Value added products of Mango

विश्व के कुल आम उत्पादन में भारत का योगदान लगभग 44.5 प्रतिशत है। आम उत्पादन में भारत का प्रथम स्थान है तथा कुल फल उत्पादन का दुसरा स्थान है। आम के फल अपनी वृध्दि एवं विकास की हर अवस्था में उपयोगी है। आम स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पौष्टिकता से भरपूर होता है। आम को कच्चा या पका दोनों तरह से उपयोग करते हैं।

जहाँ कच्चे आम में विटामिन 'सी' प्रचुर मात्रा में होता है वही पके आम में (कैरोटिनॉयडस) का बहुत अच्छा सा्रोत है। आम कैल्शियम, फॉस्फोरस, लोहा आदि खनिज लवणों का अच्छा सा्रेत है।

कच्चे और पके आम में प्रोटीन, वसा, काबोहाइड्रेट, नमी, खनिज लवण, कैल्शियम, लोहा, कैरोटीन, एस्कार्बिक एसिड, राइबोफ्लेविन आदि तत्व पाए जाते हैं। पके आम का स्केवैश बनाकर और कच्चे आम चटनी, आमचूर, पना, खटाई आदि उत्पाद बनाकर उपयोग कर सकते हैं।

भारतीय पध्दति में सर्वदा ही अचार का एक विशिष्ट स्थान रहा है। अचार हमारे भोजन को भी पचाने में सहायता प्रदान करता है। आम के अलावा, नींबू, ऑवला, करैला, करौंदा, लसोड़ा, गाजर, मूली, गोभी, लहसुन, टमाटर आदि का भी आचार बना सकते है। अचार की मॉग देश में ही नहीं अपितु विदेशों में भी प्रचलित है।

हमारे देश में निर्मित अचार एवं चटनी का निर्यात नियंतर बढता जा रहा है। बाजार में उपलब्ध अचारों में आम के अचार की बाहुलता रहती है क्योंकि आम से विभिन्न प्रकार के अचार बनायें जा सकते हैं। साधारणतया आम की वे प्रजातियॉ जिसमें रेशा एवं खट्टा अधिक हो अचार बनाने के लिए उपयुक्त होता है। अत: आम का विभिन्न प्रकार से उपयोग कर सकते हैं। 

कच्चे आम के मूल्यवर्धित उत्पाद

1. आम का अचार

सामग्री- 

कच्चा आम- 5 किग्रा. मकरा राई- 100 ग्रा. सौंफ- 100 ग्रा. पिसी हल्दी-100 ग्रा. जीरा- 50 ग्रा. मंगरैल-25 ग्रा. मेथी- 25 ग्रा. पिसी लालमिर्च-50 ग्रा. गरम मसाला- 50 ग्रा. नमक- 600 ग्रा. तेल-100 मिली.

आम का अचार बनाने की विधि-

आम को धोकर सुखा लें। इसे चार-चार टुकड़ो को काटकर फॉको को जुड़ा रहने दें। राई, सौंफ, मेथी, जीरा को भूनकर पीस लें और इसमें मंगरैल, गरम मसाला, पिसी हल्दी, मिर्च व नमक मिला दें। सरसों तेल को गर्म करें व हल्का ठंडा होने पर आमों को मसाले में मिलाकर ठंडा होने पर साफ सूखें जीवाणु रहित जार में भर लें। सरसों तेल डालकर एक सप्ताह तक धूप में 4-5 घंटे तक धूप में रखें। स्वादिष्ट अचार तैयार है। 

2. आम का तीखा अचार

सामग्री-

आम- 1 किग्रा. हरी मिर्च- 500 ग्रा. अदरक- 250 ग्रा. सौंफ- 50 ग्रा. मकरा राई- 50 ग्रा. लाल मिर्च- 50 ग्रा. हल्दी- 20 ग्रा. अजवाइन- 20 ग्रा. मंगरैल- 20 ग्रा. मेथी- 20 ग्रा. नमक- 200 ग्रा. सरसों तेल- 200 मिली.

