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Agricultural work to be carried out in the month of May दलहनी फसल: इस समय मूंग, उर्द, लोबि‍या की फसल में 12 से 15 दि‍न के अन्‍तराल पर सि‍ंचाई करें। मूंग में पत्‍ति‍यों के धब्‍बा रोग की रोकथाम के लि‍ए कॉपर ऑक्‍सीक्‍लोराईड 0.3 प्रति‍शत का घोल बनाकर 10 दि‍न के अंतराल पर छि‍डकाव करें। दलहनी फसल में धब्‍बा रोग के लि‍ए कार्बेन्‍डाजि‍म 500 ग्राम / हैक्‍टेयर के हि‍साब से घोल बनाकर छि‍डकाव करें। पीला मौजैक रोग की रोकथाम के लि‍ए एक लि‍टर मेटासि‍स्‍टाक्‍स दवा को 1000 लि‍टर पानी में घोलकर प्रति‍ हैक्‍टेअर की दर से छि‍डकाव करें।  गेंहूॅ: गेहूॅ में मढाई का कार्य शीघ्र पूरा कर ले। अनाज के भण्‍डारण से पहले गेंहूॅ को धूपं में इतना सुखाऐं...

Agricultural work to be carried out in the month of December गेंहूॅ फसल:  नवम्‍बर के प्रथम पखवाडे मे बोई गई गेंहू की फसल में सी.आर.आई. अवस्‍था में यानि‍ बुआई के 20-25 दि‍न बाद की 5-6 सें.मी. लम्‍बी पौध की अवस्‍था में सि‍चांई करे।  दूसरी सि‍चांई कल्‍ले नि‍कलते समय (बुआई के 40-45 दि‍न बाद) करें। 25 नवम्‍बर से 25 दि‍सम्‍बर तक सि‍ंचि‍त अवस्‍था में पछेती बुवाई के लि‍ए एच.डी 3059, एच.डी 2985, एच.डी. 2643 , डी.बी.डबल्‍यू – 14,16,71,90 की बुवाई करें। उपरोक्‍त कि‍स्‍मों की बीज दर 120 कि‍ग्रा/ हैक्‍टेयर रखें।  सब्‍जि‍यॉं : टमाटर के पौधो की रोपाई इस माह में भी की जा सकती है टमाटर की रोपाई से पहले पौध की जडों को पर्ण्‍ कुंचन के प्रकोप से बचाव...

New destructive pest  of tomato - Tuta absoluta दक्षिणी अमेरिकी टमाटर पिन्वो र्म, टुटा एबसोलिऊटा, टमाटर का एक विनाशकारी कीट है। इसका उद्गम दक्षिण अमेरिका से है। 1980 के दशक के बाद से यह दक्षिण अमेरिका का एक गंभीर कीट है तथा अब यह कीट अर्जेंटीना, बोल्लिविया, ब्राज़ील, चिली, कोलंबिया आदि देशो में वितरित हो चुका है। भारत में यह पहली बार पुणे महाराष्ट्र में टमाटर की फसल में 2014 में रिपोर्ट किया गया था। अगर इसे नियंत्रित न किया जाए  तो यह 90 - 100 प्रतिशत तक फसल का नुकसान  कर सकता है। यह  सौहार्दपूर्ण माहौल में तेज़ी से पलता है। कई स्वदेशी प्राकृतिक मित्र कीट जो इसके साथ पाए जाते हैं उन्हें...

Optimal planting geometry and fertilizer application method for drip irrigated vegetable crops फसलों की सिंचाई की विधियों में टपक सिंचाई पध्दति सर्वाधिक कुशल विधि है जिसमें जल का 80-90 प्रतिशत कुशल उपयोग होता है। इस पध्दति से सभी प्रकार की भूमि में कम समय एवं कम जल में सिंचाई की जा सकती  है। टपक सिंचाई पध्दति द्वारा सिंचाई में पौधों के सीमित नम क्षेत्र के कारण रोग की सम्भावना कम होती है तथा फसलों की पंक्तियों में खर-पतवार नहीं उग पाते हैं। सिंचाई की इस विधि का उपयोग पूरे विश्व में तेजी से बढ़ रहा है। सीमित जल संसाधनों और दिनों-दिन बढ़ती हुई जलावश्यकता के कारण टपक सिंचाई तकनीक सर्वाधिक उपयुक्तहै। टपक तंत्र एक...

