थनैला रोग Tag

दुधारू पशुओं में थनैला (Mastitis) रोग Mastitis or Thanela disease is mainly of two types - Clinical Thanela is easily identified by looking at the symptoms of the disease. Such as swelling in the udders, watery milk coming, salty or tasteless milk or splashing in the milk. But the external symptoms of the disease are not visible in sub-clinical Thanela. दुधारू पशुओं में थनैला (Mastitis) रोग थनैला मुख्य रूप से दुधारू पशुओं के थन की बीमारी है। इस बीमारी से ग्रसित पशु का जो दूध होता है उसका रंग और प्रकृति बदल जाती है। थन में सूजन, दूध में छिछड़े, दूध फट के आना, मवाद आना या पस आना जैसे लक्षण दिखाई देते...

बकरियों में होने वाले 9 प्रमुख रोग और उनके नियंत्रण के उपाय पालतुु पशुओं के रोगग्रस्त होने की पहचान के लिए उनका बारीकी से निरिक्षण करना चाहिए। बकरियों के हाव-भाव, चाल ढाल तथा व्यवहार मेे बदलाव जैसे लक्षण से रोगग्रस्त बकरी को पहचाना जा सकता है। बीीमार बकरी अकसर दूसरों से अलग हटकर खड़ी, बैठी या सोती पाई जाती है। इसके अलावा  खाना कम कर देना या छोड़ देना, जुगाली न करना। थूथन पर पसीना नही रहना और सूख जाना। शरीर के तापमान सामान्य (102.5 डिग्री फारेनहाइट या1 डिग्री सेन्टीग्रेट) से ज्यादा या कम होना। नाड़ी तथा सास के गति में बदलाव आना। पैखाना और पेशाब के रूप रंग में बदलाव आना। इनमें से कोई...

Garget (Thanala) Disease: The Biggest Problems of dairy cattle थनैला रोग (Garget), दुधारू पशुओं में होने वाली एक बीमारी है। यह बीमारी मुख्यतः गाय, भैंस,भेड़ ,बकरी सुअर आदि में होती है। जिसमे प्रभावित पशुओं के थन गर्म हो जाते है एवं सूजन बढ़ जाती है । शारीरिक तापमान बढ़ जाता है । दूध देने की क्षमता कम हो जाती है । जानवर खाना पीना बंद कर देता है । यह बीमारी प्रत्यक्ष रूप में जितना नुकसान करती है उससे कही ज्यादा अप्रत्यक्ष रूप से पशुपालको को आर्थिक नुकसान पहुंचती है! रोग कारक – यह बीमारी अनेक कारको के वजह से होती है । जैसे की जीवाणु , विषाणु , मोल्ड , फफूंद , यीस्ट,...