आम का तीखा अचार बनाने की विधि-

आम को धोकर सुखाकर पतले-पतले लच्छे में काट लें। हरी मिर्च को लम्बाई में दो हिस्से में काट लें। अदरक को कद्दूकस कर लें। इन सभी को मिलाकर धूप में 4-5 घंटे तक रख दें। धूप से हटाने के बाद इसमें उपर लिखित सभी मसाले और सरसों तेल डालकर एक सप्ताह तक धूप में रखें। इसी प्रकार अचार तैयार हो गया।

3. आम का भरवा अचार

सामग्री-

छोटे व पकी गुठली वाले आम- 1 किग्रा. सौफ- 60 ग्रा. मकरा राई- 50 ग्रा. मेथी- 40 ग्रा. हल्दी- 20 ग्रा. अजवाइन- 20 ग्रा. मंगरैल- 20 ग्रा. मेथी- 20 ग्रा. नमक- 140 ग्रा. लाल मिर्च- 30 ग्रा. सरसों का तेल- 200 मिली.।

आम का भरवा अचार बनाने की विधि-

आम को धोकर साफ कपड़े से पोछ लें। आम को चार फाके में काट लें। ध्यान रहें कि चारों फाके आपस में जुड़ी रहें। गुठली निकालकर फेंक दें। आम में नमक व हल्दी लगाकर 24 घण्टे तक रख दें। सभी मसाले मिलाकर आम के फाकाें में भर दें। साफ शीशे के बर्तन में आम भर कर उपर से नमक छिड़क दें। एक दिन तक मर्तवान को धूप में रखें। अगले दिन सरसों का तेल गर्म कर ठंडा करके डालें। एक सप्ताह तक धूप में रखें एवं बीच-बीच में हिलाते रहें। अचार 10-15 दिनों में खाने योग्य तैयार हो जाएगा।

4. आम का मीठा आचार 

सामग्री-

आम के फाके- 1 किग्रा. सौंफ- 50 ग्रा. मेथी- 10 ग्रा. कलौंजी- 10 ग्रा. लाल मिर्च- 20 ग्रा.सफेद जीरा- 6 ग्रा. काला जीरा- 6 ग्रा. लौंग- 1 ग्रा. दालचीनी- 2 ग्रा. बड़ी इलाइची- 6 ग्रा. पीपर- 1 ग्रा. जावित्रि- 1 ग्रा. जायफल- 2 ग्रा. केशर- 0.1 ग्रा. चीनी- 1.25 किग्रा. सेंधा नमक- 100 ग्रा0।

आम का मीठा अचार बनाने की विधि-

आम का अच्छी तरह से धुलकर चाकू से छीलकर ऐसे पानी में भाप दें जो पहले से इतना पकाया गया हो कि पककर आधा रह गया हो। अब इन फलों को पानी से निकालकर धूप में सुखा लें। केशर और चीनी को छोड़कर बाकी सब मसालों को भूनें। बाद में जरा सा जीरे को कूटकर आमों में मिला दें। केशर और चीनी को पीसकर अचार में मिला दें। फिरर् बत्तान का मूँह कपड़े से बाँधकर दस-बारह दिन तक धूप में रखें फिर उपयोग में लाये। स्वादिष्ट अचार तैयार है।

5. आम का सिरके वाला आचार

सामग्री-

आम- 1 किग्रा. सेंधा नमक- 30 ग्रा. लाल मिर्च- 20 ग्रा. अदरक- 100 ग्रा. सौफ- 50 ग्रा. दालचीनी- 5 ग्रा. लौंग- 1 ग्रा. नमक- 150 ग्रा. सरसों का तेल- 100 ग्रा. सिरका- आवश्यकतानुसार।

आम का सि‍रके वाला अचार बनाने की विधि-

आम को एक दिन तक पानी में डुबाकर रखें। दुसरे दिन चाकू से छीलकर उसे दो-दो टुकड़े लें। ध्यान रहे कि ये दोनो टुकड़े आपस में जुड़े रहे अलग न होने पाए। भीतर की गुठली निकालकर फेंक दें। फिर सेंधा नमक पीसकर सभी टुकड़ों में मिला दें। शीशे के जार में रखकर मुॅह पर पतला कपड़ा बाधकर दो दिन तक धूप में रख दें। तीसरे दिनर् बत्तान से आम के फाकाें को निकालकर किसी साफ कपड़े से निकले पानी को अच्छी तरह से पोछ लें। उसके बाद लाल मिर्च, अदरक, दालचीनी, लौंग और नमक इकट्ठा करें। अदरक को छीलकर बारीक कतरकर डालें एवं सब मसाले पीस लें। फिर सभी मसाले मिलाकर उन आम के फाकों में भरे और धागे से अच्छी तरह लपेटकर बाँध दें। जिससे मसाला गिरे नहीं। अब इन बधे हुए आमों को एकर् मत्ताबान में सीधे-सीधे सजाकर रख दें। उपर से सरसों का तेल छोड़कर सिरका इतना भर दें, जिससे आम अच्छी तरह डूब जाए। अब ढक्कन सेर् मत्ताबान को बन्द कर एक कपड़े से बाँध दें और 10-15 दिन तक धूप दिखाते रहें। यह आचार टिकाउ व अत्यन्त स्वादिष्ट बनता है।