Tomato crop and it's seed production technologies टमाटर हिमाचल प्रदेश की एक प्रमुख नकदी सब्जी फसल है । टमाटर की खेती पर्वतीय क्षेत्रों में गी्रष्म-बर्षा ऋतु में होने के कारण टमाटर का उत्पादन पूर्ण रूप से मैदानी क्षेत्रों के लिए बेमौसमी होता है जिससे पर्वतीय किसानों को अधिक लाभ मिलता है । परन्तु पर्वतीय क्षेत्रों में इसकी उत्पादकता अन्य राज्यों की तुलना में अपेक्षाकृत काफी कम है । गुणवता युक्त बीजों की समय पर तथा दुर्गम स्थानों पर अनुपलब्धता, उत्पादन एवं उत्पादकता कम होने का एक प्रमुख कारण है । ऐसी स्थिति में किसान यदि स्वयं ही टमाटर की खेती व बीज का उत्पादन करें तो गुणवत्ता वाले बीज की कमी को काफी...

Advanced cultivation Techniques of Tomato टमाटर का वानस्पतिक नाम  लाइकोपर्सिकन एस्कुलेन्टम है। यह सोलेनेसी कुल का पौधा है। भारत में उगाई जाने वाली सब्जियों में टमाटर की खेती का प्रमुख स्थान है। सब्जी के अतिरिक्ति इसका सुप, चटनी, सलाद, सांस आदि में भी इसका उपयोग किया जाता है। टमाटर के विविध उपयोगों के कारण इसकी मांग सालभर रहती है अत: किसान भाई सालभर टमाटर की खेती करके अधिक लाभ कमा सकते है। फसल योजना:- टमाटर उगाई गई मेडों के बीच में लोबिया (चवंला) लगाने से कीटो की संख्या में कमी आती है तथा 1-2 दवाई के छिडकाव में कमी आती है। अरण्डी को खेत के चारों तरफ लगाने से पत्ताी छेदक लट से बचा जा सकता है। पत्ताी छेदक कीट...

5 Major Pests and 8 Diseases of Tomato Crop. अ. टमाटर की फसल के 5 प्रमुख कीट  टमाटर में रोपाई से लेकर फसल की कटाई तक बड़ी संख्या में कीटों और रोगों द्वारा किया जाता है । कीड़े जैसे फल छेदक, माहू, सफेद मक्खी, पत्ती खनिक, बदबूदार कीड़े और मकड़ी के कण उपज को कम करते हैं अपितु ये टमाटर पत्ती कर्ल वायरस जैसे संयंत्र रोगों को फैलने में  मदद करते हैं । 1. टमाटर फल छेदक वयस्क: स्टाउट, मध्यम आकार, अग्रपंख के केंद्र के मध्य में गहरे धब्बे होते हैं । पिछले पंख पीले रंग के, साथ में ही काले भूरे रंग की सीमा एवं पीले रंग का मार्जिन पाया जाता है...

Various diseases and management of some important vegetables of Kullu Valley कुल्लू घाटी के सब्जी उत्पादक सब्जियों के रोगों से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय केन्द्र, कटराईं का दौरा कर रहे हैं । पिछले दो वर्षों के रिकॉर्ड के अनुसार उन लोगों से टमाटर और शिमला मिर्च में मुलायम उखटा रोग और तुषार रोग तथा गोभी और फूलगोभी में काले सड़ांध के प्रबंधन के नमूने लिए और उनसे संबंधित समस्याओं से निजात पाने के लिए परामर्श दिए । घाटी में आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण सब्जियों के विभिन्न रोगों, उनकी पहचान, निगरानी और नियंत्रण के उपायों के लिए महत्वपूर्ण चरण के महत्व को ध्यान में रखते हुए...