Agricultural work to be carried out in the month of February
सब्जियॉं :
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भिण्डी की पूसा ए-4 किस्म की बुआई फरवरी माह में कर दें।
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भिण्डी बुवाई के 8-10 दिन बाद सफेद मक्खी व जैसिड कीटो से बचाव के लिए 1.5 मिली मोनेाक्रोटोफास दवा प्रति 1 लिटर पानी के हिसाब से या 4 मिली इमकडक्लोप्रिड दवा प्रति 10 लीटर पानी की दर से का छिडकाव करें।
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भिण्डी में उर्वरक की पूर्ति के लिए 15 टन प्रति हैक्टेयर गोबर की खाद के साथ 100:50:50 की दर से NPK डालें।
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इस माह में लौकी की पूसा संतुष्टि, पूसा संदेश (गोल फल) , पूसा समृध्दि एवं पूसा हाईबिड 3 की बुवाई करें।
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खीरे की पूसा उदय , पूसा बरखा की बुवाई करें।
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चिकनी तोरई की पूसा स्नेध व धारी दार तोरई की पूसा नूतन किस्मों की बुआई करे।
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करेले की पूसा विशेष पूसा औषधि एवं पूसा हाइब्रिड 1,2 की बुआई करें।
दलहनी फसल
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जायद में बुआई के लिए मूंग की पूसा रतना, पूसा विशाल का प्रयोग करें।
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मूंग में कीट नियंत्रण के लिए इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल दवा की 3 मिली मात्रा को प्रति1 किलो बीज की दर से बीजोपचार करें।
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मूंग में खरपतवार नियंत्रण के लिए बेसालीन नामक दवाई को 1 लिटर दवा प्रति हैक्टेयर की दर से 600 लिटर पानी में घोलकर बुवाई से पहले छिडकाव करे दें।
फल फसलें:
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आम मे चुर्णिल आसिता रोग से बचाव के लिए 2 ग्राम पति 1 लिटर के हिसाब से घुलनशील गंधक का छिडकाव करें
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आम में यदि पुष्प कुरूपता दिखाई दे रही है तो गुच्छों को तुरंत काटकर नष्ट कर दें।
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आम में हॉपर कीडे के नियंत्रण के लिए कार्बारिल दवा 2 ग्राम प्रति 1 लिटर पानी की दर से छिडाव करें।
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अमरूद में फलों की तुडाई के पश्चात कटाई छंटाई करें।
पूसा कृषि पंचाग, भा.क्अनू.सं.