6. आम का चटपता अचार

सामग्री-

आम- 1 किग्रा. नमक- 150 ग्रा. मेथी- 50 ग्रा. कलौंजी- 20 ग्रा. हल्दी- 20 ग्रा. लाल मिर्च- 20 ग्रा. काली मिर्च- 20 ग्रा. सरसों का तेल- आवश्यकतानुसार। 

विधि-

आम को अच्छी तरह से धूलकर साफ कर लें। फिर स्टेलनेस स्टील के चाकू से लम्बाई में काटकर गुठली निकाल दें। टुकड़ो को 2 या 3 प्रतिशत नमक के घोल में रख दें ताकि आम के टुकड़े काले न पड़ने पाए। आम के टुकड़े को पिसे नमक के साथ अच्छी तरह मिलाए। उक्त मिश्रण को शीशे के जार या चीनी मिट्टी केर् बत्तानों में डालकर चार-पाँच दिन धूप में रखें। जब तक कि टुकड़ों से पानी न छूट जाए और इसके हरे छिलके पीले पड़ जाए। इसके बाद मसालों को कुछ तेल के साथ आम की फाकों में अच्छी तरह मिला दें। साफ व सूखे चीनी मिट्टी के जारों में आचार को इस प्रकार दबा-दबाकर भरे कि जार के अन्दर पूरी तरह ढक जाए। एक- दो सप्ताह बाद अचार खाने लायक तैयार हो जाएगा।

7. आम का सूखा अचार

सामग्री-

आम के टुकड़े- 1 किग्रा. नमक- 150 ग्रा. लाल मिर्च- 30 ग्रा. कलौजी- 30 ग्रा. नींबू का रस- आवश्यकतानुसार।

आम का सूखा अचार बनाने की विधि-

फाँको को चाकू से छील लें और उसमें से फाँके काटकर गुठली अलग कर लें। इसमें नमक-मिर्च और कलौंजी मिला दें। अब सभी मिश्रण आम को शीशे के जार में रखकर नींबू का रस डाले कि फाँके डूब जाये। अब इसर् बत्तान को बंद कर रख दें। कुछ दिन बाद अचार खाने योग्य तैयार है।

Aam Nimbu ka achaar8. आम-नींबू का अचार

सामग्री-

आम- 1 किग्रा. नींबू- 500 ग्रा. नमक- 200 ग्रा. मेथी- 50 ग्रा. कलौजी- 20 ग्रा. हल्दी- 20 ग्रा. लाल मिर्च- 20 ग्रा. सरसाें का तेल आवश्यकतानुसार।

आम नींबू का अचार बनाने की विधि-

आम को अच्छी तरह धुलकर काट लें एवं नींबू को भी दो या चार भाग में काट लें। नींबू में नमक मिलाकर धूप में रख दें ताकि फालतू पानी निकल जाए,

जब पानी रिसना बन्द हो जाए तो आम के अचार में डाल दें, फिर उसमें मेथी, कलौजी, हल्दी, लाल मिर्च पाउडर, काली मिर्च, नमक एवं सरसों का तेल मिलाकर एक सप्ताह तक धूप में रखें। एक सप्ताह बाद अचार खाने योग्य तैयार हो जाएगा।

Mango chatni9. आम की खट्टी-मीठी चटनी

सामग्री:

आम के टुुुुुकडे 1 कि‍ग्रा., अदरक- 25 ग्रा., प्‍याज- 50 ग्रा., लहसुुन- 25 ग्रा., चीनी- 800 ग्रा. नमक- 100 ग्रा., लाल मीर्च पाऊउडर- 20 ग्रा., बडी इलाइची- 20 ग्रा., जीरा भुुुुन कर पीसा - 20ग्रा., काली मि‍र्च 20 ग्रा., सि‍रका-20  मि‍ली. पानी' 500 मि‍ली 


आम की खट्टी मीठी चटनी बनाने की :

आम को अच्छी तरह से साफ पानी से धुलकर छील लें। आम को छोटे-छोटे टुकड़े में काटकर गुठली से अलग कर दें। आम के टुकड़ो में अदरक, प्याज, लहसून (बारीक कटा हुआ) व पानी डालकर कुछ समय के लिए पकायें।

