Moringa's Value Added Products to Increase Agricultural Income 

वर्तमान फसल पद्धतियों एवं जलवायु की दशाओं को ध्यान में रखते हुए किसानों की आय मे वृद्धि कृषि वैज्ञानिकों के लिए एक बड़ी समस्या है। इसके लिए परंपरागत फसलों एवं बहुमूल्य औषधीय पौधों की खेती की ओर काफी ध्यान दिया जा रहा है।

इस प्रकार की फसलें अल्प लागत में अधिक लाभ देकर स्थायी विकास को प्रोत्साहित करती हैं तथा अन्य सह फसलों के उत्पादन में होने वाले जोखिम को भी कम करती हैं। मोरिंगा यानि सहजन (मोरिंगा ओलीफेरा) एकवंशीय, मोरिंगेसी कुल का पौधा है जिसके सभी भागों को पोषण सम्पन्न माना जाता है।

इसकी पत्तियों एवं फलियों में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन, विटामिन, खनिज व अनेक पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं। हमारे देश में सहजन की एक बड़े भाग पर व्यावसायिक खेती होती है। पोषक गुणो से भरपूर सहजन के व्यावसायिक उत्पादों को विश्व भर में स्वास्थ्य वर्धक पोषक तत्वों की प्रतिपूर्ति हेतु सेवन किया जा रहा है।

मोरिंगा लगभग 300 रोगों के लिए संजीवनी का कार्य करता है। अतः इसके विभिन्न भागों का प्रयोग करके व्यावसायिक रूप से निर्मित उत्पादों से न केवल पोषण प्रतिपूर्ति संभव हो सकती है बल्कि इसके मूल्य संवर्धित उत्पादों के विपणन से किसानों को अच्छी आय भी मिलती है।

इसलिए इसके उत्पादों की बाजार में अच्छी ख़ासी मांग के अनुसार बाजार मूल्य भी अच्छा मिलता है। देश में पिछले काफी वर्षों से बहुत से किसान सहजन की खेती करके अच्छा लाभ ले रहे हैं।

विश्व खाद्य और पोषण संबंधी संस्थाओं का मानना है की आगामी वर्षों में मोरिंगा उत्पाद, खाद्य एवं पोषण उत्पादों से जुड़े उद्योगों का 10 प्रतिशत हिस्सा प्राप्त करेंगे जबकि सौंदर्य प्रसाधन क्षेत्र की कंपनियां अपने उद्योग में इसे अपनाने की उम्मीद कर रही हैं।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में मोरिंगा उत्पादों के व्यापार की वर्तमान मात्रा एवं मांग बहुत अधिक है। यह दुनिया भर में एक बढ़ता हुआ बाजार है। भारत से उत्पन्न, मोरिंगा के पेड़ अब घाना, फिलीपींस, नाइजीरिया, केन्या, अलजेरिया, ओमान, सूडान, मोजाम्बिक, कंबोडिया और हैती में पाए जाते हैं।

आज, ग्लोबल मोरिंगा मार्केट का अनुमान यूएस $ 4.5 बिलियन से अधिक है, जिसके वर्ष 2020 के अंत तक यूएस $ 8.3 बिलियन से अधिक होने की संभावना है। यदि बाजार मांग वार्षिक प्रतिशत वृद्धि दर की बात की जाये तो यह 9 प्रतिशत से अधिक है।

यूरोप और उत्तरी अमेरिका में अच्छी गुणवत्ता वाले मोरिंगा के विभिन्न उत्पादों की मांग बढ़ रही है। दुनिया भर में बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए मोरिंगा उत्पादन के मामले में अफ्रीकी और भारत के रूप में देशों के पास पर्याप्त उत्पादन नहीं है। ऐसे देशों द्वारा खाद्य फसलों के साथ सहजन उत्पादन में अग्रिम प्रौद्योगिकी का उपयोग करके उत्पादन बढ़ाने के लिए दृढ़ प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही साथ बाजार मांग के अनुसार मोरिंगा के मूल्य संवर्धित उत्पादों के उत्पादन एवं निर्यात पर जोर दिया जा रहा है। 

मूल्य संवर्धित उत्पादों का व्यवसाय शुरू करने के लिए विशेष रूप से मोरिंगा उत्पादन और वितरण से संबंधित समस्याओं को ध्यान में रखना परम आवश्यक है। साथ ही बाजार परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, व्यवसाय हेतु अग्रिम रणनीति के अनुसार उत्पादन लेने से उत्पादन एवं लाभ दोनों में वृद्धि संभव है।

