Gramophone Mobile App: Farmers' Companions and Consultants
अभी तक हमारे देश के किसान आसमान का रंग और पक्षियों का व्यवहार देखकर बोवनी का समय भांपते थे और खेती संबंधी अन्य कार्य करते थे। मौसम की सही जानकारी उनके पास नहीं होने से बारिश का इंतजार करने के अलावा कोई चारा नहीं होता था। उन्हें न तो खेती की आधुनिक जानकारी देने का कोई इंतजाम था और न कीट-पतंगों से बचाव का! लेकिन, अब नई टेक्नोलॉजी के साथ-साथ किसानों को फसल संबंधी सारी जानकारी देने के लिए एक ऐसा मोबाइल एप ग्रामोफोन आया है जो किसानों की हर समस्या को उनके एक क्लिक से हल कर देता है। उनकी अपनी भाषा हिंदी वाला ये मोबाइल एप किसानों को उनकी हर समस्या का आसान हल सुझाता है। एक खास बात ये भी कि इस एप से जुड़े टोल फ्री नंबर (1800 123 6566) पर मिस कॉल करके किसान अपनी खेती से जुडी किसी भी जिज्ञासाओं का विशेषज्ञों के जरिए समाधान पा सकते हैं।
ग्रामोफोन ऐसा मोबाइल एप है जो किसानों को बेहतर पैदावार प्राप्त करने के लिए समय पर सही और सटीक सूचना देता है। क्योंकि, किसानों को जितनी त्वरित और सही जानकारी और सलाह मिलेगी, वे उतनी ही तत्परता से खेती से संबंधित आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करेंगे। इसलिए कि कोई भी टेक्नोलॉजी तभी सफल मानी जाती है, जब वो संबंधित और प्रभावित लोगों को समय पर सजग करे! ग्रामोफोन किसानों के लिए सभी प्रकार के इनपुट के लिए वन-स्टॉप समाधान है। इसके जरिए किसान अपनी फसल संरक्षण संबंधी सामग्री, फसल पोषण, बीज, कृषि उपकरण, बीज, कीटनाशक और कृषि हार्डवेयर अपने घर दरवाजे खरीदकर मंगवा सकते हैं।
अभी तक किसानों की सबसे बड़ी समस्या थी कि उन्हें खेती से जुडी सूचनाएं समय पर नहीं मिल पाती थी। उनके पास सिवाय अपने अनुभव के और कोई स्रोत भी नहीं था। इस मोबाइल एप ने उस अवरोध को हटा दिया है। अब किसान खेती से जुड़ी सभी तरह की जानकारियां, मौसम के हाल और उसके अनुसार बदलाव की सूचनाएं, मंडी के भाव, किसानों के लिए सरकार की घोषणाएं, कीटनाशकों की उपयोग संबंधी सलाह टोल फ्री नंबर से तत्काल पा सकते हैं। इससे जहाँ पैदावार में सुधार होगा, वहीं किसानों को कृषि आय में भी लगातार वृध्दि होगी। इस एप के जरिए किसानों को फसल पोषण प्रबंधन की सुविधा देकर उन्हें अपने खेतों को बेहतर ढंग से समझने में मदद दी जाती हैं।
ग्रामोफोन एप की विशेषताएं
इस एप में तीन प्रमुख सेक्शन हैं बाजार, मेरी खेती और समुदाय।
- बाजार : एप के इस सेक्शन में किसानों को ये जानकारी मिलती है कि उनकी फसल के लिए बाजार में कौनसा कीटनाशक और फसल पोषक उपलब्ध है। मौसम के अनुसार फसलों को किस तरह की कौन कौनसी बीमारियाँ लगती है और उसमें कौनसा कीटनाशक कितनी मात्रा में डाला जाना चाहिए! इस तरह के कई फोटो भी इस सेक्शन में दिखाई देते हैं। श्ग्रामोफोनश्एप के जरिए किसान जो भी कृषि सामग्री जैसे बीज, कृषि उपकरण, कीटनाशक या फसल पोषक खरीदते हैं, वो उन्हें सही गुणवत्ताा और सही बिल के साथ घर बैठे आसानी से मिल जाती है।
- मेरी खेती : इस सेक्शन के जरिए किसानों को ग्राम सलाह, सरकारी योजनाओं की जानकारी, मौसम की सूचनाएं मिलती है। यहाँ किसान को मंडियों के भाव की जानकारी तत्काल मिल जाती है। जिससे उन्हें ये तय करने में आसानी होती है कि उसे अपना फसल किस मंडी में बेचना है। इसके अलावा मौसम की भी जानकारी इस सेक्शन में किसानों को प्राप्त होती है। किसानों को उनकी खेती से संबंधित सारी जानकारियाँ सुविधाजनक तरीके से मिलती है। किसानों को फसल से जुड़े कई सुझाव भी यहीं मिलते है। यहाँ कृषि विशेषज्ञ किसानों को नियमित रूप से ताजा जानकारी और सही सलाह भी देते हैं।
- समुदाय : एप के इस हिस्से में किसान अपनी खेती से संबंधित जानकारी अन्य लोगों के साथ साझा करते हैं। किसानों को कई सवालों के जवाब अपने ही साथियों से मिल जाते हैं। जैसे प्याज रखने के लिए जो गोदाम बनाया है, क्या वो सही है? उनकी फसल के पत्ताों का रंग क्यों बदल रहा है? इसी हिस्से में किसान आपस में वार्तालाप भी करते हैं, जैसे अजोला घांस किस काम आती है या जयपुर में मिट्टी की जाँच कहाँ होती है? किसान अपनी फसल संबंधी फोटो पोस्ट करके भी आपस में सलाह-मशविरा कर सकते हैं। दरअसल, ये एक तरह से गाँव का कृषि संबंधी सोशल मीडिया है जहाँ फसल, खेत, खलिहान, मंडी, मौसम और जिज्ञासाओं की बातें होती है।
Authors:
Neha Gour, Manager PR
406, 4th floor, Maloo 01, Scheme 94, Near Velocity multiplex,
Ring road, Indore- 452010
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