औषधीय Tag

हर्बल कि‍सान मोबाईल एप्‍प     It is a mobile app, for the farmers, students and entrepreneurs to acquaint them about the latest production technologies of Medicinal and Aromatic Crops.   Farmers can easily learn about the cultivation techniques and other information of Medicinal plants like Aloe barbadensis, Andrographis paniculata, Artimisia annua, Cassia angustifolia, Chlorophytum borivilianum, Commiphora wightii, Cymbopogon flexuosus, Cymbopogon martini, Ocimum sanctum, Papavera somniferum, Piper longum, Plantago ovata, Terminalia arjuna, Tinospora cordifolia, Withania somnifera, Mucuna pruriens, Catharanthus rosseus, Stevia rebaudiana, Glycyrrhiza glabra and Gloriosa superba.   This app is available in google play store on the given link.    https://play.google.com/store/apps/details?id=com.hpandro.demo​   Please download as well as endorse it to the farmers who are growing the above said crops. Author Dr. P. Manivel Directorate of Medicinal and Aromatic Plants...

बहुपयोगी सहजन (मोरिंगा) - एक चमत्कारी वृक्ष  सहजन को ड्रमस्टिक (Drumstick) या मोरिंगा (Moringa) के नाम से जाना जाता है। मोरिंगा तमिल शब्द मुरुंगई से बना है जिसका अर्थ त्रिकोणीय मुड़ी हुआ फल है। मोरिंगा ओलीफेरा उल्लेखनीय तेजी से बढ़ने वाले वृृृृक्ष हैै। ये असाधारण पोषण सामग्री के कारण अत्यधिक मूल्यवान पेेेड है। यह वृक्ष उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में तेजी से बढ़ता है। सहजन के फायदे गुण लाभ अनेक है। सहजन के पेड़ पर सामान्‍यत: वर्ष में एक बार फूल और फिर फल लगते हैं। इसका फल पतला लंबा और हरे रंग का होता है जो पेड़ के तने से नीचे लटका होता है। इसका पौधा 4 - 6 मीटर उंचा होता...

Bael (Wood apple) production technique. बेल भारत के प्राचीन फलों में से औषधीय गुणों से भरपूर एक महत्वपूर्ण फल है। स्थानीय स्तर पर इसे बेलगिरी, बेलपत्र, बेलकाठ या कैथा के नाम से जाना जाता है। अंग्रेजी भाषा में इसे वुड एप्पल (Wood Apple) कहतें हैं। यह एक पतझड़ वाला वृक्ष हैं, जिसकी ऊंचाई 6-8  मीटर होती है और इसके फूल हरे-सफ़ेद और मीठी सुगंध वाले होते हैं| इसके फल लम्बाकार  होते है, जो ऊपर से पतले और नीचे से मोटे होते हैं| बेल को पोषक तत्वों और औषधीय गुणों के कारण बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है| इसके फल में विभिन्न प्रकार के एल्कलाॅइड, सेपोनिन्स, फ्लेवोनाॅइड्स, फिनोल्स कई तरह के फाइटोकेमिकल्स विटामिन-ए, बी.सी., खनिज तत्व...

Rhododendron Arborium: A medicinal plant of Himachal Pradesh हिमाचल प्रदेश हिमालय की गोद में बसा हुआ एक सुंदर प्रदेश है । यहाँ की जलवायु परिस्थितियों में विविधता है क्योंकि औसत समुद्र तल से ४५० मीटर की  ऊचाई से लेकर ६५०० मीटर की ऊचाई तक अथवा  पश्चिम से पूर्व व दक्षिण से उत्तर तक यहाँ  भिन्नता है। ऊचाई  और जलवायु की विवधताओं के कारण यह राज्य  विभिन्न प्रकार के पौधों एवं जानवरों के रहने के लिए अनुकूल है । हिमाचल प्रदेश औषधीय एवं अन्य उपयोगी पौधों का एक समृद्ध भंडार है । इन पौधों में से अधिकांश पोधे पारंपरिक दवाओं, लोक उपयोग और आधुनिक उद्योगों में इस्तिमाल किए जाते है । हिमाचल प्रदेश में पाए...