मोरिंगा में उपलब्ध पोषक तत्वों के अधिकतम उपयोग के लिए, इसके विभिन्न भागों से निर्मित उत्पादों को इससे तैयार किया जाता है। वैश्विक मांग के अनुसार स्थानीय किसान मोरिंगा के इन उत्पादों को आसानी से तैयार कर सकते हैं। जिसके बाजारीकरण से उन्हे अल्प लागत मे अधिक लाभ प्राप्त हो सकता है।

मोरिंगा लीफ पाउडर

यह सहजन की स्वस्थ व साफ सुथरी पत्तियों को अच्छी तरह पीसकर प्राप्त किया जाता है जिसे भोजन और सूप में पूरक के रूप में उपयोग करते हैं या इसे गर्म पानी में डालकर सीधे पी सकते हैं। मोरिंगा के पत्तों का पाउडर बनाने हेतु इनको सुखाने और पैकेजिंग का कार्य साफ व वायूअवरोधी स्थान पर किया जाना चाहिए।

यह सुनिश्चित करना है कि अंतिम उत्पाद शुद्ध है और कोई संदूषण नहीं है। अच्छी भंडारण स्थितियों में, मोरिंगा पाउडर का 180 (दिनों लगभग 6 महीने) तक सुरक्षित रखा जा सकता है। इसकी बाजार कीमत 650-700 रुपए प्रति किलोग्राम है।     

गोलियाँ और कैप्सूल

मोरिंगा पाउडर की गोलियां और कैप्सूल बनाए जाते हैं। यह एक पोषक तत्व औषधि व टॉनिक के रूप में कार्य करते हैं जो बाजार में अनेक प्रकार के ब्रांड व पैकेजिंग में उपलब्ध है। इनकी बाजार कीमत 400-500 रुपए प्रति 120 गोलियां व कैप्सूल है।      

मोरिंगा तेल

अनेक औषधीय गुणों से भरपूर मोरिंगा तेल, जिसे बेन तेल के रूप में भी जाना जाता है, कोल्ड प्रेसिंग या सॉल्वेंट एक्सट्रैक्शन द्वारा निकाला जाता है। मोरिंगा तेल को एंटीऑक्सिडेंट, रोगाणुरोधी, विरोधी, गैर- संक्रामक, एंटी-एजिंग, त्वचा मॉइस्चराइजिंग और एक्सफोलीएटिंग गुणों के लिए जाना जाता है। इसकी बाजार में मांग एवं मूल्य अधिक है।  

मोरिंगा फ्लेवर्ड चाय

सहजन की पत्तियों से ग्रीन टी व पोषण हेतु अन्य कई प्रकार के उत्तेजक पेय बनाए जाते हैं। वर्तमान समय में मोरिंगा फ्लेवर्ड ग्रीन चाय को काफी पसंद किया जा रहा है। जिससे आने वाले वर्षों में मोरिंगा चाय की मांग बढ़ सकती है। अतः किसान पत्तियों को चाय बनाने वाली फर्म को सीधे बेचकर लाभ कमा सकते हैं। 

एनर्जी बार

मोरिंगा एनर्जी बार एक प्रकार के स्नैक्स हैं, जिसकी बाजार कीमत 15 रुपए प्रति बार होती है। इसमें उच्च पौष्टिक भोजन,के तत्व जैसे प्रोटीन्स,विटामिन और अन्य सप्लीमेंट्स होते हैं। अधिकांशत वे लोग या बच्चे जो पौष्टिक भोजन के लिए समय नहीं दे सकते, वैकल्पिक स्नैक्स के रूप में इसे खाते है।

चीनी, गुड़ या शहद के साथ मिलाकर इनकी मिठास को बढ़ाया जा सकता है तथा अच्छी तरह पैकिंग करने पर बार को 8 महीने तक सुरक्षित रख सकते हैं

मोरिंगा वंडर मिक्स

मोरिंगा पाउडर को जायफल, काजू, इलायची, और सूखी अदरक के चूर्ण को एक साथ मिलाकर वंडर मिक्स तैयार किया जाता है जिसे दैनिक भोजन के साथ स्वस्थ्य वर्धक के रूप में उपयोग किया जाता है। मोरिंगा वंडर मिश्रण व्यापक रूप से एक प्राकृतिक रासायनिक मुक्त कामोद्दीपक के रूप में उपयोग किया जाता है। जिसकी बाजार में उच्च कीमत मिलती है।  