जब फांके मुलायम हो जाये तब इसे ऑंच से उतार कर इसमें चीनी व नमक मिलाकर कुछ समय के लिए ऐसे ही रखा रहने दें जिससें टुकड़ों से पानी निकलकर चीनी व नमक में मिल जाये।

अब मिश्रण को धीमी ऑंच पर पकाये। जब गाढापन आने लगे तब मसाले मिलायें। जब मिश्रण जैम की तरह गाढा हो जाये तब ऑंच से उतार लें। सिरका मिलाकर चौड़े मुॅह की जार में रखें। पूरी तरह ठंडा होने पर ढक्कन बन्द करके भंडारित करें एवं खायें।

10. आम-गुड़ की लौजी

सामग्री- कच्चे आम का गूदा- 1 किग्रा. गुड़- 400 ग्रा. नमक- 60 ग्रा. काला नमक- आधा छोटा चम्मच, लाल मिर्च- 15 ग्रा. मेथी- 10 ग्रा. सौफ पीसी हुई- 5 ग्रा0।

विधि-

आम धोकर साफ कपड़े से साफ करे फिर छिलकर लम्बे-लम्बे पतले-पतले टुकड़े काट कर गुठली पर से सारा गूदा उतार लें। इस गूदे में नमक मिलाकर साफर् मत्ताबान में भर दें। एक दिन बाद गूदे को निकाल लें।

नमक का पानी रख लें। गूदे को कपड़े पर फैलाकर शुष्क कर लें। गुड़ धुल जाये तब उसमें आम के टुकड़े डाल दें। इसमें सभी मसाले तथा नमक का पानी डालकर पकाये।

अब आम के टुकड़े डाल दें। इसमें सभी मसाले तथा नमक का पानी डालकर पकायें। जब आम के टुकड़े गल जाये तब ऑंच से उतारकर ठंडा करकेर् मत्ताबान में भर दें। अचार तैयार है।

11. कच्चे आम का स्कवैश

सामग्री-

कच्चे आम का गूदा - 1 किग्रा. चीनी- 1.5 किग्रा. पानी -2.0  ली.। साइट्रिक एसिड- 12 ग्रा. पोटाशियम मेटा बाई सल्फाइट- 0.7 ग्रा0/1 ली.।

विधि-

कच्चा आम को अच्छी तरह से धोकर, छीलकर छोटे-छोटे टुकड़ो में काट लें व उसमें पानी डालकर किसी बड़ेर् बत्तान या प्रेशर कुकर में उबालें। जब गूदा पुरा मुलायम हो जाए तो उसे पूरा मथ दे एवं किसी मजबूत पतले कपड़े में दबाकर छानकर रस निकाल लें।

पानी में चीनी डालकर गर्मकर चासनी तैयार कर लें। चासनी में साइट्रिक एसिड घोलकर डाल दें और पतले कपड़े से छान लें। जब चासनी ठंढी हो जाए तब उसमें रस मिला दें। अब पोटैशियम मेटा बाई सल्फाइट को अलग से थोड़े से घोल में घोलकर पूरे स्क्वैश में मिला दें।

आवश्यकतानुसार हरे आम का रंग एवं एसेन्स का प्रयोग कर सकते है। स्क्वैश को साफ एवं सूखे बोतलो में भरकर कार्क व मोम से अच्छी तरह शील कर दें।

12. आम का मीठा पना

सामग्री-

कच्चा आम- 1 किग्रा. सफेद नमक- 120 ग्रा. काला नमक- 80 ग्रा. भुना पीसा जीरा- 40 ग्रा. पुदीने की पत्ताी- 200 ग्रा. साइट्रिक अम्ल- 65 ग्रा. चीनी- 450 ग्रा. सोडियम बेन्जोएट- 0 7 ग्रा. पानी- 1.25 ली.।

विधि-

कटे-फटे व रोगग्रस्त आम को अलग कर लें, बचे आम को अच्छी तरह से धुलकर साफ कर लें। 1 किलोग्राम आम को 1 लीटर पानी में डालकर नरम होने तक उबालें। फिर उसे उतारकर ठंडा होने दें, उसके बाद आम के गुदा को उसी पानी में उबालकर मसल लें।

