24 May दिसम्बर के कृषि कार्य
Agricultural work to be carried out in the month of December
गेंहूॅ फसल:
- नवम्बर के प्रथम पखवाडे मे बोई गई गेंहू की फसल में सी.आर.आई. अवस्था में यानि बुआई के 20-25 दिन बाद की 5-6 सें.मी. लम्बी पौध की अवस्था में सिचांई करे।
- दूसरी सिचांई कल्ले निकलते समय (बुआई के 40-45 दिन बाद) करें।
- 25 नवम्बर से 25 दिसम्बर तक सिंचित अवस्था में पछेती बुवाई के लिए एच.डी 3059, एच.डी 2985, एच.डी. 2643 , डी.बी.डबल्यू – 14,16,71,90 की बुवाई करें।
- उपरोक्त किस्मों की बीज दर 120 किग्रा/ हैक्टेयर रखें।
सब्जियॉं :
-
टमाटर के पौधो की रोपाई इस माह में भी की जा सकती है
-
टमाटर की रोपाई से पहले पौध की जडों को पर्ण् कुंचन के प्रकोप से बचाव के लिए कन्फीडोर 200 एल.एस्. 100 मिली दवा 500 लिटर पानी में घोलकर उपचारित करें
-
पाले से बचाव के लिए टमाटर तथा अन्य सब्जियों के खेत में उचित नमी बनाए रखने के लिए लगातार अन्तराल पल सिचांई करें।
-
टमाटर तथा मिर्च में पछेती झुलसा से बचाव हेतु 0.2 प्रतिशत मैंकोजेब के घोल का छिडकाव करें।
सरसों की फसल
- सरसों में बुवाई के 40-50 दिन बाद तथा दूसरी 90-100 दिन बाद करें।
- सरसों में सफेद रतुआ के नियंत्रण के लिए मेटालैक्सिल 6 ग्राम प्रति किग्राम या बैविस्टिन 2 ग्रा. प्रति किलो बीज दर से उपचारित करे।
फल फसलें:
-
माह के अन्त में पेडों के तने पर मिली बग नियंत्रण के लिए पॉलिथीन शीट चढा दें।
-
तने में हुए छिद्रों में 0.5 प्रतिशत मोनेाक्रोटाफॉस डालकर छिद्रों कों चिकनी मिटटी से बंद कर दें।
-
आम में मिलीबग कीट की रोकथाम के लिए पौधों के तनों पर ग्रीस का लेप करें तथा उस पर धरातल से 30-40 से.मी ऊपर तक पॉलिथिन की पन्नी बांध दें। साथ ही कार्बोसल्फान 100 ग्राम दवा 100 लिटर पानी में घोलकार प्रति पौधे की मिटटी मे डालें।
-
अंगूर के नए गडढों की भराई करें तथा प्रत्येक गडढे में 10 किलों कम्पोस्ट ,100 ग्राम डी.ए.पी. और 75 ग्राम सल्फेट आफ पोटाश डालें।
पूसा कृषि पंचाग, भा.क्अनू.सं.
Related Posts
………………………………………
Related Posts

