर |
0.266 मिलीग्राम |
जिंक |
2.23 मिलीग्राम |
सोडियम |
6 मिलीग्राम |
विटामिन बी-6 |
0.080 मिलीग्राम |
थियामिन |
0.065 मिलीग्राम |
विटामिन सी |
2.6 मिलीग्राम |
सिलेनियम |
0.7 माइक्रोग्राम |
मैंगनीज |
5.224 मिलीग्राम |
पैंटोथैनिक एसिड |
0.050 मिलीग्राम |
नियासिन |
1.101 मिलीग्राम |
राइबोफ्लेविन |
0.135 मिलीग्राम |
विटामिन ए आईयू |
6 आईयू |
कोलेस्ट्रॉल के लिए
कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने में लेमन ग्रास अहम भूमिका निभा सकती है। इस बात की पुष्टि दो अलग-अलग शोध से होती है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, लेमनग्रास के अर्क में हाइपोकोलेस्ट्रोलेमिक प्रभाव होता है, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मददगार है।
लेमन ग्रास तेल के सेवन से रक्त में कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम किया जा सकता है। इस तरह कोलेस्ट्रॉल को संतुलित रखने के लिए लेमन ग्रास के फायदे हासिल किए जा सकते हैं।
पाचन के लिए लाभकारी
लेमनग्रास का सेवन पाचन सुधारने में मदद करता है। इससे पेट की सूजन, पेट फूलना, पेट में ऐंठन, अपच, कब्ज, दस्त, उल्टी और ऐंठन जैसी पाचन संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलने में मदद मिलती है। साथ ही, पाचन को दुरुस्त करने में भी सहायक हो सकता है। यदि किसी को पाचन संबंधी परेशानी है, तो वो लेमन ग्रास टी से तैयार चाय का सेवन कर सकता है।
किडनी के लिए
किडनी को स्वस्थ रखने के लिए भी लेमन ग्रास के फायदे देखे जा सकते हैं। दरअसल, लेमन ग्रास में मूत्रवर्धक गुण होता है। इसका सेवन करने से बार-बार पेशाब जाने की जरूरत हो सकती है, जो किडनी के लिए अच्छा है। इससे शरीर के विषाक्त पदार्थ पेशाब के जरिए बाहर निकल सकते हैं, जिसे किडनी स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जा सकता है।
वजन कम करने के लिए लेमन ग्रास के फायदे
लेमन ग्रास में मूत्रवर्धक गुण होता है। यह शरीर को डिटॉक्सिफाई कर सकता है और यूरिन के जरिए विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकाल सकता है। माना जाता है कि डिटॉक्सिफिकेशन से वजन कम करने में मदद मिल सकती है।
इसके अलावा, एक अन्य शाेध में इस बात का जिक्र मिलता है कि लेमनग्रास में β-सिट्रोनेलोल नामक कंपाउंड पाया जाता है, जो वसा के ऊतक यानी टिश्यू की गतिविधि में वृद्धि कर वजन को कम करने में मददगार हो सकता है। इस तरह वजन को नियंत्रित करने के लिए लेमन ग्रास की चाय को आहार का हिस्सा बनाना एक बेहतर विकल्प हो सकता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए
लेमन ग्रास पर आधारित एक शोध में साफतौर से बताया गया है कि लेमन ग्रास में फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन ए, बी और सी मौजूद होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने में सहायक भूमिका निभा सकते हैं। वहीं, एक अन्य शोध के अनुसार लेमनग्रास में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करने में मदद कर सकता है। इस तरह लेमन ग्रास इम्यूनिटी को बूस्ट करने में उपयोगी साबित हो सकता है।
तंत्रिका तंत्र के लिए लेमन ग्रास के फायदे
लेमन ग्रास के पोषक तत्व तंत्रिका तंत्र के लिए लाभकारी हो सकते हैं। दरअसल, इसमें मैग्नीशियम पाया जाता है, जो न्यूरोडीजेनेरेटिव रोग से बचाव कर सकता है। न्यूरोडीजेनेरेटिव रोग में मस्तिष्क के न्यूरॉन्स नष्ट होने लगते हैं। वहीं, एक अन्य शोध के अनुसार लेमनग्रास तंत्रिका तंत्र के लिए टॉनिक माना जाता है। यह मस्तिष्क को उत्तेजित कर घबराहट, वर्टिगो यानी चक्कर आना और विभिन्न प्रकार के न्यूरोनल विकारों से निपटने में मदद कर सकता है।
अस्थमा के लिए
आयुर्वेद में श्वसन संबंधी विकारों के इलाज के लिए लेमन ग्रास का इस्तेमाल सालों से किया जा रहा है। इसके पीछे लेमन ग्रास में मौजूद विटामिन सी को जिम्मेदार माना जाता है। यह श्वसन प्रणाली में होने वाली ब्लॉकेज, फ्लू और अस्थमा जैसे श्वसन विकारों से राहत प्रदान करने में मदद कर सकता है। ऐसे में लेमन ग्रास के फायदे की सूची में अस्थमा से राहत भी शामिल है।
स्ट्रेस के लिए लेमन ग्रास
लेमन गार्स के गुण स्ट्रेस से भी आराम दिला सकते हैं। असल में ये काम लेमन ग्रास में पाया जाने वाला मैग्नीशियम करता है। शोध में पाया गया है कि मैग्नीशियम की कमी तनाव से जुड़ी समस्याओं जैसे सिरदर्द, अनिद्रा, थकान, अति-भावनात्मकता व चिंता आदि हो सकती हैं। ऐसे में लेमन ग्रास का सेवन मदद कर सकता है, क्योंकि इसमें मैग्नीशियम की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है। स्ट्रेस और चिंता को दूर करने के लिए लेमन ग्रास तेल से अरोमाथेरेपी भी ले सकते हैं।