6 Major diseases of Aloevera or Gwarpatha and Their Prevention ग्वारपाठा या घृतकुमारी (Aloevera) कांटेदार पत्तियों वाला पौधा हैं, जिसमें रोग निवारण के गुण कूट-कूट कर भरे पड़े हैं। यह भारत के गर्म प्रांतों में पाया जाने वाला एक बारहमासी पौधा हैं  और लिलिएसी परिवार से संबंधितहैं। आयुर्वेद में इसे घृतकुमारी की 'उपाधि' मिली हुई हैं तथा महाराजा का स्थान दिया गया हैं। ग्वारपाठा की 200 जातियां होती हैं, परंतु 5 ही मानव शरीर के लिए उपयोगी हैं। यह खून की कमी को दूर करता हैं तथा शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता हैं। पत्तियों का रस माइकोबैक्टीरियम क्षयरोग के विकास को रोकता हैं। यह एंटीइन्फ्लामेंटरी, एंटीसेप्टिक, एंटी अलसर ,एंटी टूमओर और...

Advanced Production Techniques of Fenugreek सामान्य मेथी का वानस्पतिक नाम ट्राइगोनेला फोइनमग्रेसियम एवं एक और वर्ग कस्तूरी मेथी का है जिसका वानस्पतिक नाम ट्राइगोनेला कार्निकुलाटा है। मेथी की खेती मुख्यतः हरी सब्जियों, दानो (मसालों) एवं कुछ स्थानो पर चारो के लिये किया जाता है।  मेथी के सूखे दानो का उपयोग मसाले के रूप मे, सब्जियो के छौकने व बघारने, अचारो मे एवं दवाइयो के निर्माण मे किया जाता है। इसकी भाजी अत्यंत गुणकारी है जिसकी तुलना काड लीवर आयल से की जाती है। इसके बीज में डायोस्जेनिंग नामक स्टेरायड के कारण फार्मास्यूटिकल उधोग में इसकी मांग रहती है। इसका उपयोग विभिन्न आयुर्वेदिक दवाओं को बनाने में किया जाता है। इस लेख मे...

Successful cultivation of Bael or Wood Apple (aegle marmelos), a medicinal fruits of northern India. बेल भारत के उत्तरी भागों में उगाया जाने वाला फलदार पौधा है। स्थानीय स्तर पर इसे बेलगिरी, बेलपत्र, बेलकाठ या कैथा के नाम से जाना जाता है। अंग्रेजी भाषा में इसे वुड एप्पल (Wood Apple) कहतें हैं। बेल का फल विभिन्न प्रकार की बीमारियों की रोकथाम और स्वास्थ को बढ़ावा देने के लाभ के लिए औषधी के रूप में उपयोग में लिया जाता है। इसके फल में विभिन्न प्रकार के एल्कलाॅइड, सेपोनिन्स, फ्लेवोनाॅइड्स, फिनोल्स व कई तरह के फाइटोकेमिकल्स पाये जाते हैं। बेल के फल के गूदे (Pulp) में अत्यधिक ऊर्जा, प्रोटीन, फाइबर, विभिन्न प्रकार के...

बेल की खेती और बेल के बाग का स्वास्थ्य प्रबंधन Bael (Aegle marmelos (L) Correa.), a native fruit of religious importance is well known to the Indian people for its nutritional and medicinal values. Leaves are used as sacred offering to ‘Lord Shiva’. All parts of plant viz., leaves, roots, bark, fruits, seeds etc. are used in preparation of various Ayurvedic medicines. Bael fruit is rich in protein, fat, minerals (Ca and Fe) and vitamins (riboflavin, β carotene and Vitamin C). Fruits are used to improve the digestive system and to cure stomach diseases. Fruits can be processed into various beverages and preserves. In spite of its Indian origin and high medicinal...