Agricultural work to be carried out in the month of April
मूंग:
- इस समय मूंग की फसल में 10 दिन के अन्तराल पर सिंचाई करें।
- मूंग की फलियां यदि हल्के भूरे रगं की हो गयी हैं तो समझें की फसल पक कर तैयार है।
गेंहूॅ:
- अनाज के भण्डारण से पहले गेंहूॅ को अच्छी तरह सुखा लें जिससे उसमें नमी बाकी ना रहे।
सब्जियॉं :
- भिण्डी व टमाटर की फसल को छेदक सूंडी के प्रकोप से बचाने के लिए 0.1 प्रतिशत टोपास या कैलिक्सिन (400- 500 मि.लि./ 1000 लिटर पानी के हिसाब से) का छिडकाव खडी फसल में कर दें।
- फल मक्खी के नियंत्रण के लिए मिथाइल यूजिनोल के फेरोमोन ट्रैप का प्रयोग करें।
कद्दू वर्गीय फसले:
- कद्दू वर्गीय फसलों में कीट नियंत्रण के लिए यलो स्टिकी ट्रैप , 20 से 25 प्रति हैक्टेयर के हिसाब से लगाऐं।
- कद्दू एवं चप्पन कद्दू में फूल आने पर 1 प्रतिशत यूरिया के घोल का छिडकाव करें।
- खरपतवार से बचाव के लिए निराई गुडाई करें।
- तापमान बढने पर आवश्यकतानुसार सिंचाई करें।
- यदि बेल बढ गयी है तो सहारा लगा दें एवं मचान बना दें।
फल वाली फसलें:
- आम के पेडों में इस समय फल गिरने लगता है। इसके बचाव के लिए 20 पी.पी.एम. की दर से नैफथलीन एसिटिक एसिड का छिडकाव करें।
- आम, अंगूर व अमरूद के बाग में जिकं, कॉपर, मैंगनीज, लौहा व बोरॉन के सूक्ष्म पोषक तत्वों का स्प्रे करें।
- यदि पेडों पर दीमक का प्रकोप दिखाई देता है तो 0.2 प्रतिशत क्लोरोपायरीफॉस का छिडकाव कर दें ।
श्रोत-पूसा कृषि पंचाग, भा.क्अनू.सं.