छिलके व गुठली को अलग कर दें। गूदे को उपरोक्त सामग्री सोडियम बेन्जोएट को छोड़कर सभी को एक साथ मिलाकर मिक्सी में पीस लें फिर मिश्रण को नायलान अथवा स्टील भी छन्नी से छान लें। सोडियम बन्जोएट को थोड़े से पानी में घोलकर व बचे हुए पानी को मिश्रण में अच्छी तरह मिलायें। इस प्रकार पना तैयार हो गया।

पना का साफ काँच या प्लास्टिक की बोतल में भरकर उन्हें सील बंद कर दें। पने की बोतलों को स्वच्छ स्थान पर सामान्य तापक्रम पर भंडारित करें। पने के एक भाग को चार भाग ठंडे पानी में अच्छी तरह से मिलाकर उपयोग में लायें।

13. आम का स्क्वैश

सामग्री-

आम का गुदा- 1 किग्रा. चीनी- 1.5 किग्रा.  साइट्रिक अम्ल- 36 ग्रा. पोटैशियम मेटा बाई सल्फाइट- 3 ग्रा.  पानी 1.2 ली.।

विधि-

पके आमों को अच्छी तरह से धुलकर साफ करें तथा कटे-फटे रोगग्रस्त फलों को छॉटकर अलग कर लें। फलो को स्टील के चाकू से छील लें व गुदा को गुठली से अलग कर लें, फिर उसे मिक्सी में अच्छी तरह से पीस लें। पीसा हुआ गुदा को स्टील अथवा नायलान की छन्नी से छान लें ताकि रेशे अलग हो जायें।

चीनी को पानी में घोलकर छान लें। गूदे को चीनी के घोल में मिलाकर 800 से0ग्रे0 तापमान तक गर्म करें। इसमें साइट्रिक अम्ल को थोड़े से पानी में घोलकर मिला दें। मिश्रण को ऑंच से उतार लें। अंत में पोटैशियम मेटा बाई सल्फाइट के थोड़े पानी में घोलकर स्क्वैश में अच्छी तरह मिला लें।

तदुपरांत स्क्वैश को निर्जलीकृत को सामान्य तापक्रम पर भंडारित करें। स्क्वैश के एक भाग को तीन भाग ठंढे पानी में अच्छी तरह मिलाकर उपयोग में लाये।

Aam Pappad banane ki vidhi14. आम पापड़

पके आमों को अच्छी तरह से धुलकर साफ करें। फलो को स्टील के चाकू से छील लें व गुदा को गुठली से अलग कर लें, फिर उसे मिक्सी में अच्छी तरह से पीस लें। पीसा हुआ गुदा को स्टील अथवा नायलान की छन्नी से छान लें ताकि रेशे अलग हो जायें।

गूदे में 0.2 से 0.5 प्रतिशत साइट्रिक अम्ल व पोटैशियम मेटा बाई सल्फाइट डालकर एल्युमिनियम की ट्रे में पॉलीथीन के ऊपर सुखा लें। उलटकर खूब अच्छी तरह सुखाकर टुकडों में काट कर पैक कर के रखें।

सावधानियां-

  • सड़े- गले, कटे-फटे एवं दाग धब्बे लगे फलों को प्रयोग में नहीं लाना चाहिए।
  • चोट खाये फल का अचार नहीं बनाना चाहिए।
  • फलो को स्वच्छ पानी से अच्छी तरह से धोना चाहिए।
  • अचार टिकाऊ बनाना हो तो आम, ऑंवला आदि फलों का हाथों से या बाँस में जाल बाँधकर पेड़ से तोड़ना चाहिए।
  • मसाले साफ-सुथरे एवं दरदरे पीसे होने चाहिए।
  • साफ एवं निर्जलीकृत जाराें का प्रयोग करना चाहिए।
  • पात्रों में से अचार कभी हाथों से नहीं निकालना चाहिए। इसके लिए कलईदार या लकड़ी का चमचा रखना चाहिए।
  • यदि अचार किसी समय हाथ से ही निकालना पड़े तो अच्छी तरह से हाथ साफ करके अचार के पात्रों में डालना चाहिए।
  • अचार निकालने के पश्चात् ढक्कन को अच्छी तरह से बन्द करना चाहिए।
  • मसाले एवं नमक की मात्रा स्वाद के अनुसार कम या ज्यादा की जा सकती है

 Authors

डॉ. फूल कुमारी

 विषय वस्तु विशेषज्ञ (गृहविज्ञान) 

कृषि विज्ञान केन्द्र, हमीरपुर

प्रसार निदेशालय कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय,बॉदा

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