गेहॅू Tag

गेहूँ एवं जौ की फसलों में लगने वाले महत्वपूर्ण रोग एवं उनकी रोकथाम   कृषि फसलों में लगने वालें रोग अनेक पादप रोगजनकों (जैसे कवक, जीवाणु, विषाणु, सूत्रकृमि, फाइटोप्लाज्मा इत्यादि) एवं वातावरण कारकों के द्वारा उत्पन्न होते हैं। रोगजनकों से होने वाले रोग अनुकूल परिस्थितियों में फसल को भारी क्षति पहुंचा सकते है। अतः इन रोगों का शुरूआत में ही नियंत्रण करना अति आवश्यक है। गेहूँ एवं जौ प्रमुख रबी फसलों में से एक हैं जो हमारे देश भारतवर्ष में खाद्य एवं पोषण सुरक्षा में महती योगदान देती हैं। इन फसलों के महत्वपूर्ण रोग एवं उनका प्रबंधन इस प्रकार है -    गेहूं में लगने वाले प्रमुख रोग: 1. पीली गेरूई (धारीदार रतुआ):...

Water requirements of major crops and their critical states फसलों से अधिक व अच्छी पैदावर लेने के लिये उनकी सिंचाई के लिये विभिन्न क्रांतिक अवस्थाओं पर मृदा में पर्याप्त मात्रा में नमी का होना अति आवश्यक है। फसलो में क्रांतिक अवस्थाए वे अवस्थाएं कहलाती है, जिन पर फसलों में सिंचाई करने या न करने से पैदावार में प्रभाव पडता है अर्थात सिंचाई करने से पैदावार में आशातीत बढोतरी होती है और इन क्रांतिक अवस्थाओं पर फसलो में सिंचाई न करने से पैदावर में कमी आती है। इसके साथ साथ फसलों में उचित समय पर सिंचाई न करने से भी पौधों की उचित वृद्धि नहीं हो पाती जिसका पैदावार पर प्रतिकुल प्रभाव पड्ता...

गेहूं के गुणवत्तायुकत बीज का उत्पादन करें। Wheat is a one of the important cereal crop and India is the second largest producer of wheat in the world after China. Seed has played a crucial role in agriculture since ancient times. In modern agriculture also quality seed is an essential input that helps in exploiting the full potential of a variety. The seed that reaches to the farmers should have high genetic purity as well as high physical, physiological and health quality. In India farmers select and save the seed for next year sowing so therefore the seed supplied to the farmers should be of best quality. Therefore best practice to...