मधुमेह के लिए लेमन ग्रास के फायदे
अगर मधुमेह से परेशान हैं, तो लेमन ग्रास के गुण मदद कर सकते हैं। लेमन ग्रास और उसके फूलों को पारंपरिक रूप से मधुमेह के इलाज के लिए उपयोग किया जाता रहा है। इसमें एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं, जो खाली पेट और खाने के बाद के ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।
मुंहासों के लिए लेमोंग्रस के फायदे
लेमन ग्रास के गुण बेदाग और पिंपल-फ्री त्वचा पाने में मदद कर सकते हैं। इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो पिम्पल और संक्रमण फैलाने वाले कीटाणुओं से लड़ते हैं और उन्हें जड़ से खत्म कर सकते हैं। इसके अलावा, इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं, जो ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को कम करने के साथ मुहांसों को बढ़ने से रोक सकते हैं।
त्वचा के लिए लेमनग्रास काे एक स्किन टॉनिक के रूप में माना जाता है। इसमें एस्ट्रिंजेंट और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जिस वजह से ऑयली और मुंहासों वाली त्वचा के लिए यह एक बेहतर क्लीन्जर की तरह काम कर सकता है। साथ ही यह त्वचा को टोनिंग करने में भी मदद कर सकता है।
लेमन ग्रास का उपयोग
लेमन ग्रास की न सिर्फ सुगंध बल्कि इसका स्वाद भी नींबू के से मिलता-जुलता होता है। थाई और कॉन्टिनेंटल खाना बनाने में लेमन ग्रास का खास उपयोग किया जाता है। लेमन ग्रास का उपयोग कई तरह से कर सकते हैं, जैसे:
- लेमन ग्रास टी के फायदे के लिए ग्रीन टी की तरह इसकी चाय बना सकते हैं। इसे चाय में अदरक/इलाइची की तरह भी उपयोग कर सकते हैं।
- चिकन बनाते समय उसमें थोड़ी-सी लेमन ग्रास काट कर डाल सकते हैं। यह चिकन को एक अलग स्वाद दे सकती है।
- लेमन ग्रास का सूप बना सकते हैं। थोड़ी-सी लेमन ग्रास टमाटर के सूप में भी डाल सकते हैं।
- लेमन ग्रास चाय के फायदे के लिए इसमें बर्फ डाल इसकी आइस्ड लेमन ग्रास टी बना सकते हैं।
- लेमन ग्रास का पेस्ट बना कर सब्जियां बनाने में उपयोग कर सकते हैं।
- खाने में नींबू के छिलके की जगह लेमन ग्रास का उपयोग कर सकते हैं।
कब उपयोग करें:
- लेमन ग्रास चाय का सेवन सुबह और शाम कर सकते हैं।
- दोपहर या रात के भोजन में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
कितना उपयोग करें:
- चाय को कड़क बनाने के लिए आवश्यकतानुसार उसमें एक या दो लेमन ग्रास की पत्तियां डाल सकते हैं।
- खाना बनाने में भी स्वादनुसार 8-10 पत्तियां लेमन ग्रास डाल सकते हैं, लेकिन इसका उपयोग सीमित मात्रा में ही करें।
ध्यान रखें कि ताजी लेमन ग्रास का ही उपयोग करें। उपयोग करने से पहले इसके डंठल के नीचे का टुकड़ा काट दें और सूखी हुई पत्तियां हटा दें। लेमन ग्रास की पत्तियां चाय बनाने में और अंदर का पीला भाग खाना बनाने में उपयोग कर सकते हैं।
लेमन ग्रास के नुकसान
वैस तो इसका सेवन सुरक्षित है, लेकिन अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से लेमन ग्रास के नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। नीचे जानिए लेमन ग्रास के कुछ दुष्प्रभावों के बारे में:
- इसके ड्युरेटिक प्रभाव के कारण बार बार पेशाब जाने की समस्या हो सकती है।
- संवेदनशील लोगों को इससे एलर्जी की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
- रोजाना लेमनग्रास टी का सेवन किया जा सकता है। बशर्ते, इसका सेवन सीमित मात्रा में किया जाए।
- हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो, तो लेमनग्रास का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर की सलाह लें। कुछ लोगों को इससे एलर्जी भी हो सकती है जैसे खुजली, गले में सूजन आदि।
- गर्भवती और स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को इसका उपयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसके सेवन से माहवारी शुरू हो जाती है और गर्भपात का डर रहता है। इसका सीमित मात्रा में उपयोग करें।
- ज्यादा उपयोग से चक्कर आना, अधिक पेशाब आना, थकान आदि हो सकते हैं।
Authors:
डॉ आरती घाबरू1 और डॉ गीता वर्मा1
1बागवानी और वानिकी महाविद्यालय, थुनाग, मंडी |
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