मोरिंगा गोंद पाउडर

मोरिंगा गोंद पाउडर में मूत्रवर्धक और कसैले गुण होते हैं। यह बुखार, पेचिश, अस्थमा और आंतों के कैंसर में मदद करने के लिए जाना जाता है। यह बाजार में अनेक प्रकार के पैकेट व भिन्न भिन्न ब्रांड के रूप में उपलब्ध है इसका बाजार मूल्य अच्छा होता है।  

मोरिंगा इंस्टेंट सूप्स और मोरिंगा इंस्टेंट शेक

मोरिंगा पाउडर को अत्यधिक पौष्टिक बनाने के लिए फलों के जूस, सूप और शेक सामग्री के साथ मिलाकर पिया जाता है। अच्छी तरह से पैक करके इसे 2 माह तक सुरक्षित रखा जा सकता है व गर्मी के मौसम में शीतल पेय के रूप में उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा इसे बाजार में बेचकर लाभ कमाया जा सकता है। 

मोरिंगा हनी

मोरिंगा किसान अपने बगीचे में मधुमक्खियों के बॉक्स रख सकते हैं। मोरिंगा के फूलों के रस से मधुमक्खियों द्वारा एकत्रित शहद को औषधीय गुणों से युक्त माना जाता है। जिसे चेहरा व त्वचा पर प्रयोग करने में इस्तेमाल किया जाता है। इसका बाजार मूल्य भी अच्छा होता है।   

मोरिंगा सूखे फूल

सूखे मोरिंगा के फूलों को गर्म / ठंडी चाय में मिलाया जाता है या सलाद और सूप में इस्तेमाल किया जाता है। अतः किसान फूलों को सुखाकर इन्हे विभिन्न प्रयोग में ले सकते हैं तथा बाज़ार में भी बेच सकते हैं।

मोरिंगा बायो-बूस्टर

मोरिंगा, पत्तियों के अर्क को जैविक पौधों की वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए एक पर्ण स्प्रे का उपयोग किया जा सकता है। जिससे कम लागत में फल वृक्षों व फूलों का उत्पादन बढ़ाया जा सकता है। 

मोरिंगा सीड केक

मोरिंगा सीड केक, जिसे मोरिंगा ऑयल केक के नाम से भी जाना जाता है, बाजारों में उच्च दाम पर मिलता है। मोरिंगा के बीज से निकले जाने वाले तेल का सह-उत्पाद है। इसका उपयोग जैविक उर्वरक के रूप में और प्राकृतिक जल शोधन एजेंट के रूप में किया जाता है।

मोरिंगा सीड केक पोटैशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम, फॉस्फोरस, नाइट्रोजन, कॉपर, आयरन, मैंगनीज, जिंक, निकिल से भरपूर होता है। इसको उर्वरक के रूप में उपयोग किए जाने पर मिट्टी की उर्वरता में सुधार करने में मदद करता है।

मोरिंगा चिप्स

मोरिंगा की फलियों से चिप्स तैयार किए जाते हैं जिन्हे अलग –अलग तरह के मसालों के साथ मिलकर और अधिक स्वादिष्ट बनाया जाता है। चिप्स को अछि तरह पैक करके बाजार में बेचा जा सकता है तथा अच्छी कीमत प्राप्त की जा सकती है।

इसके अतिरिक्त कर्नेल पेपर, मोरिंगा की छाल का तेल, मोरिंगा शैम्पू, मोरिंगा साबुन, मोरिंगा फेस क्रीम और मोरिंगा सूप मिक्स, मोरिंगा ड्रोप्स आदि मोरिंगा के अन्य प्रसंस्कृत मूल्य वर्धित उत्पाद हैं।

जिनमें से कुछ उत्पादों को उत्पादक किसान आसानी से अपने फार्म पर प्रसंस्करण करके अच्छी गुणवत्ता वाले मुली वर्धित उत्पाद बना सकते हैं।  तथा अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं।

इसके अलावा अन्य किसान भी व्यावसायिक फसलों के साथ (अंतर-फसल)  मोरिंगा के वृक्ष लगा सकते हैं। जिससे एक ओर तो उनकी आमदनी बढ़ेगी, वहीं दूसरे किसानों को भी इसके उत्पादन के लिए प्रौत्साहन मिलेगा । 


Authors

अरुण कुमार

“वरिष्ठ अनुसंधान अध्येता”

भाकृअनुप- राष्ट्रीय कृषि आर्थिकी एवं नीति अनुसंधान संस्थान, पूसा नई दिल्ली- 110012

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