Saline soil: Alternative natural resources for fodder production

लवणीय मृदा समस्‍याग्रस्‍त मृदाएं में से एक है जिसको उचित प्रयास एवं प्रबंधन के साथ वनस्‍पति आवरण के तहत लाया जा सकता है । प्राकृतिक कारणों की वजह एवं उचित प्रबंधन न मिलने से विकृत हो जाती है । इन मृदाओं में कुछ गुणों के अधिकता एवं कमी के होने के कारण इसे खेती के लिए उपयुक्‍त नहीं माना जाता है ।

हमारे देश का भौगोलिक क्षेत्रफल 329 मिलियन हेक्‍टेयर है जिसमें 173.65 मिलियन हेक्‍टेयर मृदा समस्‍याग्रस्‍त है । इसमें से 25 मिलियन हेक्‍टेयर खाद्य फसल की खेती के लिए उपयुक्‍त नहीं है जिसमें 5;5 मिलियन हेक्‍टेयर लवणीय मृदा भी शामिल है । अतिरिक्‍त चारा संसाधन का विकास केवल इन मृदाओं के उपयोग के माध्‍यम से ही संभव है जिसका मुख्‍य वजह है अन्‍य भूमि से कम स्‍पर्धा होना ।

लवणीय मृदा

ऐसी मृदाएं जिनमें घुलनशील लवणों की अधिकता के कारण बीज का अंकुरण एवं पौधे का विकास प्रभावित होता है, लवणीय मृदाएं कहलाती है ।

इन मृदाओं की सतह पर कैल्शियम, मैग्‍नीशियम व पोटेशियम के क्‍लोराइड एवं सल्‍फेट आयन अपेक्षाकृत अधिक मात्रा में पाये जाते हैं । विधुत चालकता 4 डेसी साइमन प्रति मीटर से अधिक, विनियम योग सोडियम 15 प्रतिशत से कम तथा पी एच मान 8.5 से कम होता है ।

इन मृदाओं में घुलनशील लवण अधिक होने के कारण बीज का अंकुरण, पौधों की बढ़वार और जड़ों का विकास ठीक तरह से नहीं हो पाता है । उपयुक्‍त चारा फसलें एवं किस्‍म उगाकर मृदा का सही इस्‍तेमाल किया जा सकता है ।

सुधार हेतु मुख्‍य सुझाव :

  • मिट्टी के सतह पर जमें नमक को खुरच कर पानी से बहा देना चाहिए ।
  • भूमि का समतलीकरण व उचित जलनिकास की व्‍यवस्‍था करें ।
  • अच्‍छी गुणवत्‍ता वाले पानी से निछालन द्वारा जड़ क्षेत्र से नमक को बहाने की व्‍यवस्‍था करें ।
  • उपलब्‍धता के अनुसार अच्‍छी गुणवत्‍ता वाले पानी को लवणीय के साथ मिश्रित करके सिंचाई करने से लवणीय मृदा के सुधार में मदद मिलती है ।
  • लवण प्रतिरोधी फसलों एवं फसल चक्रों का चयन करें ।

लवणीय मृदा के लिए उपयुक्‍त चारा फसलें एवं घासें

तालिका1 : लवणीय मिट्टी में विभिन्‍न चारा फसलों एवं प्रजातियों की उत्‍पादन क्षमता

उपयुक्‍त फसलें

किस्‍में

हरा चारा (टन/हे.)

ज्‍वार

एच.सी.-136,एच.सी.-171 एस.एस.जी-59-3

35-40

मकचरी

टी.एल.-1, टी.एल.-16

30-40

नेपियर, संकर बाजरा

आई.जी.एफ.आर.आई.-6 व 10

70-110

लूसर्न (रिजका)

टी-9, आर.एल.-88

60-80

जई

केन्‍ट, जे.एच.ओ.-851, जे.एच.ओ.-822

35-40

लोबिया

ई.सी.-4216, यू.पी.सी.-5286

25-35

करनाल घास

-

25-30

रोडस घास

-

20-25

पारा घास

-

25-30

गिनी घास

गटन

45-60

दशरथ घास

-

35-55

कांगों सिगनल घास

-

30-40

सबई घास

-

25-30

लवणीय मृदा में लोबिया चारा उत्‍पादनलवणीय मृदा में  नेपियर चारा उत्‍पादन
चित्र :
लवणीय मृदा में लोबिया एवं नेपियर चारा उत्‍पादन

विशेष लाभ :

  • गैर उत्‍पादक भूमि से निरंतर आजीविका के लिए पशु चारा उपलब्‍धता की वृद्धि ।
  • प्राकृतिक साधनों का कुशल उपयोग ।
  • समस्‍याग्रस्‍त मृदा दर में लगातार सुधार और किसानों को नियमित रोजगार के अवसर प्रदान होगा ।

 


Authors

मनोज चौधरी एवं महेन्‍द्र प्रसाद

भा.कृ.अनु.प.- भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्‍थान, झॉसी-284003 (उ.प्र.)

Email: This email address is being protected from spambots. You need JavaScript enabled to view it.